The Great Wall of China in Hindi
चीन की विशाल दीवार मनुष्यों द्धारा निर्मित एक महान संरचना है, जिसका इतिहास 2 हजार साल से भी ज्यादा पुराना है। यह अपनी अद्भुत वास्तुकला और भव्यता की वजह से विश्व के सात अजूबों में से एक है।
इस विशाल दीवार को ”छांग छंग” के नाम से भी जाना जाता है। करीब 6400 किलोमीटर लंबी इस विशाल दीवार का निर्माण किसी एक सम्राज्य और एक शासक ने नहीं करवाया है, बल्कि इस निर्माण चीन के अलग-अलग शासकों द्धारा किया गया है।
आपको बता दें कि अलग-अलग सम्राज्यों के शासकों ने अपने क्षेत्रीय इलाकों की रक्षा के लिए इस विशाल दीवार का निर्माण करवाया था। उस दौरान ”द ग्रेट वॉल ऑफ चाइना” का इस्तेमाल माल की हेरा-फेरी के लिए किया जाता था। विश्व के सात अजूबों में से एक यह चीन की विशाल दीवार चीन के करीब 15 इलाकों में फैली हुई है।
यह विशाल दीवार बीजिंग से शुरु होती है, और जिययुगुआन तक फैली हुई है। वहीं एक पुरातात्विक सर्वेक्षण के मुताबिक यह दीवार 15 प्रांतों को पार करती हुई और उत्तर-पश्चिम में शिजियांग से एवं पूर्व में कोरिया की सीमा तक फैली हुई है।
आपको बता दें कि द ग्रेट वॉल ऑफ चाइना सिर्फ एक ही दीवार नहीं है, बल्कि यह कई दीवारों का संग्रह हैं। 17वीं सदी के बाद से 20 से भी ज्यादा सम्राज्यों ने इन विशाल दीवार के निर्माण काम की जिम्मा बेहद गंभीरता से संभाला था।
बैडलिंग, इस दीवार का सबसे अधिक पसंद किया जाने वाला हिस्सा है, यहां से सबसे ज्यादा आर्कषक एवं आश्चर्यजनक सीन देखने को मिलते हैं।
चाइना की इस महान दीवार के निर्माण को लेकर सबसे अधिक हैरान कर देने वाली बात यह है कि इस दीवार को बनाने में ज्यादा मेहनत न करने वाले हजारों मजदूरों को मौत के घाट उतार दिया गया था और उनकी लाशों को इस दीवार के नीचे ही दफन कर दी जाती थी, शायद इसलिए चीन की इस विशाल संरचना को दुनिया का सबसे बड़ा कब्रिस्तान भी कहा जाता है।
इसके अलावा लाखों मजदूरों को जबरन कैद कर सजा के रुप में इस दीवार का निर्माण काम करवाया गया था। इस दीवार के निर्माण में करीब 20 से 30 लाख लोगों ने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था, तब जाकर इस विशाल संरचना का निर्माण हुआ था। आइए जानते हैं, चीन की इस महान दीवार के बारे में –
दुनिया की सबसे लंबी दीवार “दी ग्रेट वॉल ऑफ़ चाइना” – The Great Wall of China
चीन की विशाल दीवार का निर्माण – Great Wall Of China History in Hindi
मनुष्य द्धारा निर्मित दुनिया की सबसे विशाल संरचना द ग्रेट वॉल ऑफ चाइना का निर्माण किसी एक राजवंश और शासक ने नहीं करवाया बल्कि इसके निर्माण में बहुत सारे सम्राज्य और सम्राटों का योगदान है।
इतिहास में उल्लेखित तथ्यों के मुताबिक 720 से 221 ईसा पूर्व के दौरान चीन की महान दीवार का निर्माण काम झोऊ राजवंश की देखरेख में हुआ। इसके बाद चीन की उत्तरी सीमा पर करीब 221 ईसा पूर्व से 207 ईसा पूर्व तक किन राजवंश द्धारा चीन की इस विशाल दीवार का निर्माण किया गया।
इसके बाद हान राजवंश ने इस विशाल दीवार के निर्माण काम में अपना सहयोग दिया, इस दौरान इस महान दीवार को सिल्क रोड व्यापार की रक्षा के लिए बढ़ाया गया था।
और फिर इसके बाद 1368 ईसवी से 1644 के बीच मिग राजवंश ने इस दीवार के निर्माण काम को आगे बढ़ाया, इस अवधि के दौरान इस दीवार का अधिकांश हिस्से का निर्माण किया गया।
इस दीवार के निर्माण में चावल के आटे समेत रेती, पत्थर, ईट और मिट्टी का इस्तेमाल किया गया है।
चीन की महान दीवार का निर्माण करने का मुख्य मकसद – Main Purpose Of Great Wall Of China
विश्व की इस सबसे विशाल मानव निर्मित संरचना का निर्माण मूल रूप से एक युद्धकालीन रक्षा के रूप में अर्थात दुश्मनों के हमलों से बचने के लिए एवं चीन को एकजुट करने एवं रेशम मार्ग के रुप में इसका इस्तेमाल करने के लिए किया गया था।
इसके अलावा इस रुट का इस्तेमाल माल की हेरा-फेरी के लिए अर्थात व्यापार और परिवहन के उद्देश्य से भी किया गया था।
आपको बता दें कि उस दौरान मंगोलियाईओं से चीन को खतरा था, वे अक्सर चीन पर आक्रमण करने की फिराक में रहते थे, इसलिए इस विशाल दीवार को खासकर मंगोलियाई हमलों और दुश्मनों के हमलों से रक्षा के लिए किया गया था।
आपको बता दें कि चीन की इस विशाल दीवार में चीन की सीमा पर निगरानी रखने के लिए कई लुक आउट टॉवर भी बनाए गए हैं। वहीं जब चीन के पहले शासक किन शी हुआंग ने पहली बार विश्व की इस सबसे विशाल संरचना का प्रस्ताव रखा था, उस दौरान उत्तरी हमलावर जनजातियों से चीनी राज्यों की रक्षा करना उनका एकमात्र उद्देश्य था।
दुनिया के सात अजूबों में से एक है चीन की महान दीवार – 7 Wonders Of The World Great Wall Of China
द ग्रेट वॉल ऑफ चाइना, विश्व की सबसे विशाल मानव निर्मित संरचना है, जो कि सिर्फ एक लंबी दीवार ही नहीं है, बल्कि कई दीवारों और किलों की एक श्रंखला है। इस महान दीवार को लाखों मजदूरों द्धारा 2 हजार से भी ज्यादा सालों में बनाया गया है।
अपनी अद्भुत बनावट और भव्यता के लिए मशहूर इस दीवार को दुनिया के सात अजूबों में शामिल किया गया है। दुश्मनों के हमलों से रक्षा के लिए बनाई गई इस विशाल दीवार में कई वॉच टॉवर समेत आग, धुएं आदि का संकेत देने के लिए सिंग्नल की सुविधाएं भी है।
इसके अलावा इस महान दीवार में सेना बैरकों समेत अन्य नियंत्रण तंत्र का भी निर्माण किया गया है।
कई हजार साल पहले बनी द ग्रेट वॉल ऑफ चाइना का निर्माण इस तरह किया गया है कि यह विशाल दीवार, कोई एक सामान्य दीवार नहीं बल्कि किलेबंदी एवं कई दीवारों का एक विशाल संग्रह है, जिनमें से कुछ एक-दूसरे के समानांतर बनी हुई हैं, जबकि अन्य कुछ परिपत्र की तरह हैं।
लाखों कारीगरों द्धारा निर्मित इस विशाल दीवार को बनाने का ज्यादातर काम हाथों से किया गया था, हालांकि इस विशाल संरचना को बनाने में उस समय इस्तेमाल होने वाली प्राचीन तकनीक रस्सी, टोकरी, चरखी, पहिया ठेला, घोड़े या बैल-गाड़ी आदि का भी इस्तेमाल किया गया था।
चीन की महान दीवार बनाने में लगा कुल समय – Great Wall Of China Building Time
कई सम्राज्यों और शासकों द्धारा निर्मित चीन की इस विशाल दीवार के निर्माण काम में करीब 2 हजार से भी ज्यादा का लंबा वक्त लगा। 6400 किलोमीटर लंबी इस दीवार को नापने के लिए नॉर्वे से आए स्टीफन रॉबर्ट लोकेन को करीब 691 दिन लगे थे। इस विशाल दीवार के अंदर कई हजार चीनी अवशेष है।
”द ग्रेट वॉल ऑफ चाइना” की शुरुआत बिंदु हुशान पर शुरु होकर जियागुआन पास पर खत्म होता है, जबकि यह विशाल दीवार लाओलोन्गतोऊ और बोहई सागर में खत्म होती है।
चीन की महान दीवार के इतिहास में जियागुआन पास को सबसे प्रभावी सैन्य प्रणाली इसलिए कहा जाता है, क्योंकि यह आक्रमणकारियों को चीन की सीमाओं में प्रवेश करने से प्रभावी ढंग से रोकता है।
आपको बता दें कि यह विश्व का सबसे बड़ा पास है, जिससे कई सैन्य कहानियां जुड़ी हुई हैं।
चीन की विशाल दीवार से जुड़े कुछ दिलचस्प एवं रोचक तथ्य – Facts about The Great Wall of China
- द ग्रेट वॉल ऑफ चाइना में करीब 700 लुकआउट टावर (निगरानी के लिए) बने हुए हैं, इसके निर्माण में करीब 2 हजार साल का लंबा वक्त लगा था।
- दुनिया के सात अजूबों में से एक चीन की महान दीवार के बारे में सबसे दिलचस्प बात यह है कि इस दीवार का निर्माण किसी एक सम्राट द्धारा नहीं किया गया है, बल्कि कई सम्राटों और शासकों ने इस विशाल दीवार के निर्माण में अपना सहयोग दिया है।
- चीन की इस विशाल दीवार के बीच में महात्मा गांधी के मंदिर और युद्ध के देवता (God Of War) के मंदिर बनाए गए हैं, जो कि देखने में बेहद आर्कषक लगते हैं। यह दीवार आम पर्यटकों के लिए साल 1970 ईसवी में खोली गई थी।
- पृथ्वी पर बनी इस सबसे लंबी दीवार की लंबाई करीब 6 हजार 400 किलोमीटर है, जो कि मनुष्यों द्धारा बनाई गई सबसे विशाल संरचनाओं में से एक है। इस विशाल दीवार के निर्माण के दौरान व्हीलबारो का अविष्कार किया गया था। वहीं इस दीवार को बनाते समय इसके पत्थरों को जोड़ने के लिए चावल के आटे का इस्तेमाल किया गया था।
- विश्व की इस सबसे लंबी दीवार में कई खाली जगहें भी हैं, अगर इन खाली जगहों को जोड़ दिया जाए तो इसकी कुल लंबाई 8 हजार 848 किलोमीटर हो जाएगी। वहीं अगर इस दीवार की चौड़ाई की बात करें तो इसमें एकसाथ करीब 5 घुड़सवार या 10 पैदल सैनिक एक साथ गस्त कर सकते हैं।
- दुनिया के सबसे महंगे संरचनाओं में से एक द ग्रेट वॉल ऑफ चाइना एक पूरी दीवार नहीं है, बल्कि कई छोटे-छोटे हिस्सों से मिलकर बनी है।
- 6400 किमी लंबी इस विशाल की ऊंचाई एक समान नहीं है, किसी जगह पर यह 9 फुट ऊंची तो कहीं पर यह सिर्फ 35 फुट ही ऊंची है।
- दुनिया की इस सबसे विशाल संरचना के निर्माण में करीब 4 लाख लोगों की जान चली गई थी। इस दीवार को बनाने वालों के लिए ऐसा भी प्रचलित है कि इस महान दीवार को बनाने में जो कारीगर कड़ी मेहनत नहीं करते थे, उन्हें इस दीवार में दफना दिया जाता था। इस दीवार को विश्व का सबसे बड़ा कब्रिस्तान कहा जाता है।
- दुनिया की सबसे महंगी संरचनाओं में से एक द ग्रेट वॉल ऑफ चाइना को पहले दुश्मनों से देश की रक्षा के लिए बनाया गया था, लेकिन यह दीवार अजेय न रह सकी, इतिहास के सबसे क्रूर और बर्बर शासक चंगेज खान ने 1211 ईसवी में इस महान दीवार को तोड़ने के बाद चीन पर आक्रमण किया था। और फिर इस विशाल दीवार का इस्तेमाल परिवहन और सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाने के लिए किया जाने लगा था।
- दुनिया के सात अजूबों में से एक चीन की विशाल दीवार के बारे में हैरान कर देने वाली बात तो यह है कि इस महान सरंचना से ईंटों की चोरी होती है। 1960 से 1970 के दशक में लोगों ने इस दीवार से ईंटें निकालकर अपने लिए घर बनाने शुरु कर दिए थे। आपको बता दें कि तस्कर बाजार में इस विशाल दीवार की एक ईंट की कीमत करीब 3 पौंड तक मानी जाती है। इस महान दीवार की चोरी होने, सही तरीके से देखरेख नहीं होने एवं खराब मौसम के प्रभाव की वजह से करीब एक तिहाई हिस्सा गायब हो चुका है।
- चीन की इस महान दीवार को वर्ल्ड हेरिटेज साइट यूनेस्को ने साल 1987 में विश्व धरोहर की लिस्ट में शामिल किया था।
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