Vastu Tips for Home
एक घर ही ऐसी जगह होती है, जहां व्यक्ति को मानसिक सुकून मिलता है, और उसका विकास होता है। वहीं घर में जब माहौल जब अच्छा होगा और सुख शांति होगी तो, व्यक्ति मानसिक रुप से स्वस्थ रहेगा, वहीं दूसरी तरफ अगर घर में अच्छा माहौल नहीं होगा और अशांति होगी, तो इंसान मानसिक रुप से स्वस्थ नहीं रह पाएगा और अपनी जिंदगी में तरक्की नहीं कर पाएगा।
हालांकि, घर की सुख-शांति घर में रह रहे लोगों के व्यवहार पर भी निर्भर करती है।
घर में पॉजीटिव एनर्जी मिले और मानसिक रुप से सुकून मिले, इसके लिए लोग अपने घर की साज-सजावट और डिजाइन पर भी खास ध्यान देते हैं, हालांकि, घर के निर्माण में और घर की सजावट में वास्तु का भी खास योगदान होता है।
इसलिए अगर आप भी घर का निर्माण करवा रहे हैं और चाहते हैं कि आपके घर में तनाव और अशांति नहीं हो, इसके लिए अपने घर का निर्माण वास्तु के हिसाब से करवाएं। आपको बता दें कि दिशाओं का ज्ञान को ही असल मायने में वास्तु कहा जाता है।
घर की सुख, शांति के लिए अपनाएं ये बेसिक वास्तु टिप्स – Vastu Tips for Home in Hindi
वहीं वैदिक काल से ही लोग भवन के निर्माण में वास्तुकला इस्तेमाल करते आए हैं, क्योंकि भवन के निर्माण में दिशाओं की और पंचत्तव की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
इसलिए वास्तु के हिसाब से बने घर में नेगेटिव एनर्जी खत्म हो जाती हैं, और आर्थिक संकट, स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानी समेत कानून संबंधी परेशानी या फिर तमाम अन्य तरह की परेशानियां काफी हद तक कम हो जाती हैं और सकरात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
अर्थात अगर आप भी अपने परिवार की सुख, शांति, यश, कीर्ति, स्वास्थ्य, संपत्ति आदि के लाभ लेना चाहते हैं तो नीचे लिखे गए कुछ बेसिक वास्तु टिप्स अपना सकते हैं, जो कि इस प्रकार हैं –
बेसिक वास्तु टिप्स – Basic Vastu Tips for Home
उत्तर-पूर्व दिशा में घर के लिए खरीदें जमीन:
एक खुशहाल और संपन्न घर के लिए वास्तु के हिसाब से उत्तर दिशा-पूर्व दिशा में जमीन खरीदनी अच्छी मानी जाती है।
90 डिग्री पर हों घर के चारों कोने:
अपने घर के निर्माण के लिए यह ध्यान रखने योग्य बात है कि घर के चारों कोने 90 डिग्री पर होने चाहिए। वास्तु के मुताबिक अगर जमीन तिरछी है तो वास्तु दोष पड़ता है, इससे हर दिशा में देवी-देवता के वक्रता की वजह से देवताओं की दृष्टि क्रोधित हो जाती है, जिससे घर की खुशहाली चली जाती है, और ऐसे घर में रह रहे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
वर्गाकार और आयताकार में हो घर की जमीन:
घर के निर्माण के लिए अगर जमीन लेने की योजना बना रहे हैं तो इसके लिए याद रखें कि जमीन वर्गाकार या फिर आयताकार में होनी चाहिए, इसके साथ ही उत्तर-पूर्व की दिशा में इसका झुकाव नहीं होना चाहिए।
दक्षिणमुखी नहीं हो घर के मैन गेट:
घऱ की सुख-समृद्धि के लिए यह महत्वपूर्ण है कि, घर का मैन गेट दक्षिण की तरफ नहीं हों, बल्कि उत्तर और पूर्वमुखी में होना चाहिए।
गर घर का मुख्य द्धारा दक्षिण मुखी है तो वास्तुदोष से बचने के लिए और नकारात्मक ऊर्जा से दूर रहने के लिए आप मैन गेट के ठीक सामने एक बड़ा सा शीशा लगा सकते हैं, ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से नेगेटिव एनर्जी घर के अंदर प्रवेश नहीं कर पाती है, और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
दक्षिण-पूर्व में घर का किचन होना शुभ:
घर में किचन की दिशा दक्षिण-पूर्व अच्छी मानी जाती है। हालांकि, किचन के सामने बाथरुम नहीं होना चाहिए, इसके साथ ही घर की किचन में न तो मंदिर रखना चाहिए और न ही पूजा की अल्मारी होनी चाहिए। इसके अलावा दवाइयों को भी किचन में रखना बीमारी को दावत देना माना जाता है।
दक्षिण-पश्चिम दिशा में हो घर के मालिक का कमरा:
घर के मालिक का बेडरुम दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना शुभ माना जाता है। अगर इस दिशा में विकल्प नहीं है तो उत्तर-पश्चिम दिशा में मास्टर बेडरुम बनवाना अच्छा साबित हो सकता है। हालांकि, घर के अन्य कमरे उत्तर-पूर्व दिशा में होने चाहिए।
बेड के सामने शीशा रखना अच्छा नहीं होता है या फिर टूटा हुआ शीशा नहीं रखना चाहिए। इसके साथ ही सोते समय सिर दक्षिण में और पैर उत्तर की तरफ रखनी चाहिए या फिर पैर पश्चिम में और सिर पूर्व में रहे, इस बात का ध्यान रखें।
सूर्य का प्रकाश अधिक पड़े ऐसे हों घर के खिड़की-दरवाजे:
अगर सूर्य का प्रकाश ज्यादा से ज्यादा घऱ के अंदर आता है तो शुभ माना जाता है, और घर के सभी लोग निरोगी रहते हैं, इसलिए घर की खिड़की-दरवाजे ऐसे बने होने चाहिए, जिससे सूर्य का प्रकाश ज्यादा से ज्यादा घर के अंदर आए।
घर में उत्तर-पूर्व दिशा में हो पूजा का स्थान:
घर में उत्तर-पूर्व दिशा में पूजा का स्थान शुभ होता है, वहीं अगर इस दिशा में पूजा घर बनाने का विकल्प नहीं है तो, पूजा घर उत्तर दिशा में भी हो तो भी किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होता है।
वहीं घर में जहां मंदिर हो, उसके बगल में पूजा स्थल नहीं होना चाहिए। इसके साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि घर में मंदिर के ऊपर गुंबज नहीं रखना चाहिए, इसके साथ ही पूजा घर कभी सीढ़ियों के नीचे भी नहीं बनवाना चाहिए।
दक्षिण-पश्चिम दिशा में हो घर का टॉयलेट:
दक्षिण-पश्चिम दिशा में घर के बाथरुम और टॉयलेट होना चाहिए।
दक्षिण दिशा में हो बच्चों के लिए स्टडी रुम:
दक्षिण दिशा में स्टडी रुम बनवाना अच्छा माना गया है, ऐसा कहा जाता है कि अगर इस दिशा में बच्चे पढ़ाई करे तो तरक्की करते हैं।
उत्तर-पूर्व में गेस्ट रुम होता है शुभ:
घर की सुख-समृद्धि घर के वास्तु पर भी बहुत निर्भर करती है, वहीं वास्तु के मुताबिक अगर घर में उत्तर-पूर्व की तरफ गेस्ट रुम में हो तो अच्छा होता है, वहीं अगर इस दिशा में गेस्ट रुम संभव नहीं हो रहा हो तो यह कोशिश करें कि उत्तर-पश्चिम दिशा में भी गेस्ट रुम बनाएं ताकि किसी तरह का वास्तुदोष न हो और घर में सुख-शांति बनी रहे।
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Note: अगर आपको घर की सुख, शांति के लिए अपनाएं ये बेसिक वास्तु टिप्स – Vastu Tips for Home in Hindi अच्छी लगे तो जरुर Share कीजिये।