स्टीफन विलियम हॉकिंग एक विश्व प्रसिद्ध भौतिक विज्ञानी, ब्रह्माण्ड विज्ञानी, लेखक और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में सैधांतिक ब्रह्माण्ड विज्ञान केंद्र (Centre For Theoretical Cosmology) के शोध निर्देशक है। स्टीफन हॉकिंग ने ब्लैक होल और बिग थ्योरी की समझाने में अहम योगदान दिया है। उनके विकिरण (रेडिएशन) को हम हॉकिंग रेडिएशन भी कहते है।
विश्व प्रसिद्ध भौतिक विज्ञानी स्टीफन हॉकिंग – Stephen Hawking Biography in Hindi
स्टीफन हॉकिंग के बारेमें – Stephen Hawking Information in Hindi
पूरा नाम (Name) | स्टीफन विलियम हॉकिंग (Stephen Hawking) |
जन्म (Birthday) | 8 जनवरी 1942 |
जन्मस्थान (Birthplace) | ऑक्सफ़ोर्ड, इंग्लैंड |
माता (Mother Name) | इसोबेल |
पिता (Father Name) | फ्रैंक |
मृत्यु (Death) | 14 मार्च 2018 |
प्रारंभिक जीवन –
स्टीफन हॉकिंग का जन्म 8 जनवरी 1942 को इंग्लैंड के ऑक्सफ़ोर्ड में हुआ था। उनके पिता का नाम फ्रैंक और माता का नाम इसोबेल था, उनकी माता स्कॉटिश थी। स्टीफन के पिता एक चिकित्सा संशोधक के रूप मे काम करते थे, वही उनकी माता चिकित्सा अनुसंधान केंद्र मे एक सचिव तौर पर कार्यरत थी। यही उनकी मुलाकात हुई और आगे उन्होने शादी कर ली, जिनको कुल चार संताने हुई थी।
जिसमे स्टीफन, फिलिपा, मेरी, एडवर्ड ऐसे चार भाई बहन शामिल थे, इसमे एडवर्ड को स्टीफन की माता पिता ने गोद लिया था। शुरू से ही स्टीफन एक मेधावी छात्र के रूप मे उभर कर सामने आये थे, उनकी शिक्षा की प्रती रुची देख उनका दाखिला अच्छे विद्यालय मे किया गया।
शिक्षा –
उम्र के आठवे साल मे सेंट अल्बान के एक पाठशाला मे स्टीफन का दाखिला किया गया था, जहा उन्होने प्राथमिक शिक्षा पुरी की। आगे की पढाई पुरी करने के लिये महज १७ साल की उम्र मे स्टीफन ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय मे दाखिला लिया, जहा उन्होने भौतिक विज्ञान मे पढाई पुरी की।
वैसे तो स्टीफन का आत्याधिक झुकाव गणित विषय की पढाई मे था, पर उस समय ऑक्सफोर्ड मे गणित विषय नही हुआ करता था। इसलिये भौतिक विज्ञान मे प्रथम श्रेणी मे स्नातक की पढाई पुरी कर, आगे स्टीफन ने केंब्रीज विश्वविद्यालय मे दाखिला लिया।
यहा से उन्होने अप्लाइड मैथेमेटिक्स तथा थ्योरेटिकल फिजिकल मे ब्रम्हांड संशोधन संबंध पर कार्य किया।
असाध्य बिमारी के बारे मे जानकारी –
स्टीफन हॉकिंग की आंखो मे अनेक सपने थे तथा वो विज्ञान मे बहूत आगे तक संशोधन पर कार्य करना चाहते थे। शुरुवात मे जहा वो आम लोगो की तरह जीवन जिते थे, उसमे कुछ दिनो बाद उन्हे परेशानी मेहसूस होने लगी तथा उनकी तबियत खराब रहने लगी।
जब वे २१ साल की उम्र के थे तो अचानक सिढियो से गिर पडे थे, और बेसुध हो गये। उनके पिता उन्हे इलाज के लिये अस्पताल ले गये तो डॉक्टरो द्वारा बताया गया की स्टीफन को एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस (Amyotrophic Lateral Sclerosis – ALS) नाम की बिमारी है।
इस बिमारी का कोई भी इलाज मौजूद नही था, तथा इस तरह के बिमारी मे धीरे धीरे शरीर के सभी अंग लकवा ग्रस्त होकर पुरी तरह काम करना बंद कर देते है। कई सालो से उन्हें ये बीमारी जकड़ी हुई थी, इस बीमारी के चलते उन्हें बोलने में भी काफी परेशानी होती थी। इसी वजह से वे स्पीच जनरेटिंग डिवाइस का उपयोग करते थे।
इस तरह की मुश्किलो को झेलते हुये भी, स्टीफन का शिक्षा और संशोधन के प्रती ध्यान कभी भी कम नही हुआ। इसके विपरीत उन्होने संशोधन मे अधिक रुची लेना शुरू किया था, जिसमे विश्व को उन्होने कुछ महान संशोधन दिये।
शादी शुदा जिंदगी और संतान के बारे मे जानकारी –
स्टीफन हॉकिंग ने जीवन मे दो बार शादी की थी, जिसमे उनकी पहली पत्नी का नाम जेन वाईल्ड था। जब स्टीफन की तबियत के बारे मे पता चला तो, जेन ने स्टीफन का शुरुवाती दिनो काफी अच्छी तरह से खयाल रखा। १९६५ मे स्टीफन और जेन की शादी हुई, जिसमे इनको तीन संताने हुई इसमे रॉबर्ट, लुसी और तिमूथियस शामिल है।
पर आगे साल १९९५ मे जेन और स्टीफन के बिच तलाक हो गया, साल १९९५ मे स्टीफन ने इलेन मेसन से दुसरी शादी की जो साल २०१६ तक चली, और २०१६ मे स्टीफन और इलेन के बिच तलाक हुआ। इस तरह स्टीफन हॉकिंग का शादी शुदा जीवन भी उतार चढाव भरा रहा।
एक संशोधक के तौर पर कार्य –
स्टीफन हॉकिंग ऐसे पहले व्यक्ति थी जिन्होंने ब्रह्माण्ड को समझने की थ्योरी विकसित की थी। इसमे उन्होने ब्रम्हांड को नियान्त्रित करने वाले नियम पर उनके साथी रॉजर पेनरोस के साथ मिलकर कार्य किया था।
इस विषय पर अथक संशोधन पर कुछ तथ्यपूर्ण निष्कर्ष हॉकिंग ने खोजे जिसमे उन्होने बताया की,” अंतरीक्ष और समय की निर्मिती ब्रम्हांड के जन्म के साथ हुई है, और अंततः ये सभी ब्लैक होल के भीतर समाहित होकर समाप्त हो जायेंगे”।
इसके साथ हॉकिंग ने आईन्स्टाइन के रिलेटिविटी थ्योरी पर भी कार्य किया, जिसका उपयोग उन्हे ब्लैक होल पर कार्य के दौरान हुआ। क्वांटम पर कार्य करते हुये उन्होने बयान दिया था की,” ब्लैक होल कभी भी शांत नही हो सकता, हर वक़्त वहा से कुछ विकिरण का उत्सर्जन होता रहता है”।
हॉकिंग के इन अविष्कारो ने दुनियाभर मे काफी ज्यादा चर्चा को बटोरा, तथा विज्ञान जगत और आम जनता इस विषय की ओर आत्याधिक आकर्षित हो गई थी।
प्रमुख उपलब्धीया एवं कार्य –
- साल १९७९ मे स्टीफन हॉकिंग को केंब्रीज विश्वविद्यालय मे गणित विषय के लुकॅसियन प्रोफेसर के तौर पर नियुक्त किया गया था, जो के दुनिया का सबसे प्रसिध्द शिक्षा अकादमी का पद होता है। इस पद पर कई सालो पहले अल्बर्ट आईनस्टाईन पढाया करते थे, साल २००६ तक हॉकिंग इस पद पर कार्यरत थे।
- साल १९६५ मे स्टीफन हॉकिंग ने “प्रॉपर्टीज ऑफ एक्सपैंडिंग यूनिवर्स” विषय मे पीएचडी की उपाधी हासिल की थी।
- १९७५ से केंब्रीज विश्वविद्यालय मे गुरुत्वाकर्षण भौतिकी के प्रोफेसर के रूप मे सेवा देना शुरू किया।
- हॉकिंग के पास कुल १३ मानद डिग्रीया थी।
वैश्विक स्तर पर उन्होंने बहुत से अभियानों में अपना सहयोग भी दिया है। स्टीफन हॉकिंग रॉयल सोसाइटी ऑफ़ आर्ट्स के सम्माननीय सभासद है, साथ ही धर्माध्यक्षीय विज्ञान अकादमी के जीवनपर्यंत सदस्य है,अपनी थ्योरी के चलते जल्द ही उन्हें कमर्शियल सफलता भी मिली।
उनके द्वारा लिखित किताब “ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ़ टाइम” उस समय की सबसे ज्यादा समय तक बिकने वाली किताब बनी, उस समय वह किताब लगभग रिकॉर्ड 237 हफ्तों तक चली।
“मै अभी और जीना चाहता हु।”
ये कथन किसी और के नहीं बल्कि विश्व के महान वैज्ञानिको में से एक स्टीफन हॉकिंग के है। जो उन्होंने अपने पिछले जन्मदिन पर कहे थे, जिसे सुन दुनिया एक पल के लिये अचंभित सी रह गयी थी। आज उन्हें भौतिकी के छोटे-बड़े कुल 12 पुरस्कारों से नवाजा जा चूका है।
पुरस्कार –
- १९६६ में – एडम्स पुरस्कार।
- सन १९७५ – एडिंग्टन पदक।
- १९७६- मैक्सवेल मेडल तथा हेइनीमान पुरस्कार।
- अल्बर्ट आईनस्टाईन पुरस्कार १९७८ में दिया गया।
- सन १९८५ मेंआरएएस गोल्ड मेडल।
- १९८७ में डीराक मेडल ऑफ द इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल।
- साल १९८८ में स्टीफन हॉकिंग को वूल्फ पुरस्कार।
- साल १९८९- प्रिन्स ऑफ ऑस्टुरिअस।
- स्टीफन हॉकिंग को एंड्रयू जेमेंट अवार्ड साल १९९८ में दिया गया।
- साल १९९९ – नायलॉर पुरस्कार, लिलाइंफेल्ड पुरस्कार, अल्बर्ट मेडल – रॉयल सोसायटी ऑफ आर्ट।
- साल २००६ – कोप्ले अवार्ड।
- अमेरिका का सर्वोच्च पुरस्कार ‘प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम’ भी स्टीफन हॉकिंग को साल २००९ मे दिया गया था।
- साल २०१२ – फंडामेंटल फिजिक्स पुरस्कार।
- साल २०१५ – बिबिवीए फौंडेशन फ्रंटीएर्स ऑफ नॉलेज पुरस्कार।
किताबे –
- “ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम”
- ” द युनिवर्स इन अ नटशेल”
- “द ग्रैंड डिजाईन”
- “ब्लैक होल अँड बेबी यूनिवर्स”
मृत्यु –
अपनी आयु का एक बडा अवधी स्टीफन हॉकिंग ने व्हील चेयर पर गुजारा, जिसमे युवा अवस्था से हुये असाध्य बिमारी से झुझते हुये उनका उम्र के ७६ वे साल मे निधन हो गया।
14 मार्च 2018 को यह महान वैज्ञानिक इस दुनिया को छोड़ कर चले गए।
FAQs
जवाब: २१ वर्ष।
जवाब: “ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम”।
जवाब: बिग बैंग, ब्लैक होल थ्योरी।
जवाब: ‘प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम’।
जवाब: गणित तथा भौतिक विज्ञान।
जवाब: १३।
जवाब: जेन वाईल्ड और इलेन मेसन।
जवाब: केंब्रीज विश्वविद्यालय मे स्टीफन हॉकिंग गणित विषय को पढाने के लिये लुकासिअन प्रोफेसर पद कार्यरत थे, जो की शिक्षा अकादमी का प्रसिद्ध पद होता है।
जवाब: “द थ्योरी ऑफ एवरीथिंग” ये मूवी साल २०१४ मे स्टीफन हॉकिंग के जीवन के उपर बनी है।
जवाब: ७६ वे साल मे।
स्टीफन हॉकिंग एक महान इन्सान, जो दुनिया को बहुत कुछ सिखाकर चले गये,