Why Nathuram Godse Assassinated Gandhi
अक्सर इतिहास के पन्ने वक्त के साथ धुंधले पड़ जाते है जिस वजह से हर कोई इतिहास के धुंधले पड़े पन्नों को अपनी – अपनी तरह समझने लगता है। लेकिन असल में इतिहास में क्या हुआ था वो केवल वही जान सकता है जो उस समय उस घटना क्रम को देखने के लिए मौजूद था। लेकिन उस समय मौजूद लोग भी कई बार इतिहास को अपने नजरिए से बताने की कोशिश करते है जिस वजह से सच कई बार पन्नों की धुल में ही दबकर रह जाता है।
राष्ट्रपिता कहे जाने वाले महात्मा गाँधी की हत्या के रहस्य पर भी कुछ इसी तरह की धुल जमी है। महात्मा गाँधी की जीवनी जितनी दिलचस्पी थी उसे कही ज्यादा रहस्मय उनकी मौत है जिसकी गुत्थी आज तक कोई नहीं सुलझा पाया। हालांकि महात्मा गाँधी की हत्या किसने की ये सब जानते है।
नाथूराम गोडसे ने महात्मा गाँधी की हत्या क्यूँ की ? – Why Nathuram Godse Assassinated Gandhi
महात्मा गाँधी की हत्या 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने की थी। महात्मा गाँधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे ने अपना जुर्म भी कबूला और उन्हें फांसी की सजा भी सुनाई गई। लेकिन सोचने वाली बात ये की नाथूराम गोडसे की महात्मा गाँधी की हत्या करने की वजह आज तक कोई ढ़ग से समझ नहीं पाया है।
और अगर नाथूराम गोडसे के अदालत में दिए आखिरी बयान पर जाए तो ये स्थिति ओर भी दुविधाजनक हो जाती है कि नाथूराम गोडसे ने जो किया वो गलत होकर भी उन्हे गलत क्यों नहीं लगा ? जब मौत सामने खड़ी है और फिर भी एक व्यक्ति जज की आँखो में आँखे डालकर ये कह सकता है कि हां मैने ही महात्मा गाँधी की हत्या की और इसका मुझे कोई पछतावा नहीं है, तो ये हत्या का कारण सुलझकर भी अनसुलझा रह जाता है।
कौन थे नाथूराम गोडसे – Who is Nathuram Godse
नाथूराम गोडसे को लेकर जितनी किताबें और जितने तथ्य मिले है उनके अनुसार नाथूराम गोडसे अखबार हिंदू राष्ट्र के संपादक थे। साथ ही एक दिलचस्प बात जो निकलकर आती है वो ये कि नाथूराम गोडसे हमेशा से ही महात्मा गाँधी के विचारों से प्रभावित थे।
नाथूराम गोडसे पर लिखी आखिरी किताब जिसे कांग्रेस दारा बैन कर दिया गया था उसके अनुसार नाथूराम गोडसे ने महात्मा गाँधी को उनके घर पर खाने का निमंत्रण भी दिया था। नाथूराम गोडसे पर आधारित इस किताब का नाम “गाँधी वध क्यों” है जिसे उनके ही भाई गोपाल गोडसे ने लिखा था इस किताब में उन पत्रों को भी शामिल किया गया है जो नाथूराम गोडसे ने महात्मा गाँधी को लिखे थे।
किताब के अनुसार नाथूराम गोडसे भारत पाकिस्तान विभाजन को लेकर चिंतित थे और चाहते थे कि महात्मा गाँधी ये विभाजन कैसे भी रोक दें? पर वहीं दूसरी तरफ महात्मा गाँधी पर आधारित कई किताबों में नाथूराम गोडसे को कई जगह हिंदुत्व से प्रभावित भी बताया जाता है और ये भी माना जाता है कि वो आरएसएस के प्रचारक थे। लेकिन आरएसएस, हिंदुत्व नाथूराम गोडसे और महात्मा गाँधी की हत्या का क्या संबंध था?
“गांधी वध क्यों” में गाँधी की हत्या की 130 कारण
गोपाल गोडसे को भी महात्मा गाँधी की हत्या की साजिश रचने में शामिल के लिए उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी। अपनी सजा पूरी होने के बाद जब गोपाल गोडसे बाहर आए थे उन्होनें गाँधी हत्या को लेकर किताबें लिखी। गोपाल गोडसे की किताब “गाँधी वध क्यों” में उन्होनें महात्मा गाँधी की हत्या की 130 कारणों की व्याख्या की है जो उनके भाई नाथूराम गोडसे ने कोर्ट में बताई थी।
भारत – पाकिस्तान विभाजन था महात्मा गाँधी की मौत का कारण
अगर हम किताबों पर ना भी जाए तो उस समय की मीडिया रिपोर्टस के अनुसार नाथूराम गोडसे भारत – पाक विभाजन से बिल्कुल खुश नहीं थे। नाथूराम गोडसे ने कहा था कि “जब कांग्रेस के नेताओं की सहमति से उस देश का बंटवारा हो रहा था जिसे हम पूजते है तो मैं गुस्से से आग बबूला था।
नाथूराम गोडसे ने कोर्ट में भी अपने बयान में कहा था कि “गाँधी जी ने देश की जो सेवा की है उसके लिए मैं उनका आदर करता हूं, उनपर गोली चलान से पहले मैं उनके आगे नतमस्तक इसलिए हुआ क्योंकि मैं उनका सम्मान करता हूं लेकिन लोगों को धोखा देकर मातृभूमि के विभाजन का अधिकार बड़े से बड़े महात्मा को भी नहीं है, गाँधी ने जो देश के टुकड़े किए उसके लिए ऐसा न्यायालय और कानून नहीं था जिसे आधार पर उन्हें अपराधी माना जाए इसलिए मैं गाँधी को गोली मारी।”
हालांकि जब महात्मा गाँधी के बेटे देवदास गाँधी नाथूराम गोडसे से मिलने जेल पहुंचे तो वहां नाथूराम गोडसे ने देवदास गाँधी से कहा कि उन्होनें उनके पिता की हत्या राजनीतिक कारणों से की थी जिसे महात्मा गाँधी की हत्या का रहस्य ओर उलझ गया। इसके बाद महात्मा गाँधी के बेटों ने कई बार नाथूराम गोडसे की मिलने की कोशिश की पर उनकी इस अपील को खारिज कर दिया गया।
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गांधी को 1932 मे इन्हीं लोगों के द्वारा मारने की कोशिश की गई उसकी वजह क्या थी?
बहुत बढ़िया जानकारी शेयर की है आपने.. अगर गांधीजी को नाथूराम गोडसे नहीं मारते तो अभी तक भारत का आधा हिस्सा पाकिस्तान के पास चला जाता…..
nice Post,apne Bahut Hi acha Likha he.or apne Bahut hi achi Tarah Is Ki jankari di he.Or Esi Jankari Bahut Kam Logo Ke Pass he.Great artical
बहुत अच्छी जानकारी दी आपने जो की बहुत कम लोगो को पता होगी
बहुत-बहुत धन्यवाद आपका कि आपने हमारे लेख की सराहना की। अगर आपके पास से महात्मा गांधी की हत्या के रहस्य के बारे में कुछ जानकारी हैं तो कृपया सांझा करें।