1947 के स्वतंत्रता दिवस को आज लगभग 60 सालो से ज्यादा हो चुके हैं, आज हर कोई आजाद हैं और अपने देश में स्वतंत्रता के साथ जीता हैं लेकिन दोस्तों, इस स्वतंत्रता के लिये कई महान क्रांतिकारको ने और महान नेताओं ने इस देश के लिये अपना जीवन समर्पण किया आज उन्ही स्वतंत्रता सेनानीओं के बारेमें हम जानते हैं –
भारत के स्वतंत्रता सेनानी – Freedom fighters of India in Hindi
यहाँ निचे स्वतंत्रता सेनानीओं के नाम दिये हैं आप उन नामो पर क्लिक करके उनकी पुरी जीवनी पढ़ सकते हो –
ख़ान अब्दुल ग़फ़्फ़ार ख़ान –
- पूरा नाम (Name) – खान अब्दुल गफ्फार खान
- जन्म (Birthday) – 6 फरवरी 1890, चरसद्दा, खईबर, पख्तुन्ख्वा, पाकिस्तान
- आंदोलन (Movement) स्वतंत्र पख्तूनिस्तान आंदोलन
- कार्य (Work) महान स्वतंत्रा सेनानी, राजनीतिक और अध्यात्मिक नेता
- मृत्यु (Death) – 20 जनवरी 1988, पेशावर, पाकिस्तान
ब्रिटिश शासकों से भारत को स्वतंत्र करवाने का सपना देखने वाले खान अब्दुल गफ्फार खान की गिनती भारत के महान स्वतंत्रता सेनानियों में होती है। उन्होंने देश की आजादी के लिए स्वतंत्र पख्तूनिस्तान आंदोलन में अपनी सक्रिय भूमिका निभाई थी।
गफ्फार खान, गांधी जी के काफी करीबी दोस्त थे, और गांधी जी की तरह ही उन्होंने देश की आजादी के लिए कई अहिंसात्मक आंदोलन लड़े।
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अशफ़ाक़ुल्लाह ख़ाँ –
- जन्म (Birthday) 22 अक्टूबर 1900 (शाहजहांपुर, उत्तरप्रदेश, ब्रिटिश भारत)
- पिता का नाम (Father Name) शफीक उल्ला खाँ
- माता का नाम (Mother Name) मजहरुन्निशाँ
- संगठन (Organization) हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन
- कार्य (Work) भारतीय स्वतंत्रता सेनानी
- मृत्यु (Death) 19 दिसंबर 1927 (फैजाबाद जेल, ब्रिटिश भारत)
अशफाकुल्लाह खां को मुख्य रुप से काकोरी ट्रेन में लूटपाट करने की वजह से जाना जाता है। वे हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशऩ के महान स्वतंत्रता सेनानी थे, जिनके जीवन का एकमात्र उद्देश्य क्रूर ब्रिटिश शासकों से भारत को आजादी दिलवाना था।
अशफाक उल्लाह खां, ने रामप्रसाद बिस्मिल, चंद्रशेखर आजाद, समेत कई अन्य क्रांतिकारियों के साथ मिलकर सरकारी खजाना लेकर जा रही काकोरी ट्रेन में लूटपाट की थी, जिसके बाद वे ब्रिटिश शासकों की आंखों में खटकने लगे थे। इसी वजह से उन्हें 19 दिसंबर साल 1927 को सूली पर लटका दिया गया था।
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बाल गंगाधर तिलक –
- पूरा नाम (Name): बाल गंगाधर तिलक
- अन्य नाम (Other Name): केशव गंगाधर तिलक, लोकमान्य तिलक
- जन्म (Birthday): 23 जुलाई, 1856, रत्नागिरी, महाराष्ट्र
- पिता का नाम (Father Name): गंगाधर तिलक
- माता का नाम (Mother Name): पार्वती बाई
- पत्नी का नाम (Wife Name): तापिबाई (सत्यभामा बाई)
- पेशा (Occupation): लेखक, राजनेता, स्वतंत्रता सेनानी, समाज सुधारक, शिक्षक, वकील
- आंदोलन (Movement): भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन
- मृत्यु (Death): 1 अगस्त, 1920, मुंबई, महाराष्ट्र
आधुनिक भारत के वास्तुकार माने जाने वाले बाल गंगाधर तिलक, भारत के महान क्रांतिकारी और सच्चे स्वतंत्रता सेनानी थे। जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अपना महत्वपूर्ण रोल अदा किया था और युवाओं के अंदर आजाद भारत में रहने की अलख जगाई थी, इसलिए उन्हें भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का जनक भी माना जाता था।
महान स्वतंत्रता सेनानी होने के साथ-साथ बालगंगाधर तिलक एक आदर्शवादी राष्ट्रीय नेता, प्रख्यात वकील, महान विचारक, प्रसिद्द लेखक भी थे। इसके अलावा उन्हें धर्म, संस्कृत, गणित, विज्ञान और इतिहास समेत तमाम विषयों को काफी अच्छी जानकारी थी।
लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक अपने इस क्रान्तिकारी नारे के लिए काफी मशहूर हैं –
”स्वराज मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है और मै इसे लेकर ही रहूंगा”
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बेगम हज़रत महल –
- जन्म (Birthday): 1820, फ़ैज़ाबाद, अवध, भारत
- कार्य (Work): 1857 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ विद्रोह
- मृत्यु (Death): 7 अप्रैल 1879, काठमांडू, नेपाल
बेगम हजरत महल, भारत की महान वीरांगनाओं में से एक थी, जिन्होंने अपनी कुशल रणनीति और कूटनीति से 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी पर हमला कर दिया और अपने अवध राज्य को अंग्रेजों के हाथों में पड़ने से बचा लिया।
वे अवध के नवाब वाजीद अली शाह की पहली पत्नी का नाम (Wife Name) थी, उन्हें ‘अवध की बेगम’ के नाम (Name) से भी जाना जाता है।
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बिपिनचंद्र पाल –
- पूरा नाम (Name): बिपिन चन्द्र पाल
- जन्म (Birthday): 7 नवंबर, 1858, हबीबगंज ज़िला, (वर्तमान बांग्लादेश)
- पिता का नाम (Father Name): रामचंद्र
- माता का नाम (Mother Name): नारायनीदेवी
- मृत्यु (Death): 20 मई, 1932
भारत के स्वतंत्रता आंदोलन की नींव रखने वाले बिपिन चंद्र पाल की गिनती भी भारत के महान स्वतंत्रता सेनानियों में होती है, उन्होंने अपने क्रांतिकारी विचारों से स्वाधीनता संग्राम को एक नई दिशा दी थी और ब्रिटिश हुकूमत की नींदें उड़ा दी थी।
लाल-बाल-पाल की प्रसिद्ध तिकड़ी में से एक बिपिन चन्द्र पाल, ने देश को अंग्रेजों के चंगुल से आजाद करवाने के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था। इसके अलावा उन्होंने साल 1905 में पश्चिम बंगाल के बंटवारे का भी कड़ा विरोध किया था।
बिपिन चन्द्र पाल एक क्रांतिकारी और सच्चे देशभक्त होने के साथ-साथ एक प्रसिद्ध समाजसुधारक, शिक्षक, लेखक और पत्रकार भी थे। इसके साथ ही आपको बता दें कि वे रुढ़िवादी विचारधारा और जातिगत भेदभाव के घोर विरोधी थे, वहीं उन्होंने भारतीय समाज और अपने परिवार के कड़े विरोध के बाद भी एक विधवा स्त्री से विवाह किया था।
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चन्द्रशेखर आजाद –
- नाम (Name): चंद्रशेखर आजाद
- जन्म (Birthday): पंडित चंद्रशेखर तिवारी
- जन्म (Birthday): 23 जुलाई, 1906, भाभरा (मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले में)
- पिता का नाम (Father Name) पंडित सीताराम तिवारी
- माता का नाम (Mother Name): जागरानी देवी
- मृत्यु (Death): 27 फरवरी, 1931, अल्फ्रेड पार्क, अल्लाहाबाद
चंद्र शेखर आजाद भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक महान युवा क्रांतिकारी थे, उनके रोम-रोम में देशभक्ति की भावना व्याप्त थी। उन्होंने बेहद कम उम्र में ही खुद को पूरी तरह से देश के लिए समर्पित कर दिया था।
चंद्र शेखर आजाद उग्रवादी विचारधारा और अपने संकल्पों के प्रति अडिग रहने वाले स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने खुद को आखिरी वक्त तक अंग्रजों के हवाले नहीं करने की कसम खाई थी, और वे अपनी अंतिम सांस तक देश के लिए लड़ते रहे और आजाद रहे।
चंद्रशेखर आजाद ने काकोरी कांड में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था – चंद्र शेखर आजाद का कहा गया यह कथन काफी मशहूर है-
”अभी भी जिसका खून ना खौला, वो खून नहीं पानी है जो देश के काम ना आए, वो बेकार जवानी है।”
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चित्तरंजन दास –
- पूरा नाम (Name) चित्तरंजन भुवनमोहन दास (देशबंधु)
- जन्म (Birthday): 5 नवंबर 1870, कोलकता
- पिता का नाम (Father Name): भुवनमोहन
- माता का नाम (Mother Name): निस्तारिणी देवी
- पत्नी का नाम (Wife Name): वासंतीदेवी
- कार्य (Work): स्वतंत्रता सेनानी, वकील, कवि और पत्रकार
- मृत्यु (Death): 16 जून, 1925
चितरंजन दास भी अन्य स्वतंत्रता सेनानियों की तरह पूर्ण स्वराज और स्वतंत्र भारत देखना चाहते थे। बिट्रिश हुकूमत से अपना देश आजाद करवाने के लिए उन्होंने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था।
चितरंजन दास की पहचान एक राष्ट्रवादी नेता और सफल विधि शास्त्री के रुप में थी, जिन्हें लोग सम्मान से देशबंधु कहकर पुकारते थे।
इसके अलावा वे एक अच्छे वकील और प्रख्यात पत्रकार भी थे, उन्होंने अपनी वकालत बीच में ही छोड़कर गांधी जी के असहयोग आंदोलन में हिस्सा लिया भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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दादा भाई नौरोजी –
- पूरा नाम (Name): दादा भाई नौरोजी (भारत के ग्रैंड ओल्ड मैन)
- जन्म (Birthday): 4 सितम्बर, 1825, मुम्बई, महाराष्ट्र
- मृत्यु (Death): 30 जून, 1917, मुम्बई, महाराष्ट्र
- विवाह (Wife Name): गुलबाई
- पेशा (Occupation): शिक्षक, व्यापारी कपास, बौद्धिक, और एक प्रारंभिक भारतीय राजनीतिक नेता
भारतीय राजनीति, भारतीय अर्थशास्त्र, आर्थिक राष्ट्रवाद के जनक और भारत के ग्रैंड ओल्ड मैन के नाम (Name) से मशहूर दादा भाई नौरोजी भारत के एक महान राजनेता थे, जिन्होंने अपने आदर्शवादी विचारों से भारत के स्वतंत्रता संग्राम के बीज बोए थे।
दादाभाई नौरोजी को वास्तुकार और शिल्पकार के रुप में भी जाना जाता है। उन्होंने भारत में स्वराज और स्वशासन की मांग की थी, इसके साथ ही भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना में अपना अतिमहत्वपूर्ण योगदान दिया था।
आपको बता दें कि दादाभाई नौरोजी ने लिबरल पार्टी से चुनाव लड़ा था और वे ब्रिटिश संसद के पहले भारतीय मेंबर थे।
इसके अलावा दादाभाई नौरोजी ने साल 1853 में ईस्ट इंडिया कंपनी के लीज के नवीनीकरण के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की थी, इस तरह वे अपने पूरे जीवन भर राष्ट्र हित के काम के लगे रहे।
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जवाहरलाल नेहरू –
- पूरा नाम (Name): जवाहरलाल मोतीलाल नेहरु
- जन्म (Birthday): 14 नवम्बर 1889, इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश)
- पिता का नाम (Father Name): मोतीलाल नेहरु
- माता का नाम (Mother Name): स्वरूपरानी नेहरु
- पत्नी का नाम (Wife Name): कमला नेहरु
- बच्चे (Children): श्री मति इंदिरा गांधी जी
- मृत्यु (Death): 27 मई 1964, नई दिल्ली
- पेशा (Occupation): भारत के पहले प्रधानमंत्री, स्वतंत्रता सेनानी
आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु को आधुनिक भारत के शिल्पकार और लोकतांत्रिक गणतंत्र का वास्तुकार माना जाता था। वे एक आदर्शवादी, और सैद्धान्तिक विचारधारा के राजनेता और महान स्वतंत्रता सेनानी थे।
उनके अंदर राष्ट्र के प्रति अटूट प्रेम था, उन्होंने महात्मा गांधी के साथ मिलकर भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में अपनी महत्वपूर्ण योगदान दिया था। वहीं उन्हें बच्चों से अत्याधिक लगाव था, इसलिए बच्चे उन्हें चाचा नेहरू कहकर भी बुलाते थे, वहीं इसी वजह से उनके जन्म (Birthday)दिन को “चिल्ड्रन डे” के तौर पर भी मनाया जाता है।
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खुदीराम बोस –
- पूरा नाम (Name): खुदीराम त्रिलोकनाथ बोस
- जन्म (Birthday): 3 दिसम्बर 1889, हबीबपुर, जि.मिद्नापोरे
- पिता का नाम (Father Name): श्री त्रिलोकनाथ बोस
- माता का नाम (Mother Name): लक्ष्मीप्रिया देवी
- कार्य (Work): भारतीय क्रन्तिकारी
- मृत्यु (Death): 11 अगस्त, 1908, मुजफ्फरपुर
खुदीराम बोस भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक युवा क्रांतिकारी थे, जो देश की रक्षा के लिए महज 19 साल की छोटी सी उम्र में सूली पर चढ़ गए, इस महान युवा क्रांतिकारी की शहादत से समूचे देश में अंग्रेजों के खिलाफ रोष फैल गया था और देश के नौजवानों को हृदय में राष्ट्र प्रेम की भावना उज्जवलित हो गई थी।
खुदीराम बोस के त्याग, समर्पण और बलिदान को याद कर आज भी युवाओं के मन में एक नया जोश भर जाता है।
पुरी जीवनी पढ़ने के लिए यहाँ क्लीक करे – Khudiram Bose
लक्ष्मी सहगल –
- जन्म (Birthday): 24 अक्टूबर 1914, मद्रास, ब्रिटिश भारत
- पूरा नाम (Name): कैप्टन लक्ष्मी सहगल
- पिता का नाम (Father Name): डॉ. एस स्वामीनाथन
- माता का नाम (Mother Name): एवी अमुक्कुट्टी
- कार्य (Work): स्वतंत्रता सेनानी, क्रांतिकारी
- मृत्यु (Death): 23 जुलाई 2012, कानपुर, उत्तर प्रदेश
नेता जी सुभाष चन्द्र बोस की आजाद हिन्द फौज में शामिल होने वाली कैप्टन लक्ष्मी सहगल, भारत की एक ऐसी स्वतंत्रता सेनानी थी,जिन्होंने अंग्रेजों के सामने एक शेरनी की तरह लड़ने का अदम्य साहस भरा।
इसके साथ ही उन्होंने सिंगापुर में भारत के अप्रवासी गरीब मजदूरों की मद्द के लिए एक निशुल्क हॉस्पिटल खोला। लक्ष्मी सहगल स्वतंत्रता संघ की सक्रिय सदस्य भी बनीं।
एक क्रांतिकारी होने के साथ-साथ वे एक राष्ट्रीय सेना की अधिकारी, और आजाद हिन्द सरकार की महलिाओं के मामलों की मिनिस्टर थी।
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लाला हर दयाल –
- पूरा नाम (Name): हरदयाल सिंह
- जन्म (Birthday): 14 अक्टूबर 1884,दिल्ली, ब्रिटिश भारत
- मृत्यु (Death): 4 मार्च 1939, फिलाडेल्फिया (पेंसिल्वेनिया) यू.एस.ए.
- पुरस्कार और सम्मान (Award): मास्टर ऑफ लेटर्स
- कार्य (Work): भारतीय राष्ट्रवादी क्रांतिकारी
दिल्ली में जन्मे लाला हरदयाल सिंह, भारत के एक राष्ट्रवादी नेता, क्रांतिकारी और महान स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने ब्रिटिश शासकों के खिलाफ लड़ने का साहस भरा था,और दुनिया के कई हिस्सों का भ्रमण कर स्वतंत्रता आंदोलन का प्रचार-प्रसार किया था।
इसके साथ ही लोगों के मन में आजादी पाने की भावना जागृत की थी। अपना पूरा जीवन राष्ट्रहित के लिए काम करने वाले क्रांतिकारी हरदयाल गदर आंदोलन के प्रमुख नेता और सामान्य गदर पार्टी के मुख्य महासचिव भी थे।
पुरी जीवनी पढ़ने के लिए यहाँ क्लीक करे – Lala Hardayal
लाला लाजपत राय –
- पूरा नाम (Name): श्री लाला लाजपत राधाकृष्ण राय जी
- जन्म (Birthday): 28 जनवरी 1865, धुड़ी के गाँव, पंजाब
- पिता का नाम (Father Name): श्री राधाकृष्ण जी
- माता का नाम (Mother Name): श्रीमती गुलाब देवी जी
- संगठन (Organization): भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, आर्य समाज, हिन्दू महासभा
- आन्दोलन (Movement): भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन
- उपाधियां (Award): शेर-ए-पंजाब, पंजाब केसरी
- मृत्यु (Death): 17 नवम्बर 1928, लाहौर (पाकिस्तान)
लाला लाजपय राय को भारत के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी के रुप में आज भी याद किया जाता है। उन्होंने भारत को ब्रिटिश हुकूमत से आजादी दिलवाने के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था। लाला लाजपत राय, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान मशहूर तिकड़ी लाल-बाल-पाल में एक प्रमुख नायक थे।
जिन्हें, एक प्रभावी राजनेता, प्रसिद्ध वकील, सुविख्यात लेखक और महान समाजसुधारक के रुप में भी पहचाना जाता था। लाला लाजपत राय के भाषणों में इतना प्रभाव और शक्ति थी कि, ब्रिटिश शासक भी उनके सामने पानी भरते थे, वहीं लाला लाजपत राय मरते दम तक देश की सेवा में लगे रहे और भारतीय समाज में फैली कई बुराइयों को दूर किया।
पुरी जीवनी पढ़ने के लिए यहाँ क्लीक करे – Lala Lajpat Rai
महादेव गोविंद रानाडे –
- पूरा नाम (Name): महादेव गोविन्द रानाडे
- जन्म (Birthday): 18 जनवरी, 1842, निफाड, नाशिक, महाराष्ट्र
- मृत्यु (Death): 16 जनवरी, 1901
- कार्यक्षेत्र: भारतीय समाज सुधारक, विद्वान और न्यायविद
महादेव गोविंद रानाडे की पहचान भी भारत के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों में होती है। रानाडे, ने अपना पूरा जीवन देश की सेवा में और सामाजिक बुराइयों को दूर करने में लगा दिया।
महादेव गोविंद रानाडे की पहचान न सिर्फ एक सच्चे देश प्रेमी और महान स्वतंत्रता सेनानी के रुप में थी, बल्कि उन्हें एक महान समाज सुधारक, विख्यात लेखक और प्रसिद्ध न्यायविद के रुप में भी जाना जाता था।
इसके साथ ही उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के निर्माण में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। यही नहीं गोविंद रानाडे ने बॉम्बे लेजिस्लेटिव कौंसिल के सदस्य के साथ केंद्र में फाइनेंस समिति के सदस्य और बॉम्बे हाई कोर्ट के जज के तौर पर भी काम किया था।
पुरी जीवनी पढ़ने के लिए यहाँ क्लीक करे – Mahadev Govind Ranade
महात्मा गांधी –
- नाम (Name): मोहनदास करमचंद गांधी
- जन्म (Birthday): 2 अक्टूबर, 1869, पोरबंदर, गुजरात
- पिता का नाम (Father Name) करमचंद गांधी
- माता का नाम (Mother Name): पुतलीबाई
- पत्नी का नाम (Wife Name): कस्तूरबा गांधी
- संतान (Children Name): हरिलाल, मणिलाल, रामदास, देवदास
- मृत्यु (Death): 30 जनवरी 1948
भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, जिनके त्याग, समर्पण, बलिदान की वजह से ही आज हम आजाद भारत में चैन की सांस ले रहे हैं। वे एक आदर्शवादी, नैतिकवादी, सिद्दान्तवादी विचारधारा वाले भारत की आजादी के महानायक, महान स्वतंत्रता सेनानी और राष्ट्रवादी नेता होने के साथ वे एक प्रसिद्ध पत्रकार, लेखक, वकील, और महान समाज सुधारक भी थे।
जिन्होंने सत्य और अहिंसा को अपना सशक्त हथियार मानकर भारत को आजादी दिलवाने के लिए कई बड़े आंदोलन लड़े थे, और ब्रिटिश हुकूमत को भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया था।
इसके साथ ही उन्होंने लोगों को भी सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी। वे सादा जीवन, उच्च विचारधारा वाले व्यक्तित्व थे, जिन्होंने अपने प्रभावशाली और महान व्यक्तित्व का प्रभाव हर किसी पर डाला था।
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मंगल पांडे –
- पूरा नाम (Name): मंगल दिवाकर पांडे
- जन्म (Birthday): 19 जुलाई 1827, फैजाबाद, उत्तर प्रदेश, भारत
- माता/पिता: अभैरानी/दिवाकर पांडे
- म्रत्यु: 8 अप्रैल 1857 को फांसी पर लटकाए
- पेशा: प्रथम भारतीय स्वतंत्रता सेनानी
मंगल पांडे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की नींव रखने वाले भारत के पहले स्वतंत्रता सेनानी थे, जिनके रोम-रोम में राष्ट्र प्रेम की भावना निहित थी और अंग्रेजों के खिलाफ गुस्सा भरा था।
1857 की क्रांति मंगल पांडे की ही देन है, इस क्रांति ने भारत को आजादी तो नही दिलवा पाई थी, लेकिन हर भारतीय के मन में आजादी पाने की अलख जगा दी थी। मंगल पांडे जैसे महान क्रांतिकारी और स्वतंत्रता सेनानी के संघर्षों के बाद ही कई सालों तक आजादी की लड़ाई चली और साल 1947 में हमारा देश अंग्रेजी हुकूमत से मुक्त हो सका।
मंगल पांडे भारत के ऐसे वीर सपूत थे, जिन्होंने अकेले दम पर भी ब्रिटिश अफसर पर हमला बोल दिया था, जिसकी वजह से उन्हें 8 अप्रैल 1857 के फांसी पर लटका दिया गया था।
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अबुल कलाम आज़ाद –
- पूरा नाम (Name): मौलाना अबुल कलाम गुलाम मुहियुद्दीन
- जन्म (Birthday): 11 नवंबर, 1888, मक्का( सऊदी अरब )
- माता/पिता: आलियाबेगम/मौलाना खैरुद्दीन
- पत्नी का नाम (Wife Name): जुलेखा बेगम
- पेशा: स्वतंत्रता सेनानी, नेता, वैज्ञानिक,कवि
- राजनैतिक पार्टी: कांग्रेस
- मृत्यु (Death): 22 फरवरी 1958, दिल्ली
सरदार वल्लभभाई पटेल के करीबी दोस्त माने जाने वाले मौलाना अबुल कलाम आजाद भारत के प्रमुख सेनानियों में से एक थे, जिन्होंने ब्रिटिश हुकूमत के अत्याचारों से भारत को आजादी दिलवाने के लिए काफी संघर्ष किए।
उन्होंने भारत को स्वाधीनता दिलवाने वाले कई आंदोलन मे अपनी सक्रिय भूमिका निभाई और अपनी भागीदारी से स्वतंत्रता आंदोलन की नींव मजबूत करने में मद्द की। मौलाना अबुल कलाम आजाद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के भी काफी एक्टिव मैंबर थे, जिन्हें महज 35 साल की उम्र में ही कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था।
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मोतीलाल नेहरु –
- जन्म (Birthday): 6 मई 1861, आगरा, ब्रिटिश भारत
- मृत्यु (Death): 6 फरवरी 1931, लखनऊ, ब्रिटिश भारत
- पत्नी का नाम (Wife Name): स्वरुप रानी थसु
- बच्चे (Children Name): जवाहर लाल नेहरू
- कार्य: भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के कार्यकर्ता, भारतीय वकील और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक प्रमुख नेता।
ब्रिटिशकाल के दौरान आगरा में जन्में मोतीलाल नेहरू का नाम (Name) भारत के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों की लिस्ट से सबसे ऊपर शुमार हैं। उन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अपना अभूतपूर्व योगदान दिया था। राष्ट्रप्रेम की भावना उनके अंदर इस तरह निहित थी कि एक अच्छे वकील होने के बाबजूद भी उन्होंने वकालत छोड़ दी और देश को आजाद करवाने के लिए जुट गए।
इसके अलावा वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक प्रमुख नेता और भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के पिता के रुप में जाने जाते थे।
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राममनोहर लोहिया –
- पूरा नाम (Name): डॉ. राम मनोहर लोहिया
- जन्म (Birthday): 23 मार्च 1910 अकबरपुर, फैजाबाद, उत्तरप्रदेश
- माता/पिता: चंदा देवी /हीरा लाल
- मृत्यु (Death): 12 अक्टूबर, 1967, नई दिल्ली
- कार्य क्षेत्र: स्वतंत्रता सेनानी, राजनेता, क्रांतिकारी लेखक,
हमेशा सत्य के मार्ग पर चलने वाले राम मनोहर लोहिया जी ने भारत की आजादी की लड़ाई में अपना बहुमूल्य योगदान दिया था। वे एक सच्चे राष्ट्रभक्त थे, जिन्होंने अपने सिद्धान्तवादी, नैतिकवादी, तेजस्वी राष्ट्रवादी और समाजवादी विचारों में भारत के स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा दी थी। आपको बता दें कि एक राष्ट्रवादी नेता होने के साथ-साथ वे एक सुविख्यात लेखक भी थे।
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राम प्रसाद बिस्मिल –
- जन्म (Birthday): 11 जून 1897, शाहजहांपुर, संयुक्त प्रांत, ब्रिटिश भारत
- मृत्यु (Death): 19 दिसम्बर 1927, गोरखपुर जेल, संयुक्त प्रांत, ब्रिटिश भारत
- माता/पिता: मूलमती/मुरलीधर
- राजनीतिक आंदोलन: भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन
रामप्रसाद बिस्मिल भारत के एक सच्चे देशभक्त और ऐसे स्वतंत्रता सेनानी थे, जो देश की रक्षा के लिए हंसते हुए शहीद हो गए थे। उन्के अंदर राष्ट्रप्रेम की भावना कूट-कूट कर भरी थी। यही वजह थी कि वे महज 11 साल की छोटी सी उम्र से ही स्वतंत्रता आंदोलन में हिस्सा लेने लगे थे।
वे एक महान क्रांतिकारी होने के साथ-साथ एक मशहूर शायर, महान इतिहासकार, सुविख्यात लेखक और सुप्रसिद्ध साहित्यकार भी थे।
उन्होंने भगत सिंह और चंद्रशेखऱ आजाद के साथ मिलकर हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन की नींव रखी थी। इसके अलावा काकोरी कांड और मणिपुर षणयंत्र में भी उनकी भूमिका काफी अहम रही थी।
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राम सिंह कुका –
- उपनाम (Name): सतगुरू
- जन्म (Birthday): स्थान 3 फरवरी 1816 (श्री भैनी साहिब, पंजाब)
- पिता: सरदार जस्सा सिंह
- मृत्यु (Death): 18 जनवरी 1872 (ढाका, बांग्लादेश)
- कार्य: स्वतंत्रता सेनानी, संत खालसा के संस्थापक, सिख गुरु
राम सिंह कुका भारत के एक ऐसे साहसी और शक्तिशाली वीर थे, जिन्हें अपनी बहादुरी से ब्रिटश शासकों की नाक में दम कर दिया था और ब्रिटिश शासकों की गुलामी से भारत को आजादी दिलवाने के लिए अपना अति महत्वपूर्ण योगदान दिया था।
इसके साथ ही उन्होंने विेदशी शैक्षणिक संस्थान, विदेशी वस्तुओं और ब्रिटिश अदालतों का बहिष्कार किया था। राम सिंह कुका, अंग्रेजों के खिलाफ पंजाब में हुए असहकार आंदोलन के प्रणेता भी थे, उन्होंने संत खालसा का गठन किया था।
वहीं राम सिंह कुका द्धारा लिखित गुरु गोविन्द सिंह के ग्रंथ को सबसे पवित्र माना गया, और फिर बाद में वे सिक्खों के गुरु भी कहलाए।
पुरी जीवनी पढ़ने के लिए यहाँ क्लीक करे – Ram Singh Kuka
रानी लक्ष्मीबाई –
- नाम (Name): रानी लक्ष्मीबाई (मणिकर्णिका तांबे)
- उपनाम (Name): मनु बाई
- जन्म (Birthday): 19 नवंबर 1828, वाराणसी, उत्तर प्रदेश, भारत
- माता/पिता का नाम (Father Name): भागीरथी बाई/मोरोपंत तांबे
- पति: झांसी नरेश महाराज गंगाधर राव नेवालकर
- संतान: दामोदर राव, आनंद राव (दत्तक पुत्र)
- शौक: घुड़सवारी करना, तीरंदाजी
- मृत्यु (Death): 18 जून 1858, कोटा की सराय, ग्वालियर, मध्य प्रदेश, भारत
महारानी लक्ष्मी ने अपने अदम्य साहस और बहादुरी से अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए थे। वे देश की ऐसी वीरांगना थी, जिन्होंने देश को आजाद करवाने के लिए काफी संघर्ष किया। इसके साथ ही उन्होंने अपने राज्य झांसी की स्वतंत्रता के लिए ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ धावा बोला और बाद में वीरगति को प्राप्त हुईं थी।
रानी लक्ष्मीबाई घुड़सवारी, तीरंदाजी, युद्ध-शस्त्र विद्या में काफी निपुण थी। वहीं रानी लक्ष्मी बाई के अंदर दया का भाव कूट-कूट कर भरा था, मनुष्य तो क्या वे पशुओं तक को परेशानी में देखकर पिघल जाती थी। महारानी लक्ष्मीबाई जी की वीरगाथा आज भी महिलाओं के अंदर एक नया जोश और साहस भर देती हैं और उनका सिर गर्व से ऊंचा कर देती है।
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रास बिहारी बोस –
- पूरा नाम (Name): रास बिहारी बोस
- जन्म (Birthday): 25 मई, 1886,वर्धमान ज़िला, पश्चिम बंगाल
- मृत्यु (Death): 21 जनवरी, 1945, टोक्यो, जापान
- प्रसिद्धि: वकील, शिक्षाविद और स्वतंत्रता सेनानी, क्रांतिकारी नेता
रास बिहारी भारत के उन क्रांतिकारियों में से एक थे, जिन्होंने अपने भारत देश को अंग्रेजों की गुलामी की जंजीरों से आजाद दिलवाने के लिए विलायत में जाकर लड़ाई लड़ी और ब्रिटिश शासकों को भारत से बाहर खदेड़ने के लिए उनके खिलाफ माहौल पैदा किया था, और लोगों में आजादी पाने की जिज्ञासा जागृत की थी।
रास बिहारी ने कांग्रेस के उदारवादी दल के नेता भी थे, जिन्होंने साल 1937 में भारतीय स्वातय संघ की स्थापना की थी। इसके अलावा उन्होंने एक सुप्रसिद्ध वकील और महान शिक्षाविद के रुप में भी पहचाना जाता था।
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वल्लभ भाई पटेल –
- पूरा नाम (Name): सरदार वल्लभ भाई पटेल
- अन्य नाम (Name): सरदार पटेल, लौहपुरुष
- जन्म (Birthday): 31 अक्टूबर, 1875 नाडियाद, गुजरात
- माता/पिता का नाम: लाड़बाई/झावेरभाई पटेल
- पत्नी का नाम (Wife Name): झावेरबा
- आंदोलन: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम
- उपलब्धियां: खेड़ा सत्याग्रह और बरडोली विद्रोह का नेतृत्व किया
- मृत्यु (Death): 15 दिसम्बर 1950 (बॉम्बे)
भारत की एकता के सूत्रधार और आधुनिक भारत के निर्माता कहे जाने वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल भारत के एक महान स्वतंत्रता सेनानी और आजाद भारत के पहले गृह मंत्री थे।
जिन्होंने भारत के राष्ट्रीय आंदोलन में अपनी सक्रिय भागीदारी निभाई थी। इसके साथ ही महात्मा गांधी के ”असहयोग आंदोलन” और ”भारत छोड़ो आंदोलन” में अपना पूरा समर्थन दिया था। भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान वे कई बार जेल भी गए थे। इसके अलावा उन्होंने गुजरात के खेड़ा सत्याग्रह के माध्यम से अंग्रेजों के नाक पर दम कर दिया था, जिसके चलते अंग्रेजों को किसानों के कर को माफ करना पड़ा था।
यही नहीं सरदार पटेल ने अंग्रेजों के चंगुल से भारत के आजाद होने के बाद, अलग-अलग रियासतों में बंटे भारतीय संघ को एकीकृत करने में अपना अहम रोल निभाया था। उनकी विवेकशीलता, अद्भुत कौशल और नीतिगत दृढ़ता के कारण ही उन्हें ”लौहपुरुष” और ”भारत के बिस्मार्क” की उपाधि दी गई थी।
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भगत सिंह –
- नाम (Name): सरदार भगत सिंह
- जन्म (Birthday): 27 सितम्बर 1907, बंगा, पंजाब, ब्रिटिश भारत, (अब पकिस्तान में)
- माता/पिता का नाम (Father Name): विद्यावती कौर/सरदार किशन सिंह सिन्धु
- मृत्यु (Death): 23 मार्च 1931, लाहौर
शहीद-ए-आजम भगत सिंह, भारत के एक सच्चे देशभक्त, महान क्रांतिकारी और स्वतंत्रता सेनानी थे, जिनके रोम-रोम में देशभक्ति की भावना निहित थी। वे, भारत के ऐसे वीर सपूत थे, जो कि महज 23 साल की उम्र में अपने देश की रक्षा के लिए हंसते-हंसते फांसी के फंदे पर चढ़ गए थे।
भगत सिंह ने अपने क्रांतिकारी विचारों से भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान देश के युवा नौजवानों के अंदर आजादी पाने की इच्छा जगा दी थी और उनके अंदर एक नया जोश भर दिया था। वहीं इसके बाद बड़ी संख्या में युवा स्वाधीनता संग्राम में शामिल हुए थे।
भगत सिंह ने साइमन कमीशन का जमकर विरोध किया था, उन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के बढ़ते अत्याचारों और दमनकारी नीति का जमकर विरोध किया था और मजदूर विरोधी नीतियों के ब्रिटिश संसद में पारित नहीं होने देने के मकसद से ब्रिटिश सरकार की असेम्बली पर हमला कर दिया था, उनके इस कदम के चलते उन्हें और उनके साथी राजगुरु और सुखदेव को ब्रिटिश सरकार द्धारा फांसी की सजा सुनाई गई थी।
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राजगुरु –
- पूरा नाम (Name): शिवराम हरि राजगुरु
- जन्म (Birthday): 24 अगस्त 1908, पुणे, महाराष्ट्र, ब्रिटिश भारत
- मृत्यु (Death): 23 मार्च 1931, लाहौर, ब्रिटिश भारत (अब पंजाब में, पाकिस्तान)
- माता/पिता का नाम (Father Name): पार्वती बाई/हरि नारायण
- योगदान: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में निभाई भूमिका
- संगठन: हिन्दूस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन
आज हम अपने देश के जिन महान स्वतंत्रता सेनानियों के कठोर प्रयास और संघर्ष की बदौलत आजाद भारत में चैन की सांस ले रहे हैं, उनमें से एक नाम (Name) शिवराम राजगुरु का भी है।
वे, भारत माता के एक सच्चे वीर सपूत थे, जिन्होंने देश को आजादी दिलवाने के लिए हंसते-हंसते अपने शहादत दी थी, वहीं उनकी शहादत से भारत के स्वतंत्रता संग्राम को एक नया आवाम मिला था और हर नौजवान के दिल में आजादी पाने की भूख और भी ज्यादा बढ़ गई थी।
स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु इन तीनों की तिकड़ी काफी मशहूर थी, वहीं ब्रिटिश पुलिस अधिकारी की हत्या का षणयंत्र रचने और ब्रिटिश संसद पर हमला करने की वजह से तीनों को एक साथ फांसी दे दी गई थी।उनके त्याग और बलिदान को आज भी याद किया जाता है।
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सुभाष चन्द्र बोस –
- जन्म (Birthday): 23 जनवरी 1897, कटक, उड़ीसा राज्य, बंगाल प्रांत, ब्रिटिश भारत
- माता/पिता का नाम (Father Name): प्रभावती देवी/जानकीनाथ बोस
- प्रमुख आंदोलन: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम
- पार्टी: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, फॉरवर्ड ब्लॉक
- संगठन: आजाद हिन्द फौज, ऑल इंडिया नेशनल ब्लॉक फॉर्वड, स्वतंत्र भारत की अस्थायी सरकार
- मृत्यु (Death): 18 अगस्त 1945
पूर्ण स्वराज और स्वतंत्र भारत की कल्पना करने वाले नेता जी सुभाष चन्द्र बोस भारत के एक सच्चे वीर सपूत, एक भारतीय राष्ट्रवादी नेता और महान स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी देश को अंग्रेजों के चंगुल से आजाद करवाने लिए कुर्बान कर दी। सुभाषचन्द्र बोस जी की विचारधारा का अंदाज उनके इस प्रसिद्ध नारे से लगाया जा सकता है कि –
”तुम मुझे खून दो, मै तुम्हे आजादी दूंगा”
सुभाष चन्द्र बोस ने अपने फौलादी इरादों और अपने साहसी कामों से भारत में अंग्रेजों की नींव कमजोर कर दी थी, और उन्हें एहसास दिलवा दिया था कि वे भारत में ज्यादा दिन तक शासन नहीं कर सकेंगे।
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सुखदेव –
- पूरा नाम (Name): सुखदेव थापर
- जन्म (Birthday): 15 मई 1907 लुधियाना, पंजाब में
- मृत्यु (Death): 23 मार्च 1931 लाहौर, पंजाब, ब्रिटिश भारत में
- माता/पिता का नाम (Father Name): श्रीमती रल्लीदेवी/ श्री रामलाल
- राजनैतिक: आंदोलन भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन
- संगठन: हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन
सुखदेव, भारत के महान क्रांतिकारी और स्वतंत्रा सेनानियों में से एक थे, जिन्होंने भारत की आजादी के लिए हंसते-हंसते अपने प्राण गवां दिए थे। सुखदेव ने स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा दी और भगत सिंह, और राजगुरु के साथ मिलकर ब्रिटिश शासकों के छक्के छुड़ा दिए थे।
सुखदेव ने लाला लाजपत राय की मौत का बदला लेने और अंग्रेजों की किसानों और मजदूरों के विरु्ध दमनकारी नीतियों के कारण लाहौर षणयंत्र की योजना बनाई थी और ब्रिटिश संसद में हमला कर दिया था, जिसकी वजह से उन्हें ब्रिटिश पुलिस ने जेल में बंद कर दिया था, और उन्हें भगत सिंह और राजगुरु को 23 मार्च, 1931 को सूली पर चढ़ा दिया था।
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सुरेंद्रनाथ बैनर्जी –
- पूरा नाम (Name): सुरेन्द्रनाथ बैनर्जी
- अन्य नाम (Name): राष्ट्रगुरू, इंडियन ग्लेडस्टोन, इंडियन एडमंड बर्क
- जन्म (Birthday): 10 नवम्बर 1848, कलकत्ता, बंगाल प्रेसिडेन्सी
- मृत्यु (Death): 6 अगस्त 1925, बैरकपुर, बंगाल प्रेसिडेन्सी
- पेशा: शिक्षाविद, राजनेता, स्वाधीनता सेनानी, पत्रकार
सुरेन्द्रनाथ भारत के एक महान क्रांतिकारी और प्रख्यात स्वाधीनता सेनानी थे, जिन्होंने ब्रिटिश काल के समय एक भारतीय राजनैतिक संगठन ”इंडियन नेशनल एसोसिएशन” की स्थापना की थी।
वे राष्ट्रगुरु के नाम (Name) से भी जाने जाते थे जो कि, ब्रिटिश शासकों को भारत से बाहर निकाल देना चाहते थे। इसके अलावा वे कांग्रेस के एक नरमपंथी दल के नेता थे। उनकी ख्याति एक मशहूर शिक्षाविद और पत्रकार के तौर पर भी फैली थी।
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अल्लूरी सीताराम राजू –
- पूरा नाम (Name): अल्लूरी सीताराम राजू
- जन्म (Birthday): 4 जुलाई, 1897, विशाखापट्टनम, आन्ध्र प्रदेश
- मृत्यु (Death): 7 मई, 1924
- माता/पिता: सूर्यनारायणाम्मा/वेक्टराम राजू
- प्रसिद्धि: स्वतंत्रता सेनानी
अल्लूरी सीताराम राजू, भारत के एक ऐसे स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने लोगों के मन से अंग्रेजों के अत्याचारों के डर को दूर भगाया और आजाद भारत में रहने की अलख जगाई। इसके साथ ही लोगों को असहयोग आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किया। वे गांधी जी के विचारधारा से काफी प्रभावित थे।
अल्लूरी सीताराम राजू ने आदिवासियों के जीवन की दशा सुधारने के काफी प्रयत्न किए और उनकी सहायता से अंग्रेजों के खिलाफ सशस्त्र आक्रमण कर एक आजाद सत्ता स्थापित करने के प्रयास किए वहीं उनके इस प्रयास ने ब्रिटिश शासकों की नींदे उड़ा दी थी।
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टिपू सुल्तान –
- पूरा नाम (Name): सुल्तान सईद वाल्शारीफ फतह अली खान बहादुर शाह टीपू
- जन्म (Birthday): 10 नवंबर, 1750, देवनहल्ली, (वर्तमान में बैंगलोर, कर्नाटका)
- मात/पिता का नाम (Father Name): फातिमा फख- उन निसा/ हैदर अली
- पत्नी का नाम (Wife Name): सिंध सुल्तान
- मृत्यु (Death): 4 मई, 1799
- प्रसिद्ध: मैसूर सम्राज्य के शासक
टीपू सुल्तान भारत के एक वीर सेनापति, एक कुशल लेखक, महान कवि और साहसी योद्धा थे, उनकी बहादुरी को देखकर अंग्रेज भी उनके सामने झुकने के लिए मजबूर हो गए थे। भारत को आाजादी दिलवाने में मैसूर सम्राज्य के शासक टीपू सुल्तान का महत्वपूर्ण योगदान रहा है, उन्हें भारत की पहले स्वतंत्रता सेनानी के रुप में भी जाना जाता था।
टीपू सुल्तान ने अपनी विवेकशीलता, रणनीति, कूटनीति और सूझबूझ से कई प्रदेशों को जीतकर अपने मैसूर सम्राज्य का विस्तार किया था। आपको बता दें कि टीपू सुल्तान ने ही युद्ध में पहली बार रॉकेट का इस्तेमाल किया था।
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विनायक दामोदर सावरकर –
- पूरा नाम (Name): विनायक दामोदर सावरकर
- जन्म (Birthday): 28 मे 1883 भागुर गांव, नासिक, महाराष्ट्र
- माता/पिता: राधाबाई सावरकर/दामोदर सावरकर
- पत्नी का नाम (Wife Name): यमुनाबाई
- कार्य: स्वतंत्रता सेनानी, राजनेता, लेखक, कवि, सामाजिक कार्यकर्ता।
हिन्दुत्ववादी विचारधारा के जनक माने जाने वाले विनायक दामोदर सावरकर जी एक सच्चे देश भक्त और महान स्वतंत्रता सेनानी थे, जो अपने पूरे जीवन भर देश की सेवा में लगे रहे।
गुलामी का दंश झेल रहे भारत देश को आजाद करवाने के लिए उन्होंने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में अपनी सक्रिय भागीदारी निभाई और विदेशी वस्तुओं का जमकर बहिष्कार किया था, इसके साथ ही अन्होंने लोगों को अपने शक्तिशाली भाषणों से स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने के लिए प्रेरित किया। सावरकर जी के अदम्य साहस, अनुपम त्याग और महाबलिदान को लोग आज भी याद करते हैं।
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भीमसेन सच्चर –
- पूरा नाम (Name): भीमसेन सच्चर
- जन्म (Birthday): 1 दिसंबर 1894 को पेशावर, पाकिस्तान
- मृत्यु (Death): 18 जनवरी 1978
- शिक्षा: बीए और एलएलबी
- कार्य: भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, राजनेता, वकील
भीमसेन सच्चर ने गुलामी का दंश झेल रहे भारत को आजाद करवाने के लिए काफी प्रयास किए थे । उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी निभाई थी। आपको बता दें कि वे सबसे कम उम्र में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल होने वाले राजनेता थे। इसके अलावा वे पंजाब के दो बार मुख्यमंत्री भी रह चुके थे।
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आचार्य कृपलानी –
- पूरा नाम (Name): आचार्य जीवतराम भगवानदास कृपलानी
- अन्य नाम (Name): आचार्य कृपलानी
- जन्म (Birthday): 11 नवम्बर, 1888, हैदराबाद
- मृत्यु (Death): 19 मार्च, 1982
- पिता: काका भगवान दास
- पत्नी का नाम (Wife Name): सुचेता कृपलानी
- प्रसिद्धि: स्वतंत्रता सेनानी और राजनीतिज्ञ
- पार्टी: कांग्रेस, किसान मज़दूर प्रजा पार्टी
महात्मा गांधी जी के काफी करीबी माने जाने वाले आचार्य कृपलानी भारत के प्रसिद्ध राजनेता और महान स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे, जिन्होंने भारत को गुलामी से मुक्त दिलवाने के लिए अथक प्रयास किए थे, और स्वतंत्रता संग्राम में अपनी भागीदारी निभाई थी।
आपको बता दें कि उन्होंने एक शिक्षक के तौर पर भी काफी ख्याति बटोरी थी, इसके अलावा वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मंत्री भी रह चुके थे।
पुरी जीवनी पढ़ने के लिए यहाँ क्लीक करे – Acharya Kripalani
अरुणा आसफ़ अली –
- पूरा नाम (Name): अरुणा आसफ़ अली
- जन्म (Birthday): 16 जुलाई 1909, कालका ग्राम, पंजाब
- माता/पिता: उपेन्द्रनाथ गांगुली/अम्बालिका देवी
- पत्नी का नाम (Wife Name): आसफ़ अली
- कार्य: स्वतंत्रता सेनानी
- आंदोलन: भारत छोड़ो आंदोलन में भूमिका
भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में अरुणा आसफ अली ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी। उन्होंने महात्मा गांधी जी के भारत छोड़ो आंदोलन में अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी निभाई थी। इस आंदोलन के दौरान मुंबई के गोवालीय मैदान में कांग्रेस का झंडा फहराकर उन्होंने अपने अदम्य साहस का परिचय दिया था।
अरुणा आसफ अली ने दिल्ली के पहले मेयर बनने का गौरव भी हासिल किया था, इसके अलावा उन्होंने एक मीडिया पब्लिशिंग हाउस की नींव रखी थी। वहीं भारतीय समाज में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए उन्हें भारत रत्न समेत तमाम पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया था।
पुरी जीवनी पढ़ने के लिए यहाँ क्लीक करे – Aruna Asaf Ali
जतिन्द्र मोहन सेनगुप्त –
- नाम (Name): जतिन्द्र मोहन सेनगुप्त
- जन्म (Birthday): 22 फरवरी 1885, चिट्टागोंग जिला, बरमा, ब्रिटिश भारत
- पिताजी: मोहन सेनगुप्त, वकील
- कार्य: क्रांतिकारी, भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, राजनीतिज्ञ, वकील
- मृत्यु (Death): 23 जुलाई, 1933
जतिन्द्र सेन गुप्ता की गिनती भी भारत के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी में होती है। वे एक ऐसे क्रांतिकारी थे, जिन्होंने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ लड़ने का साहस भरा था। वे अंग्रेजी शासकों को फूटी आंखों भी नहीं सुहाते थे। जतिन्द्र सेन ने एक सच्चे देशप्रेमी थे, जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान ऐसे क्रांतिकारियों के मामलों की वकालत की थी, जिन्हें गैरबुनियाद आरोपों के तहत जेल में बंद कर दिया गया था।
इसके अलावा वे राजनीति में भी काफी सक्रिय रहते थे, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी से जुड़कर उन्होंने देश को आजाद करवाने के लिए अथक प्रयास किए थे और असहकार आंदोलन में भी अपना महत्वपूर्ण रोल अदा किया था।
पुरी जीवनी पढ़ने के लिए यहाँ क्लीक करे – Jatindra Mohan Sengupta
मदनमोहन मालवीय –
- जन्म (Birthday): 25 दिसंबर 1861 (इलाहाबाद)
- मृत्यु (Death): 2 नवंबर 1946 (वाराणसी)
- माता/पिता का नाम (Father Name): मूना देवी/ बृजनाथ
- पत्नी का नाम (Wife Name): कुंदन देवी
- संतान: 4 बेटे,2 बेटियां
- पेशा: राजनेता, स्वतंत्रता सेनानी और शिक्षाविद
एक स्वतंत्र, विकसित और आत्मनिर्भर भारत का सपना देखने वाले मदन मोहन मालवीय की गिनती भारत के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों में होती है।उन्होंने भारत को ब्रिटिश हुकूमत से आजादी दिलवाने के लिए अपने पूरे जीवन भर संघर्ष किया और भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इसके अलावा उन्होंने महात्मा गांधी के साथ गोल मेज सम्मेलन में हिस्सा लिया था। एक स्वतंत्रता सेनानी होने के साथ-साथ वे एक महान शिक्षाविद और प्रख्यात समाज सुधारक भी थे। उन्होंने शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए बनारस हिंदू विश्विद्यालय की भी नींव रखी थी। इसके अलावा उन्होंने समाज की भलाई के लिए भी कई काम किए थे।
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नेली सेनगुप्त –
- जन्म (Birthday): 1 दिसम्बर 1886 कैम्ब्रिज नगर, इंग्लैण्ड
- मृत्यु (Death): 23 अक्टूबर 1973, कलकत्ता
- माता/ पिता: एडिथ होनरीटा/ग्रेफ्रेडरिक
- पति: यतीन्द्र मोहन
- कार्य: भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, राजनीतिज्ञ
- आंदोलन: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम, असहयोग आंदोलन
अपनी पूरी जिंदगी देश की सेवा के लिए समर्पित करने वाली, नेली सेनगुप्त भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की मुख्य नायिका के तौर पर उभरी थी।
एक सच्चे देशप्रेमी की तरह उन्होंने अपने भारत देश को अंग्रेजों के चंगुल से आजाद करवाने के लिए, निर्भीकता और साहस के साथ अंग्रेजों के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की थी।
इसके साथ ही उन्होंने महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन में भी अपनी सक्रिय भागदीरी निभाई थी, साथ ही स्वदेशी वस्तुओं के इस्तेमाल के लिए लोगों को प्रेरित किया और विदेशी वस्तुओं का उन्होंने पूर्ण रूप से बहिष्कार किया था। इसके अलावा वे राजनीति में भी काफी एक्टिव थी।
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पंडित बालकृष्ण शर्मा –
- नाम (Name): पंडित बालकृष्ण शर्मा
- जन्म (Birthday): 8 दिसंबर 1897
- प्रसिद्धि: स्वतंत्रता सेनानी,कवि, राजनीतिज्ञ, दार्शनिक, पत्रकार
- आंदोलन: असहयोग आंदोलन
पंडित बालकृष्ण शर्मा एक सच्चे वीर सपूत और महान स्वतंत्रता सेनानी थे, जिनके रोम-रोम में देशभक्ति की भावना निहित थी और जिनके जीवन का एकमात्र लक्ष्य भारत देश को आजाद करवाना था।
बालकृष्ण शर्मा ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान गांधी जी के असहयोग आंदोलन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, वहीं इसके लिए उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा था। आपको बता दें कि वे एक भारतीय कवि, महान दार्शनिक और प्रख्यात राजनीतिज्ञ थे। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में दिए गए उनके योगदान को आज भी याद किया जाता है।
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पुष्पलता दास –
- नाम (Name): पुष्पलता दास
- जन्म (Birthday): 27 मार्च साल, 1915, उत्तर लखीमपुर, असम
- कार्य: स्वतंत्रता सेनानी, सामाजिक कार्यकर्ता
- आंदोलन: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम, सत्याग्रह
- मृत्यु (Death): 9 नवंबर, 2003
पुष्पलता दास भी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान एक प्रमुख नायिका के तौर पर उभरी थी,जिन्होंने क्रांतिकारी भगत सिंह की फांसी की सजा के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की थी, साथ ही सत्याग्रह आंदोलन में अपनी सक्रिय भागीदारी निभाई थी। भारत की राष्ट्रीय आंदोलन के दौरान उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा था। इसके अलावा उन्होंने स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने पर भी काफी जोर दिया था।
पुरी जीवनी पढ़ने के लिए यहाँ क्लीक करे – Puspa Lata Das
सागरमल गोपा –
- जन्म (Birthday): 3 नवम्बर 1900
- मृत्यु (Death): 4 अप्रैल 1946
- आंदोलन: असहयोग आंदोलन
सागरमल गोपा, भारत के एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी और सच्चे देशभक्त थे, जिन्होंने भारत को आजादी दिलवाने के उद्देश्य से ब्रिटिश शासकों का जमकर विरोध किया और उनकी दमनकारी नीतियों का बहिष्कार किया था। इसके अलावा उन्होंने गांधी जी के नेतृत्व में भारत के असहयोग आंदोलन में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी।
पुरी जीवनी पढ़ने के लिए यहाँ क्लीक करे – Sagarmal Gopa
IN SAB KE GURU DR BHEEM RAO AMBEDKAR JI HAI ISLIYE INKA NAAM BHOOL GAYE HO
Very Nice information about Freedom fighters of India.
Wow this is very interesting collection.
Bahadur Shah Zafar 2 is also a freedom fighter in1857 rebillion. But there in no name in the list of freedom fighter . As he inspired people to come forward and organised to fight with the Britishers.
Inhe kaise bhool sakte hai Tipu Sultan ko jinhone sabse pehli jung e azad ki ladai ladi thi. Jab ye mar gaye the british saina ne inhi salami di thi
Shoaib Malik sir,
Ham apase mafi chahate hain iss list me bahut se naam chhut gaye hain. jo dhire-dhire add kar rahe hain. agar or bhi kuch swatatrata senani vo ke naam apako pata hain to kripaya yaha par share kare. ham puri koshish karenge post ko update karne ki.. lekin iss kaam me hame aap logo ka sath chahiye.. apaka bahut bahut dhanyawad.