सुंदर पिचाई एक ऐसा नाम जिसे पहचान की जरूरत नहीं है जिन्होनें अपनी दूरगामी सोच के बल पर सफलता का आसमान छू लिया और आज वे मल्टीनेशनल कंपनी गूगल के सीईओ है।
गूगल में भारतीय मूल के सुंदर पिचाई के सीईओ बनने का एलान साल 2015 में कर भारतीयों का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया। सुंदर पिचाई, जिनकी बचपन से ही टेक्नोलॉजी में रूचि थी और वे हमेशा से ही अपने तकनीकी सोच को और ज्यादा विकिसत करने की कोशिश में लगे रहते थे।
ये सच है कि, सुंदर पिचाई आज जिस मुकाम पर हैं, ये सिर्फ और सिर्फ और उनकी सच्ची मेहनत और संघर्ष का ही नतीजा है।
एक भारतीय व्यक्ती का यहाँ तक पहुचना निश्चित ही सभी भारतीयों के लिये गर्व की बात है। लेकिन यहाँ तक पहुचना इतना आसान नहीं था। तो आईये जाने की सुंदर पिचाई ने ये रास्ता कैसे पार किया।
सुंदर पिचाई के संघर्ष से सफलता तक की कहानी – Sundar Pichai Biography in Hindi
सुंदर पिचाई जिनका जन्म 12 जुलाई, 1972 को चेन्नई में एक साधारण परिवार में हुआ था। शांत और सरल स्वभाव के सुंदर पिचाई जिनका पूरा नाम ‘सुंदर राजन पिचाई है’। सुंदर पिचाई बचपन से ही अपनी क्लास के टॉपर स्टूडेंट रहे हैं जो कि न केवल पढ़ाई में बल्कि खेल-कूद में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके हैं।
शिक्षा –
सुंदर पिचाई ने अपनी 12वीं तक की पढ़ाई चेन्नई के वाना-वाणी स्कूल से की और अपनी मेहनत के बल पर महज 17 साल की उम्र में सबसे अच्छे इंजीनियरिंग कॉलेज IIT खड़गपुर में दाखिला ले लिया, सुंदर पिचाई किताबी ज्ञान पर नहीं बल्कि अभ्यास से मिले अनुभव पर ज्यादा भरोसा करते थे।
सुंदर पिचाई जिनको हमेशा से ही टॉप पर रहने की आदत रही है। उन्होनें बीटेक में उन्होनें अपने बैच में टॉप किया और रजत पदक हासिल कर फिर से एक बार खुद को साबित कर दिखाया।
यही नहीं कभी नहीं हारने वाले पिचाई को स्कॉलर शिप भी मिली और वे अपनी आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका चले गए जहां उन्होनें स्टैनडफोर्ड यूनिवर्सिटी से एमएस की पढ़ाई की और एमबीए वॉर्टन यूनिवर्सिटी से किया।
करियर –
साल 2004 में सुंदर पिचाई ने गूगल ज्वॉइन किया था। उस समय गूगल ने उन्हें बतौर प्रोडक्ट और इनोवेशन ऑफिसर के रूप में नियुक्त किया जिनकी जिम्मेंदारी गूगल टूलवार और सर्च से संबंधित थी। यही नहीं सुंदर पिचाई ने अपने विवेक के बल पर एंड्राइड ऑपरेटिंग सिस्टम के डेवलपमेंट और साल 2008 में लांच हुए गूगल क्रोम में भी अहम भूमिका निभाई है।
जिसके बाद पिचाई को उनकी दूरदर्शिता के लिए मल्टीनेशनल टेक्नोलॉजी कंपनी गूगल ने सीनियर वाइस प्रेसीडेंट के पद की जिम्मेंदारी सौंप दी गई। सुंदर लगातार सफलता के नई ऊंचाइयों को छू रहे थे।
साल 2013 में Android बनाने वाले एंडी रुबिन ने प्रोजेक्ट छोड़ दिया जिसके बाद पिचाई ने न सिर्फ इस जिम्मेदारी को भी बखूबी निभाया बल्कि इसमें उन्होनें अपना अहम योगदान भी दिया। यही नहीं ऑपरेटिंग सिस्टम को सफल बनाने में भी सुंदर पिचाई का अहम रोल है।
लगातार अपनी स्किल्स से वे खुद को साबित कर रहे थे, गूगल कंपनी उनके काम से बेहद प्रभावित थी और उनकी प्रतिभा के बल पर पिचाई को गूगल कंपनी के सभी प्रोडक्स का हेड बना दिया गया। जिसमें गूगल सर्च, गूगल मैप, गूगल प्लस और गूगल कॉमर्स और गूगल एड जैसे कई प्रोडक्ट शामिल हैं।
सुंदर पिचाई अपनी उपलब्धियों की उम्मीदों की उड़ान भर रहे थे, इसी दौरान 2015 में उनकी दूरदर्शी सोच और योग्यता के लिए गूगल ने उन्हें 10 अगस्त 2015 को कंपनी का सीईओ बना दिया।
और इसके साथ ही पिचाई भारत के उन लोगों में शामील हो गये है जो 400 अरब डॉलर कारोबार करने वाली अंतराष्ट्रीय कम्पनियों के शिर्ष अधिकारी है। जिसमे सत्य नडेला / Atya Nadella, मास्टर्ड कार्ड के अजय बंगा / Ajay Banga जैसे अनेक नाम पहले से शामील है।
निश्चित ही आज सुंदर पिचाई भारत वासियों के लिये एक रोल मॉडल है और ये आने वाले दिनों में युवाओं के लिए वो प्रेरणा का काम करते रहेंगे। सुंदर पिचाई जिनसे वाकई सभी को सीख लेने की जरूरत है, जिनके बड़े सपनों और संघर्ष ने उनको आज सफलता के इस मुकाम पर पहुंचाया है।
सुंदर पिचाई ने अपने जीवन को अपनी मेहनत और लगन के दम पर जो हासिल किया हैं वो सच में काबिले तारीफ हैं और वो इसलिए क्योकि हम सभी उनकी सफलता और संघर्ष से अपने जीवन को एक नया आयाम दे सकतें हैं