Mahadevi Verma Books
सन 1907 में उत्तरप्रदेश फर्रूखाबाद में जन्मीं महादेवी वर्मा जी हिन्दी साहित्य के सुविख्यात लेखिका एवं प्रसिद्ध कवियित्री थी, जिन्हें हिंदी साहित्य में छायावाद युग के 4 महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक माना जाता है।
महादेवी वर्मा जी ने अपनी पहचान एक अच्छी गद्य लेखिका और चित्रकार के रुप में भी कायम की थी। इसके अलावा उन्हें हिन्दी साहित्य में रेखाचित्रों, संस्मरण और उत्कृष्ट निबंधों के लिए भी जाना जाना था। हिंदी साहित्य में उनको आधुनिक युग की “मीरा” का दर्जा दिया गया था।
आइए जानते हैं महादेवी वर्मा जी की मशहूर किताबों के बारे में – Mahadevi Verma Books in Hindi
हिन्दी साहित्य में एक विशिष्ट स्थान रखने वाली महादेवी वर्मा जी एक प्रसिद्ध कवियित्री होने के साथ-साथ एक बेहतरीन और कुशल समाज सुधारक भी थीं।
महादेवी वर्मा जी ने अपनी कुछ रचनाओं में भारतीय समाज में महिलाओं की दशा और उनके प्रति लोगों की तुच्छ मानसिकता एवं उनके शोषण के दर्द का बेहद गहराई से वर्णन किया है।
महादेवी वर्मा जी रचनाएं पाठकों को शुरु से आखिरी तक उनसे बांधे रखती हैं और सकारात्मक भाव पैदा करती है। दरअसल, महादेवी जी अपनी कृतियों में अनुकूल शब्दों का इस्तेमाल कर बेहद आसान भाषा में लिखती थीं, जिससे पाठकों को उनकी रचनाएं बेहद पसंद आती थीं।
महादेवी जी की रचनाओं में हिंदी के साथ-साथ संस्कृत और बंग्ला के शब्दों का भी बखूबी इस्तेमाल किया गया है।
महादेवी जी की बेहतरीन लेखन कौशल की तारीफ हिन्दी साहित्य के सुप्रसिद्ध कवि सूर्यकान्त त्रिपाठी “निराला” जी ने भी की थी। उन्होंने महादेवी जी को हिंदी साहित्य की “सरस्वती” की संज्ञा दी थी –
महादेवी वर्मा ने हिन्दी पद्य में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया, उनकी हिन्दी पद्य की कुछ प्रसिद्ध कवितायेँ इस प्रकार हैं – Mahadevi Verma Poems
- दीपशिखा (1942)- महादेवी जी की इस रचना में करीब 51 कविताएं शामिल हैं।
- अग्निरेखा (1990)
- प्रथम आयाम (1974)
- सप्तपर्णा (अनूदित-1959)
- सांध्यगीत (1936)
- नीरजा (1934)
- रश्मि (1931)
- नीहार (1930)
गद्य साहित्य में भी महादेवी वर्मा जी ने अपनी एक उत्कृष्ट पहचान बनाई, उनके द्वारा रचित कृतियाँ, जिन्हें पढ़कर आपको परम सुख की अनुभूति होगी इस प्रकार हैं – Mahadevi Verma Books
- संस्मरण – संस्मरण (1983), मेरा परिवार (1972) और पथ के साथी (1956)
- रेखाचित्र – स्मृति की रेखाएं (1943) और अतीत के चलचित्र (1941)
- निबंध – संकल्पिता (1969), साहित्यकार की आस्था तथा अन्य निबंध (1962), विवेचनात्मक गद्य (1942) और शृंखला की कड़ियाँ (1942),
- ललित निबंध – क्षणदा (1956)
- प्रसिद्ध कहानियाँ – गिल्लू
- चयनित भाषणों का संकलन – संभाषण (1974)
- संस्मरण, रेखाचित्र और निबंधों का संग्रह – हिमालय (1963)
महादेवी वर्मा जी ने बाल साहित्य में भी अपनी एक अलग पहचान बनाई हैं। उनकी बाल रचनाओं में उनके बचपन के भाव अच्छी तरह झलकता है। बाल साहित्य की कुछ उनकी रचनाएं इस प्रकार हैं –
- आज खरीदेंगे हम ज्वाला
- ठाकुर जी भोले हैं
इसके अलावा महादेवी वर्मा जी ने महिलाओं की विशेष पत्रिका “चाँद” को भी संपादित किया।
महादेवी जी ने हिन्दी साहित्य में अपना अमूल्य योगदान दिया और अपनी उत्कृष्ट रचनाओं के माध्यम से हिन्दी साहित्य में अपनी एक अलग पहचान बनाईं थी।
वहीं साहित्य में उनके द्धारा दिए गए अमूल्य योगदान के लिए उन्हें साल 1988 में मरणोपरांत भारत सरकार ने पदम विभूषण की उपाधि से भी सम्मानित किया था।
वहीं भले ही आज महादेवी जी हमारे बीच जिंदा नहीं है, लेकिन अपनी खूबसूरत कृतियों के माध्यम से वे हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेंगी। वहीं महादेवी जी की गणना हिन्दी साहित्य के उच्च एवं आदर्श कवियों में आज भी होती है।
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Please Note: महादेवी वर्मा के द्वारा लिखी गईं किताबें – Mahadevi Verma Books in Hindi इस लेख में कुछ चुनिन्दा किताबे यहाँ दी है। पर ये किताबे आपको उतनाही पसंद आयेगी इसका कोई दावा हम नहीं करते। ये लेख मात्र Books के बारे में जानकारी देने हेतु है। पर एक बात साथ में ये भी बता दे की Book पर खर्च किये पैसे कभी भी बर्बाद नहीं होते।
नोट: अगर आपके पास और भी अच्छे किताबों के बारे में जानकारी है तो जरुर कमेंट में बताये अच्छे लगने पर हम उन्हें Mahadevi Verma Books in Hindi इस Article में जरुर शामिल करेगें।