Stories in Hindi with moral | अपने काम पर प्रेम करे

Stories in Hindi with moral

जॉब करने वाले लोग हो या business करने वाले लोग, आज कल हर जगह दिखने वाली problem है की लोग अपने काम से खुश नहीं है। इसीलिए बहुत सारे लोग jobs बदलते रहते है। या फिर हर २-३ साल में अपना career बदलते रहते है।

लगातार ऐसा करने से सिर्फ career में ही नहीं बल्कि personal life में भी लोगो को कई मुसीबतो का सामना करना पड़ता है। ऐसे में एकाग्रता से काम करना और काम करते वक़्त उसपर पुरे दिलोजान से समर्पण करना बहुत जरुरी है।

Stories के माध्यम से सुनी हुयी ज्ञान की बाते अक्सर ध्यान में रहती है और उसका meaning हमारे साथ काफी वक़्त तक रहता है। इसीलिए आज की story के जरिये हम आपको ऐसी बात बताएँगे जो समझने में बहुत ही आसान पर अमल में लाते समय बहुत ही मुश्किल है। आशा करते है इस कहानी को सुन के आप अच्छा सबक ले और उसे अपनी रोज़ाना ज़िन्दगी में अपनाये।

Stories In Hindi With Moral

अपने काम पर प्रेम करे / Stories In Hindi With Moral

एक सुशिल व्यक्ति एक निर्माण कार्य चल रहे मंदिर को देखने के लिए गए जहा एक मूर्तिकार किसी भगवान की मूर्ति बना रहा था। अचानक उसने देखा की कुछ मुर्तिया पानी में डूबी हुई है। और आश्चर्यचकित होकर उसने मूर्तिकार से पूछा की,

“क्या तुम्हे एक ही भगवान् के दो मूर्तियों की जरुरत है?”

मूर्तिकार ने उसकी तरफ देखे बगैर कहा, “नहीं, हमें सिर्फ एक चाहिये, लेकिन पहली मूर्ति बनाते वक़्त आखिरी समय में Damage हो गयी थी।”

उस सुशिल व्यक्ति ने मूर्ति की जांच की और पाया की वहा कोई Damage नहीं है। उसने मूर्तिकार से पूछा, “कहा है Damage?”

मूर्तिकार अपने काम में व्यस्त था, उसने जल्दबाजी से कहा की, “उस मूर्ति की नाक में थोड़ी खरोच है।”

तब उस व्यक्ति ने दूसरा प्रश्न पूछा की, तुम इस मूर्ति को कहा पर स्थापित करोंगे?

तब उस मूर्तिकार ने कहा की इस मूर्ति को 20 फीट उचे पिल्लर पर स्थापित किया जायेंगा।

तब उस सुशिल व्यक्ति ने पूछा की, जब यह मूर्ति इतनी उचाई पर होंगी, तो किसे दिखेंगा की मूर्ति की नाक पर खरोच है?

तब अंत में मुर्तिकार ने अपना काम छोड़ा और उपर उस व्यक्ति और तरफ देखते हुए, मुस्कुराया और कहा,

“इसे मै जानता हु और वो भगवान् जानते है, क्या ये काफी नहीं है?”

कहानी से सीख – Moral of story

हमें अपना काम इच्छापूर्वक श्रेष्टता से करना चाहिये फिर चाहे हमारे काम की सराहना हो या ना हो, हमें वो इमानदारी से करना चाहिये। श्रेष्टता ये भीतर से ही आती है ना की बाहर से। हमें कोई भी श्रेष्ट काम खुद के Satisfaction के लिए करना चाहिये, यह जरुरी नहीं है की कोई उसे परखे, हम अगर अपने काम में जरा भी कमी लगती है तो हमे दुसरो के सलाह की परवाह की चिंता किये बिना उसे पूर्ण रूप से करना चाहिये।

आपका जॉब हो, business हो, पढाई हो या फिर घर पर करने वाला कोई काम हो, हर काम में आपको १००% देना चाहिए, बिना किसी तारीफ की अपेक्षा किये। आपके हाथो होने वाला हर काम सर्वश्रेठ ही होना चाहिए। ऐसा attitude रखने से आपको आपके field में सर्वोत्तम बनने से कोई नहीं रोक सकता। तो अगर आप अपने current स्थिति से परेशान है तो यह देखिये की आप अपने काम को आपके Best Ability के साथ कर रहे है क्या? इसका जवाब ना ही मिलेगा। इसीलिए अपने काम से प्रेम करिये।

कहानिया इंसान का मनोरंजन ही नहीं करती बल्कि उसे बहुत सारी important चीज़े भी सिखाती है। ज्ञानी पंडित पर आपको ऐसी कई सारी कहानिया पढ़ने मिलेगी जो मुश्किल समय में आपका हौसला बढ़ाएगी और आपको बेहतर perform करने में प्रेरणा देगी।

आशा करते है यह कहानी आपको पसंद आयी हो। ज्ञानी पंडित पर हम कहानियो के जरिये life और success से related बहुत सारी important चीज़े आपसे share करते है। ज्ञानी पंडित की ‘सबसे बड़ा रोग क्या काहेंगे लोग!‘ इस कहानी में हमने एक common problem के बारे में लिखा है जिसके कारण लोग अपने ज़िन्दगी में कुछ कर नहीं पाते। हमे उम्मीद है, इस कहानी की तरह आपको यह कहानी भी पसंद आएगी।


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