गर्मियों की छुट्टियों निबंध नंबर 3- (500 शब्द) – Essay on Summer Vacation No.3 (500 Word)
यूं तो कभी त्योहारों पर या फिर विेशेष अवसरों पर तो छुट्टियां मिलती रहती हैं, लेकिन सप्ताहिक अवकाश या फिर त्योहारों पर मिले अवकाश में सिर्फ थकान मिटा सकते हैं और फिर दूसरे दिन वही दिनचर्या स्कूल के लिए सुबह जल्दी उठना, बैग रेडी करना, होमवर्क करना, ट्यूशन पढ़ना, प्रोजक्ट कम्लीट करना और इसके अलावा पढ़ाई के बोझ के अलावा पेरेट्स का अच्छे अंक लाने का प्रेशर रहना पूरे साल इसी दिनचर्या से मन ऊब जाता है और इस शेड्यूल से कुछ अलग करने का मन करता है जैसे कि अपने पसंद की डांस क्लासेस, स्पोर्ट्स क्लब ज्वाइन करना आदि।
और इन सबके लिए सबसे बेस्ट समय होता है गर्मियों की छुट्टियां, क्योंकि यह काफी लंबे समय के लिए होती हैं और इसी दौरान बच्चों को अन्य क्षेत्र में खुद को विकसित करने का मौका मिलता है।
इस बार गर्मियों की छुट्टियों को लेकर मैने(रमेश) अपने भाई के साथ कई प्लान बनाए थे, जैसे कि रोज सुबह क्रिकेट खेलना, फिर दोपहर में आइसक्रीम खाना, मैंगोशेक पीना और तरबूज खाना और फिर शाम को ताइक्वांडो क्लास करना और पार्क में बैठकर अपने दोस्तों से मिलना आदि, इसके अलावा मेरे मम्मी-पापा ने मेरे और मेरे भाई के लिए गोवा का ट्रिप प्लान किया था, जहां जाकर मुझे बेहद अच्छा लगा और यह गर्मियों की छुट्टियां मानो मेरी अब तक की छुट्टियों में बेस्ट थी।
क्योंकि गोवा के ट्रिप के दौरान मैने अपने मम्मी-पापा और भाई के साथ समुद्र के लहरों के बीच जमकर मौज-मस्ती की। इन लम्हों को यादगार बनाने के लिए ढेर सारी पिक्चर्स क्लिक की इसके साथ ही मैने अपने परिवार वालों के साथ मनोरंजन के लिए वॉटर स्पोर्ट्स भी किए, जिन्हें कर मुझे बेहद अच्छा लगा, ऐसा लगा कि मानो मै कोई अलग दुनिया में आ गया हूं।
वहां मैने पैराग्लाइडिंग की, डोलफिन देखी और स्पीड वोट पर पहले तो मुझे थोड़ा सा डर लगा लेकिन फिर मुझे बहुत मजा आया, ऐसा अनुभव मैने पहली बार किया। यही नहीं समुद्र के पास मैने अपना पसंदीदा बर्गर और कोल्ड ड्रिंक भी पी।
मै इस दौरान अपनी पढ़ाई की सारी टेंशन को भूलकर सिर्फ मौज-मस्ती के मूड में था। इस दौरान मैने कई अलग-अलग देश के लोगों और अलग-अलग धर्मों के लोगों से भी बातचीत की, डांस किया और अपनी मम्मी-पापा के साथ गोवा में पन्जिम बीच में क्रूज का आनंद लिया।
6 घंटे के इस क्रूज में मेरे हर एक सेकेंड का अनुभव बेहद अच्छा था, मेरे अंदर इस दौरान कई सकारात्मक विचार आ रहे थे और मेरे अंदर नई ऊर्जा का संचार भी हो रहा था। यह सब मुझे बेहद अच्छा लग रहा था। इस ट्रिप के 5 दिन कैसे बीत गए मुझे पता ही नहीं चला।
इसके बाद जब मैं अपने इस ट्रिप से वापस लौटा तो मै दिल्ली में अपनी नानी के यहां 4 दिन रूका जहां मैने उन्हें अपने इस ट्रिप के अनुभव को बताया और नानी के हाथों का स्वादिष्ट खाना खाया, नानी ने मुझे गिफ्ट में एक नोवेल और क्रिकेट किट भी दी है, जो कि मुझे बेहद अच्छी लगी।
यह छुट्टियां मेरी अभी तक की सबसे अच्छी छुट्टियों में से एक थी। इसके बाद वापस घर लौटकर मैने अपना प्रोजक्ट वर्क खत्म किया। आपको बता दूं कि मै इस बार की अपनी छुट्टियों से बेहद खुश और संतुष्ट हूं।