Yusuf Pathan – युसूफ पठान भारतीय क्रिकेट संघ के एक ताकदवर आक्रामक दाये हाथ के बल्लेबाज है। युसूफ पठान एक भारतीय क्रिकेट खिलाडी है। पठान ने अपना प्रथम श्रेणी क्रिकेट का पहला मैच 2001/02 में खेला।
भारतीय क्रिकेट खिलाडी युसूफ पठान – Yusuf Pathan Biography
युसूफ पठान का जनम बरोदा (गुजरात) में 17 नवम्बर 1982 को हुआ। युसूफ ने मुंबई स्थित फिजियोथेरेपिस्ट अफरीन से शादी कर ली और इन्हें एक लड़का है। इनका छोटा भाई इरफ़ान पठान भी एक भारतीय क्रिकेटर है।
युसूफ पठान का करियर – Yusuf Pathan Career
2007 के दक्षिण अफ्रीका में खेले जाने वाले उद्घाटन टी 20 विश्व चैंपियनशिप के लिए युसूफ पठान को भारतीय संघ का हिस्सा बनाया गया था और इन्होने अपना पहला अंतर्राष्ट्रीय टी 20 मुकाबला पाकिस्तान के विरुद्ध फाइनल मैच में खेला था। इस मैच में इन्होने भारतीय संघ की बल्लेबाजी की शुरुवात की और इस दौरान संघ के लिए 15 रन बनाए।
इनके आई पी एल के शानदार प्रदर्शन के आधार पर भारत के एकदिवसीय संघ के लिए इनका चयन हुआ। आई पी एल के बाद, जबकि ये किटप्ले कप और एशिया कप में सभी मुकाबले खेलने के बाद भी, इन्हें केवल चार बार बल्लेबाजी करने का मौका मिला और ये अपने बल्ले और गेंद से ज्यादा कुछ खास नहीं कर सके।
उसके बाद हुई श्रीलंका के खिलाफ की श्रुंखला में इन्हें स्थान नहीं मिला। इन्होने घरेलु मेचो में अच्छा प्रदर्शन किया और चयनकर्ताओ को प्रभावित कर नवम्बर में होनेवाली इंग्लैंड के खिलाफ ओ डी आई शृंखला में अपने लिए जगह बना ली।
इन्होने अपने 26 वे जनम दिवसपर इंग्लैंड के विरुद्ध खेले गए दुसरे ओ डी आई में केवल 29 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया।
10 जून 2008 को इन्होने अपना पहला एकदिवसीय मुकाबला पाकिस्तान के खिलाफ ढाका में खेला।
2010 की दुलीप ट्राफी के अंतिम मुकाबले में पठान ने पहले पारी में शतक बनाया और दूसरी पारी में दोहरा शतक बनाया जिसके चलते इनका संघ पश्चिम जोन को दक्षिण ज़ोन की संघ पर तीन विकेट से जीत मिल पाई।
पठान ने पहली पारी में 108 रन बनाए और दूसरी पारी में 190 गेंदों में नाबाद 210 रन बनाए जिसकी वजह से इनका संघ 536 रनों के एक बड़े लक्ष्य का पीछा कर सका।
प्रथम श्रेणी क्रिकेट के इतिहास में ये एक सर्वाधिक सफ़ल रनों का पीछा करने का विश्व विक्रम बन गया।
7 दिसंबर 2010 को पठान की शक्तिशाली बल्लेबाजी के कारण भारत को एक 5 विकेट की यादगार जीत पर मुहर लग पाई।
पठान ने अपने आक्रामक पारी के साथ न्यू ज़ीलैण्ड की आक्रामक पारी को झुकाया और सौरभ तिवारी के साथ मिलकर साझेदारी में 133 रन बनाए, जिसमे 96 गेंदों में उनके नाबाद 123 रन शामिल थे। इस 316 रन के बड़े लक्ष्य को मैच के 7 गेंद समाप्त होने से पूर्व ही मुकाबला जीत लिया श्रुंखला में मेजबान संघ को 4-0 की बढ़त दी।
इसके लिए इन्हें मन ऑफ़ द मैच से सम्मानित किया गया। इस अष्टपैलू खिलाडी ने 7 चौके और 7 छक्को की मदत से अपना पहला शतक बनाकर मेजबान संघ को दिए गए न्यू ज़ीलैण्ड के 315-7 का बड़ा लक्ष्य बेंगलोर के चिन्नास्वामी मैदान पर 7 गेंदे शेष रहते ही जीत लिया।
2011 के विश्व कप के पहले, दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ एम टी एन ओ डी आई श्रुंखला में प्रिटोरिया में खेले गए एक मुकाबले में शानदार प्रदर्शन करके केवल 70 गेंदों में 105 रन बनाए(8 चौके और 8 छक्के)।
भारत वो मैच हारा जरुर लेकिन इनके बेहतरीन प्रदर्शन की सभीने तारीफ की। इस मैच में इन्होने 68 गेंदों में अपना शतक पूरा किया। ऐसा तेज शतक बनाने वाले वो 6 वे भारतीय खिलाडी थे और देश के बाहर ऐसा तेज शतक करनेवाले वो दुसरे भारतीय बल्लेबाज थे। इस शानदार प्रदर्शन के आधार पर 2011 के विश्व कप में इन्होने जगह बना ली।
2010 के आई पी एल में इन्होने मुंबई इंडियन्स के विरुद्ध केवल 37 गेंदों में शतक पूरा किया। युसूफ विश्व कप में कुछ अच्छा नहीं कर पाए लेकिन उनके पास विजेता का पदक था और विश्व कप के साथ होने का सम्मान था।
बांग्लादेश में होने वाले 2012 के एशिया कप के लिए इन्हें भारतीय संघ में लिया गया। नैरोबी-केनिया त्रिकोणीय श्रुंखला में युसूफ पठान बरोदा की तरफ़ से खेलते नजर आये वो भी गुजरात संघ और अंतर्राष्ट्रीय केनिया के खिलाफ।
एक प्रशंसक ने युसूफ की तारीफ करते हुए कहा की, “सचिन तेंदुलकर के बाद युसूफ ही क्रिकेट के नंबर एक खिलाडी है।”
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