इलैक्ट्रिक बल्ब जैसी महान खोज करने वाले महान अविष्कारक थॉमस एल्वा एडिसन को कभी मंदबुद्धि कहकर स्कूल से निकाल दिया गया था।
लेकिन उन्होंने अपनी कुशाग्रता और बुद्धिमत्ता के बल पर कई महान अविष्कार कर पूरी दुनिया के सामने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया और बाकी लोगों के लिए मिसाल पेश की है।
थॉमस एल्वा एडिसन के महान जीवन से हर किसी को प्रेरणा लेने की जरूरत है। तो आइए जानते हैं, थॉमस एल्वा एडिसन के जीवन के बारे में-
दुनिया को अपने अविष्कार से रोशन करने वाले थॉमस एल्वा एडिसन का जीवन परिचय – Thomas Alva Edison Biography in Hindi
एक नजर में –
पूरा नाम (Name) | थॉमस एल्वा एडिसन |
जन्म (Birthday) | 11 फ़रवरी, 1847, मिलन, ऑहियो, संयुक्त राज्य अमेरिका |
पिता (Father Name) | सेमुएल ओगडेन एडिसन |
माता (Mother Name) | नैन्सी मैथ्यु इलियट |
शादी (Wife Name) |
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शिक्षा (Education) | स्कूल की पढ़ाई पूरी नहीं की |
मृत्यु (Death) | 18 अक्टूबर, 1931 |
जन्म, परिवार, प्रारंभिक जीवन एवं शिक्षा –
थॉमस एल्वा एडिसन 11 फरवरी, साल 1847 को अमेरिका के ओहियो राज्य के मिलन शहर में जन्में थे। वे नैंसी मैथ्यु एवं सैमुएल ऑग्डेन एडिसन की सबसे छोटी संतान थे।
शिक्षा –
थॉमस एल्वा एडिसन बचपन से ही बेहद तेज बुद्धि के, कुशाग्र एवं बुद्धिमान छात्र थे। वे शुरु से ही जिज्ञासु प्रवृत्ति के थे, जिन्हें शुरु से ही नवीन चीजों को जानने की उत्सुकता रहती थी।
हालांकि, शुरुआत में उनकी टीचर ने उन्हें स्कूल में दाखिला लेने के 3 महीने बाद भी मंदबुद्धि कहकर स्कूल से बाहर निकाल दिया थ।
इसके बाद एडिसन ने अपनी मां के मार्गदर्शन में घर पर रहकर ही पढ़ाई की।
एडिसन जब महज 10 साल के थे, तब उन्होंने गिबन, सीआर जैसे महान ग्रंथों के साथ डिक्शनरी ऑफ साइंस की पढ़ाई कर ली थी।
महान वैज्ञानकि थॉमस एल्वा एडिसन के बारे में ऐसा भी कहा जाता है कि स्काटलेट नामक बीमारी से पीड़ित होने की वजह से शुरुआत से ही उनमें सुनने का सामर्थ्य कम था और आखिरी समय में वे अपनी सुनने की शक्ति खो बैठे थे।
हालांकि थॉमस एडिसन ने अपने सफलता के सामने कभी अपने बहरापन को आड़े नहीं आने दिया और अपने लक्ष्य को पाने के लिए वे ईमानदारी और कड़ी मेहनत के साथ प्रयास करते रहे और उन्होंने अपनी जिंदगी महान उपलब्धियों को हासिल कर पूरी दुनिया के सामने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।
वैवाहिक जीवन –
थॉमस एल्वा एडिसन ने 24 साल की उम्र में 16 साल की मैरी स्टिलवेल नाम की महिला से विवाह कर लिया था। आपको बता दें कि में एडसिन ने मैरी से अपनी मुलाकात के महज 2 महीने के बाद ही उनसे शादी करने का फैसला ले लिया था और फिर 1871 में क्रिसमस के मौके पर वे दोनों एक-दूसरे से शादी के बंधन में बंध गए थे।
उन्हें अपनी इस शादी से तीन बच्चे विलियम, थॉमस जूनियर और मैरियन भी पैदा हुए थे। शादी के करीब 13 साल बाद मैरी स्टिलवेल की बीमारी की वजह से मौत हो गई।
जिसके करीब 1 साल बाद साल 1885 में थॉमस एल्वा एडिसन ने मीना मिलर नाम की महिला के साथ विवाह कर लिया था। अपनी दूसरी शादी से भी एडिसन को मेडेलीन, थिओडोर और चार्ल्स नाम के तीन बच्चे हुए थे।
संघर्षमय जीवन –
इलैक्ट्रिक बल्ब जैसे महान अविष्कार से दुनिया को जगमग करने वाले थॉमस एल्वा एडिसन ने अपने जीवन के शुरुआती दिनों में काफी संघर्ष किया था।
घर की मालीय हालत ठीक नहीं होने की वजह से घर खर्च में सहयोग करने के लिए उन्होंने घर-घर जाकर अखबार बांटने का काम भी किया।
यही नहीं अपने संघर्ष के दिनों में उन्होंने टेलीफोन ऑपरेटर के रुप में भी काम किया था।
थॉमस एल्वा एडिसन की जॉब:
थॉमस एल्वा एडिसन ने करीब 13-14 साल की छोटी सी उम्र में ही नौकरी ज्वॉइन कर ली थी। दरअसल, संघर्ष के दिनों के दौरान वे ट्रेन के किनारे न्यूज पेपर और टॉफियां बेचते थे।
उसी दौरान उन्होंने एक स्पीड से आ रही मालगाड़ी से ट्रेन की पटरियों पर टहल रहे एक 3 साल के बच्चे जिम्मी मैकेंजी की जान बचाई थी।
वहीं यह बच्चा स्टेशन मास्टर जेयू मैकेंजी का था। वहीं यह देखकर स्टेशन मास्टर बेहद खुश हुए उन्हें टेलीग्राम के बारे में बताया और इसके साथ ही उन्होंने थॉमस एल्वा एडिसन को टेलीग्राफ मशीन ऑपरेट करना भी सिखाया था।
जिसके बाद थॉमस एडिसन ने ओन्टेरियो के स्ट्रेटफोर्ड स्टेशन पर टेलीग्राफी की पहली अपनी नौकरी की थी। बाद में उन्होंने टेलीग्राम उपकरणों में सुधार लाने के लिए भी कई प्रयोग किए थे।
प्रेस ब्यूरों में भी एडिसन ने किया काम:
साल 1866 में दुनिया को अपने अविष्कारों से जगमग करने वाले थॉमस एल्वा एडिसन लुइसविले, केंटुकी चले गए थे। जहां पर उन्होंने एसोसिएटेड प्रेस के ब्यूरो में भी काम किया।
एडिसन ने वहां पर रात में अपनी ड्यूटी करवा ली थी, जिससे कि उन्हें अपने प्रयोगों के लिए ज्यादा समय मिल सके। वहीं एक दिन ऑफिस में वे बैटरी पर कुछ तेजाब से प्रयोग कर रहे थे, तभी तेजाब नीचे फर्श पर फैल गया।
जिसके बाद थॉमस एल्वा एडिसन को नौकरी से बाहर निकाल दिया गया था।
उनके अविष्कार –
थॉमस एल्वा एडिसन को बचपन से ही नए-नए अविष्कार करने में रुचि थी। वे अखबार और सब्जी आदि बेचकर जो भी पैसे बचाते थे, अपने प्रयोगों में खर्च कर देते हैं।
एडिसन ने अविष्कारक के रुप में अपना पहला अविष्कार इलैक्ट्रिक वोट रिकॉर्डर का किया था जिसका पेटेंट उन्होंने 1668 में किया था।
हालांकि, उनके इस अविष्कार को किसी ने नहीं खरीदा था। बहरहाल, अपने इस प्रयोग के बाद एडिसन ने आगे प्रयोग जारी रखे।
इसके बाद उन्होंने हारमोनिक टेलीग्राफ का अविष्कार किया था। फिर इसके बाद माइक्रोफोन और फैक्स मशीन का अविष्कार किया।
साल 1877 में बनाए गए फोनोग्राफ में उन्हें पहचान मिली। इसके बाद साल 1878 से थॉमस एल्वा एडिसन ने अपने सबसे महत्वपूर्ण अविष्कार इलैक्ट्रिक बल्ब पर काम करना शुरु कर दिया था।
इस अविष्कार में उन्हें हजारों बार असफलता मिली, लेकिन वे अपने हर असफल प्रयास से सीख लेकर अपनी पूरी मेहनत और ईमानदारी के साथ आगे बढ़ते रहे।
इसके बाद साल 1879 में कार्बन थ्रेड फिलामेंट विकसित करने में उन्हें सफलता मिली, इस अविष्कार के लिए उन्हें करीब 40 हजार डॉलर खर्च करने पड़े थे।
आपको बता दें कि महान अविष्कारक थॉमस एल्वा एडिसन ने पहली बार 22 अक्टूबर 1879 को इस बल्ब को सफलतापूर्वक जलाने में सफलता हासिल की और अपने इस अविष्कार से पूरी दुनिया को जगमग किया।
इसके लिए उन्होंने 27 जनवरी 1880 पेटेंट प्राप्त हुआ। इस अविष्कार के बाद थॉमस एल्वा एडिसन पूरे विश्व भर में प्रसिद्ध हो गए और सबसे महान अविष्कारक के रुप में पहचाने जाने लगे।
महान अविष्कारों की सूची –
- इलैक्ट्रिक बल्ब
- ग्रामोफोन
- इलेक्ट्रॉनिक वोट रिकॉर्डर
- फोनोग्राम
- बैट्रीज़
- कीनेटोस्कोप
- इलेक्ट्रिक ट्रेन
मृत्यु –
इलैक्ट्रिक बल्ब का अविष्कार करने वाले महान अविष्कारक थॉमस एल्वा एडिसन अपनी जिंदगी के आखिरी दिनों में भी अविष्कार कर रहे थे।
वे एक महान वैज्ञानिक ही नहीं, बल्कि एक जाने-माने व्यापारी भी थे। थॉमस एल्वा एडिसन ने करीब 1093 अविष्कारों के पेटेंट अपने नाम किए थे।
18 अक्टूबर, 1931 में महान अविष्कारक थॉमस एल्वा एडिसन ने अपनी अंतिम सांस ली और इस दुनिया से वे हमेशा के लिए चले गए।
थॉमस एल्वा एडिसन को लोग आज भी उनके महान अविष्कारों के लिए याद करते हैं।
दिलचस्प एवं रोचक बातें –
महान अविष्कारक थॉमस एल्वा एडिसन ने महज 10 साल की उम्र में ही अपनी पहली लैबोरेटरी बना ली थी।
थॉमस एल्वा एडिसन को अपने सबसे महत्वपूर्ण अविष्कार बल्ब के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी थी। इस प्रयोग को सफल बनाने के लिए उन्हें 10 हजार से भी ज्यादा बार असफलता का सामना करना पड़ा था। वहीं इस पर एडिसन ने कहा था कि ”मै कभी नाकाम नहीं हुआ, बल्कि मैने हजारों ऐसे रास्ते निकाले, जो मेरे काम नहीं आ सके”।
थॉमस एल्वा एडिसन बेहद परिश्रमी थे। कई बार वे बिना सोए लगातार 4-4 दिन तक प्रयोग करते रहते थे। तो कई बार तो प्रयोग करते समय वे खाना खाना ही भूल जाते थे।
दुनिया को अपने अविष्कारों से रोशन करने वाले एडिसन एक अच्छे वैज्ञानिक होने के साथ-साथ सफल व्यापारी भी थे। 1879 से 1900 तक वे अपनी लगभग सभी खोजें पूरी कर चुके थे।
एडिसन ने अलेक्जेंडर की खोज टेलीफोन में कई सुधार भी किए थे। इसके साथ ही साल 1890 में उन्होंने पहला फिल्मी कैमरा भी बनाया, जो कि उस समय 1 सेकेंड में करीब 25 पिक्चर क्लिक कर सकता था।
थॉमस एल्वा एडिसन को उनकी महान खोजों के लिए दुनिया में हमेशा याद किया जाएगा। उनके जीवन से हर किसी को प्रेरणा लेने की जरुरत है। उनका कहना था कि-
”जीनियस व्यक्ति एक फीसदी प्रेरणा और 99 फीसदी मेहनत से बनता है”
Raghav Sharma ji,
थॉमस एल्वा एडिसन की जीतनी तारीफ की जाय कम हैं. आपने जो कहानी बताई वो काफी प्रेरणादायक हैं, और हा माँ होती ही हैं महान.
Real me ye ek success hone ka mool mantra hai.
Bhaut accha
Thomas Alva Addison ne bulb ka aviskar nahi kiya tha mana jata hai ki onko ek scientist ye bachne kr liye aaye the par par onko koi is me ruchi nahi bad me jab o scientist mar gye tab onhone onki patni she jakar ye bulb kharid liya aap you tube par jakar is video ko dekh sakte hai
Very nice writing