गर्मियों की छुट्टियों निबंध नंबर 2- (400 शब्द) – Essay on Summer Vacation No.2 (400 Word)
करीब डेढ़ महीने की लंबी छुट्टियां यानि की गर्मियों की छुट्टियां जिसका हर बच्चे को पूरी साल बेस्रबी से इंतजार रहता है, एनुअल एग्जाम खत्म होने के बाद लगने वाली गर्मियों की छुट्टियों की प्लानिंग, बच्चे कई दिन पहले से ही करने लग जाते हैं।
स्कूल की आखिरी घंटी बजने पर खुश होने वाले बच्चों के लिए यह समय काफी सुखद और अच्छा होता है। गर्मियों की छुट्टियां स्कूल में साल भर एक जैसा रूटीन और होम वर्क करने की टेंशन से छुटकारा मिलने का समय होता है, जिसका हर कोई आनंद उठाना चाहता है।
यही वजह है कि गर्मियों के दौरान बच्चों के लिए कई स्पोर्ट्स कैम्प, और एजुकेशनल कैम्प भी आयोजित करवाए जाते हैं। इसके अलावा बच्चों के माइंड को विकसित करने के लिए कई तरह की एक्टिविटीज भी करवाई जाती हैं।
ताकि बच्चों का शारीरिक और मानिसक तौर पर अच्छी तरह से विकास हो सके। इसके अलावा कई बच्चे जो गणित, अंग्रेजी या फिर किसी अन्य विषय पर कमजोर होते हैं, उनके लिए गर्मियों की छुट्टियों का समय बेहद कीमती होता है, क्योंकि वह इसी दौरान अपने कमजोर विषयों को अच्छे से रिकवर कर सकते हैं।
इसके अलावा बच्चों के ढेर सारे प्लान होते हैं, जैसे कि कोई ट्रिप की योजना बनाता है या फिर कोई गर्मियों की छुट्टियों में सेल्फ डिफेंस जैसे ताइक्वांडो आदि की क्लासेस ज्वाइन करता है, कुल मिलाकर गर्मियों की छुट्टियां का मकसद बच्चों को तपती धूप से बचाना यानि की स्वस्थ रखना और उन्हें पढ़ाई के अलावा भी अन्य चीजों में परिपक्व बनाना होता है।
इसके साथ ही गर्मियों की छुट्टियों में बच्चों को पढ़ाई के अलावा अन्य क्षेत्रों में अपने ज्ञान और कौशल को बढ़ाने का मौका मिलता है, जिससे कि उन्हें मल्टीराउंडर बनने में भी मद्द मिलती है। इसके अलावा बच्चों को इस दौरान बच्चों को अपनी दादी-नानी के घर जाकर उनके साथ वक्त बिताने का भी मौका मिलता है, क्योंकि पूरे साल तो बच्चे अपने स्कूल, ट्यूशन की पढ़ाई में ही व्यस्त रहते हैं।
गर्मी की छुट्टियां बच्चों की भावनाओं से भी जुड़ी रहती हैं, इस दौरान वे खुलकर मस्ती करते हैं और खुद को और बेहतर बनाने की कोशिश करते हैं। यह समय हर बच्चे के जिंदगी में खुशियों से भरा होता है, क्योंकि ज्यादातर पेरेट्स अपने बच्चों की गर्मियों की छुट्टियों को खास बनाने की कोशिश करते हैं ताकि बच्चे हर क्षेत्र में आगे बढ़ सके और उनका बेहतर तरीके से विकास हो सके।
और आगे आने वाले साल की पढ़ाई के लिए वह पूरे जोश, उत्साह और नई ऊर्जा के साथ एडमिशन लेकर उसमें बेहतर कर सकें और खुद की प्रतिभा का लोहा मनवा सकें।