दुनियाभर में सबसे चर्चित महिला जासूस….

Woman Detective

महिलाओं को लेकर एक बात हमेशा सुने में आती है कि वो बहुत अच्छी जासूस होती है क्योंकि वो केवल अपने पति के हाव भाव से बता देती है उनके पति या बॉयफ्रेंड उनसे क्या छुपा रहे है इसलिए ये कहा भी जाता है कि लड़कियों से कोई भी बात छुपा पाना नामुनकिन होता है।

खैर ये तो मजा की बात है लेकिन क्या आप जानते है ऐसी बहुत सी महिलाएं जिन्होनें जासूसी के क्षेत्र में दुनिया भर अपनी एक अलग पहचान बनाई है इनमें से कुछ को तो दुनिया की सबसे खतरनाक जासूस भी माना जाता है। जिनकी किस्से कहानियां किसी को भी हैरान कर दे। चलिए आपको बताते है दुनियाभर में सबसे चर्चित उन महिला जासूसों – Woman Detective के बारे में।

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दुनियाभर में सबसे चर्चित महिला जासूस – Woman Detective

  • माता हारी – Mata Hari

माता हारी का असल नाम मार्गेथा गीरत्रुइदा मैकलियोड है ये एक बहुत कामुक और खूबसूरत नृत्यांगना थी। लेकिन असल में माता हारी एक खतरनाक जासूस थी जिसके लिए अपने कामुकता के जाल में किसी को फंसा कर राज पता लगाना कोई बड़ा काम नहीं था।

माता हारी को प्रथम विश्व युद्ध के दौरान जासूसी करने के लिए गोली मारी गई। माना जाता है कि माता हारी ने जर्मनी के लिए जासूसी की थी और माता हारी की जासूसी के कारण ही 50 फ्रांसीसी सैनिक मारे गए थे। साल 1931 में इस महिला जासूस पर एक हॉलीवुड फिल्म भी बनी थी।

  • ब्रिगित मोअनहॉप्ट – Brigitte Mohnhaupt

ब्रिगित मोअनहॉप्ट कभी जर्मनी की रेड आर्मी फैक्शन की सदरस्य हुआ करती थी। लेकिन रिपोर्टस के अनुसार साल 1977 में ब्रिगित जर्मनी में हुए एक आतंकी गतिविधि में शामिल थी। दरअसल उस समय जर्मनी पर चरम वामपंथियों ने पूजीवाद को खत्म करने के लिए जर्मनी के कई प्लेन हाईजैक किए साथ ही कई हत्याएं और बम धमाके भी किए।

मोअनहॉप्ट क्योंकि रेड आर्मी का हिस्सा रह चुकी थी। इसलिए उनके साथ होने से चरम वामपंथियों के लिए ये काम ओर भी आसान हो गए। जिस वजह से मोअनहॉप्ट जर्मनी में सबसे खूंखार महिला के नाम से भी मशहूर हो गई। लेकिन 1982 में उनके गिरफ्तार कर लिया गया और 15 साल की सजा सुनाई गई। आपको बता दें मोअनहॉप्ट साल 2007 में पेरोल पर जेल से बाहर आ गई थी। और वो अभी जिंदा है।

  • शी जिआनकिआओ – Shi Jianqiao

कहते है कोई भी अपराध कोई जानबूझकर नहीं करता उसके पीछे कोई ना कोई गहरा कारण छिपा होता है। शी जिआनिकिआओ जिसका असली नाम शी गुलान था जिसे मजबूरी और हालातों ने जासूस बनाया था। शी गुलान के पिता की हत्या चीन के बड़े नेता सुन चुआंगफांग ने 1925 में की थी। जिसका बदला लेने के लिए शी गुलान जासूस बनी थी। और शी गुलान ने एक दिन उस काम को अंजाम दिया।

जिसके लिए उन्होनें ये राह चुनी थी। शी गुलान ने चीन के नेता सुन चुआँगफांग को उस समय गोली मारी जिस समय वो एक बौद्ध मंदिर में पूजा कर रहे थे। हैरानी की बात ये थी कि शी गोली मारने के बाद वहां नहीं गई। बल्कि खुद अपने आप को पुलिस के हवाले कर अपना गुनाह कबूल लिया। हालांकि बाद में कोर्ट ने शी को बरी कर दिया क्योंकि उन्होनें ये काम अपने पिता की मौत से आहत होकर किया था।

खैर इन कहानियों से आप इतना तो समझ ही गए होंगे कि जासूसी किसी के लिए आसान नहीं होती लेकिन जासूसी कई लोगों की जिंदगी जरुर बदल देती है।

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