कोई भी इन्सान अपनी मातृभाषा में अपने विचार जितने प्रभावशाली ढंग से रख सकता है उतने अन्य भाषा में बिलकुल नहीं रख सकता। लेकिन कुछ ऐसे भी लोग होते है जो अपनी मातृभाषा में अपने विचार बताते तो है मगर वह अन्य भाषा में भी पारंगत हो जाते और वह यहापर ही नहीं रुकते, तो इसके आगे जाकर उस भाषा में अपना करियर भी बनाते है।
आज एक ऐसे ही खास इन्सान के बारे मे हम आपको बताने वाले है जिसने अपनी मातृभाषा मराठी होने के बाद भी इंग्लिश भाषा में अपना करियर करना चाहा और वह इसमें कामयाब भी हुआ। इस खास लेखक का नाम है सुदीप नगरकर। इन्होने बहुत ही कम समय में कामयाबी हासिल की। आज सभी लोग बड़ी उत्सुकता से इनकी लिखी क़िताबे पढ़ते है। इस महान और मशहूर लेखक की सारी जानकारी निचे दी गयी है।
मशहूर लेखक सुदीप नगरकर – Indian novelist sudeep nagarkar
सुदीप नगरकर ने बहुत ही कम उम्र के लिखना शुरू किया था और जब वह तक़रीबन 20 साल के थे तब उनकी किताब ‘फ्यू थिंग्स अनसेड’ प्रकाशित हुई थी। इस किताब ने उन्हें बहुत बड़ी कामयाबी दिलाई और बहुत ही कम समय में यह किताब काफी मशहूर हो गयी। उनकी बहुत सारी क़िताबे अन्य भाषाओ में भी प्रकाशित की गयी। इस लेख में हम आपको लेखक सुदीप नगरकर के जीवन की पूरी कहानी बताएँगे।
भारत के जितने भी लेखक रोमांस की कहानी लिखते है उनमे सुदीप नगरकर का नाम भी शामिल है।
सुदीप नगरकर बायोग्राफी – Sudeep Nagarkar Biography
सुदीप नगरकर का जन्म 27 फरवरी 1988 में मुंबई में एक मराठी ब्राह्मण परिवार में हुआ। जयंत नगरकर उनके पिताजी और मंजू नगरकर उनकी माँ है।
उन्होंने ठाणे के सैंट जॉन बैप्टिस्ट हाई स्कूल से पढाई पूरी की। उन्होंने नवी मुंबई के दत्ता मेघे कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग से इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग में बी टेक की डिग्री हासिल की। उन्होंने 2014 में मुंबई के वेलिंगकर इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट से एमबीए की बिज़नस मैनेजमेंट में डिग्री हासिल की।
सुदीप ने हाल ही में उनकी गर्लफ्रेंड जैस्मिन सेठी से शादी कर ली, जिन्होंने दिल्ली से इंजिनियर की डिग्री पूरी की। उनकी लवस्टोरी काफी दिलचस्प है। उनकी शादी पंजाबी और महाराष्ट्र दोनों के रिवजो के अनुसार की गयी।
सुदीप नगरकर का करियर – Sudeep Nagarkar Career
सुदीप की पहली किताब ‘फ्यू थिंग्स लेफ्ट अनसेड’ को 10 जुलाई 2011 को प्रकाशित किया गया था। उनकी दूसरी किताब ‘दट्स द वे वुई मेट’ 1 जुलाई 2012 को प्रकाशित की गयी थी। उनकी दूसरी किताब प्रकाशित होने के कुछ दिन बाद ही उन्होंने 2012 में आई टी कंपनी की नौकरी छोड़ दी क्यों की उन्हें उनका पुरा समय क़िताबे लिखने के लिए देना था।
इस फैसले को लेकर उनके परिवार के लोगो ने उनका काफी विरोध किया मगर उन्होंने उनका फैसल बिलकुल भी नहीं बदला और पूरी तरह से क़िताबे लिखने पर पूरा समय केन्द्रित किया। उनकी पहली जो दो क़िताबे थी वह उनके खुद के जिंदगी से प्रेरित होकर लिखी गयी थी।
उनकी लगातार तीन क़िताबे काफी मशहूर हो गयी थी और लोगो ने उसे बहुत पसंद भी किया उसके लिए उन्हें 2013 में ‘यूथ अचिएवेर्स’ पुरस्कार भी दिया गया। इसके अलावा वह अच्छी रोमांटिक क़िताबे भी लिखते है इसके लिए भी उन्हें पुरस्कार मिल चुके है।
किताबे लिखने के अलावा भी उन्हें बहुत सारी जगह पर मोटीवेशनल स्पीच देने के लिए भी बुलाया जाता है। वह कई सारे मराठी शो के लिए स्क्रिप्ट लिखने काम भी करते है और कलर्स और सोनी चैनल पर कहानिया देने का काम भी करते है।
उन्होंने उनके फेसबुक पर यह बताया है की अधिकतर 16-26 साल के युवा उनकी क़िताबे ज्यादा पढ़ते है। 2014 में उन्हें फोर्ब्स इंडिया ने ‘टॉप 100 प्रभावशाली भारतीय सेलिब्रिटीज’ में शामिल किया था।
क़िताबे लिखने के अलावा उन्हें क़िताबे पढना और संगीत सुनना बहुत पसंद है।
सुदीप नगरकर की मशहूर क़िताबे – Sudeep Nagarkar Books
उन्होंने चार साल में कुल 5 क़िताबे लिखी। उनकी पहली किताब ‘फ्यू थिंग्स लेफ्ट अनसेड’ को 10 जुलाई 2011 में प्रकाशित किया गया था। उसके बाद में इस रोमांटिक लेखक ने कभी पीछे मुड़कर देखा ही नहीं। उनकी पहली किताब को लोगो ने काफी पसंद किया और उसकी लाखो कोपिज लोगो ने खरीद ली।
इस किताब के अलावा भी सुदीप नगरकर ने अन्य क़िताबे भी लिखी जैसे की 2012 में ‘दट्स द वे वुई मेट’, 2013 में ‘इट स्टार्टेड विथ फ्रेंड रिक्वेस्ट’ और 2014 में ‘सॉरी यू आर नौट माय टाइप’ और ‘यू आर द पासवर्ड टू माय लाइफ।’ उनकी इन किताबो की लम्बी लाइन को देखकर लगता है की वो जल्द ही एक नयी किताब लिखने वाले है।
वह एक होनहार और मशहूर रोमांटिक कहानी लिखने वाले लेखक है इसीलिए उनकी क़िताबो को अन्य भाषा में भी अनुवादित किया गया है। कुछ ही समय में उनके किताबो पर फिल्मे भी बननेवाली है।
2014 में प्रकाशित की गयी ‘सॉरी यू आर नौट माय टाइप’ बहुतही मशहूर किताब है। दूरजॉय दत्ता और प्रीती शेनॉय जैसे महान लेखको ने कामयाबी हासिल की है उनकी तरह ही सुदीप नगरकर कामयाबी के रास्ते पर निकल पड़े है।
सुदीप नगरकर एक रोमांटिक लेखक है। उनकी खास बात यह है की उन्होंने जो पहली किताब लिखी थी वह बहुत प्रसिद्ध हो गयी। उस किताब के कारण लोग सुदीप नगरकर को पहचानने लगे। इस कामयाबी के बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर देखा ही नहीं और एक के बाद एक रोचक क़िताबे लिखी। उन्हें भी लोगो ने पसंद किया, यहाँ तक की उनकी किताबो पर लोग फिल्मे बनाने की भी सोच रहे है।
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