तेलंगाना राज्य का इतिहास और जानकारी

Telangana History in Hindi

भारत में आज के समय में 29 राज्य और 7 केंद्रशासित प्रदेश है। वैसे तो राज्यों की सीमा आजादी के बाद साल 1953 में निर्धारित करने के लिए राज्य पुनर्गठन आयोग बनाए गए थे। जिन्होनें देश के सभी राज्यों की सीमा तय कर दी थी। लेकिन समय – समय पर कई नए राज्यों को बनाया गया। जिसकी वजह संस्कृतिक विवधता, भाषा जैसी वजहें थी।

जिस कारण उत्तराखंड जो पहले उत्तर प्रदेश का हिस्सा था वो यूपी से अलग होकर एक नया राज्य बना। वही पंजाब से हरियाणा को अलग किया गया इसके अलावा झारखंड भी कभी बिहार का हिस्सा हुआ करता था। हालांकि हर नए राज्य बने के पीछे एक बड़ी वजह थी। और इसी कड़ी में भारत का 29वां राज्य है तेंलगाना। पहले यह Telangana – तेलंगाना राज्य आंध्र प्रदेश का हिस्सा था। जिसे साल 2 जून 2014 को भारत का 29वां राज्य घोषित किया गया था।

हालांकि तेलंगाना को एक अलग राज्य बनाने के लिए लोगों को काफी लंबा सफर तय करना पड़ा था। ऐसा इसलिए क्योंकि ज्यादातर लोगों को लगता है कि तेलंगाना को बनाने की मांग साल 2009 में चंद्रशेखर राव के अनशन के बाद उठी थी। लेकिन ऐसा नहीं है तेलंगाना की मांग आजादी के पहले ही उठ रही है लेकिन उस समय ये आवाज शायद देश में चल रही दूसरी गतिविधियों में दब गई थी। इस राज्य के निर्माण का सफ़र कैसा रहा इसकी पूरी जानकारी निचे दी गयी है।

Telangana

तेलंगाना राज्य का इतिहास और जानकारी – Telangana History information in Hindi

पहले तेलंगाना का प्रदेश आंध्र प्रदेश का ही हिस्सा था। भारत को आजादी मिलने से पहले तेलंगाना हैदराबाद का हिस्सा था और इसपर निजाम का शासन था। उस समय इसमें वारंगल और मेदकवास भी शामिल था लेकिन सन 1948 में इसे भारत में शामिल किया गया था।

तेलंगाना को राज्य बनाने के लिए सन 1969 के समय से शुरुवात की गयी थी। जैसे साल बीतते गए उसके साथ ही तेलंगाना को राज्य बनाने की मांग जोर पकडती रही। तेलंगाना को राज्य बनाने के लिए 1969, 1972 और 2009 मे भी बड़े बड़े आन्दोलन किये गए। इस तरह से आन्दोलन करने की वजह से ही तेलंगाना को राज्य बनाने में सहायता मिली।

तेलंगाना को राज्य बनाने की घोषणा भारत सरकार ने 9 दिसंबर 2009 को अधिकारिक रूप से की थी। लेकिन इसके विरोध में रायलसीमा के कुछ आमदार और खासदार ने अपने पदो से इस्तीफा दे दिया था।

सरकार की इस घोषणा को सुनने के बाद तेलंगाना के प्रदेश में भी कई जगहों पर हिंसा हुई। लेकिन इस बढती हुई हिंसा को ध्यान में रखते हुए दिसंबर 2009 में भारत सरकार ने इस मुद्दे को आगे बढ़ाने की कोशिश नहीं की और उसे वही पर रहने दिया। मगर तेलंगाना राज्य को लेकर तेलंगाना के अन्य प्रदेशो में आन्दोलन लगातार चलते रहे जो रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे।

लेकिन जब 30 जुलाई 2013 को कांग्रेस सरकार ने तेलंगाना राज्य बनाने की घोषणा की तो यह आन्दोलन और भी उग्र होता गया। इस तरह की घोषणा करने के बाद अगले दास सालों तक हैदराबाद को तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की राजधानी बनाने का फैसला किया गया। सरकार के इस फैसले को केंद्रीय मंत्रिमडल ने 3 अक्तूबर 2013 को मंजूरी दे दी।

तेलंगाना राज्य विधेयक को भारत सरकार की 5 दिसंबर 2013 को मंजूरी मिलने के बाद उस विधेयक को पास करने के लिए संसद में रखा गया। 18 फरवरी 2014 को 15 वी लोक सभा ने इस विधेयक को मंजूरी दे दी और राज्य सभा ने भी 20 फरवरी 2014 को इस विधेयक को हरी झंडी दे दी।

भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी 1 मार्च 2014 को तेलंगाना राज्य को लेकर मंजूरी दे दी थी और इस फैसले को लेकर उसी दिन राजपत्र अधिसूचना भी निकाली गयी। 4 मार्च 2014 को भारत सरकार ने घोषित किया था की तेलंगाना राज्य की निर्मिती की जाएगी और 2 जून 2014 को तेलंगाना राज्य का निर्माण किया गया।

तेलंगाना राज्य के जिले – Districts of Telangana State

तेलंगाना राज्य में 31 जिले है। सिद्धिपेट, जनगाव, विकाराबाद, जयशंकर, जगतियल, पेदापल्ली, वारंगल(ग्रामीण), यदादरी, कमारेड्डी, मेदक, मन्चेरियल, महाबुबाबाद, राजन्ना, असिफाबाद, कोठागुदेम, वानापर्थी, सुर्यपेट, निर्मल, नगरकुर्नूल, जोगुलाम्बा, और मेदचल/मल्कैगिरी इन नए जिलो का निर्माण किया गया था।

इस राज्य में अन्य 10 जिले भी मौजूद है। उन दस जिलो में हैदराबाद, आदिलाबाद, महबुबनगर, मेदक, करीमनगर, वारंगल, निजामाबाद, रंगा रेड्डी, खम्मम और नलगोंडा जैसे शहर शामिल है।

नए जिलो के साथ ही राजस्व विभाग, मंडल, और अन्य प्रशासकीय विभाग भी निर्माण किये गए।

तेलंगाना राज्य की भाषा – Telangana state language

तेलंगाना की आधिकारिक भाषा तेलुगु है लेकिन कुछ लोगो का कहना है की आंध्र प्रदेश में जो तेलुगु भाषा बोली जाती है वो तेलंगाना तेलुगु से बिलकुल अलग है। संस्कृत, उर्दू, और इंग्लिश भाषा के भी कुछ शब्द तेलुगु भाषा में बोले जाते है।

1948 से पहले हैदराबाद की अधिकारिक भाषा उर्दू ही थी मगर जब हैदराबाद को भारत में शामिल कर लिया गया था तब इस राज्य की आधिकारिक भाषा तेलुगु को बनाया गया था। यहाँ के सभी स्कूल और कॉलेज में तेलुगु माध्यम में भी पढाया जाता है।

तेलंगाना राज्य की संस्कृति – Culture of Telangana State

तेलंगाना की संस्कृति में फारसी, मोगल, कुतुबशाही और निजाम की परंपरा का मिश्रण देखने को मिलता है। मगर यहापर सबसे अधिक दक्षिण भारत की संस्कृति का ही प्रभाव देखने को मिलता है। इस राज्यों की संकृति काफी समृद्धी से भरी हुई है। यहापर कई तरह के शास्त्रीय संगीत, पेंटिंग, बुर्रा कथा लोकनृत्य, कठपुतली का शो, पेरिणी शिवतांडवम, गुसदी नृत्य और कोलातम देखने को मिलते है।

तेलंगाना को आंध्र प्रदेश से अलग करके बनाया गया है इसलिए यह राज्य अन्य राज्यों की तुलना में काफी छोटा है। शुरुवात में जब इस राज्य की निर्मिती की गयी तब इस राज्य में बहुत ही कम जिले थे। मगर बाद में इस राज्य में नए जिले निर्माण किये गए।

जब नए जिले बनाये गए तो कुल 21 नए जिले बनाये गए। अब इस राज्य में कुल 31 जिले स्थित है। इस राज्य की संस्कृति बहुत सारी परमपरा का मिश्रण है। इसमें फारसी, निजाम, मोगल और दक्षिण भारत की संस्कृति का प्रभाव देखने को मिलता है।

तेंलगाना राज्य से जुड़ी अहम बातें – Facts about Telangana

  • तेंलगाना देश का 29वां राज्य है जो जनसंख्या और क्षेत्रफल की दृष्टि से देश का 12वां सबसे बड़ा राज्य है। जनसंख्या की दृष्टि से तेंलगाना की आबादी कनाडा की आबादी के बराबर है। वहीं इसका क्षेत्रफल इग्लैंड के बराबर है।
  • तेंलगाना की सबसे बडी पार्टी तेलंगाना राष्ट्रीय समिति यानी टीआरएस है जिसकी यहां पर 63 सीटें है।
  • तेंलगाना विधानसभा में 119 सीटें है वहीं विधान परिषद में 40 सीटें है। इसके अलावा लोकसभा की तेंलगाना में 17 सीटें है।
  • तेंलगाना के पहले सीएम चंद्रशेखर राव है  और पहले राज्यपाल एक्काडु श्रीनिवासन लक्ष्मीनरसिम्हा है।
  • आँध्र प्रदेश और तेलंगाना की एक ही राजधानी है हैदराबाद। जो 10 सालों के लिए इन दोनों राज्यों की राजधानी रहेगी।

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3 thoughts on “तेलंगाना राज्य का इतिहास और जानकारी”

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