Nayi Wali Hindi Writers
आज के समय में हर एक चीज का परिवेश बदल गया है। जैसे जीने खाने और रहने का परिवेश बदल गया और लोग बदल गए। इसके साथ साथ किताबो को पढने वाले बदल गए तो उसे लिखने वाले भी बदल गए और बहुत कुछ नया लेकर आये अपनी भाषा में, एक ऐसी भाषा में जिसे आप नई वाली हिंदी कहते है। आप सोच रहे होगे ये नई वाली हिंदी (Nayi Wali Hindi) क्या है।
ये नई वाली हिंदी लेखन की ऐसी नई कला है जो बड़े बड़े संस्थानों, आइआइटी और आइआइएम में भी पढ़ी जाती है। कई सारे लेखक इस नई वाली हिंदी की परम्परा को शुरू कर चुके है और बहुत सारे लोग है जो इसे आगे ले जाने के लिए तैयार है।
क्या है ये नई वाली हिंदी जिसके चर्चे हर तरफ है – Nayi Wali Hindi Writers
कोई अलग भाषा नहीं है बल्कि आपकी और हमारी अपनी भाषा है जो बहुत अधिक सरल शब्दों में है। बिलकुल वैसे जैसे हम और आप बात करते है, दोस्तों के बीच बैठकर, खाना खाते समय, गप्पे मारते समय। बिलकुल वैसी ही भाषा में कुछ कहानियां लिख दी गई है जो की पहले तो लोगो को लगा की फूहड़पन है लेकिन आज ये हर एक युवा की जुबान में है।
आपने कई सारे उपन्यास पढ़े होगे जो बहुत अधिक कठिन हिंदी भाषा में लिखे गए है लेकिन अब वो उपन्यास जो सरल और सामान्य बोलचाल की भाषा में लिखे जा रहे है उन्हें हम नई वाली हिंदी कहते है। इस नई वाली हिंदी की परम्परा को शुरू करने वाले लोग स्टार नहीं है लेकिन लेखन ऐसा की लोगो के दिल में बैठ जाए। कुछ ऐसे ही नई वाली हिंदी के लेखको – Nayi Wali Hindi Writers के बारे में आपको बता रहे है-
- सत्य व्यास – Satya Vyas
बोकारो के रहने वाले सत्या व्यास नई वाली हिंदी का नाम ले लेने से बहुत खुश हो जाते है। ऐसा लगता है जैसे किसी ने मनचाहा नाम ले दिया हो। कई सारी किताबे लिख चुके है और वो भी नई वाली हिंदी में। हाल ही में इनकी नई किताब आई है “चौरासी” जो की 1984 के दंगो के समय में एक लव स्टोरी की है।
सत्या व्यास इससे पहले बनारस टाकीज और दिल्ली दरबार भी लिख चुके है। बेस्टसेलर की लिस्ट में भी आये दिन आते रहते है। लेकिन इससे ज्यादा है युवाओ के बीच में इनका प्यार। आप इन्हें एक बाद पढेगे तो समझ जायेगे की हम किस नई वाली हिंदी बात कर रहे है।
- दिव्य प्रकाश दुबे – Divya Prakash Dubey
मुंबई की एक बड़ी कंपनी में मार्केटिंग मैनेजर है। स्टोरीबाजी तो ऐसे करते है की आप सुनने लग जाए तो लगेगा की जैसे बस हमारी बात हो रही है। गाँव और अपने शहर में माहौल से जुड़े दिव्य ने मसाला चाय, मुसाफिर कैफे, शर्ते लागू जैसी किताबे लिखी है जो की आज बेस्टसेलर में है।
दिव्य का लेखन बहुत सरल है और आप इन्हें पढेगे तो लगेगा की जैसे अपने गली मोहल्ले और होस्टल वाली बातें इस किताब में लिख गई है। किताबे आसानी से ऑनलाइन मिल जाएगी और दिव्य भी आपको आसानी से सोशल मीडिया में।
- भगवंत अनमोल – Bhagwant Anmol
भगवंत अनमोल जिहोने बड़ी नौकरी छोड़कर लेखन को अपना पेशा बनाया। कहते है जब लिखने का सोचा था तो समझ नहीं आया की क्या लिखू लेकिन फिर इन्होने लिखी “जिन्दगी 50-50” जो की आज बेस्टसेलर में है।
स्टसेलर से भी ज्यादा महत्वपूर्ण बात है की इन्होने उस मुद्दे में किताब लिखी जिसके बारे में शायद हर कोई बात नहीं करता है। किन्नरों की जिन्दगी को एक प्रभावशाली अंदाज में बयान करने वाले अनमोल यूपी के कानपुर शहर के रहने वाले है। सोशल मीडिया में थोड़ी से मेहनत करेगे तो आप इन्हें पा जायेगे।
- नीलोत्पल मृणाल – Nilotpal Mrinal Shandilya
आसान भाषा एक सरल कहानी लिखी और छा गए। इनकी किताब है डार्क हॉर्स जो की आईएस और आईपीएस बनने की खानी के ऊपर है। मूलरूप से बिहार के रहने वाले मृणाल को साहित्य अकादमी के पुरुस्कार से भी नवाजा जा चुका है।
बिहारी भाषा में कहानी गढ़ देने वाले मृणाल युवाओं के बीच चर्चा में है और नई वाली हिंदी के बेहतर लेखको में से एक है। बात बात में जय हो जैसे टैगलाइन बोलने वाले मृणाल आये दिन अलग अलग आयोजनों में जाकर नई वाले हिंदी की बात करते मिल जायेगे।
- निखिल सचान – Nikhil Sachan
इन्हें नई वाली हिंदी का पोस्टर बॉय कहा जाता है। निखिल मुंबई में रहते है। बिना किसी हिचक के लिखने वाले लेखको में निखिल का नाम लिया जाता है। किताबो में ना तो डिप्लोमेसी होती है ना तो बातों में लेकिन पढेगे तो लगेगा की जैसे अपनी भाषा को किसी ने किताब का रूप दे दिया हो।
नमक स्वादानुसार, यूपी 65 और जिन्दगी आइस पाइस जैसी किताबे लिखने वाले निखिल यकीन के साथ अपनी ख़ुशी और नाराजगी दोनों जाहिर करते है। जो लिखते है उससे मोहब्बत करते है और ये भी चाहते है की पाठक भी उसे पढ़कर उसकी तारीफ करे। बीएचयू से पढ़े निखिल सचान के आर्टिकल आये दिन अलग अलग समाचार पत्रों में छपते रहते है।
ये नई वाली हिंदी कोई आसमान से टपकी हुई भाषा नहीं है बल्कि एक उभरती हुई सरल भाषा जिसे एक समय पर अंग्रेजी लेखको के बोझ तले दबा दिया जाता था। इन लेखको की किताबे आप पढेगे तो आपको समझ आ जाएगा की किताबे आसान भाषा में लिखी जा सकती है और हिंदी की किताब लिखकर भी स्टार बना जा सकता है। पहले जो अंग्रेजी उपन्यासों को पढ़ता था उसे कूल टाइप का कहा जाता है लेकिन आजकल ऐसा लोग नई वाली हिंदी पढने वालो को कहते है।
Read More:
Please Note: Nayi Wali Hindi Writers इस लेख में कुछ चुनिन्दा लेखकों के बारेमें जानकारी यहाँ दी है। पर ये किताबे आपको उतनाही पसंद आयेगी इसका कोई दावा हम नहीं करते। ये लेख मात्र Books के बारे में जानकारी देने हेतु है। पर एक बात साथ में ये भी बता दे की Book पर खर्च किये पैसे कभी भी बर्बाद नहीं होते।
नोट: अगर आपके पास और भी अच्छे किताबों के बारे में जानकारी है तो जरुर कमेंट में बताये अच्छे लगने पर हम उन्हें Nayi Wali Hindi Writers इस Article में जरुर शामिल करेगें।