कूज मुनिस्वामी वीरप्पन साधारणतः Veerappan वीरप्पन के नाम से जाना जाता है, वीरप्पन एक कुख्यात डाकू था। तक़रीबन 30 वर्षो तक वे कर्नाटक, केरला और तमिलनाडु के जंगलो में रह रहे था।
वीरप्पन की सच्ची कहानी – Veerappan Information in Hindi
वीरप्पन ने अपने अपराधो की शुरुवात अपने रिश्तेदार सेवी गौंदर का असिस्टेंट बनकर की, जो चन्दन की लकड़ी के कुख्यात तस्कर थे। वीरप्पन ने 1970 से अपने अपराधिक जीवन की शुरुवात की और 1972 में पहली बार उसे गिरफ्तार किया गया था।
बाद में वीरप्पन ने भी चन्दन के लकडियो और हाथी के दातो की तस्करी शुरू कर दी, बाद में उन लोगो को भी मारने लगे थे जो उनके अपराधिक कामो के बीच में आते थे। उन्होंने 17 साल की उम्र में ही पहला मर्डर किया था और उनके द्वारा शिकार किया गया इंसान या तो पुलिस ऑफिसर, फारेस्ट ऑफिसर या की खुफियाँ जानकार ही होता था।
1987 में वीरप्पन ने एक फारेस्ट ऑफिसर चिंदम्बरम, तमिलनाडु को किडनैप कर उनका मर्डर भी कर दिया था। उनकी इस हरकत पर भारत सरकार की नज़र पड़ी। उनके द्वारा मारे गये लोगो में वरिष्ट आईएफएस अधिकारी पन्दील्लापल्ली श्रीनिवास भी शामिल है, जिनको उन्होंने नवम्बर 1991 में मारा था और उन्होंने अगस्त 1992 में वरिष्ट आईपीएस अधिकारी हरिकृष्णा पर आक्रमण भी किया था।
वीरप्पन अपने स्थानिक गाव के लोगो का भी मर्डर करता था और एक बार वीरप्पन ने अपने पास वाले गाव के ही एक इंसान का मर्डर किया था। साधारणतः जिस भी इंसान पर उन्हें शक होता वे उसे मार देते थे। और पुलिस की अनदेखी से वे आसानी से मर्डर करने के बाद फरार होने में सफल हो जाते थे।
वीरप्पन का परिवार – Veerappan Family :
वीरप्पन का विवाह मुथुलक्ष्मी से हुआ था और कहा जाता है की जन्म के बाद ही उनके एक बच्चे को दबा दिया गया था क्योकि वह उनकी लगातार तीसरी होने वाली बेटी थी। उनकी पत्नी को वीरप्पन की कुख्याति और मुछ काफी पसंद थी और इसीलिये उन्होंने वीरप्पन से शादी भी की थी। 2004 से उनकी दो बेटियाँ तमिलनाडु में पढाई कर रही थी।
वीरप्पन की मृत्यु – Veerappan Death :
18 अक्टूबर 2004 को वीरप्पन और उनके दो साथियो को तमिलनाडु स्पेशल टास्क फाॅर्स के विजय कुमार के नेतृत्व में मार गिराया था। उन्हें तमिलनाडु के धरमपुरी जिले के पप्परपत्ति ग्राम के पास मारा गया था। मारने के बाद उन्हें और उनके साथियों को एम्बुलेंस मं बैठकर मेडिकल जांच के लिये भी ले जाया गया था।
तमिलनाडू स्पेशल टास्क फाॅर्स महीनो से उनके कामो पर निगरानी दे रही थी। इस पुरे ऑपरेशन को ऑपरेशन कोकून का नाम भी दिया गया था और वीरप्पन के सहकर्मी सेठुकुली गोविंदन, चन्द्रे गोवदर और सेठुमानी भी इसी ऑपरेशन में मारे गये थे। ग्रामीण लोगो ने उनकी मौत की “राक्षस / शैतान की मौत” बताया। उनके मौत की खबर सुनते ही गोपीनाथम के ग्रामवासियों ने बड़ा उत्सव मनाया और सभी बड़े खुश हुए। वीरप्पन की मौत के बाद से ही वह ग्राम कर्नाटक स्टेट डिपार्टमेंट ऑफ़ फारेस्ट एंड टूरिज्म ने अपने अधीन ले लिया।
वीरप्पन को तमिलनाडु के मूलाकादू ग्राम में दफनाया गया था, उस समय उनके परिवार के कुछ सदस्य भी वहा मौजूद थे। पुलिस से दाह संस्कार करने का भी निर्णय लिया था लेकिन उनके परिवार ने ऐसा करने से इंकार कर दिया था। हजारो लोग मरने के बाद उन्हें देखने आये थे जबकि कइयो को तो पुलिस सुरक्षा के चलने अन्दर नही आने दिया गया था।
वीरप्पन के कामो का जीवनक्रम – Veerappan Short Life Story And Interesting Facts :
• 1962 – वीरप्पन ने पहला अपराध किया. जब उन्होंने गुरु सेवी गौंडर, गोपिनाथम की सहायता से एक तस्कर पर गोली दागी थी तब उनकी उम्र महज 10 साल की थी।
• 1970 – शिकारी चोरो के समूह में शामिल हो गये। 27 अगस्त 1983- कर्णाटक के कोडगु के पोन्नामपेट के मुवाकल के के.एम्. पृथ्वी की हत्या की. जब गार्ड ने शिकारियों से हाथी को बचाने की कोशिश की तो वीरप्पन ने गार्ड की हत्या कर दी।
• 1986 – बूदीपदा फॉरेस्ट गेस्ट हॉउस में अरेस्ट किये गये लेकिन बाद में वे फरार होने में सफल हुए।
• 26 अगस्त 1986 – कर्नाटक के गुण्डलुपेट के अलेगौड़ाना कट्टे के फॉरेस्ट वॉचर सिद्दरमैया नाईक की हत्या की।
• 1987 -तमिलनाडु के फॉरेस्ट अधिकारी चिदंबरम को किडनैप कर लिया था। और दुश्मन समूह के 5 सदस्यों को हत्या की।
• 1989 – बेगुर के जंगल से फॉरेस्ट अधिकारियो का अपहरण करने के 15 दिनों बाद उनकी हत्या कर दी गयी।
• 9 अप्रैल 1990 – तीन पुलिस एस.आय. दिनेश जगन्नाथ, रामलिंगु और पुलिस कॉन्स्टेबल शंकर राव की होगेनकल के पास हत्या कर दी। उस समय कर्णाटक और तमिल नाडु सरकार ने वीरप्पन को पकड़ने के लिये स्पेशल टास्क फ़ोर्स (STF) का निर्माण किया। वीरप्पन की बहन माला की आत्महत्या का बदला लेने के लिये वीरप्पन ने डिप्टी फॉरेस्ट संरक्षक श्रीनिवास का सिर काटा था। (इस घटना के गवाह को तीन साल बाद पकड़ा गया था)
• 1991- ग्रेनाइट करी के मालक के बेटे का अपहरण कर लिया था और 10 लाख रुपयो की मांग की थी, और अंत में 1.5 लाख में ही उसे छोड़ना पड़ा था।
• 1992 – रामपुर के पुलिस स्टेशन पर आक्रमण किया और पाँच पुलिस वालो की हत्या की, दो को घायल किया और हथियार चुराये। जवाब में स्पेशल टास्क फ़ोर्स ने उनके समूह के दो सदस्यों को मार डाला।
• 14 अगस्त 1992 – मैसूर जिले के एस.पी., टी.हरिकृष्ण, एस.आय. शकील अहमद और चार कॉन्स्टेबल बेनेगोण्डा, सी.एम्.कलप्पा, सुन्दरा और एम्.पी. अप्पाचु की फसाकर हत्या की।
• 1993 अप्रैल – जिस बस में तमिलनाडु पुलिस जा रही थी उसी बस का उन्होंने अपहरण कर लिया और 22 नागरिको और पुलिस की हत्या कर डाली और इस हादसे को पलार ब्लास्ट के नाम से जाना जाता है।
• 24 मई 1993 – 6 पुलिसवालो की हत्या की, के.एम्. उथप्पा, प्रभाकर, पूवाईः, मचाईः, स्वामी और नारासप्प। इसमें पुलिस कमांडर एम्.एम्. हिल्स भी शामिल थे। वे तमिलनाडु सरकार की बॉर्डर सिक्यूरिटी फ़ोर्स के अधिकारी भी थे। BSF और STF के जॉइंट ऑपरेशन की बदौलत वीरप्पन के समूह के 9 सदस्यों को पकड़ा गया था और उनमे से 6 मारे गये थे। इस हादसे में 3 पुलिसवाले मारे गए थे। इस समय वीरप्पन ने क्षमा याचना भी मांगी।
• 1994 – चिदंबरनाथं को अगवा कर लिया, जो कोयम्बटूर के डिप्टी सुपरिंटेंडेंट ऑफ़ पुलिस थे और इसके बाद उन्होंने 2 और लोगो को भी अगवा कर लिया था।
• 1995 – नवंबर महीने में तमिलनाडु के तीन फॉरेस्ट अधिकारियो को किडनैप किया.
• 1996 – पुलिस जासूस की हत्या की। दोबारा 19 पुलिसवालो की हत्या की।
• 1997 – वीरप्पन के समूह ने 9 कर्नाटक फॉरेस्ट अधिकारी को किडनैप कर के फाँसी दे दी।
• 1998 – प्रो. कृष्णासैमी, ए.एस. मणि, पयूंपुलि और रिचर्ड मोहन (फोटोग्राफर) को किडनैप कर लिया। लेकिन स्पेशल टास्क फ़ोर्स ने उन्हें बाद में छोड़ दिया था।
• 2000 – कन्नड़ फ़िल्म अभिनेता डॉ. राजकुमार को किडनैप कर लिया था। और फिरौती की मांग पर 108 दिन बाद छोड़ दिया था।
• 2002 – कर्नाटक के मिनिस्टर एच्. नागप्पा को किडनैप कर उनकी हत्या कर दी थी। लेकिन एक स्पेशल रिपोर्ट के अनुसार मिनिस्टर के शरीर पर जो गोली मिली थी वह तमिलनाडु स्पेशल टास्क फ़ोर्स के राइफल की ही थी। (हो सकता है की वीरप्पन के समूह ने उस राइफल की चोरी की हो)
• 2004 – चेकपोस्ट पर तमिलनाडु स्पेशल टास्क फ़ोर्स ने वीरप्पन को मार गिराया।
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Nice information
Veerapan ko stf NE nahi Mara tha balki akathith taur per Mara hua Mila tha sir
Sach me wah kukhyat daku tha.ungli mal k tarah.magar parinam alag hua
bahut hi achhi jaankaari di aapne veerappan ke baare mein
some unknown facts about Veerappan.
nice collection of facts about Veerappan.
Veerappan ke bare mein bahot achhi janakari di apane… Abhi ram Gopal Verma ki new film bhi aa rahi hai Veerappan ke real life story par, mujhe biopic and biography dekhana or padhana bahot accha lagata hai…. Apaki website mere liye kisi khajane se kam nahi… Thanks for the wonderful job… To all gyanipandit team..