Weird Laws in India
भारत में कुछ अजीब और गजब कानून हैं जिनके बारे में शायद ही आप जानते होंगे। आपको बता दें कि ऐसे अजब-गजब कानून न केवल हास्यापद हैं बल्कि वर्तमान सामाजिक सामाजिक परिदृश्य में भी इनका कोई मतलब नहीं हैं।
19वीं शताब्दी के भारतीय समाज के सांस्कृतिक मानदंडों के अनुसार अंग्रेजों द्दारा बनाए गए ज्यादातर कानून काफी सख्त और अजीब हैं। इन कानूनों में वाकई संशोधन करने की जरूरत है।
हालांकि ऐसा नहीं है कि भारत में इन कानूनों पर गौर नहीं किया गया हो इनमें काफी हद तक बदलाव भी किए गए हैं लेकिन फिर भी कई कानून ऐसे हैं जो आज भी हैं। आज हम आपको भारत के उन्हीं अजब-गजब कानूनों – Weird Laws in India के बारे में बताएंगे जो कि इस प्रकार हैं।
भारत के कुछ अजब-गजब कानून जिनके बारे में शायद ही आप जानते होंगे ? – Weird Laws in India
- भारतीय दण्ड संहिता की धारा, 309
इस धारा के तहत बनाया गया कानून वाकई अटपटा है आप खुद ही सोचिए भला कोई आत्महत्या करने से पहले ये सोचेगा कि अगर वो आत्महत्या करने में सफल नहीं रहा तो उसे सजा भुगतनी पड़ सकती है।
जी हां आईपीसी की धारा 309, आत्महत्या करने की कोशिश के अपराध के दायरे मे आती है। आपको बता दें कि इस कानून को ब्रिटिश काल में ही यानि कि जब भारत गुलामी का दंश झेल रहा था तभी भारतीय दंड संहिता में शामिल किया गया था।
लेकिन हैरानी कि बात तो ये है कि आजादी मिलने के बाद भी ये कानून भारतीय संविधान में शामिल रहा था जिसे हटाने की भी बार-बार कोशिश की गई थी।
आपको बता दें कि विधि योग ने सबसे पहले 1961 को इस धारा को हटाने की सिफारिश की थी लेकिन इसका कोई हल नहीं निकला फिलहाल इसके तरह आत्महत्या की सजा का भी प्रावधान है।
दरअसल भारतीय कानून मानता है कि मनुष्य के शरीर में उसके हक के अलावा उसके परिवार वालों का हक भी है।
आपको बता दें कि इस धारा के मुताबिक जो शख्स आत्महत्या करने की कोशिश करेगा उसके तहत उसे 1 साल तक की जेल की सजा होगी साथ ही उसे आर्थिक दंड भी देना होगा। वहीं ये आत्महत्या का अपराध समझौता योग्य नहीं है।
- भारतीय वयस्कता अधिनियम, 1875
ये कानून भी काफी अजब और हास्यपद है दरअसल इस कानून के मुताबिक एक आदमी को शादी करने के लिए 21 साल का होना जरूरी है। वहीं इस कानून में हास्यपद बात यह है कि कोई भी शख्स किसी बच्चे को गोद लेकर बाप बनना चाहता है तो वह ऐसा 18 साल की उम्र में भी कर सकता है। भारत के इस तरह के कानून जिनका कोई बोध नहीं है और ये वाकई अजब-गजब हैं।
- भारतीय डाकघर अधिनियम, 1898
आपको भारत के इस कानून के बारे में भी जानकर हैरानी होगी क्योंकि इस अजीब कानून के मुताबिक सिर्फ भारत सरकार ही पत्र वितरितत कर सकती थी।
हैरानी की बात यह है कि इस कानून के तहत भारत में सभी तरह की कूरियर कंपनियों का बिज़नेस गैर कानूनी था। ये हास्यपद भी है कि कबूतरों के माध्यमों से पत्र भेजना भी गैर कानूनी था। लेकिन अब इस नियम को बदल दिया गया है।
- भारतीय खजाना निधि अधिनियम, 1878
क्या आपने कभी सोचा है कि अगर आपको कभी आते-जाते सड़क में नोट पड़ा मिलता है तो आपको इस कानून के तहत उस शख्स को ढूंढना होगा नहीं तो मिले हुए नोट की जानकारी अपने इलाके के पुलिस थाने में ही देनी पड़ेगी।
- पूर्वी पंजाब कृषि कीट, रोग और हानिकारक खरपतवार लॉ, 1949
भारत का ये कानून भी काफी अटपटा है अगर आप दिल्ली के निवासी हैं और अपने शहर में बढ़ती टिड्डियों की समस्या से परेशान हो गए हैं तो इसके लिए आपको सड़क पर ड्रम बजाने के लिए बुलाया जा सकता है।
ये सुनने में वाकई काफी अटपटा हैं वहीं हैरानी की बात तो यह कि अगर आपने इस आदेश का पालन करने से मना कर दिया तो आपके ऊपर 50 रुपये का जुर्माना या कम से कम 10 दिनों की जेल हो सकती है।
- भारतीय मोटर वाहन लॉ, 1914
क्या कभी आप सोच सकते हैं कि आपके गंदे दांत और फिर आपके पैरों की टेड़ी उंगलियां की वजह से आपको अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है।
लेकिन हकीकत यही है कि भारतीय मोटर वाहन अधिनियम के मुताबिक अगर आपके दांत चमकदार नहीं है और आपके पैंरों की उंगलियां टेड़ी हैं तो आपको नौकरी से निकाल दिया जाएगा।
- विद्रोहात्मक बैठक निवारण अधिनियम, 1911
विद्रोहात्मक बैठक निवारण अधिनियम भी भारत के अजीब-गरीब कानून में से एक है। ये कानून भी अंग्रेजों का जमाने में बनाया गया कानून हैं। इसके मुताबिक भारत के किसी भी हिस्से में विद्रोहात्मक या फिर उत्तेजक बैठकों के बारे में रोकना था।
भारत के इस अजीब कानून के मुताबिक एक ही जगह पर 20 से ज्यादा व्यक्तियों का नाचना भी प्रतिबंधित था। वहीं भारत सरकार ने इस नियम को हटा दिया है और अब सभी को शांतिपूर्ण तरीके सरकार ने इस नियम को हटा दिया है। और अब सभी लोग शांतिपूर्ण तरीके से सभा कर सकते हैं ।
- शराब पीने का अजब-गजब कानून :
जैसे कि हम सभी जानते हैं कि आज के युवा नशे की जकड़ में है। उनके लिए पार्टी का मतलब शराब पीना बन गया है। बर्थडे पार्टी, शादी या फिर किसी खास दिन का जश्न लोग शराब पीकर मनाते हैं।
शराब का इस्तेमाल शराब की खरीद के लिए कानूनी आयु के संबंध में अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग कानून होते हैं।
जहां एक तरफ गुजरात, बिहार, मणिपुर और नागालैंड, लक्षद्वीप में शराब पीने पर पूरी तरह पाबन्दी है वहीं दूसरी तरफ महाराष्ट्र,हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, गोवा, पुडुचेरी और सिक्किम में शराब पीने की उम्र 18 साल है जबकि राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल में 21 साल और दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ में 25 साल है।
कानून यह मान रहा है कि देश के अलग-अलग हिस्सों में लोग अलग-अलग उम्र में वयस्क होते हैं जो कि काफी अटपटा है।
भारत के ऐसे अजीब-गरीब कानूनों का न कोई मतलब है और न ही इसका समाज में कोई महत्व इसलिए इन कानूनों में संशोधन करने या हटाने की जरूरत है
Read More:
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- What is Red Corner Notice
- Article 370
- What is Section 377
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bhut hi badiya aur unique jaankaari