थॉमस जेफरसन जीवनी

Thomas JeffersonThomas Jefferson

थॉमस जेफरसन जीवनी – Thomas Jefferson Biography in Hindi

पूरा नाम (Name) थॉमस जेफरसन
जन्म (Birthday) 13 अप्रैल 1743
जन्मस्थान (Birthplace) रॉडवेल व्हर्जिनिया
पिता (Father Name) प्रिंस एडवर्ड, केंट और स्ट्रेथियर्न के ड्यूक
माता (Mother Name) जेन रॅनडोल्फ जेफरसन

थॉमस जेफरसन के बारेमें – Thomas Jefferson Information in Hindi

अमेरिका के स्वातंत्र्य आंदोलन में महत्त्वपूर्ण योगदान करनेवाले और स्वातंत्र्य का घोषणा पत्र तैयार करनेवाले स्वातंत्र्यवादी अमेरिकन नेता के रूप में थॉमस जेफरसन मशहूर है। थॉमस जेफरसन / Thomas Jefferson इन्हें अमेरिका के संयुक्त संघ के तिसरे राष्ट्राध्यक्ष होने का सम्मान मिला।

जेफरसन का जन्म 13 अप्रैल 1743 को व्हर्जिनिया के रॉडवेल यहा हुआ। कानून शाखा में उपाधि प्राप्त करके। इ.स. 1767 में उन्होंने वकीली में डिप्लोमा लिया। वकील के रूप में आदर बढ़ने की वजह से ‘हाऊस ऑफ बर्जिअस’ के सभासद के रूप में वो चुनकर आये। इसी समय में अमेरिका का स्वातंत्र्य आंदोलन बड़ी तेजी चल रहा था। इग्लंड के संसद को अमेरिकन जनता पर हुकुम चलाने का कोई अधिकार नहीं है ऐसी भूमिका उन्होंने ‘समरी व्ह्यू ऑफ द राइट्स ऑफ ब्रिटिश अमेरिकन’ अपने इस किताब में रखी।

घोषणापत्र तैयार करने के बाद उन्होंने व्यक्तिगत स्वातंत्र्य और घटक राज्य का स्वातंत्र्य इसपर भी अपना अभ्यासपूर्ण कहना रखा। अमेरिका ने यूरोप के औदयोगिक जीवन की नकल नहीं करनी चाहिये। ऐसा उनका आग्रह था।

अमेरिका के स्वातंत्र्य प्राप्त होने के बाद 1790 में उनका वॉशिंग्टन के पहले मंत्रीमंडल में सेक्रेटरी ऑफ स्टेट के रूप में समावेश हुआ लेकीन आर्थिक धोरण की वजह से मंत्रिमंडल से अंतर होने के वजह से उन्होंने अपने स्थान का इस्तिफा देकर ‘डेमोक्रेटिक रिपब्लिकन’ पक्ष की स्थापना की।

अपने स्थिरता पूर्ण कार्य की वजह से लोकप्रिय हुये जेफरसन इनकी 1800 में अमेरिका के तिसरे राष्ट्रध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया। उदासीन, निर्दोष और मासूम अध्यक्ष के रूप में उनकी छवी जनता में होने के वजह से उन्हें दो बार अध्यक्ष के स्थान पर चुनकर आने का सम्मान मिला। 1809 में उन्होंने राजनीती से रिटायर्ड हुये।

‘ए मॅन्युअल ऑफ पार्लमेंटरी प्रॅक्टिस’ ये जेफरसन इनका ग्रंथ उसमे के लोकतंत्र बचाने के बारे में सोच के लिये मशहुर है। थॉमस जेफरसन इनका 4 जुलाई 1826 को मॉटिचेलो यहा देहांत हुआ। उनकी आखरी इच्छा के अनुसार स्वातंत्र के घोषणापत्र का लेखक, व्यक्ती स्वातंत्र्य का पुरस्कर्ता और संसदिय लोकतंत्र का चैंपियन ऐसा अभिलेख उनके स्मारक पत्थर पे लिखा गया।

2 COMMENTS

  1. बहुत ही उत्तम जानकारी पंडित जी और आप भी हिंदी जगत के प्रचार प्रसार की दिशा में कमाल कर रहे है मैं आपके इस कदम के लिए आपकी सराहना करता हूँ |

    • KAMAL KUMAR Ji,

      आपका बहुत धन्यवाद्, आपके शब्द ही हमारा उत्साह बढ़ते है… हिंदी भाषा के प्रचार प्रसार लिए ये हमारा एक छोटा सा प्रयास है. आप भी इसमे हमारा सहयोग करे.

      धन्यवाद्

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