God vs Science
इन्सान ने विज्ञान के जरिये बहुत सी चीजों का निर्माण किया हैं और आज इन्सान सफ़लता के शिखर तक पहुच चूका हैं, लेकिन फिर भी वो वास्तव में सबसे बड़ा नहीं हैं, आज हम इस कहानी में आपको यही बताने जा रहे हैं की सबसे बड़ा कोण हैं –
सबसे बड़ा कोण ? भगवान या विज्ञान – The Story of God vs Science in Hindi
एक दिन भगवान स्वर्ग में आराम कर रहे थे तभी एक वैज्ञानिक ने उनसे कहा की, “भगवान, अब और हमें आपकी जरुरत नही है. विज्ञान ने आखिर ज़िन्दगी बनाना ढूंढ ही लिया है. यानि अब हम भी वही कर सकते है जो आप शुरू में करते थे.
भगवान ने जवाब दिया, “ओह, तो ऐसा है. मुझे भी बताओ…”
तभी वैज्ञानिक ने कहा, “अच्छा ठीक है, हमने मिटटी ली और उसे समानता में फैलाया और उसमें ज़िन्दगी के गुण डाले, और इसी से इंसान का निर्माण होता है.”
भगवान ने जवाब दिया, “बहोत खुब, ये तो मजेदार है….मुझे भी दिखाओ.”
तभी वह वैज्ञानिक धरती की ओर झुका, और मिटटी को इंसान के साँचे में ढालने लगा.
तभी भगवान ने कहा की, “नहीं..नही…नही…., तुम अपनी मिटटी लो.”
एक बात हमेशा याद रखे चाहे हम कितने भी बड़े क्यों ना हो जाये, वास्तव में हम भगवान से हमेशा छोटे ही रहेंगे. क्योकि वही है जिन्होंने इस सृष्टि का निर्माण किया है, पशु, पक्षी, प्राणी, मानव हम सभी उन्ही की कृति है. वे समस्त ब्रह्माण्ड के रचयिता है. हा ये 100% सच है की आज विज्ञानं की मदद से हम चाँद पर भी पहोच सकते है लेकिन हम दूसरा चाँद कभी नही बना सकते.
दुनिया में कई ऐसी प्राकृतिक चीजे है जिनकी उत्पत्ति का कारन जान पाने में विज्ञानं भी असफल रहा है. इसीलिए हमें भगवान के साथ कभी मुकाबला नही करना चाहिये. उन्ही द्वारा निर्मित सृष्टि का हम एक अंश है. हमें सदैव उनपर भरोसा रखना चाहिये, वे कभी हमारा बुरा नही चाहेंगे. भगवान ने इस सुन्दर ब्रह्माण्ड की निर्मिती हमारे लिए ही की है तो हमें अपने विज्ञान का उपयोग उनकी सुन्दर कृति को बचाने में करना चाहिये ना की नष्ट करने में.
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It is right that nature is GOD but who is the founder of Nature, who is controlling the Universe. It is only game of Maya and Kaya . Kaya is GOD and Maya is Nature so We may say Kaya is Maya and Maya is Kaya both are complement of one another. That is right mere Bhai.
phir bhi nature ki value ko kam nahin kar sakte
It is the most story
Nature ke baad science hi god he.
Dost badiya story bnayi he Aapne but is baat se hm ittefaq nhi rakhte. According to science nature is God, bhagwan ko band aanho se dekhne me bjaye khuli aankho se Dekho. Prakrti ke kan kan me bhagwan he. Save nature save future. Nature ki sresth rachna insaan hi he.
Nar he narayan, nar he isiliye narayan ka astitv he, nar ne hi narayan ke astitv ko racha or gada he. Koi almity god nhi he. Nature is god. Manusya bhojan swas bhojan pani leke jinda he or dimag se kuch bhi pa sakta ye insaan ka nature he. Aise hi hr jeev jantu ki alag alag nature he. Nature ka vyapak arth he. Nature ka achche or bure pr koi niyantran nhi. Insaan khud ka boya hua kat ta he.
According to science nature is God.very good.lekin bhai apko to scince ne nahi banaya hai n.aur jab ap kisi almighty ko mante hi nahi to prakriti ke kan kan me bhagwan ko kyo man rahe hain.Nature ki sresth rachna insaan ho sakti hai,lekin us insan ko chalane wali shakti jiski wajah se vah insan jinda rahta hai wo to prakriti ki rachna nahi ho sakti.wo to koi almighty hi hoga.janmo se bhagwan ki talash jab puri nahi hui to science ke nam pe hamne kah diya ki ya to bhagwan hai hi nahi ya fir nature is god,ya fir kan kan me bhagwan hai ya fir hum sabme bhagwan hai,ya fir nadi nale me bhagwan hai ya fir ped paudhe me bhagwan hai ya fir gai bhais me bagwan hai.thoda aur talash karo bhagwan ki bhai……