Uttarakhand History in Hindi
Uttarakhand – उत्तराखंड राज्य का वातावरण बहुत ही खास है। सालभर लोग इस राज्य की अलग अलग जगह को देखने के लिए आते रहते है। इस राज्य में कई सारे तीर्थस्थल भी है। और इसी वजह से भी इस राज्य को ‘देव भूमि’ नाम से भी जाना जाता है। कुछ ही साल पहले इस राज्य के नाम में भी बदलाव किया गया। कुछ लोग इस राज्य को ‘उत्तराखंड’ नाम से बुलाते है तो कुछ लोग इसे ‘उत्तरांचल’ नाम से जानते है।
उत्तराखंड राज्य का इतिहास – Uttarakhand History in Hindi
उत्तराखंड राज्य के बारे में जानकारी – Information About Uttarakhand
राज्य का नाम (State Name) | उत्तराखंड।(Uttarakhand) |
उत्तराखंड की राजधानी का स्थल (Capital of Uttarakhand) | देहरादून। (Dehradun) |
राज्य निर्मिति का वर्ष (State Formation Year) | ९ नवंबर २०००। |
राज्य का कुल क्षेत्रफल (Total Area of State) | ५३,४८३ किलोमीटर वर्ग। |
कुल क्षेत्रफल अनुसार राज्य का देश में स्थान (Areawise State Rank in India) | उन्नीसवाँ (19th) |
राज्य की कुल जनसँख्या (Population of Uttarakhand) | १०,०८६, २९२। |
जनसँख्या अनुसार राज्य का देश में स्थान (Populationwise State Rank in India) | इक्कीसवाँ (21th) |
राज्य का कुल साक्षरता दर (Literacy Rate of State) | ७६.३१ प्रतिशत (%). |
राज्य का प्रमुख जानवर (State Mammal of Uttarakhand) | अल्पाइन मस्क हिरण। |
प्रमुख पक्षी (State Bird of Uttarakhand) | हिमालयीन मोनल पक्षी। |
राज्य का प्रमुख पुष्प (फूल) (State Flower of Uttarakhand) | ब्रम्ह कमल पुष्प। |
प्रमुख वृक्ष (पेड़) (State Tree of Uttarakhand) | बुरांश/रोडोडेंड्रोन अर्बोरेयम। |
राज्य का प्रमुख फल(State Flower of Uttarakhand) | काफल |
राज्य का प्रमुख खेल (State Sport of Uttarakhand) | फूटबॉल।(Football) |
प्रमुख नृत्य प्रकार (State Dance of Uttarakhand) | छोलिया। |
राज्य की प्रमुख भाषाएँ (State Languages of Uttarakhand) | हिंदी, संस्कृत, गढ़वाली, कुमाऊनी, जौनसारी इत्यादि। |
वित्तीय तथा राज्यों के निहाय उत्तराखंड राज्य की कोड सँख्या(State Code of Uttarakhand) | ५ (Five) |
राज्य में मौजूद कुल जिलों की सँख्या (Total Number of Districts in Uttarakhand) | १३ (Thirteen) |
उत्तराखंड राज्य का इतिहास – Uttarakhand ka Itihas
उत्तरांचल का नाम केदारखंड, मानखंड और हिमवत जैसे पुराने हिन्दू ग्रंथ में भी पाया गया। यहापर कुषाण, कुदिन, कनिष्क, समुद्रगुप्त, पुरवास, कतुरी, पाल, चन्द्र, पवार और आखिरी में अंग्रेजो ने शासन किया था। इस स्थान पर बहुत सारे पवित्र तीर्थस्थल और मंदिर होने की वजह से भी इस स्थान को ‘देव भूमि’ कहा जाता है।
इस पहाड़ी इलाके में पर्यटकों को देखने के लिए कई सारी जगह है। यहापर कई सारे सुन्दर पर्यटन स्थल देखने को मिलते है और यहापर हरिद्वार, ऋषिकेश, देहरादून, उत्तरकाशी, गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ जैसे प्रसिद्ध और पवित्र तीर्थस्थल है। यह राज्य पश्चिम हिमालय में स्थित है। बहुत साल पहले उत्तरांचल आगरा और अवध के संयुक्त प्रान्त का हिस्सा था और इसकी निर्मिती सन 1902 में हुई थी।
लेकिन सन 1935 में इस राज्य का नाम छोटा कर दिया गया और इसे केवल संयुक्त प्रान्त कहा गया। मगर सन 1950 में प्रान्त का नाम फिर से बदल दिया गया और इसे उत्तर प्रदेश नाम दिया गया और उत्तरांचल इसी का ही हिस्सा रहा।
लेकिन 9 नवम्बर 2000 को उत्तरांचल को अलग करके राज्य का दर्जा दिया गया और इसकी वजह से भारत का 27 वा राज्य का निर्माण हुआ। और 1 जनवरी २००७ से राज्य का नाम “उत्तरांचल” से बदलकर “उत्तराखण्ड” कर दिया गया है।
उत्तराखंड राज्य के कुल जिलों की सूची – Districts of Uttarakhand State
कुल १३ जिले उत्तराखंड राज्य के अंतर्गत आते है जिनको कुमाऊँ और गढ़वाल स्थानिक विभागों के अनुसार बाँटा गया है, निचे इसका विवरण आपके जानकारी हेतु दिया गया है, जैसे के –
उत्तराखंड के जिले – Uttarakhand ke Jile
गढ़वाल विभाग – Garhwal Region
- हरिद्वार (Haridwar)
- देहरादून (Dehradun)
- पौड़ी गढ़वाल (Pauri Garhwal)
- उत्तरकाशी (Uttarkashi)
- रुद्रप्रयाग (Rudraprayag)
- चमोली (Chamoli)
- टिहरी गढ़वाल (Tehri Garhwal)
कुमाऊ विभाग – Kumaoun Region
- पिथौरागढ़ (Pithoragarh)
- नैनीताल (Nainital)
- अल्मोड़ा (Almora)
- चंपावत (Champawat)
- बागेश्वर (Bageshwar)
- उधम सिंह नगर (Udham Singh Nagar)
उत्तराखंड राज्य की प्रमुख नदियाँ – Rivers of Uttarakhand
यहाँ आप जानेंगे उत्तराखंड राज्य में मौजूद सभी नदियों के नाम, जिनका राज्य अंतर्गत प्रवाह क्षेत्र बड़ा है इनमे शामिल नदियाँ इस प्रकार से है –
- भागीरथी
- नंदाकिनी नदी
- गोरी गंगा
- सरदा
- पिंडर नदी
- टोंस नदी
- मंदाकिनी नदी
- रामगंगा
- यमुना नदी
- धौलीगंगा नदी
- गंगा
- शरयु नदी
- अलकनंदा
- गौला नदी
- कोसी
- वासुकिगंगा
- सोंग
- पब्बर
- जानवी
- नायर
- पुष्पावती
- ऋषि गंगा
- बाल गंगा
- भिलंगना नदी
उत्तराखंड राज्य का प्रमुख भोजन प्रकार – Staple Food of Uttarakhand
इस राज्य का अधिकतर क्षेत्र पहाड़ो से घिरा हुआ है, जहाँ का आम वातावरण काफी सुहावना और ठंडा होता है, अगर आप पर्यटन हेतु यहाँ जा रहे है तो यहाँ के खानपान से जुडी जानकारी होना आवश्यक बन जाता है। इस क्षेत्र के खानपान में मौजूद कुछ प्रमुख प्रकारो के बारे में निम्नलिखित तौर पर जानकारी शामिल है, जैसे के –
- गढ़वाल का फन्नाह
- डुबुक
- आलू गुटुक
- बाड़ी
- काफूली
- झंगोरा की खीर
- फानू
- भांग की चटनी
- अरसा
- सिंगोरी
- गुलगुला
- कुमाऊनी रायता
- मड़वा की रोटी पिनाओ का साग
- चुड़कानी
- आलू टमाटर का झोल
- ठटवानी
- गाबा
- कंदली का साग
- चैंसू
- उड़द के पकोड़े
- गाहट
- मुसपानी
- थिचोड़ी
- उगल की भुजिया
- धापडी
उत्तराखंड राज्य के प्रमुख शिक्षा संस्थान/ यूनिवर्सिटी – Educational Institutions/University of Uttarakhand State
यहाँ आप जान पायेंगे उत्तराखंड के प्रमुख शिक्षा संस्थानों के बारे में जिनका ब्यौरा हमने निचे दिया हुआ है, जैसे के –
- उत्तराखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी
- आम्रपाली ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूट
- नॅशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी
- उत्तराँचल यूनिवर्सिटी
- डून यूनिवर्सिटी
- कुमाऊँ यूनिवर्सिटी – नैनीताल
- जी बी पंत यूनिवर्सिटी
- उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी
- मदरहुड यूनिवर्सिटी
- स्वामी रामा हिमालयन यूनिवर्सिटी
- तुला इंस्टिट्यूट
- हिमगिरी झी यूनिवर्सिटी
- क्वांटम यूनिवर्सिटी
- वाइल्डलाइफ इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया
- ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस
उत्तराखंड का सामाजिक जीवन – Social Life of Uttarakhand
राज्य के समाज जीवन में अधिकतर आध्यात्मिकता का प्रभाव दिखाई देता है, इसकी प्रमुख वजह ये भी है के हिन्दू धर्म के अधिकतर पवित्र धार्मिक स्थल राज्य अंतर्गत मौजूद है। देवभूमि के नामसे विख्यात उत्तराखंड राज्य की धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पार्श्वभूमि काफी समृध्द है, जिसमे त्यौहार, व्रत आदि शामिल है।
हिन्दू धर्म का राज्य में अधिक प्रभाव होने के कारण यहाँ के आम जीवनशैली में इसी धर्म से जुडी धार्मिक मान्यताओ का पालन किया जाता है, राज्य में कुछ जनजातीय विशेष लोगों का भी अधिवास है जिनकी स्वतंत्र जीवन पद्धति और मान्यताये होती है।
हिंदी भाषा को राज्य में प्राथमिक भाषा का दर्जा दिया गया है, इसके अलावा कुमाउँनी और गढ़वाली भाषा का अधिकतर बोलीचाली में प्रयोग किया जाता है।
उत्तराखंड राज्य के प्रमुख धर्म – Religions of Uttarakhand State
राज्य की भौगोलिक और ऐतिहासिक पार्श्वभूमि कुछ इस तरह से है के जिसमे प्राचीन काल से चली आ रही हिन्दू मान्यताओं और परंपराओं का प्रभाव अधिक है, इसीके चलते हिन्दू धर्म के लोगो की सँख्या राज्य में अग्रक्रम पर है।
इसके अलावा मुस्लिम, बौध्द, सिख, जैन और ईसाई इत्यादि धर्म के लोगो का भी अधिवास यहाँ पर है। कुछ जनजातीय विशेष लोगो का अनेको वर्षो से राज्य में निवास है जिनकी अपनी स्वतंत्र धार्मिक मान्यताये होती है।
उत्तराखंड की प्रमुख भाषाएँ – Languages of Uttarakhand
राज्य में अधिकतर बोली जाने वाली भाषा हिंदी है जिसको आधिकारिक भाषा का स्थान दिया गया है, इसके अलावा क्षेत्रीय भाषाओ में गढ़वाली, कुमाउँनी भाषा का अधिकतर बोलीचाली में इस्तेमाल किया जाता है।
अन्य भाषाओ में पंजाबी, उर्दू, नेपाली, भोजपुरी, जौनसारी, बंगाली आदि भाषाओ का भी प्रयोग राज्य अंतर्गत किया जाता है।
उत्तराखंड राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थल – Famous Tourist Places in Uttarakhand
प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिकता का माहौल इस राज्य के जनजीवन को अधिक सुहावना बनाते है, जिसके अंतर्गत यहाँ के विशिष्ट स्थल पर्यटन के दृष्टी से काफी विकसित हुए है। यह जगह पर्यटन के लिए बिलकुल सही जगह है क्यों की नदी में राफ्टिंग करना, ट्रेकिंग, पहाड़ो पर चढ़ना, फिशिंग, पहाड़ो पर बाइक चलाना, माउंटेन सफारी, स्कीइंग, पैराग्लाइडिंग की सुविधा आपको आसानी से यहाँ मिल जाती है।
अगर आप भी उत्तराखंड राज्य में पर्यटन हेतु जाने की सोच रहे है तो निम्न तौर पर दिए हुए स्थलों की जानकारी आपके लिए काफी मददगार साबित हो सकती है, इनमे शामिल प्रमुख स्थल इस प्रकार से है –
- केदारकंठ
- स्नो व्यू
- लक्ष्मण झूला
- लैंसडाउन
- कुआरी पास ट्रेक
- केम्पटी फॉल्स
- कामेट
- राम झूला
- नंदा देवी नॅशनल पार्क
- रोबेर्स केव
- पिंडारी ग्लेशियर
- केदारताल
- चौखम्बा
- टाइगर फॉल्स
- कफनी ग्लेशियर
- राजाजी नॅशनल पार्क
- पंगारचुला पीक
- जिम कॉर्बेट नॅशनल पार्क
- भीमताल लेक
- सतोपंथ ग्लेशियर
- सोनानदी वन्यजीव अभयारण
- नाग टिब्बा
- रूप कुंड
- नंदा देवी पर्वत श्रेणी
- पंचचुली
- नैनीताल
उत्तराखंड राज्य के पवित्र धार्मिक स्थल – Holy Religious Places in Uttarakhand
हिन्दू धर्म के पवित्र तीर्थस्थलों में से अधिकतर स्थल उत्तराखंड राज्य में मौजूद है, इसके अलावा प्राचीन धार्मिक मान्यताओं से जुड़े स्थल जैसे के ऋषि महर्षियो के आश्रम, तप स्थल इत्यादि भी यहाँ देखने को मिलते है।
ऐसेही कुछ प्राचीन और पवित्र आध्यात्मिक स्थलों का ब्यौरा हमने सूचीगत तरीके से निचे दिया हुआ है जिनमे शामिल है –
- श्री क्षेत्र बद्रीनाथ धाम (Badrinath Dham)
- हर की पौड़ी (Har Ki Pauri)
- हनुमान चट्टी (Hanuman Chatti)
- हरिद्वार (Haridwar)
- यमुनोत्री(Yamunotri)
- गुप्तकाशी(Guptakashi)
- गौमुख (Gaumukh)
- श्री क्षेत्र ऋषिकेश धाम (Rishikesh Dham)
- श्री क्षेत्र केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham)
- गंगोत्री (Gangotri)
- श्री रुद्रप्रयाग (Rudraprayag)
- उत्तरकाशी (Uttarkashi)
- देवप्रयाग (Devprayag)
- पाताल भुवनेश्वर (Patal Bhuvneshwar)
- जागेश्वर (Jageshwar)
- तुंगनाथ (Tungnath)
- हेमकुंड साहिब (Hemkund Sahib)
- कर्णप्रयाग (Karnaprayag)
- जोशीमठ (Joshimath)
उत्तराखंड की संगीत और नृत्यकला – Folk Dance and Music of Uttarakhand
राज्य में बसे कुछ विशेष जनजातियों की संगीत और नृत्यकला विशिष्ट प्रकार की होती है जिसमे लोक संगीत, पहाड़ी गीत, आदि शामिल होते है। यहाँ का लोकसंगीत अधिकतर सामाजिक जीवनशैली, धार्मिक मान्यताये, संस्कृति, ग्रामीण व्यवसाय और गतिविधियाँ, त्यौहार आदि से प्रभावित होता है।
राज्य के प्रमुख लोकसंगीत में पनवरस, मंडलस, थायडा, झोड़ा, सोमबर, खुद्दार, बसंती आदि शामिल है। बात करे उत्तराखंड के नृत्य प्रकार की तो राज्य में लंग्वीर नृत्य, पांडव नृत्य, भरदा नाती, धुरंग, धुरिंग यहाँ का प्रमुख नृत्य आकर्षण होते है।
उत्तराखंड की प्रमुख जनजातियाँ – Tribes of Uttarakhand
राज्य में आपको कुछ प्रमुख जनजातियाँ देखने को मिलती है जिनमे प्रमुखता से भोतिया, थारू, जौनसारी, वन राजी, बुकसा शामिल है। इनमेसे जौनसारी जनजाति की संख्या सबसे अधिक है तो वन राजी समुदाय की संख्या सबसे कम मौजूद है।
उत्तराखंड की संस्कृति और परंपरा संक्षेप में – Culture and Tradition of Uttarakhand
उत्तराखंड राज्य पहले भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश में था जिसका विलगीकरण ९ नवंबर २००० को हुआ और स्वतंत्र राज्य उत्तराखंड या उत्तराँचल निर्मित हुआ था। राज्य में आपको अधिकतर नदिया और पहाड़ देखने को मिलते है जिसमे उत्तर पूर्व हिमलाय पर्वत श्रेणी शामिल है।
कुमाऊं हिमालय श्रेणी में से अधिकतर पर्वत राज्य अंतर्गत आते है जिसमे नंदा देवी पर्वत शिखर प्रसिध्द है। प्राचीन काल से हिन्दू धर्म का प्रमुख केन्द्रस्थान उत्तराखंड राज्य का क्षेत्रीय प्रदेश रहा जिसमे अधिकतर हिन्दू धार्मिक स्थल और पवित्र नदियों के संगम मौजूद है। गंगा जिसे भारत की सबसे प्रमुख पवित्र नदी माना जाता है इसका उगम स्थल गंगोत्री भी राज्य अंतर्गत आता है।
हरिद्वार यहाँ का प्रमुख धार्मिक स्थल है जहा हर १२ साल बाद कुम्भ मेला लगता है जिसमे करोडो श्रद्धालु धार्मिक कार्य पूरा कर आध्यात्मिक अनुभूति प्राप्त करते है। मुस्लिम, सिख, बौध्द और जैन, ईसाई धर्मीय की संख्या यहाँ कम है मगर इनके धार्मिक स्थल भी यहाँ देखने को मिलते है।
बहुत से विदेशी लोग हिन्दू धर्म की शिक्षा प्राप्त करने के साथ, ध्यान, कर्मकांड आदि करते हुए यहाँ आसानी से देखे जा सकते है, विश्व में हिन्दू धर्म का प्रभाव और प्रसार संचालित करने का प्रमुख कार्य इसी राज्य अंतर्गत होता है। राज्य में स्थित पवित्र तीर्थस्थल जैसे के बद्रीनाथ, केदारनाथ, ऋषिकेश धाम, उत्तरकाशी, हर की पौड़ी को हिन्दू मान्यताओं में अनन्यसाधारण महत्व प्राप्त है, इसी कारण इस भूमि को देवभूमि या मोक्षभूमि भी कहाँ जाता है।
अनेक निसर्गरम्य स्थल और आध्यात्मिक वातावरण के कारण ध्यान, योग, साधना और अंतिम संस्कारो में शामिल क्रिया को पूरा करने देश विदेश से लोग यहाँ आते है। जीवन में परम पुण्य का स्थान प्राप्त तीर्थस्थलों में सालभर लोग दर्शन हेतु यहाँ आते है और पावन गंगा और अन्य नदियों में स्नान करने आते है।
केदारनाथ मंदिर को बारा ज्योतिर्लिंगों में स्थान प्राप्त होने के कारण अधिकतर शिव भक्त यहाँ भगवान के समीप पहुँचकर कृतार्थ और विनम्रता भाव से दर्शन प्राप्त करते है। बहुत बार आपको राज्य में धार्मिक गतिविधिया देखने को मिलेगी, वही निसर्गप्रेमी लोगो का भी ये पसंदीदा राज्य है, जहाँ वन्य संसाधन के संरक्षण हेतू चिपको आंदोलन किया गया था। यहाँ के गढ़वाल प्रदेश में लंग्विर नृत्य, बरदा नाती लोकनृत्य, पांडव नृत्य, धुरंग, धुरिंग जैस नृत्य किये जाते है।
कुमाऊ लोगो को संगीत, लोक नृत्य, और गाने बहुत पसंद है। आम तौर पर लोग मुरली, बिना और हुरका का इस्तेमाल करके नृत्य करते है। इस अनोखे हुरका का प्रदर्शन ‘जुर्किया’ द्वारा किया जाता है। इस नृत्य में बाकी के लोग भी नाचते है और उन्हें हुर्कियारी कहा जाता है।
यह हुर्कियारी अक्सर उनकी पत्नी या फिर लड़की होती है। वो एक जगह से दूसरी जगह पर नृत्य करते है और गाते समय देवी और देवता की प्रशंसा करते है।फसल काटने के समय जब त्यौहार होते है तो लोग उस समय झारवा, चंधुर, छापलियर जैसे नृत्य करते है। मालूशाही, बैर, और हुर्किया बोल जैसे लोक गीत गाते है।
गढ़वाल प्रदेश में हत्कालिका मेला, टपकेश्वर मेला, सुरखंडा देवी मेला, कुंजापुरी मेला, लखवार गाव का मेला, माता मूर्ति का मेला मनाया जाता है। इसके अलावा यहाँ के कुमाऊ प्रदेश में उत्तरायनी मेला, श्रवण मेला (जागेश्वर), द्वाराहाट की कार्तिक पूर्णिमा, कसार देवी मेला और नंदा देवी मेला का भी आयोजन किया जाता है।
उत्तराखंड राज्य में चारो तरफ़ वातावरण काफी शांतिपूर्ण है, जहाँ पर पेंटिंग्स और कला का तो भंडार भरा है। पत्थर की नक्काशी और लकड़ी की नक्काशी यहाँ विशेष रूप से प्रसिद्ध है। लेकिन यहाँ की पत्थर की नक्काशी की कला धीरे धीरे खत्म होने की कगार पर है मगर यहाँ की लकड़ी की नक्काशी की कला आज भी बड़े पैमाने पर देखने को मिलती है।
कुछ सालों पहले यहाँ के गढ़वाल के हर घर के दरवाजे पर नक्काशी देखने को मिलती थी। यहाँ के चांदपुर किला, श्रीनगर का मंदिर, पन्दुकेश्वर (बद्रिनाथ के पास) देवी मदनी (जोशीमठ के पास) देवलगढ़ मंदिर को देखने के बाद यहाँ के समृद्ध वास्तुकला का दर्शन होता है।
उत्तराखंड राज्य के प्रमुख महोत्सव/त्यौहार – Festivals of Uttarakhand
सालभर में आनेवाले लगभग सभी धर्म के प्रमुख त्यौहार राज्य में मनाये जाते है, इनमे से हिन्दू धर्म के त्यौहार और उनका इस राज्य में मनाये जाने का प्रारूप कुछ अलग होता है, जिसकी रंगत और शान देखते ही बनती है। यहाँ निचे वर्णित ऐसेही कुछ महोत्सवो को जानने के बाद आपको इसकी कल्पना आएगी, जिनमे मुख्यतः शामिल है –
- वसंत पंचमी (माता सरस्वती पूजन महोत्सव)
- कुम्भ मेला
- काले कौवा/घुघुतिया
- घी संक्रांति
- फूल देइ
- होली
- भितौली (अनाज को बोने की प्रक्रिया का त्यौहार)
- वट सावित्री
- हरेला (भगवान शिव और माता पार्वती विवाह का त्यौहार)
- मकर संक्रांति
- गंगा दशहरा
- कंदली
- पूर्णगिरी मेला
- हिल जात्रा (पहाड़ी मेला)
- रम्माण
- स्यालदे बिखौती मेला
- कंवर यात्रा
- नंदादेवी राज जत यात्रा
- बिस्सु मेला
- उत्तरायणी मेला
- बागवाल फेयर
- माघ मेला
- एगास
- विश्व योग दिवस (21th of June)
इस राज्य के लोग को स्वभाव काफी अच्छा है, यहापर सभी तरफ़ से कुदरती सुन्दरता को करीब से देखने का मौका मिलता है। ऐसे सुंदर मनोहारी नज़ारे वाले तथा आध्यात्मिक वातावरण से समृध्द राज्य में आपको एक बार अवश्य पर्यटन हेतु जाना चाहिए। हमें आशा है अबतक दी गई जानकारी आपको पसंद आयी होगी, कोशिश करे की अन्य लोगो तक इस लेख को साझा कर ऐसे महत्वपूर्ण जानकारी का उन्हें भी लाभ दिलाये।
उत्तराखंड राज्य के विषय के अधिकतर बार पूछे जाने वाले सवाल – Gk Quiz on Uttarakhand State
- भारतीय राज्य उत्तराखंड में कुल कितने जिले मौजूद है? (How many districts are there in Uttarakhand State?) जवाब: तेराह (१३ – Thirteen)
- उत्तराखंड राज्य के कुछ पारंपारिक नृत्य प्रकार के नाम बताये? (Folk dance of Uttarakhand State?) जवाब: भोतिया नृत्य, मुखौटा नृत्य, छोलिया, झोरा नृत्य, पांडव नृत्य इत्यादि।
- उत्तराखंड राज्य में मौजूद कौनसे जिले प्राकृतिक सुंदरता की दृष्टी से सबसे ज्यादा आकर्षक है?(Most beautiful districts of Uttarakhand?) जवाब: कुमाऊ और गढ़वाल क्षेत्र में मौजूद लगभग सभी १३ जिले प्राकृतिक दृष्टी से काफी सुन्दर और रमणीय है।
- कुल कितनी नदिया उत्तराखंड राज्य से बहती है? (Total number of rivers in Uttarakhand state?) जवाब: लगभग सोलह (१६)
- उत्तराखंड राज्य में कुल कितने हवाई अड्डे मौजूद है? (Total number of airports in Uttarakhand State?) जवाब: ५ (Five)
- उत्तराखंड राज्य में अगर पर्यटन हेतु घूमने जाना हो तो कौनसा समय सबसे उचित होता है? (Best time to visit Uttarakhand State?) जवाब: वैसे आप सालभर में कभी भी इस राज्य में घूमने जाओगे तो आपको अत्यंत प्रसन्नता और रमणीयता का अनुभव होगा, परंतु मार्च माह से लेकर जून माह तक का समय सबसे उचित माना जाता है।
- कौनसी ऐतेहासिक किताबो से हमें उत्तराखंड राज्य के इतिहास की जानकारी प्राप्त होती है? (History books of Uttarakhand State?) जवाब: कल्चरल हिस्ट्री ऑफ़ उत्तराखंड, हिस्ट्री ऑफ़ उत्तरांचल, अ कॉम्प्रिहेंसिव स्टडी ऑफ़ उत्तराखंड, क्नोव यूअर स्टेट उत्तराखंड, हिस्ट्री ऑफ़ कुमाऊँ, उत्तराखंड का नविन इतिहास, हिस्ट्री ऑफ़ गढ़वाल, द डून वैली डाउन द एजेस, द वैली ऑफ़ फ्लॉवर्स इत्यादि।
- उत्तराखंड राज्य में मौजूद कुछ प्रमुख वन्यजीव अभयारण के नाम बताये? (Wild life sanctuaries of Uttarakhand State?) जवाब: केदारनाथ अभयारण, सोननदी अभयारण, मसूरी अभयारण, अस्कोट अभयारण, बिनसार अभयारण, गोविंद अभयारण इत्यादि।
- उत्तराखंड राज्य के कुछ अन्य नाम बताए? (Other names of Uttarakhand state?) जवाब: उत्तराँचल, देवभूमि।
- किस खेल को उत्तराखंड राज्य का प्रमुख खेल कहा जाता है?(State sport of Uttarakhand?) जवाब: फुटबॉल।
- उत्तराखंड राज्य देश-दुनिया में क्यों प्रसिध्द है? (Why Uttarakhand state is so famous?) जवाब: विश्व भर में भारतीय संस्कृति और हिन्दू धर्म की अलग पहचान है, जिसमे भारत के प्रमुख हिन्दू तीर्थस्थलों का दुनियाभर के लोगो को आकर्षण रहता है। उत्तराखंड में मौजूद कुल सोलह नदिया पवित्र मानी जाती है जिनमे से गंगा नदी का धार्मिक और आस्था की दृष्टी से महत्व काफी ज्यादा है, इस नदी का उगमस्थान इसी राज्य में मौजूद है। इसके अलावा पवित्र तीर्थ स्थल उत्तरकाशी, बद्रीनाथ धाम, केदारनाथ धाम, ऋषिकेश धाम, हर की पौड़ी इत्यादि उत्तराखंड में मौजूद होने से धार्मिक स्थल के दृष्टी से राज्य को देश में अनन्यसाधारण महत्व प्राप्त है। इत्यादि कई सारे कारणों से देश दुनिया में उत्तराखंड राज्य प्रसिध्द हुआ है।
बहुत है सुंदर जानकारियां मिली । धन्यवाद
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