टाइटैनिक जहाज का इतिहास… टाइटैनिक जहाज कैसे डूबा? पूरी कहानी | Titanic Ship History

Titanic Ship

टाइटैनिक का नाम सुनते ही सबको टाइटैनिक फ़िल्म की याद आ जाती है। दुनिया के किसी भी इन्सान को टाइटैनिक के बारे जरुर जानकारी होगी। टाइटैनिक अपने ज़माने की बहुत बड़ी जहाज हुआ करती थी।

जब इस शानदार जहाज को बनाया जा रहा था तो उसके साथ में अन्य दो जहाजो को भी बनाया गया। मगर इस टाइटैनिक जहाज की बात ही कुछ और थी। यह जहाज सब जहाजो में बहुत बड़ी जहाज थी। टाइटैनिक जहाज की एक और खास बात थी की वो सबसे तेज चलने वाली जहाज थी।

लेकिन यह जहाज इतनी प्रसिद्ध क्यों हुई इसके पीछे भी इतिहास है। इस जहाज की कुछ जानकारी निचे दी गयी है। तो चलिए जानते है टाइटैनिक जहाज के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी।

अगर कुछ सेकेंड पहले पता यह बात तो शायद टाइटैनिक जहाज में डूबने से बच जाती –  Titanic History in Hindi
Titanic Ship

टाइटैनिक जहाज का इतिहास – Titanic Ship History in Hindi

टाइटैनिक जहाज की पहली यात्रा एवं यह कब एवं कैसे डूबा – Why did the Titanic Sink

टाइटैनिक जहाज की डूबने की भयावह घटना को 100 साल से भी ज्यादा हो चुके हैं, लेकिन यह आज भी लोगों के दिमाग में तरोताजा है, जब भी किसी जहाज का जिक्र होता है तो टाइटैनिक का नाम जरूर लिया जाता है।

दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों में शुमार ब्रिटेन में बना यह टाइटैनिक शिप उस दौर का सबसे आलीशान एवं बड़ा जहाज था।

टाइटैनिक ने 10 अप्रैल 1912 में अपनी पहली यात्रा के लिए रवाना हुआ एवं यही उसकी आखिरी यात्रा भी साबित हुई।

आपको बता दें कि टाइटैनिक को अपनी पहली यात्रा में ब्रिटेन से न्यूयॉर्क (अमेरिका) तक का सफ़र तय करना था। टाइटैनिक शिप का रुट तय था। इसी कड़ी में टाइटैनिक साल 1912 में 10 अप्रैल के दिन इंग्लैंड के साउथ हैम्पटन से न्यूयॉर्क की तरफ रवाना हुआ। इस यात्रा के दौरान टाइटैनिक जहाज को फ्रांस के चेरबर्ग और आयरलैंड के क्वीन्सडाउन में रुकना था।

लेकिन अपने सफर के चौथे दिन जब टाइटैनिक जहाज 600 किलोमीटर की यात्रा तय कर न्यूफाउंडलैंड पहुंचा था, इसी दिन रात को 11 बजकर 40 मिनट पर यह जहाज एक बड़े से आइसबर्ग (हिम खंड) से टकरा गया। यह टक्कर इतनी जोरदार थी कि जहाज के पतवार की पत्तियां अंदर, स्टारबोर्ड की तरफ आ गईं।

एवं इस भयानक हादसे में जहाज के 16 जलरोधी दरवाजों में से 5 दरवाजे समुद्र की तरफ खुल गए। पानी तेजी से जहाज के अंदर आने लगा और करीब 2 घंटे 40 मिनट में यह जहाज पूरी तरह डूब गया।

टाइटैनिक जहाज डूबने से 1500 से भी ज्यादा लोगों की चली गई थी जान – How many People Died on the Titanic

टाइटैनिक जहाज के डूबने से करीब 1500 से भी ज्यादा लोगों की जान चली गई थी। आपको बता दें कि टाइटैनिक जहाज में कुल 2 हजार 222 लोग सवार थे, जिनमें 1314 यात्री एवं 908 क्रू मेंबर थे।

जिसमें से सिर्फ 706 लोगों की ही जान बचाई जा सकी थी, तो वहीं मरने वालों में सिर्फ 337 लोगों के ही शव मिल सके थे। इस जहाज में डूबने वालों में सबसे अधिक संख्या पुरुषों की थी।

दरअसल, जब लाइफबोट में लोगों की जान बचाने के लिए बिठाया जा रहा था, तब प्रोटोकॉल फॉलो करते हुए महिलाओं और बच्चों को बिठाने के लिए पहली प्राथमिकता दी गई।

लाइफबोट, 1st क्लास के टिकट लेने वालों के सबसे पास थी, इसलिए 1st क्लास के करीब 60 फीसदी लोग, 2nd क्लास के 42 फीसदी लोग और 3rd क्लास के सिर्फ 25 फीसदी लोग ही जिंदा बचाए जा सके। हालांकि, कुछ मिथक एवं अफवाहों के मुताबिक ऐसा भी कहा जाता है कि टाइटैनिक जहाज के 3rd श्रेणी के यात्रियों को लाइफबोट तक पहुंचने के लिए रोका भी गया था। इसके अलावा जहाज पर मौजूद 9 कुत्तों में से 2 कुत्तों की भी जान बचा ली गई थी।

तो क्या टाइटैनिक हादसे में 1178 लोगों की बच सकती थी जान – How many Lifeboats were on the Titanic

टाइटैनिक जहाज में डूबने से डेढ़ हजार से भी ज्यादा लोगों की जान चली गई थी। लेकिन अगर ध्यान दिया जाता है, तो 706 की जगह 1178 लोगों की जान बचाई जा सकती थी।

आपको बता दें कि टाइटैनिक जहाज इस तरह से डिजाइन किया गया था कि 64 लाइफबोट ले जाए जा सकें, लेकिन सिर्फ 20 लाइफबोट ही ले जाईं गईं थीं, जो कि जहाज में मौजूद करीब 2 हजार, 222 लोग लोगों को बचाने के लिए पर्याप्त नहीं थीं।

वहीं एक अनुमान के मुताबिक अगर लाइफबोट को पूरी तरह से भरा जाता तो करीब 1178 लोगों को डूबने से बचाया जा सकता था। वहीं इसका एक अन्य कारण यह भी रहा था कि, कुछ लाइफबोट में पूरी तरफ नहीं भरकर महज कुछ लोगों को ही डालकर खाली लेकर चले गए थे।जिसकी वजह से कम लोगों को ही बचाया जा सका।

टाइटैनिक जहाज पर बनी फिल्म – Titanic Movie

विश्व के इस सबसे बड़े जहाज के डूबने पर फिल्म ”टाइटैनिक” साल 1997 में बनाई गई थी। और जहाज डूबने के करीब 100 साल बाद 2012 में फिर से टाइटैनिक जहाज की डूबने की घटना को 3D में दिखाया गया।

टाइटैनिक जहाज से जुड़ी कुछ अफवाह एवं मिथक – Titanic Myths

”यह जहाज कभी डूब नहीं सकता”-

टाइटैनिक जहाज को लेकर लोगों द्वारा यह दावा किया गया था कि इस जहाज को बनाने वाली कंपनी व्हाइट स्टार लाइन ने इसके कभी नहीं डूबने की बात कही थी। लेकिन लंदन के किंग्स कॉलेज के रिचर्स हॉवेल्स ने टाइटैनिक के बारे में इसे सबसे बड़ा मिथक करार दिया था।

टाइटैनिक के कप्तान एडवर्ड जे. स्मिथ को माना जाता है जहाज के डूबने का जिम्मेदार – Who’s Responsible for Titanic Sinking

टाइटैनिक के कैप्टन एडवर्ड जे. स्मिथ के बारे में ज्यादा जानकारी तो उपलब्ध नहीं है, हालांकि, आइसबर्ग की चेतावनी को नजरअंदाज करने एवं शिप की स्पीड को कम नहीं करने की गलती के बाबजूद उन्हें एक हीरो के तौर पर देखा जा सकता था।

कुछ विशेषज्ञ टाइटैनिक फिल्म में दिखाई गई कैप्टन की इमेज गलत मानते है। उनका कहना था कि, वो जानते थे कि टाइटैनिक शिप में कितने लोग सवार हैं, कितनी लाइफबोट हैं, लेकिन फिर भी उन्होंने नावों को पूरी तरह भरे नहीं होने के बाबजूद भी जाने दिया।

इसके साथ ही कैप्टन एडवर्ड को टाइटैनिक के खतरे में होने की कोई भी सूचना पहले से यात्रियों को नहीं देने के लिए भी दोषी माना जाता है।

लंदन के राष्ट्रीय समुद्री संग्रहालय के जॉन ग्रेव्स के मुताबिक 14 अप्रैल, 1912 टाइटैनिक की दुर्घटना की रात को कैप्टन स्मिथ कहां गायब हो गए थे, यह कोई नहीं जानता कि कयामत की उस रात स्मिथ कहां गायब हो गए थे।

जहाज डूबते समय बजाया गया था बैंड –

मशहूर फिल्म टाइटैनिक में एक सीन में यह दर्शाया गया है कि जहाज के डूबने के समय यात्रियों का मनोबल बनाए रखने के लिए एक बैंड को प्रार्थना बजाते हुए भी दिखाया गया है।

इसके साथ ही यह भी दिखाया गया है कि इस बैंड के सातों म्यूजिशियन हादसे में मारे गए। वहीं इस बैंड का आखिरी गाना कौन सा था, इसके बारे में किसी को भी जानकारी नहीं थी।

टाइटैनिक बनाने वाली कंपनी के मालिक के खिलाफ भी फैली गलत खबरें –

टाइटैनिक बनाने वाली कंपनी के मालिक जे.ब्रूस के बारे में भी कई गलत अफवाहें और झूठी खबरें हैं।

जे ब्रूस के बारे में यह कहा जाता है कि, उन्होंने महिलाओं, बच्चों और क्रू मेंबर्स को बचाने से पहले अपनी जान बचाने के लिए लाइफबोट का इस्तेमाल किया।

जबकि कुछ लोग इन आरोपों के पीछे कंपनी के मालिक से अमेरिकी अखबार के मालिक विलियम रैंडोल्फ हर्स्ट की पुरानी दुश्मनी भी बताते हैं।

3rd क्लास के यात्रियों को रोकने से जुड़ा मिथक:

फिल्म में दिखाए गए एक सीन के मुताबिक टाइटैनिक जहाज के डूबते वक्त जब यात्रियों को बचाने के लिए लाइफबोट का इस्तेमाल किया जा रहा था, तब शिप के थर्ड क्लास के यात्रियों को लाइफबोट तक पहुंचने से रोका जाता है।

जबकि वास्तव में इस बात का कोई भी ऐतिहासिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है। हालांकि, इस बात से नहीं नकारा जा सकता है अमेरिकी आप्रवासन कानून के तहत  एवं संक्रामक बीमारियों से रोकने के लिए टाइटैनिक जहाज में तृतीय श्रेणी के यात्रियों को अन्य यात्रियों से अलग रखा गया था।

आपको बता दें कि टाइटैनिक जहाज के थर्ड क्लास में ज्यादातर यात्री रुस, चीन, ब्रिटेन, सीरिया एवं इटली के सवार थे, जो कि बेहतर जिंदगी की तलाश में अमेरिका जा रहे थे।

टाइटैनिक जहाज से जुड़े रोचक एवं दिलचस्प तथ्य – Facts about The Titanic

  • टाइटैनिक जहाज, उस दौर का सबसे बड़ा एवं सभी सुविधाओं से लैस जहाज था, जो कि करीब 2 साल, 2 महीने में बनकर तैयार हुआ था। इसे करीब 3 हजार लोगों की टीम ने बनाना शुरु किया था।
  • इसके निर्माण के दौरान 2 लोगों की जान चली गई थी, तो करीब 246 लोग गंभीर रुप से घायल हो गए थे। यह जहाज 31 मई, साल 1911 में पूरी तरह बनकर तैयार हुआ था।
  • टाइटैनिक जहाज में करीब 63 हजार लीटर पीने का पानी, 40 टन आलू, 1590 किलो प्याज, 40 हजार अंडे आदि का इस्तेमाल होता था।
  • टाइटैनिक, पूरे विश्व में इकलौता ऐसा जहाज है जो कि हिमखंड के टकराने से डूब गया। वहीं जब टाइटैनिक के ऑफिसर्स को आइसबर्ग दिखाई दिया तब उनके पास प्रतिक्रया के लिए 37 सेकेंड बचे थे।
  • हिमखंड के दिखते ही जहाज को बाएं तरफ मोड़ भी लिया गया, लेकिन यह एक्शन आइसबर्ग से बचने के लिए काफी नहीं था। वहीं अगर इसके बारे में 30 सेकेंड पहले जानकारी मिल जाती तो टाइटैनिक को बचाया जा सकता था।
  • 1 सितंबर, 1985 में जहाज डूबने के करीब 73 साल बाद टाइटैनिक का मलबा ढूंढ लिया गया।
  • विश्व के सबसे बड़े जहाज टाइटैनिक के डूबने से इंग्लैंड की अर्थव्यवस्था को काफी गहरा झटका लगा था। क्योंकि इसमें यात्रा करने वाले सबसे धनी व्यक्ति इंग्लैंड से थे।
  • जिस जगह पर टाइटैनिक डूबा था, वहां पानी का तापमान करीब -2 डिग्री सेल्सियस था, जिसमें कोई भी मनुष्य 15 मिनट से ज्यादा जिंदा नहीं रह सकता है।
  • टाइटैनिक जहाज को बनाने में जहां 75 लाख डॉलर का खर्च आया था, जबकि टाइटैनिक फिल्म को बनाने में करीब 20 करोड़ डॉलर खर्च हुए थे, जो कि जहाज को बनाए जाने की कीमत से कहीं ज्यादा था। वहीं टाइटैनिक फिल्म ने 11 ऑस्कर अवॉर्ड जीते थे।

टाइटैनिक जहाज की डूबने की दर्दनाक घटना हमेशा लोगों के जहन में रहेगी। यह समुद्र में डूबने वाले विश्व के सबसे बड़े जहाजों में दूसरे नंबर पर आता है।

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