Statue of Unity
भारत करोड़ो की जनसंख्या वाला देश हैं जहाँ आज हर कोई स्वतंत्र रूप से सांस लेने में सक्षम है, पर आज़ादी से पूर्व यह एक जीता जागता नरक था। इस आज़ादी के लिए बहुत से स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना बलिदान दिया है।
जब देश एक ऐसी परिस्थिति में था और जब देशवासियों को बंटवारे का डर सताने लगा था। तब एक महानायक ने अहम भूमिका निभाई थी और देश को एक जुट रखने का काम किया था। जिसके कारण उन्हें आज भी याद किया जाता है उस महान शख्स का नाम है सरदार वल्ल्ब भाई पटेल।
जी हाँ सरदार जी ही थे जिन्होंने देश को एक डोर से बांधे रखा और देश के पहले गृहमंत्री और उप प्रधान मंत्री का पद बखूबी सम्भाला। बिखरे भारत के भू राजनितिक एकीकरण में केंद्रीय भूमिका निभाने के लिए पटेल जी को भारत का बिस्मार्क और लोह पुरुष भी कहा जाता है।
इसी के चलते देश ने उनके सम्मान में एक भव्य प्रतिमा का निर्माण किया है जिसे “‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी” के नाम से जाना जायेगा।
भारत के लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के स्मारक के रूप में बनी स्टैच्यू ऑफ यूनिटी मूर्ति न केवल हमारे महान राष्ट्र के स्वतंत्रता संग्राम के हर व्यक्ति की याद दिलाएगी बल्कि सरदार वल्लभभाई पटेल की एकता, देशभक्ति, समावेशी विकास और सुशासन की दूरदर्शी विचारधाराओं को विकसित करने के लिए हमारे देश के लोगों को प्रेरित भी करेगी।
भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने इस विशालकाय मूर्ति का 31 अक्टूबर 2018 को सरदार वल्ल्ब भाई पटेल जी के जन्मदिवस पर अनावरण किया है। जिस प्रकार उस काल में सरदार जी प्रसिद्ध थे उनका विश्व भर में डंका बजता था ठीक उसी तरह इस काल में उनकी प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी की भी अनोखी ही शान है यह भी दुनिया भर में ऊँचे दर्जे पर प्रसिद्ध है।
“स्टैच्यू ऑफ यूनिटी” भारत के लौहपुरुष को होगी श्रद्धांजली – Statue of Unity
31 अक्टूबर को लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का लोकार्पण किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश की विशाल प्रतिमा का अनावरण कर सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धांजली अर्पित करेंगे।
आपको बता दें कि यह मूर्ति अहमदाबाद से 200 किमी दूर जनजाति जिले नर्मदा के सरदार सरोवर डैम के पास बनाई गई है। इस मूर्ति का निर्माण काम लगभग पूरा हो चुका है। दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा को बनाने में करीब 44 महीने का समय लगा है।
सरदार वल्लभभाई पटेल स्वतंत्र भारत के पहले गृह मंत्री और स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्होनें भारत को आजाद करवाने की लड़ाई में भी अपना अहम योगदान दिया था और आजादी के बाद भारतीय राजाओं को अपनी रियासत देश में मिलाने के लिए राजी करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
सैकड़ों मजदूरों की मेहनत से बनी दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति:
दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टेच्यू ऑफ यूनिटी यूं ही नहीं बन गई। सरदार बल्लभ भाई पटेल की मूर्ति, दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति है, जिसकी ऊंचाई 182 मीटर है। इस मूर्ति को बनाने में हजारों मजदूर और सैकड़ों इंजीनियर महीनों तक जुटे रहे।
यही नहीं स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को बनाने में अमरीका, चीन से लेकर भारत के शिल्पकारों ने भी कड़ी मेहनत की। वहीं इस प्रतिमा को बनाने में अन्य खास बात यह है कि हजारों वर्करों में 200 कर्मचारी चीन के थे।।
इस मूर्ति को बनाते वक्त इस बात पर खास ख्याल रखा गया कि सरदार बल्लभ भाई पटेल का चेहरा कैसा हो और भावभंगिमा कैसी हो इसे तय करने में भी काफी समय लग गया। आपको बता दें कि इस प्रतिमा को सिंधु घाटी सभ्यता की कला से बनाया गया है।
वहीं इसकी खास बात यह है कि इस मूर्ति को बनाने में 4 धातुओं का इस्तेमाल किया गया है। जिसमें कई सालों जंग नहीं लगेगी। इसके साथ ही लौहपुरुष के स्टैच्यू में 85 फीसदी तांबा का इस्तेमाल किया गया है। स्टैच्यू को ब्रांज रंग का रखा गया है।
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी कि ऊंचाई – Statue of Unity Height
‘स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी दुनिया भर में सबसे बड़ी प्रतिमाओं में से एक है जिसकी लम्बाई 182 मीटर है इस मूर्ति के निर्माण में 25,000 टन लोहे और 90,000 टन सीमेंट का इस्तेमाल किया गया है। मूर्ति को 7 किमी दूर से देखा जा सकता है।
इससे पहले सबसे बड़ी मूर्ति चीन की प्रिंरगफील्ड बुद्धा की थी जिसकी लंबाई कुल 153 मीटर की थी साथ ही आपको बता दें कि ऊंचाई में यह अमेरिका के स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी (93 मीटर) का दुगना है। जबकि रियो डी जेनेरियो के क्राइस्ट द रिडीमर टावर से चार गुना ऊंचा है।
182 मीटर ऊंची इसकी खासियत यह भी है कि राज्य की असेंबली सीट 182 के बराबर ही इसकी ऊंचाई रखी है।
सरदार सरोवर नर्मदा बांध, हाइवे और हजारों किमी नर्मदा नहर बनाने वाले राठौड़ की देखरेख में स्टेच्यू ऑफ यूनिटी एक रिकार्ड समय करीब 44 महीने में बनकर तैयार हो गई। फिलहाल, अभी तक दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति चीन की बुद्ध प्रतिमा थी जिसकी ऊंचाई 128 मीटर थी।
तेज़ तूफ़ान और भूकंप होंगे बेअसर – Design To With Stand Thunderstorm And Earthquake
स्टैच्यू को बनाने वाली कम्पनी द्वारा यह वादा किया जा रहा है की प्रतिमा का निर्माण इस प्रकार से किया गया है कि तेज़ तूफ़ान और भूकंप के झटकों में भी सरदार जी की मूर्ति की स्थिरता कायम रहेगी।
कहा जा रहा है की 60 मीटर/सेकंड की रफ्तार से चलने वाली तेज़ हवा व 6.5 रिक्टर पैमाने पर आये भूकंप के झटको का इस प्रतिमा पर कोई भी प्रभाव नहीं पड़ेगा।
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी होगा एक टूरिस्ट स्पॉट – Statue of Unity will be a Tourist Spot
आपको बता दें कि स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को पहले ही गुजरात सरकार द्दारा एक टूरिस्ट स्पॉट के रूप में घोषित किया जा चुका है। यहां इस मूर्ति के अलावा एक एक गार्डन और बोटिंग फैसिलिटीज की सुविधा भी दी जा रही है। इसके साथ ही ये लोगों के लिए एक प्रेरणा स्रोत होगी। इसमें एक हाईटेक म्यूजियम भी होगा, जिसमें देश के स्वतंत्रता सेनानियों के 90 सालों का इतिहास रहेगा।
ये भारत की सबसे ऊंची प्रतिमा तो होगी ही साथ में दुनिया के लिए किसी अजूबे से कम नहीं होगा।
कई सालो सें चल रहा निर्माण काम
आपको बता दें कि साल 2010 में गुजरात सरकार ने इस लंबे प्रोजक्ट की घोषणा की गई थी। जबकि साल 2013 में नरेन्द्र मोदी ने इसकी आधारशिला रखी थी, और इंजीनियरिंग कंपनी एल एंड टी को इसका कांट्रैक्ट दिया गया था। इसके बाद मोदी ने इस काम का जिम्मा सरदार सरोवर नर्मदा निगम के अध्यक्ष और गुजरात के हाइवे व कैनालमैन एसएस राठौड़ को सौंपा गया था।
सरदार के साथ दिखेंगे ये भी – Statue of Unity Other Attractions
‘स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी को नर्मदा नदी पर बने बाँध से 3.5 किलोमीटर की दुरी पर बनाया गया है। इस प्रतिमा के माध्यम से पर्यटक सरोवर डैम, सतपुड़ा और विंध्य के विशाल पर्वतो के दर्शन भी कर पायेंगे।
नर्मदा नदी और मूर्ति को देखने के लिए एक प्लाज़ा भी बनाया गया है जिसमे पर्यटकों की सुविधाओं से जुडी सभी चीज़े प्राप्त हो सकेंगी। नाव की मदद से मूर्ति तक महज़ पांच मिंट में पहुंचा जा सकता है।
फ्री में नहीं दिखेंगे सरदार जी – Statue of Unity Tickets Price
स्टेचू ऑफ़ यूनिटी को देखने के लिए सरकार ने 350 रूपए तय किये है और बच्चो के लिए 200 रूपए देने पड़ेंगे साथ ही मूर्ति तक जाने के लिए पर्यटकों को बस का सहारा लेना पड़ेगा जिसका किराया प्रति व्यक्ति 30 रूपए है यानी एक व्यक्ति का कुल 380 रूपए का ख़र्च आयेगा।
ये भी बता दे की सोमवार को आप लोग ‘स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी के दर्शन नहीं कर पाओगे क्योंकि यह दिन प्रतिमा के रख रखाव का कार्य किया जायेगा।
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Thank you Bhupendra Ji, Your comments mean a lot of us