महिला सशक्तिकरण पर भाषण – Women Empowerment Speech in Hindi

महिला सशक्तिकरण पर भाषण नंबर 2- 500 शब्द (स्कूल में छात्रा द्धारा दिए जाने वाला भाषण) – Nari Shakti par Bhashan

सम्मानीय प्रधानाचार्य महोदया जी, मेरे अध्यापक और यहां मौजूद सभी मेरे साथियों एवं सभी महामहिम को सबसे पहले मेरा नमस्कार। मैं… आप सभी का इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए स्वागत करती हैं। इसके साथ ही आप सभी का आभार व्यक्त करती हूं कि आप लोगों ने इस कार्यक्रम में मुझे आप के सामने बोलने का अवसर प्रदान किया। इस मौके पर मुझे महिला सशक्तिकरण पर बोलकर काफी खुशी हो रही हैं। सबसे पहले मै अपनी भाषण की शुरुआत महिला सशक्तिकरण पर एक कुछ पंक्तियां बोलकर करना चाहती हूं

तोड़ के पिंजरा
जाने कब उड़ जाऊँगी मैं
लाख बिछा दो बंदिशे
फिर भी आसमान मैं जगह बनाऊंगी मैं
हाँ गर्व है मुझे मैं नारी हूँ
भले ही रूढ़िवादी जंजीरों से बांधे है दुनिया ने पैर मेरे
फिर भी इसे तोड़ जाऊँगी
मैं किसी से कम नहीं सारी दुनिया को दिखाऊंगी
जो हालत से हारे ऐसी नहीं मैं लाचारी हूँ
हाँ गर्व है मुझे मैं नारी हूँ।।

हमारे पुरुष प्रधान देश में भले ही महिलाओं की शक्ति को नहीं समझा गया है, उन्हें महत्व नहीं दिया गया हो या फिर उनकी आवाज दवाई गई हो, लेकिन इन सबके बाबजूद भी महिलाओं ने पुरुष प्रधान समाज में अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया है। वहीं इतिहास भी इस बात का ग्वाह है।

रानी लक्ष्मी बाई, अहिल्या बाई, रानी दुर्गावती, सावित्रीबाई फुले, सरोजनी नायडू, एनी बेसेंट, इंदिरा गांधी, मदर टेरेसा से लेकर किरन बेदी, प्रतिभा पाटिल और आज प्रियंका चौपड़ा, सानिया नेहवाल, मैरीकॉम महिला शक्तिकरण का एक अच्छा उदाहरण हैं, जिन्होंने न सिर्फ अपनी हुनर का प्रदर्शन किया बल्कि देश का सिर गर्व से ऊंचा किया है और अन्य महिलाओं के अंदर एक नई ऊर्जा का संचार किया है और उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा दी है।

वहीं महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए आज समाज में लैंगिग समानता पहला कदम है, महिलाओं को पुरुषों के बराबर अधिकार दिलवाने के लिए तेजी से इस दिशा में काम भी किए जा रहे हैं। बाबजूद इसके आज महिलाएं, घरेलू हिंसा, भेदभाव,यौन हिंसा, अशिक्षा, दहेज प्रथा, रेप जैसी वारदातों का शिकार हो रही हैं।

आज कोई भी दिन ऐसा नहीं जाता कि अखबार और टीवी चैनलों में कन्या भ्रूण हत्या की खबरें नहीं सुनने में आए। वहीं अगर सही दिशा में भारत में महिलाओं को सशक्त बनाना है तो सबसे पहले समाज में महिलाओं के प्रति दकियानूसी सोच का बदलना होगा, जब तक महिलाओं के प्रति सोच नहीं बदलेगी, तब तक महिलाएं सही मायने में सशक्त नहीं बन सकेंगी,और हमारा देश तरक्की के पथ पर आगे नहीं बढ़ सकेगा।

हालांकि लैंगिग समानता और महिलाओं की शिक्षा पर जोर देने से, आज भारत में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिला है।

महिलाओं के विकास को लेकर आज हमारे देश की सोच भी बदल रही है, यही वजह है कि आज महिलाओं को उनके अधिकार दिलवाने और उनकी सुरक्षा और शिक्षा का मुद्दा आज भारतीय राजनीति का एक बड़ा मुद्दा बन गया है। आज देश में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए बेटी बटाओ, बेटी पढ़ाओ, सुकन्या समृद्धि योजना समेत तमाम योजनाएं चलाईं जा रही हैं।

जिससे महिलाओं का आगे बढ़ने में और अपनी क्षमता का प्रदर्शन करने में मद्द मिल रही हैं। वहीं लोगों की सोच भी महिलाओं के प्रति बदल रही है, जिससे महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिल रहा है।

महिलाओं को समाज में उचित स्थान दिलवाने के लिए महिलाओं के लिए आरक्षण का मुद्दा भी आज हमारे समाज में उठाया जा रहा है। वहीं भारत में महिला सशक्तिकरण का मुद्दा भी काफी सराहनीय है, वहीं इससे महिलाओं को आर्थिक, सामाजिक, शारीरिक और मानसिक रुप से मजबूत होने में मद्द मिलेगी।

सही मायने में हमारे देश में महिला सशक्तिकरण के लिए महिलाओं के प्रति लोगों की तुच्छ मानसिकता को बदलना होगा। इसके साथ ही दहेज प्रथा, कन्या भ्रूण हत्या, घरेलू हिंसा पर पूरी तरह लगाम लगानी होगी और महिलाओं की शिक्षा पर जोर देना होगा।

इसके अलावा महिलाओं की शिक्षा और सुरक्षा को लेकर प्रभावी कानून बनाने की जरूरत है, तभी हमारे देश की महिलाएं सशक्त होंगी और इस देश के विकास में अपना सहयोग करेंगी।

मै महिला सशक्तिकरण पर एक स्लोगन बोलकर अपने भाषण को विराम देती हूं।

नही सहना है अत्याचार, महिला सशक्तिकरण का यही है मुख्य विचार।

धन्यवाद।

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