Vedic Maths in Hindi
विश्व के प्राचीन सभ्यताओ मे भारतीय प्राचीन सिंधू सभ्यता भी शामिल है, यु कहे तो दुनिया के विभिन्न देशो के मुकाबले समकालीन भारत मे चिकित्सा, खगोल विज्ञान, शरीर विज्ञान, शिक्षा इत्यादि से संबंधित काफी तर्क और अनुसंधान स्थापित किये गये थे। जैसे शून्य की खोज भारत मे हुई उसी प्रकार से बुनियादी गणितीय क्रिया को करने हेतू कुछ खास पद्धतीया भी उस समय विकसित हुई थी, इनमे से सबसे प्रचलित पद्धती ‘वैदिक गणित’ है।
आजके आधुनिक समय मे प्रत्येक क्षेत्र मे गतिशीलता दिखाई पडती है, जहाँ पर अचूकता के साथ कार्य की गती को भी अधिक महत्व दिया जाता है, वैदिक गणित सही मायने मे इसी हेतू आपके लिये मददगार साबित होता है। आपको कम समय मे वैदिक सूत्र से ना केवल सही परिणाम प्राप्त होते है, बल्की इसकी विधी समझने मे और लागू करने काफी आसान होती है।
चाहे आप प्रतियोगीता परीक्षा मे सफलता हेतू प्रयासरत छात्र हो, या फिर शिक्षा क्षेत्र से अध्यापक/प्राध्यापक के तौर पर जुडे हो इन सभी स्थिती मे वैदिक गणित मे कुशल बनना आपके लिये फायदेमंद साबित होगा। अगर आप माता-पिता हो और अपने बच्चो को घर पर सिखाते है, तो भी वैदिक सूत्र से गणित के प्रश्न को हल करना आपके बच्चो को भविष्य मे काफी लाभकारी सिद्ध होगा। इस खास लेख मे हम आपको वैदिक गणित से संबंधित संपूर्ण जानकारी देंगे, जिससे इस विषय को समझने मे आपको काफी सहायता मिल जायेगी।
क्या होता है वैदिक गणित? संपूर्ण महत्वपूर्ण विश्लेषण – Vedic Maths in Hindi
वैदिक गणित क्या होता है? – What is a Vedic Maths
जैसा के हमने शुरू मे कहाँ के भारतीय संस्कृती काफी महान और प्राचीन है जिसने अध्यात्म, शिक्षा, जीवन पद्धती, जीवन मुल्य इत्यादी से संबंधित अनमोल बाते आम जनमानस को दी और पिढी दर पिढी विरासत के तौर पर इन मुल्यो का प्रचार प्रसार हुआ।
वेद को अपौरुषेय माना जाता है जिसके अंतर्गत गणित से जुडे कुछ ऐसे सूत्र मौजूद है जिनके उपर शुरुवात से अध्ययन और विचार हुआ।
उस समयकाल मे अंकगणना और गणितीय क्रिया को करने हेतू आजके जमाने मे उपलब्ध आधुनिक उपकरण जैसे कैलक्युलेटर, कंप्यूटर मौजूद नही होते थे। इसीलिये वेदो मे वर्णित गणितीय सुत्रो द्वारा हमारे प्राचीन ऋषियो द्वारा अंकगणना की जाती थी, वही इस ज्ञान को उनके शिष्य भी उपयोग मे लाते थे।
आपको बता दे आज मौजूद वैदिक गणित के सभी सूत्र वेद से लिये गये है, जिनका संकलन और नये से रूपांतरण जगद्गुरू श्री. भारती कृष्ण तीर्थ जी ने साल १९११ से साल १९१८ के बिच किया था।
मुख्य रूप से १६ सूत्र और १३ उप सूत्र का संग्रह भारती तीर्थजी ने किया था, जिसके मदद से अंकगणित, बीजगणित, ज्यामित, गणना, आदि से संबंधित प्रश्न कम से कम समय मे आसानी से हल कर सकते है।
ये सभी सूत्र मुख्यतः संस्कृत भाषा मे मौजूद है, जिनके द्वारा कठीण प्रश्नो को भी सूत्र और कुछ क्रमगत नियमो(चरणो) द्वारा हल किया जाता है।
साल १९६५ मे भारती कृष्ण तीर्थजी द्वारा संग्रहित किये गये सुत्रो के आधार पर ‘वैदिक मैथमेटिक्स’ नाम की किताब भी प्रकशित की गई थी, वैसे इस संग्रहित जानकारी के संदर्भ पर और भी किताबे आजकल मौजूद है।
इस विषय पर अन्य महत्वपूर्ण पह्लूओ पर आगे आपको जानकारी मिलेगी, जिसको पढने के बाद और ज्यादा आप वैदिक गणित से परिचित हो जायेंगे।
वैदिक गणित के १६ सूत्र का परिचय – Introduction of Vedic Maths Formula or Vedic Maths Sutras
कुल १६ सूत्र वैदिक गणित के अंतर्गत मौजूद है, जिन्हे मूलतः प्रमुख सूत्र माना जाता है इनका उपयोग अधिकतर बुनियादी गणितीय क्रिया करने हेतू किया जाता है। निम्नलिखित तौर पर इन सुत्रो का नाम दिया है जो के इस प्रकार से है –
- एकाधिकेन पुर्वेण्
- निखिलं नवतश्चरम दशतः
- उर्ध्वतिर्यग्भ्याम्
- परावर्त्य योजयेत्
- शून्य साम्य समुच्चये
- संकलन व्यवकलनाभ्याम्
- आनुरुप्ये शून्यंअन्यत्
- पूरणापूरणाभ्याम्
- यावदूनम्
- चलनकलनाभ्याम्
- व्यष्टिसमष्टि
- सोपान्त्यद्वयमत्यम्
- शेषाण्यङ् केन चरमेन
- गुणित समुच्चयः
- एकन्युनेन पुर्वेण
- गुणक समुच्चयः
वैदिक गणित को कैसे सिखे? – How To Learn Vedic Maths
बहुत बार शिक्षा पेशे से जुडे व्यक्तियो को वैदिक गणित सिखने की इच्छा होती है, या कुछ प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्र गणित के प्रश्नो का आसान तौर पर हल खोजने हेतू वैदिक गणित हेतू इच्छुक रहते है।
आपको बता दे कोई भी अगर वैदिक गणित को सिखने मे दिलचस्पी रखते है उन सभी के लिये निचे दी जानेवाली जानकारी फायदेमंद साबित होगी, जिसमे वैदिक गणित को सिखने का सही तरीका यहाँ हम आपको बतायेंगे।
- जैसा के वैदिक गणित सुत्रो के आधार पर प्रश्नो का हल खोजने की प्रक्रिया होता है, इसलिये सबसे पहले आपको सभी सुत्रो को ठीक से समझ लेना आवश्यक होता है।
- उपलब्ध वैदिक सूत्र किस गणितीय प्रक्रिया से संबंधित है तथा उनके अंतर्गत आनेवाले चरण बध्द नियम कैसे कार्य करते है इसके उपर यहाँ आपको सावधानीपूर्वक ध्यान देना होगा उदाहरण के तौर पर जैसे के – योग/मिलान, घटाव, भाग, गुणन, महत्तम समापवर्तक, लघुत्तम समापवर्तक इत्यादि हेतू सूत्र और चरण।
- आजकल आपको वैदिक गणित की विभिन्न किताबे बाजार मे आसानी से मिल जाती है, जिससे आप अध्ययन कर सकते है। तथा वैदिक गणित सुत्रो पर आधारित विभिन्न गणितीय क्रिया से जुडे नोट्स और विडीयो को इंटरनेट की मदद से अधिक जानकारी हेतू उपयोग मे लाने के प्रयास करे। इस तरह के विकल्पो के माध्यम से इस गणितीय पद्धती को समझने और मजबूत करने मे आपको बेहतरीन तरीके से लाभ मिलेगा।
- वैदिक गणित की कोचिंग देनेवाले शिक्षा संस्था या अकादमी अगर आपके आस पास मौजूद हो तो अनिवार्य तौर पर उससे जुडे, तथा इस पद्धती के सही विशेषज्ञोसे सिखने के प्रयास करे।
- जो कुछ भी आपने वैदिक गणित के संबंधी सिखा है या आपको विश्वास है के आप उस विशिष्ट सुत्रो को समझने मे कुछ हद तक सक्षम हुये है, तो स्वयं अध्ययन हेतू अधिक से अधिक सवाल हल करने की कोशिश करे। इससे आपके मनोबल मे वृद्धी होगी साथ ही अगर कुछ गलतियाँ भी हुई हो तो उसे सुधारने पर आप कार्य कर सकते है।
- यहाँ अंत मे हम आपको यही बताना चाहेंगे की बुनियादी तौर पर गणित मे मौजूद क्रिया को पहले वैदिक गणित द्वारा सिखने के प्रयास करे जिसमे – योग/मिलान, घटाव, भाग, गुणन आदि शामिल होते है। हमे पुरा विश्वास है के कुछ समय पश्चात आपको इसमे पूर्णतः सफलता प्राप्त हो जायेगी।
आपको बता दे की वैदिक गणित इतना भी मुश्कील नही होता शायद जितना आप सोच रहे है, जरुरत होती है तो आपको इसे निरंतर सिखने की और स्वयं अध्ययन हेतू ज्यादा से ज्यादा सवालो को हल करने के प्रयास करने की।
वैदिक गणित द्वारा कुछ महत्वपूर्ण गणितीय क्रियाए – Important Mathematical Operations By Vedic Maths.
वैदिक गणित द्वारा दिये गये प्रश्न संख्याओ का –
- योग/मिलान करना
- वर्गफल निकालना
- घटाव करना
अब उपरोक्त दिये हुये बुनियादी गणितीय क्रियाओ से संबंधित कुछ प्रश्नो को उदाहरण के तौर पर हम वैदिक गणित की सहायता से हल करेंगे –
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वैदिक गणित द्वारा योग/मिलान करके योगफल प्राप्त करना – Addition By Vedic Maths
पूरणापूरणाभ्याम द्वारा योग/मिलान:( पूर्णता या अपूर्णता द्वारा)
चरण १: सबसे पहले हमे दिये हुये संख्याओ को पूर्ण(१० संख्या मे या फिर १० के गुणज के रूप मे परिवर्तित संख्या) बनाने की कोशिश करनी होगी, जिस हेतू हमे इन संख्याओ मे कुछ अन्य संख्याओ का योग/मिलान करना होता है। जिसके लिये हमे दिये हुये संख्याओ का पृथक्करण(आपस मे अलग) करना होगा।
चरण २: अंत मे दिये हुये संख्याओ का योग/मिलान करना होगा।
उदाहरण १ : 414 + 336 = ?
जवाब :- यहाँ पर 414 को हम इस प्रकार से भी लिख सकते है, जैसे के 400+ 10 + 4 और 336 को इस प्रकार से लिख सकते है जैसे के 300 + 30+6
400+ 10 + 4 + 300 + 30+6 = 400 + 300 + 50
= 750
उदाहरण २ : 654 + 532 =?
जवाब: यहाँ पर 654 को हम इस प्रकार से भी लिख सकते है, जैसे के 600 + 50 + 4 और 532 को इस प्रकार से लिख सकते है जैसे के 500 + 30 + 2
600 + 50 + 4 + 500 + 30 + 2 = 600 + 500 + 80 + 6
= 1186
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वैदिक गणित द्वारा वर्गफल प्राप्त करना – Square By Vedic Maths
दिये गये प्रश्न संख्या मे इकाई स्थान पर ५ अंक होने की स्थिती मे वर्गफल निकालना;
चरण १:- सबसे पहले ५ का वर्ग निकाले तथा इसे उत्तर के दाए दिशा मे लिख दे।
चरण २:- ५ के साथ मौजूद संख्या मे अब १ का योग/मिलान करे तथा इसे संख्या से गुणा करें, प्राप्त फल को बाए दिशा मे लिख दे।
चरण ३:- आपको प्राप्त हुये दाए दिशा और बाए दिशा दिशा का फल आपका अंतिम उत्तर होगा।
उदाहरण: (452) =?
= 25
यहाँ सबसे पहले हमने 5 का वर्गफल दाए दिशा मे लिखा है जो के इस उपरोक्त तौर पर प्राप्त हुआ है, अब 5 के साथ मौजूद संख्या 4 मे एक जोड देंगे जो के 5 हो जाती है, तथा अंत मे इसे 4 से गुणा करके प्राप्त फल बाए दिशा मे लिख देंगे जो के 20 आता है। इस तरह निम्नलिखित तौर पर हमे उत्तर प्राप्त होगा;
(452) = 2025
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वैदिक गणित द्वारा घटाव के प्रश्न को हल करना – Subtraction By Vedic Maths
यदि दिये गये प्रश्न मे हमे घटाव से संबंधित क्रिया को करना हो, तथा दी गई संख्या को उसके आधार (दस का नजदीकी घात) से घटाना है तब हमे निम्नलिखित चरण का उपयोग करना होगा जो के इस प्रकार से है –
चरण: दी गई संख्या के ईकाई अंक को दस में से और अन्य सभी अंको को नौ में से घटाते है। (आधार को ज्ञात करने हेतु दी गई संख्या में जितने अंक होंगे उतने ही शून्य १ के बाद लगा दे)
उदाहरण: 1000 – 54 =?
यहाँ पर आपको इकाई अंक को दस मे से तथा अन्य सभी अंको को नौ मे से घटाना होगा, जिसके पश्चात आपको निम्नलिखित उत्तर प्राप्त हो जायेगा।
1000 – 54 = 946
बच्चो के लिये वैदिक गणित – Vedic Maths For Kids
अगर आपके घर मे छोटे बच्चे है तथा उन्हे आपको वैदिक गणित सिखाना है तो सबसे पहले आपको गणित की बुनियादी क्रियाए जैसे के योग/मिलान, घटाव, भागफल निकालना, तथा गुणन इत्यादी को वैदिक सूत्र की सहायता से सिखाना होगा।
इसके साथ उपरोक्त सभी क्रियाओ से जुडे स्वयं अध्ययन के सवाल उनसे हल करवाना काफी उत्तम होगा, इससे बच्चो मे गणित से लगाव भी बढ जायेगा तथा वैदिक गणित मे वे कुशल भी बन जायेंगे।
जैसे कुछ समय पश्चात इन गणितीय क्रियाओ को हल करने मे बच्चे सक्षम हो जायेंगे उन्हे आप वैदिक पद्धती द्वारा अन्य जटील गणितीय क्रियाओ को हल करने हेतू भी मार्गदर्शन कर सकते है।
इन सभी का परिणाम ये होगा के कम समय मे गणित के प्रश्नो को हल करने की तकनीक उन्हे प्राप्त हो जायेगी, जिसका फायदा उन्हे भविष्य मे विभिन्न परीक्षाओ मे होगा।
आशा करते है दी गई जानकारी आपको पसंद आयी होगी, तथा भविष्य मे इस जानकारी का आपको अवश्य लाभ भी होगा। हमसे जुडे रहने हेतू बहुत बहुत धन्यवाद..
वैदिक गणित पर अधिकतर बार पुछे जाने वाले सवाल – Vedic Maths Questions and Answers
जवाब: भारती कृष्ण तिर्थ ।
जवाब: कुल १६ वैदिक सूत्र और १३ उप सूत्र वैदिक गणित मे मौजूद है।
जवाब: वैदिक गणित मे मौजूद सुत्रो की मदद से विभिन्न गणितीय क्रियाओ को आसान तरीके से कम वक़्त मे हल किया जाता है। जो भी छात्र प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे है उन सबके लिये वैदिक गणित द्वारा प्रश्नो को हल करने से समय की काफी बचत हो जाती है इस वजह इन सबके लिये इस पद्धती का इस्तेमाल करना बेहतरीन हो सकता है। जो लोग शिक्षा पेशे से जुडे है और गणित विषय को सिखाते है उन सभी के लिये वैदिक गणित द्वारा छात्रो को पढाना एक अच्छा कदम साबित हो सकता है। अधिकतर अभिभावक अपने बच्चो को घर पर सिखाते है इस स्थिती मे भी वैदिक गणित द्वारा पढाना उनके बच्चो के लिये लाभदायक सिद्ध होता है। इसके अलावा जो लोग पेशेवर तौर पर ऑनलाईन या ऑफलाईन गणित की कोचिंग देते है उनके लिये भी वैदिक गणित द्वारा सिखाना एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। अंत मे यही बात सामने आती है के वैदिक गणित को कोई भी सिख सकता है, जिन्हे गणित के प्रश्नो को आसान तौर पर कम समय मे हल करना होता है।
जवाब: दरसल वैदिक गणित मे मौजूद सुत्रो के अपने विशिष्ट नियम होते है, जिन्हे चरणबध्द तौर पर लागू करने पर प्रश्न का हल मिल जाता है। तो इन नियमो को आप ट्रिक्स भी कह सकते है पर अंततः ये इस पद्धती के बुनियादी नियम है ये बात आपको यहाँ मुख्य रूप से ध्यान मे लेना है।
जवाब: हाँ।
जवाब: साल १९६५ मे।
जवाब: बीजगणित, अंकगणित, त्रिकोणामिति, रेखागणित- समतल तथा गोलीय, ज्यामिती तथा वैश्लेषिक इत्यादि।
जवाब: हाँ, वैदिक गणित द्वारा गणित के प्रश्नो को हल करना छोटे बच्चो के लिये विभिन्न परीक्षा मे काफी अच्छे परिणाम उन्हे प्राप्त करवा सकते है। इस हेतू आपको गणित के योग/मिलान, घटाव, गुणन, भाग आदि क्रियाओ को वैदिक सुत्रो की मदद से हल करवाना शुरुवात मे उन्हे सिखाना होगा।
जवाब: नही, ये काफी आसान होता है।
जवाब: संस्कृत।