Section 144
अक्सर देश में शांति बनाए रखने के लिए कानून व्यवस्था के तहत धाराएं लागू की जाती है। इन्हीं में से एक धारा है Section 144 – धारा 144 यानी निषेधाज्ञा।
Section 144 – धारा 144 जहां पर लगाई जाती है वहां पर पांच या पांच से ज्यादा लोग एक साथ जमा नहीं हो सकते है अगर ऐसा होता है तो पुलिस व्दारा उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है। और इस धारा उन्ही जगहों पर लागू किया जाता है जहां पर सरकरा को लगता है किसी हिंसक प्रदर्शन के होनें की आंशका है।
अब तक कई बार धारा 144 देश के अलग – अलग क्षेत्रों में लग चुकी है। जिस वजह से ज्यादातर सभी लोग इस धारा के बारे में जानते है। लेकिन आमतौर पर देखा जाता है कि धारा 144 यानी निषेधाज्ञा ज्यादा से ज्यादा 1 – 2 दिन के लिए लगाई जाती है। कई बार तो Section 144 – धारा 144 कुछ घंटो के लिए भी लगाई जाती है।
पर क्या आप जानते है झारखंड के जमशेदपुर के कदमा में स्थित गणेश पूजा मैदान में धारा 144 पिछले 10 सालों से लगी हुई है। झारखंड का ये मामला पहला है जहां पर इतने लंबे समय तक धारा 144 को बरकार रखा गया हो।
हालांकि यहां गौर करने वाली बात ये है कि आखिर क्या वजह है जिस कारण यहां पर पिछले 10 साल से Section 144 – धारा 144 लगी हुई है।
क्यों लगी है झारखंड में पिछले 10 साल से धारा 144 – Section 144 of CRPC in Jharkhand
रिपोरर्टस के अनुसार जमश्देपुर के कदमा स्थित इस गणेश पूजा मैदान में झारखँड मुक्ति मोर्च के दिवंगत सांसद की प्रतिमा को लेकर दो गुटो में झड़प हो गई थी। झारखंड मुक्ति मोर्च के इस सांसद का नाम सुनील महतो है जिनकी प्रतिमा को यहां पर लगाने को लेकर विवाद हुआ था।
एक पक्ष सुनील महतो की प्रतिमा को यहां स्थापित करना चाहता था। वही दूसरा पक्ष का कहना था कि ये भगवान गणेश के पूजा का मैदान है यहां पर किसी भी नेता की प्रतिमा स्थापित नहीं की जानी चाहिए।
जिसे लेकर दो गुटो में हिंसक झड़प हुई। हिंसक झड़प को रोकने के लिए यहां के एसडीओ राकेश कुमार के कहने पर धारा 144 लगाई गई।
जिसके बाद इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में दो रिट पिटीशन दायर की गई। जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 14 मई साल 2008 को इस मैदान पर धारा 144 लागू लगे रहने का आदेश दिया। और तब से लेकर अब तक इस स्थान पर धारा 144 लागू है।
जिस कारण गणेश मैदान में जहां पहले पूजा के लिए लोगों की भीड़ लगी रहती थी वहां अब केवल घास ही घास नजर आती है। इस मैदान के आस- पास भी लोग नहीं जाते। गणेश मैदान जो अपने अलग – अलग तरह के धार्मिक और सार्वजनिक कार्यो के लिए उपयोग होता था। वो भी धारा 144 के लग जाने से बंद हो गए।
कौन है सुनील महतो जिनकी प्रतिमा को लेकर हुआ विवाद
सुनील महतो झारखंड के जाने माने आदिवासी नेता थे। जो जमशेदपुर से सांसद भी थे। लेकिन 4 मार्च साल 2007 को कुछ नक्सलियों ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी।
उस दिन सुनील महतो एक फुटब़ॉल मैच में मुख्य अतिथि के तौर पर घाटशिला आए हुए थे जहां उनकी हत्या कर दी गई। घटनास्थल पर उस काफी लोग भी मौजूद थे जिनमें से कई लोग इस घटना में अपनी जान गंवा बैठे।
स्थानीय लोगों का मानना है कि दोनों गुटों को आपसी सहमति से जाकर कोर्ट से इस मामले का हल निकलवाना चाहिए। वरना ये 10 साल न जाने कब 20 साल में बदल जाएंगे पता ही नहीं चलेगा।
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