Women’s Day Speech in Hindi
आज हर क्षेत्र में महिलाएं पुरुषों से कंधा से कंधा मिलाकर चल रही हैं, दुनिया का कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं है जहां महिलाएं, पुरुषों से कम हों।
आज महिलाएं पूरी तरह आत्मनिर्भर और सक्षम हैं। महिलाओं ने आज हर क्षेत्र में खुद को बेहतर साबित किया है और अपनी प्रतिभा का लोहा न सिर्फ देश में बल्कि विदेश में भी मनवाया है, इसलिए महिलाओं के सम्मान और सराहना करने के लिए हर 8 मार्च को हर साल अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के रुप में मनाया जाता है।
इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को उनके अधिकारों और शक्ति का एहसास करवाना, समाज में महिलाओं के प्रति तुच्छ मानसिकता को बदलाना, महिलाओं की शिक्षा और विकास को बढ़ावा देना एवं समाज में उत्कृष्ट काम करने वाले महिलाओं का मनोबल बढ़ाना एवं महिलाओं के प्रति सम्मान की भावना पैदा करना है।
अंतराष्ट्रीय महिला दिवस को पूरे विश्व में धूमधाम से मनाया जाता है। इस मौके पर स्कूल, कॉलेज और संस्थानों में कई तरह के प्रोग्राम्स भी आयोजित करवाए जाते हैं, जिसमें आपको जिसमें महिलाओं की उपलब्धियों की सराहना करने और उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए महिला दिवस पर भाषण देने का मौका मिल सकता है।
वहीं यह भाषण देने का अवसर आपको भी प्राप्त हो सकता है, इसलिए आज हम आपको अंतराष्ट्रीय महिला दिवस पर शानदार भाषण उपलब्ध करवा रहे हैं, जिसका इस्तेमाल आप ऐसे मौके पर कर सकते हैं, तो आइए जानते हैं-
महिला दिवस पर भाषण – Women’s Day Speech in Hindi
महिला दिवस पर छात्र / छात्रा द्धारा दिए जाने वाला भाषण – Women’s Day Speech for Students
मै …। आप सभी को अंतराष्ट्रीय महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देती हूं। सम्मानित मुख्य अतिथि, सभी महामहिम और यहां मौजूद सभी माताएं-बहनों और साथियों सभी को मेरा नमस्कार।
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि आज अंतराष्ट्रीय महिला दिवस – International Women’s Day है।
इसलिए इस मौके पर हमारी संस्था की तरफ से हर साल की तरह इस बार भी महिलाओं के सम्मान करने और उनका हौसला अफजाई करने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, वहीं मुझे बेहद खुशी हो रही है कि मुझे अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर बोलने का अवसर प्राप्त हुआ है।
इस मौके पर मै सबसे पहले उन महिलाओं की सराहना करती हूं, जिन्होंने अपनी प्रतिभा और हुनर का प्रदर्शन पूरी दुनिया के सामने किया और दूसरी महिलाओं के अंदर आगे बढ़ने के लिए नया जोश भरा और एक नई ऊर्जा का संचार किया।
समाज में महिलाओं के प्रति फैली असामनता को दूर करने, महिलाओं की शिक्षा और विकास पर जोर देने, उन्हें उनके अधिकार दिलवाने और अपनी शक्ति का एहसास करवाने समेत उनके अंदर आत्मनिर्भर बनने का भाव पैदा करने के मकसद से हर साल 8 मार्च को अंतराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है।
इस मौके पर पूरी दुनिया में महिलाओं की उपलब्धियों के लिए उन्हें सम्मानित किया जाता है और आगे बढ़ने के लिए उनका हौसला बढ़ाया जाता है। साथ ही देश की कई बहादुर और महान महिलाओं के त्याग और समर्पण को भी याद किया जाता है।
इसमें कोई दो-राय नहीं है कि पहले की तुलना में आज महिलाएं ज्यादा शक्तिशाली और सक्षम हैं और उनकी स्थिति में भी पहले की तुलना में काफी हद तक सुधार आया है।
शायद यही वजह है कि आज देश के उच्च पदों पर महिलाएं राज कर रही हैं, वहीं ‘मलाला’ जैसी लड़कियां जहां लड़कियों की शिक्षा के लिए अपनी आवाज बुलंद कर रही हैं तो वहीं मैरीकॉम और प्रियकां चौपड़ी जैसी महिलाएं हॉलीवुड में फिल्में कर अपने देश का सिर गर्व से ऊंचा कर रहीं हैं।
लेकिन शर्मिंदगी इस बात की है कि आज भी कई ऐसी जगह हैं जहां महिलाओं को शारीरिक और मानिसक यातनाएं झेलनी पड़ती हैं, और आज भी उन्हें घर की चार दीवारी में कैद रखा जाता है, यही नहीं कई महिलाओं को तो उन्हें जन्म से पहले कोक में ही मार दिया जाता है।
कोई भी दिन ऐसा नहीं जाता जब अखबार और न्यूजपेपर में कन्या भ्रूण हत्या की खबर नहीं छपी हो, वहीं भारत में तो कई राज्य ऐसे हैं, जहां महिलाओं की संख्या पुरुषों की अपेक्षा बेहद कम है। जिसमें सुधार करने की जरूरत है।
अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर आयोजनों के माध्मय से लैंगिग समानता पर भी जोर दिया जाता है और महिलाओं का महत्व बताया जाता है ताकि महिलाओं की स्थिति और अधिक अच्छी हो सके।
आज हमारी सरकारें भी बेटियों की शिक्षा और उनके विकास के लिए तमाम योजनाएं चली रही हैं और कन्या भ्रूण हत्या जैसे मुद्दों को उठा रही हैं, लेकिन ऐसे मसले आज भी काफी चर्चित हैं, वहीं महिलाओं की लगातार कम होती संख्या काफी चिंताजनक है।
धन्यवाद।
अंतराष्ट्रीय महिला दिवस पर भाषण – International Women’s Day Speech
आप सभी को सबसे पहले अंतराष्ट्रीय महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। सम्मानित मुख्य अतिथि, सभी महामहिम और यहां मौजूद सभी माताएं-बहनों और साथियों आप सभी को मेरा नमस्कार। मैं (नाम एवं पद बताएं) हूं।
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि आज अंतराष्ट्रीय महिला दिवस है। इसलिए इस मौके पर हमारी संस्था की तरफ से हर साल की तरह इस बार भी महिलाओं के सम्मान करने और उनका हौसला अफजाई करने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।
मुझे बेहद खुशी हो रही है कि इस शानदार मौके पर मुझे बोलने का अवसर प्राप्त हुआ है। मैं अपने इस भाषण की शुरुआत महिलाओं के सम्मान में दो पक्तियां बोलकर करना चाहती हूं-
”अर्ध सत्य तुम, अर्ध स्वप्न तुम, अर्ध निराशा आशा,
अर्ध अजित जित, अर्ध तृप्ति तुम, अर्ध अतृप्ति पिपासा,
आधी काया आग तुम्हारी, आधी काया पानी,
अर्धांगिनी नारी ! तुम जीवन की हो परिभाषा !”
आज अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस की तुम्हें ढेर सारी शुभकामनाएं।
अंतराष्ट्रीय महिला दिवस हर किसी के लिए एक गौरवमयी दिन है। यह नारियों के प्रति सम्मान व्यक्त करने एवं उन्हें अपनी शक्ति का एहसास करवाने का दिन है।
इस दिन के महत्व को समझते हुए कई महान साहसी, बहादुर महिलाओं के त्याग समर्पण और बलिदान को भी याद किया जाता है। वहीं सबसे पहले अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 28 फरवरी, 1909 को अमेरिका में मनाया गया था, लेकिन अब यह हर साल 8 मार्च को मनाया जाता है।
इंटरनेशनल वुमेन्स डे किसी एक संस्था, ग्रुफ तक सीमित ही नहीं है, बल्ति यह सरकार, कई प्राइवेट कॉरपॉरेशन और महिला संस्थानों द्वारा भी बड़े स्तर पर मनाया जाता है।
महिलाएं यानि कि आधी आबादी के बिना किसी भी समाज या देश के विकास के बारे में नहीं सोचा जा सकता है, क्योंकि महिलाएं न सिर्फ किसी परिवार का मुख्य आधार होती हैं और परिवार को एक सूत्र में बांधने का काम करती हैं, बल्कि वे देश की उन्नति, प्रगति और विकास में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
हालांकि, लगातार घट रही महिलाओं की संख्या, कन्या भ्रूण हत्या, दहेज हत्या, घरेलू हिंसा के बढ़ते मामले, एवं महिलाओं का शोषण उत्पीड़न आज समाज में चिंता का विषय है।
21 वीं सदी में भी जहां लोगों पर मॉडर्न सोच हावी हो गईं, तो वहीं आज भी कई महिलाएं गुलामी का दंश झेल रही हैं। आज भी महिलाओं को अपने हक के लिए लड़ाई लड़नी पड़ रही है।
फिलहाल, इस बात में कोई शक नहीं है कि महिलाओं की स्थिति पहले से बेहतर हुई है और आज समाज महिला सशक्तिकरण जैसे मुद्दों पर खुलकर बात करता है एवं महिलाओं के विकास और उन्हें बढ़ावा देने के लिए आगे कदम बढ़ाए जा रहे हैं।
वहीं अंतराष्ट्रीय महिला दिवस का सेलिब्रेशन भी महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बेहतर प्रयास है। इस तरह के अवसरों के माध्यम से महिलाओं को उनकी शक्ति का एहसास होता है एवं आगे बढ़ने का जज्बा पैदा होता है।
महिलाओं ने अपनी योग्यता, बुद्दिमत्ता और साहस के बल पर ही विपरीत परिस्थियों में भी हर जगह अपना डंका बजाया है। दुनिया का कोई भी क्षेत्र आज ऐसा नहीं है, जहां पर महिलाओं का रुतबा और दबदबा कायम न है।
महिलाओं को जहां पहले घर की चार दीवारी में कैद कर रखा जाता था। वहीं आज महिलाएं सर्वोच्च पदों पर बैठकर देश-दुनिया का प्रतिनिधित्व कर रही हैं।
वहीं अगर हम अपने देश की साहसिक एवं निडर महिलाओं की बात करें तो अहिल्याबाई होलकर, रजिया सुल्तान, रानी लक्ष्मी बाई, चांद बीबी, बेगम हजरत महल, ऐनी बेसेंट समेत तमाम वीरांगनाओं ने अपने कर्म, बलिदान और त्याग से विश्व भर में आदर्श प्रस्तुत किया है।
इनके अलावा किरण बेदी, सायना नेहवाल, इंदिरा गांधी, सरोजनी नायडू, प्रियंका चौपड़ा, पीवी सिंधु, पीटी ऊषा जैसी महिलाओं ने पुरुषों के प्रभुत्व वाले समाज में न सिर्फ अपनी प्रतिभा को साबित किया बल्कि तमाम संघर्ष और मेहनत के बल पर बड़े-बड़े कीर्तिमान स्थापित किए हैं।
आज इस दिवस पर इन महिलाओं से हम सभी को प्रेरणा लेकर अपने जिंदगी के लक्ष्यों को पाने के लिए आगे बढ़ने का संकल्प लेना चाहिए, ताकि एक सभ्य समाज एवं विकसित देश का निर्माण हो सकें। मैं महिलाओं के सम्मान में एक कविता बोलकर अपने भाषण को विराम देना चाहूंगी।।
आया समय
उठो तुम नारी
युग निर्माण तुम्हें करना है
आजादी की खुदी नींव में
तुम्हें प्रगति पत्थर भरना है
अपने को
कमजोर न समझो
जननी हो सम्पूर्ण जगत की
गौरव हो
अपनी संस्कृति की
आहट हो स्वर्णिम आगत की
तुम्हें नया इतिहास देश का
अपने कर्मों से रचना है।।
धन्यवाद।।
अंतराष्ट्रीय महिला दिवस पर भाषण (किसी भी स्कूल संगठन/ कार्यालय में दिए जाना वाला कॉमन भाषण) – Speech on Women’s Day
अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर आयोजित इस कार्यक्रम में इकट्ठे हुए सभी लोगों को तहे दिल से मेरा शुक्रिया, और अंतराष्ट्रीय महिला दिवस की आप सभी को ढेर सारी शुभकामनाएं।
मुझे बेहद खुशी हो रही है कि, आज अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर आयोजित इस कार्यक्रम में मुझे आपके सामने अपना भाषण देने का अवसर प्राप्त हुआ है।
अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर मै सबसे पहले उन सभी महिलाओं का अभिनंदन करती हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत, त्याग और समर्पण से न सिर्फ खुद की प्रतिभा का प्रदर्शन कर अपनी एक अलग पहचान बनाई, बल्कि भारत का मान पूरी दुनिया में बढ़ाया। इसके साथ ही अन्य कई महिलाओं के लिए प्रेरणा भी बनी।
संस्कृत में एक श्लोक है-
‘यस्य पूज्यंते नार्यस्तु तत्र रमन्ते देवता:।
यानि की जहां नारी की पूजा होती है, वहां देवता वास करते हैं।इसलिए हर किसी को नारी का सम्मान करना चाहिए, भारतीय संस्कृति में महिलाओं के महत्व को बताया गया है। यहां तक कि महिलाओं को देवी का रूप भी माना गया है।
बड़े-बड़े शास्त्रों और पुराणों में महिलाओं की शक्ति और क्षमता का बखान किया गया है। वास्तव में महिलाओं के बिना इस दुनिया की कल्पना नहीं की जा सकती, एक महिला न सिर्फ वंश को आगे बढ़ाती है बल्कि परिवार, समाज और देश के विकास में भी अपनी अहम भूमिका निभाती है। इसलिए नारी का सम्मान हमारे लिए सर्वोपरि है।
वहीं आज महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों से कंधा से कंधा मिलाकर चल रही हैं, आज दुनिया का कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं है, जहां महिलाएं पुरुषों से पीछे हों, महिलाओं ने आज खुद को हर क्षेत्र में साबित किया है, वहीं पिछले कुछ सालों में महिलाओं की शिक्षा और उनके विकास पर भी काफी जोर दिया गया है।
समय-समय पर हमारी सरकारें भी बेटियों की सुरक्षा और शिक्षा के लिए बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाई, सुकन्या समृद्धि योजना समेत तमाम योजनाएं चलाती रहती हैं, जिससे महिलाओं की शिक्षा और सुरक्षा को लेकर लोग जागरूक हो सके।
वहीं हर साल 8 मार्च को मनाए जाने वाले अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर आयोजित क्रायक्रमों के माध्यम से न सिर्फ महिलाओं की उपलब्धियों के लिए उन्हें सम्मानित किया जाता है बल्कि समाज के लोगों को महिलाओं के महत्व के बारे में भी समझाया जाता है।
और महिलाओं के अंदर आत्मनिर्भर बनने का भाव भी पैदा किया जाता है, ताकि ज्यादा से ज्यादा महिलाएं विकास कर सकें और आर्थिक रुप से मजबूत हो सकें।
हालांकि महिलाओं की बुलंदियों और हौसलों का तो इतिहास भी ग्वाह है। भारत की महान स्वतंत्रता सेनानी रानी लक्ष्मी बाई, भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, भारत कोकिला सरोजनी नायडू, मदर टेरेसा, कल्पना चावला, पीटी ऊषा,और किरण बेदी जैसी महिलाओं ने पुरुष प्रधान समाज में ने सिर्फ खुद को साबित किया बल्कि कठोर संघर्ष और कड़ी मेहनत के बल पर बड़े-बड़े कीर्तिमान स्थापित किए हैं।
जिनका आज हर कोई कायल है, इन्होंने न सिर्फ अपने महान कार्यों से महिलाओं के लिए मिसाल कायम की बल्कि कई महापुरुषों ने भी इनकी बहादुरी की सराहना की है।
इस महिला दिवस पर मै उन सभी महिलाओं का अभिनंदन करती हूं, जिनके आत्मविश्वास और समर्पण ने देश का नाम पूरी दुनिया में रोशन किया है और जिनसे बाकी लोगों को आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली हैं।
इसके साथ ही इस महिला दिवस के मौके पर हम सभी को मिलकर महिलाओं का सम्मान करने का और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करने का संकल्प लेना चाहिए, तभी हमारे देश की बेटियां खुद को सुरक्षित महसूस कर सकेंगी और देश के विकास में अपना योगदान दे सकेंगी।
महिला दिवस पर अगले पेज पर और भी भाषण…
बहुत शानदार लेखनी है..आप भी एक महिला है और मैं आपको महिला दिवस की शुभकामनाएँ देता हू..मैं भगवान से प्रार्थना करता हू कि आप ऐसे ही आगे बढ़ती रहे