Yashpal Books in Hindi
यशपाल जी ने हिन्दी साहित्य में अपनी एक विशिष्ट पहचान विकसित की है। वे एक उच्च कोटि के कथाकार, निबंधकार और उपन्यासकार थे, जिन्हें महान लेखक प्रेमचंद के बाद एक अलग पहचान मिली थी।
यशपाल जी ने अपने महान विचारों के माध्यम से कई उपन्यास, लघु कथाएं, नाटक, कहानियां आदि की बेहद आसान शब्दों में रचना की है। उनकी रचनाओं में उनकी सहजता का भाव स्पष्ट रुप से दिखाई देता है।
महान कथाकार एवं उपन्यासकार यशपाल जी की मशहूर किताबें – Yashpal Books in Hindi
उन्हें साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए भारत के सर्वोच्च सम्मान में से एक पद्म भूषण से भी नवाजा जा चुका है। इसके अलावा साल 1976 में उनके उपन्यास “मेरी तेरी और उसकी बात” के लिए उन्हें साहित्य के शीर्ष पुरस्कार- साहित्य अकादमी अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया था।
इसके साथ ही यशपाल जी को देव पुरस्कार, सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार, ‘मंगला प्रसाद परितोषिक’ समेत कई और भी पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।
साल 1903 में पंजाब के फिरोजपुर में जन्में यशपाल जी एक महान लेखक होने के साथ-साथ एक कुशल राजनेता एवं प्रसिद्ध राजनीतिक वक्ता भी थे। जिन्होंने कांग्रेस पार्टी से अपनी राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी।
आपको बता दें कि यशपाल जी की लाहौर के नेशनल कॉलेज में भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी एवं क्रांतिकारी नेता सुखदेव, भगतसिंह एवं भगवतीचरण बोहर से मुलाकात हुई और फिर वे नौजवान भारत सभा से जुड़ गए।
हालाकि इस दौरान उन्हें जेल भी जाना पड़ा। जेल से छूटने के बाद उन्होंने अपनी महत्वपूर्ण कृति में से एक विप्लव का प्रकाशन शुरु किया था।
महान उपन्यासकार यशपाल जी ने अपने दौर में भारतीय जनता द्धारा ब्रिटिश राज्य से आजादी पाने के संघर्ष को देखा था जो कि उनके मन में बैठ गया था, इसलिए उन्होंने सबसे पहले भारतीय स्वतंत्रता अभियान के लिए लिखना शुरु किया था। इसके अलावा उन्होंने मार्क्सवाद के प्रति भी अपने विचारों को बेहद सौम्यता से प्रकट किया है।
यशपाल जी ने अपने जीवन में 50 से भी ज्यादा रचनाएं लिखी थी, जिनमें से उनकी बहुत सारी रचनाओं का अनुवाद अन्य भाषाओं में किया गया है।
उनका सुप्रसिद्ध उपन्यास ‘झूठा सच’ को कालजयी उपन्यास का भी दर्जा मिला है।
यशपाल जी की प्रसिद्ध रचनाएं – Yashpal Books in Hindi
महान कथाकार एवं उपन्यासकार यशपाल जी द्धारा रचित उनकी मशहूर रचनाएं कुछ इस प्रकार हैं-
यशपाल जी के द्धारा लिखे गए मशहूर उपन्यास – Yashpal ke Upanyas
हिन्दी साहित्य के महान लेखक यशपाल जी ने अपने महान और दूरदर्शी सोच के साथ कई उपन्यासों की रचना की, जिनमें से कुछ इस प्रकार है –
- दिव्या (1945 ई)- यह यशपाल जी के सर्वश्रेष्ठ उपन्यासों में से एक है, इस उपन्यास में यशपाल जी ने अलग-अलग युगों की दलित एवं पीड़ित महिलाओं की व्यथा को बेहद गहराई से समझाने की कोशिश की है।
- देशद्रोही (1943 ई)- दिव्या यशपाल जी ने अपने उपन्यास देशद्रोही में गांधवादी विचारधारा एवं कांग्रेस की कड़े शब्दों में निंदा दी है।
- दादा कामरेड (1941 ई)- महान कथाकार एवं उपन्यासकार यशपाल जी ने अपना सबसे पहला उपन्यास दादा कामरेड लिखा था, जिसमें उन्होंने बेहद सहजता के साथ क्रांतिकारी जीवन को दर्शाते हुए मजदूरों के संघटन को राष्ट्र के उद्धार का सबसे अच्छा उपाय बताया है।
- मनुष्य के रूप – यशपाल जी ने अपने इस मशहूर उपन्यास में अलग-अलग तरह की परिस्थितियों में मनुष्य के बदलते स्वरूपों का बेहद सजीवता एवं प्रभावशाली ढंग से वर्णन किया है।
- अमिता (1956 ई) – यह यशपाल जी का सबसे प्रसिद्ध एवं ऐतिहासिक उपन्यास है।
- झूठा सच –
a. झूठा सच: वतन और देश (1958-59 ई),
b. झूठा सच: देश का भविष्य (1958-59 ई)
यह उपन्यास यशपाल जी के प्रसिद्ध उपन्यासों में से एक है, यह उपन्यास भारत के विभाजन के दौरान की घटनाओं पर पूरी तरह आधारित है।
इस उपन्यास को दो भागों में विभाजित किया गया है जिसमें से वतन और देश पहला संस्करण है जो कि 1958 में प्रकाशित किया गया है जिसमें भारत के विभाजन के दौरान वतन छूटने के संघर्ष के बारे में बेहद खूबसूरती से लेखक ने वर्णन किया है।
जबकि झूठा सच उपन्यास के दूसरे संस्करण “देश का भविष्य” में यशपाल जी ने कई समस्याओं का बेहद सरल तरीके से चित्रण किया है।
इनके अलावा हिन्दी साहित्य में विशिष्ट स्थान रखने वाले यशपाल जी के कुछ उपन्यासों के नाम नीचे दिए गए हैं –
- बारह घंटे
- अप्सरा का शाप(2010 ई)
- क्यों फँसें
- मेरी तेरी उसकी बात (1942 ई)
- जुलैखाँ
- गीता-पार्टी कामरेड (1947 ई)
- मनुष्य के रूप (1949 ई)
- पक्का कदम
यशपाल जी का कहानी संग्रह – Yashpal Stories
यशपाल जी एक महान उपन्यासकार ही नहीं बल्कि एक अच्छे कहानीकार भी थे, जिनका कहानी संग्रह कुछ इस प्रकार है:
- पिंजरे की उड़ान
- करवा का व्रत
- दुख का अधिकार
- फूलों का कुर्ता (1949 ई)
- धर्मयुद्ध (1950 ई)
- होली का मजाक
- सच बोलने की भूल
- ज्ञानदान (1944 ई)
- भस्मावृत्त चिनगारी (1946 ई)
- तुमने क्यों कहा था मैं सुंदर हूँ
- परदा
- उत्तमी की माँ
- चित्र का शीर्षक (1952 ई)
- अभिशप्त
- महाराजा का इलाज
- उत्तराधिकारी (1951 ई)
- तर्क का तूफान (1943 ई)
- ओ भैरवी
- खच्चर और आदमी
- भूख के तीन दिन
- लैम्प शेड
- वो दुनिया
यशपाल जी का व्यंग्य-संग्रह:
- कुत्ते की पूंछ
यशपाल जी के संस्मरण:
- सिंहावलोकन
यशपाल जी का वैचारिक साहित्य / निबंध
- गांधीवाद की शवपरीक्षा
- रामराज्य की कथा
- मार्क्सवाद, देखा
- देखा, सोचा, समझा (1951 ई) (राजनैतिक निबन्ध),
- चक्कर क्लब (1942 ई),
- बात-बात में बात (1950 ई),
- न्याय का संघर्ष (1940 ई),
- बीबी जी कहती हैं मेरा चेहरा रोबीला है,
- जग का मुजरा (हास्य निबन्ध)
यशपाल जी का संपादन:
- विप्लव
यशपाल जी का यात्रा साहित्य:
- लोहे की दीवार के दोनों ओर, राह बीती
- स्वर्गोद्यान बिना साँप
विशेष:
- यशपाल की सम्पूर्ण कहानियाँ-1,
- यशपाल की सम्पूर्ण कहानियाँ-2,
- यशपाल की सम्पूर्ण कहानियाँ-3,
- यशपाल की सम्पूर्ण कहानियाँ-4
यशपाल जी द्दारा हिन्दी साहित्य में दिया गया योगदान अतुलनीय है, उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है, वे अपनी कृतियों के माध्यम से लोगों के दिल में हमेशा जिंदा रहेंगे।
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Please Note: यशपाल जी के द्वारा लिखी गईं किताबें – Yashpal Books in Hindi इस लेख में कुछ चुनिन्दा किताबे यहाँ दी है। पर ये किताबे आपको उतनाही पसंद आयेगी इसका कोई दावा हम नहीं करते। ये लेख मात्र Books के बारे में जानकारी देने हेतु है। पर एक बात साथ में ये भी बता दे की Book पर खर्च किये पैसे कभी भी बर्बाद नहीं होते।
नोट: अगर आपके पास और भी अच्छे किताबों के बारे में जानकारी है तो जरुर कमेंट में बताये अच्छे लगने पर हम उन्हें Yashpal Books in Hindi इस Article में जरुर शामिल करेगें।
बटबारे पर लिखे पुस्तको का नाम बताए ।
सरदार गुरबचन सिंह तालिब की पुस्तक जो बटबारे पर है । का हिंदी भाषा मे कही उपल्बध है तो बताए ।