गर्मियों की छुट्टियों पर निबंध – Essay on Summer Vacation in Hindi

गर्मियों की छुट्टियों निबंध नंबर 4 (600 शब्द) – Essay on Summer Vacation No. 4 (600 Word)

गर्मियों की छुट्टियों का इंतजार स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को साल भर रहता है और इसकी प्लानिंग बच्चे पहले से ही कर लेते हैं। कई अपने परिवार और दोस्तों के साथ पहाड़ी इलाके में जाने का प्लान बनाते हैं तो कई अपने दादा-नानी या फिर किसी रिश्तेदार के यहां जाने की योजना बनाते हैं।

वहीं गर्मियों की छुट्टियां काफी लंबी होती है, इसलिए बच्चे इस मौके पर कई अलग-अलग तरह की एक्टिविटी भी सीखने की कोशिश करते हैं। आपको बता दें कि यह निबंध गर्मियों की छुट्टियों में उत्तराखंड की यात्रा का लुफ्त उठाने पर आधारित है –

यह निबंध रमेश (बदला हुआ नाम) की उत्तराखंड यात्रा पर आधारित है –

मै (रमेश) अपने परिवार के साथ गर्मियों की छुट्टियां व्यतीत करने नैनीताल गया। जहां मै अपने एक रिश्तेदार के यहां रुका और अपनी गर्मियों की छुट्टी मौज-मस्ती करते गुए बिताईं। होम वर्क नहीं करने की खुशी, पेरेंट्स का पढा़ई का प्रेशर या फिर एग्जाम का बोझ को भूलकर मै बहुत खुश था।

और इसके साथ नैनीताल का टूर मानो सोने पर सुहागा। मैने अपनी गर्मियों की छुट्टी के करीब 20 दिन नैनीताल में अपनी बुआ के यहां अपने मम्मी-पापा और अपने बुआ के बच्चों के साथ व्यतीत किए। जो कि मेरे सबसे खास पलों में से एक है।

यह यात्रा करीब 15 दिनों की थी। मैने अपनी यह यात्रा दिल्ली से नैनीताल तक ट्रेन से की औऱ अपनी इस यात्रा के दौरान मैने अपने मम्मी-पापा के साथ ट्रेन में भेलपुरी, पूरी आलू का आनंद लिया। इसके अलावा मैने अपने भाई-बहन और मम्मी-पापा के साथ ढेर सारी पिक्चर्स क्लिक की, ताकि मै अपनी इस यात्रा के खास पलों को यादगार बना सकूं और इन लम्हों को हमेशा अपने पास रख सकूं।

इसके बाद जब मै अपने बुआ के घर पहुंचा, तो उन्होंने मेरे लिए मेरी पसंद का मैगोशेक बनाया, जिसे पीकर मुझे काफी अच्छा लगा। इसके अलावा उन्होंने मेरी मनपसंद राजमा, चावल बनाए यही सिलसिला मेरे नैनीताल की पूरी यात्रा के दौरान चलता रहा।

रोज-रोज बुआ मेरा मनपसंद खाना बनाती और शाम के वक्त मुझे घुमाने ले जाती और मै उनके अपने चचेरे भाई-बहनों के साथ बास्केट बॉल, फुटबॉल कबड्डी, खो-खो जैसे खेल खेलता।

वहीं एक दिन मै अपने भाई-बहनों के साथ नैनी झील और वॉटर फॉल देखने गया। जहां जाकर मुझे बेहद अच्छा लगा और मै हमेशा अपने खाली वक्त में यहां आना पसंद करूंगा। नैनी झील में मैने अपने मां-पापा के साथ बोटिंग भी की, जिसे कर मुझे काफी मजा आया, यहां का दृश्य मानो मुझे काफी मोहित कर रहा था, चारों तरफ हरियाली और नैनी झील की खूबसूरती देख मैने बहुत सारी पिक्चर्स क्लिक की और इसके बाद मैने आइसक्रीम खाई और शिकंजी भी पी।

मैने अपने नैनीताल के ट्रिप के दौरान वहां की संस्कृति से भी सीखने की कोशिश की, इस दौरान मै कई अलग-अलग धर्मों के लोगों से भी मिला, जिनसे मैने उनके धर्म और संस्कृति के बारे में खुलकर बात की और अपने विचार भी साझा किए।

नैनीताल के ट्रिप से मै बेहद खुश हूं, क्योंकि इस ट्रिप ने मेरी गर्मियों की छुट्टियों का मजा दोगुना कर दिया और मुझे इससे काफी कुछ सीखने को भी मिला। मुझे लगता है कि यह छुट्टियां अभी तक कि मेरी सभी छुट्टियों में से बेस्ट थी।

इन छुट्टियों से मै पूरी तरह संतुष्ट हूं और बेहद खुश भी हूं। मुझे अपनी छुट्टियों के दौरान अपने सभी परिवारजनों और रिश्तेदारों से मिलने का मौका मिला, इस दौरान मैने अपने मनपसंद फल खाए, तैराकी की, अपने मनपसंद खेल खेले और नैनीताल में होने वाले कुछ मौसमी फलों का भी लुफ्त उठाया।

इतने सारे सुखद पलों का अनुभव रहा कि मेरी आंतरिक आत्मा पूरी तरह से संतुष्ट हो गई और फिर जब मै अपने ट्रिप से वापस लौटा तो मैने फ्रेश मूड के साथ अपने समर वेकेशन प्रोजेक्ट पर काम किया और अपनी बड़ी बहन की मद्द से समर वेकेशन का अपना होम वर्क पूरा किया।

इस तरह मेरी पूरी गर्मियों की छुट्टियां खुशीपूर्वक बीती और अब स्कूल खुलने वाले थे, जिसको लेकर अब मेरे मन में पॉजिटिव फीलिंग आ रही थी, ऐसा लग रहा था मानो इन छुट्टियों से मुझे अपनी 1 साल तक तक की पढ़ाई के लिए एनर्जी मिल गई हो। अब मै पूरी तरह से फिट और अच्छा महसूस कर रहा हूं।

धन्यवाद।

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