Speech on Anti Tobacco Day
तंबाकू एक धीमा जहर है,जो कि व्यक्ति के शरीर को अंदर से कमजोर एवं खोखला बना देता है। जिससे व्यक्ति तमाम तरह की घातक बीमारियों का शिकार हो जाता है, और तो और कई बार व्यक्ति को इसकी वजह से मृत्यु तक का सामना करना पड़ता है। इसलिए तंबाकू के दुष्प्रभावों के बारे में लोगों को बताने के लिए हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस के रुप में मनाया जाता है।
इस दिवस पर जगह-जगह पर कैंप लगाए जाते हैं, कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इसके अलावा तंबाकू के हानिकारक परिणामों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए विश्व तंबाकू निषेध दिवस के मौके पर भाषण भी दिए जाते है।
इसलिए आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर भाषण उपलब्ध करवा रहे हैं जिसका इस्तेमाल आप अपनी जरूरत के मुताबिक कर सकते हैं और इस भाषण के माध्यम से बेहद शानदार तरीके से लोगों तक अपना संदेश पहुंचा सकते हैं-
विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर भाषण – Speech on Anti Tobacco Day in Hindi
सर्वप्रथम सभी को मेरा नमस्कार !
सम्मानीय मुख्य अतिथि एवं यहां पर मौजूद सभी माननीय एवं गणमान्य नागरिक एवं मेरे समस्त छोटे भाई-बहन। यहां उपस्थित होने के लिए मै आप सभी का तहे दिल से स्वागत करता हूं। मुझे अत्याधिक खुशी हो रही है कि आज इस विश्व तंबाकू निषेध दिवस के मौके पर मुझे इस गंभीर मुद्दे पर अपनी राय रखने का मौका मिला।
मै अपने इस भाषण की शुरुआत तंबाकू छोड़ने के लिए प्रेरित करने वाले एक स्लोगन के माध्यम से करना चाहती हूं /चाहता हूं –
”आदत नही ये अच्छी तू पहचान ले,
जानलेवा है धूम्रपान ये बात जान ले !!
केसर नही कैंसर का दम है दाने दाने में,
ऐ मेरे दोस्त, छोड़ ये शोक, बात मान ले !!”
जो लोग तंबाकू के सेवन करने की आदि है, या फिर जो लोग बीड़ी, सिगरेट आदि पीना अपनी शान समझते हैं, ऐसे लोगों का शरीर धीरे-धीरे कमजोर होता चला जाता है और वे कई जानलेवा बीमारियों से घिर जाते हैं।
वहीं तंबाकू का नशा करने वाले लोगों को तंबाकू के सेवन से होने वाली स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से अवगत कराने और पूरी दुनिया में तंबाकू का सेवन पूरी तरह रोकने के लिए लोगों को बढ़ावा देने के मकसद से हर साल 31 मई को WHO ( वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन/विश्व स्वास्थ्य संगठन) और इसके सदस्य राज्यों समेत गैर-सरकारी और सरकारी संगठनों के द्वारा वार्षिक आधार पर विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है।
आपको बता दें कि 31 मई साल 1987 को सबसे पहली बार पूरी दुनिया में विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया गया था, इसके बाद इस दिवस के मनाए जाने के महत्व को समझते हुए इसे हर साल मनाया जाने लगा।
वहीं एक तरफ जहां लोग तरक्की और विकास के नए आयामों को छू रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ आज भी युवा पीढ़ी नशे के गिरफ्त में है, जो कि एक बेहद गंभीर मुद्दा है, क्योंकि तंबाकू के सेवन से न सिर्फ उनका शरीर खराब हो रहा है, बल्कि देश का भविष्य भी चौपट हो रहा रहा है।
दरअसल, आजकल ज्यादातर युवा वर्ग दिखावे में हुक्का, चिलम,जर्दा, सिगरेट आदि के द्धारा तंबाकू का बड़ी मात्रा में सेवन कर रहे हैं, जिससे उनका शरीर खराब हो रहा है।
आपको बता दें कि तंबाकू में निकोटिन एक ऐसा पदार्थ होता है, जो कि मनुष्य के शरीर के लिए बेहद खतरनाक होता है, वहीं यह पदार्थ न सिर्फ इंसान को नशे का आदि बनाता है, बल्कि इसके दुष्प्रभाव से कैंसर जैसी घातक बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है।
इसके साथ ही यह मनुष्य के दिल और दिमाग में भी गहरा असर डालता है। इससे धीरे-धीरे मनुष्य की सोचने-समझने की शक्ति प्रभावित तो होती ही है साथ ही भूख भी नहीं लगती है।
जिसके चलते व्यक्ति का शरीर धीरे-धीरे काम करना बंद कर देता है और कई बार यह मृत्यु का भी कारण बन जाता है।
धुम्रपान या फिर तंबाकू का सेवन करने से माउथ, लंग एवं थ्रोट कैंसर होने का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। इसके अलावा पेट सें संबंधित कई बीमारियां, एसिडिटी, पेट के अल्सर इंसोम्निया एवं दिल से सबंधित बीमारियां हार्ट डिजीज, हाई ब्लड प्रेशर, श्वास संबंधी बीमारियां आदि रोगों का भी शिकार हो जाता है।
वहीं जो व्यक्ति तंबाकू और सिगरेट का सेवन करते हैं उन्हें तो इसके दुष्परिणामों को भुगतना ही पड़ता है, इसके साथ ही उनके आसपास मौजूद लोगों के स्वास्थ्य पर भी इसका बुरा असर पड़ता है।
वहीं जो लोग घर में ध्रूमपान आदि करते हैं तो उनकी इस आदत का दुष्प्रभाव उनके बच्चों पर भी पड़ता है और घर का वातावरण खराब होता है।
आजकल युवाओं में तंबाकू का सेवन करना एक फैशन और स्टेटस सिंबल बन गया है। जिसके चलते कुछ लोग सिगरेट, बीड़ी, गुटखा, जर्दा, खैनी, हुक्का, चिलम आदि का सेवन सिर्फ दिखावे और शौक के चलते कर रहे हैं, हालांकि बाद में यह उनकी आदत में शामिल हो जाता है, जिसका उन्हें बुरा परिणाम भुगतना पड़ता है।
इसके अलावा कई लोग ऐसे भी हैं, जो तनाव को कम करने के लिए अपने बुरे दौर में तंबाकू/सिगरेट का सेवन करने लगते हैं,हालांकि इससे तनाव तो कम नहीं होता लेकिन व्यक्ति को इसकी लत लग जाती है और फिर उसे स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
वहीं वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की एक रिपोर्ट से आप इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं कि तंबाकू का सेवन व्यक्ति की जान पर किस तरह भारी पड़ रहा है। WHO की एक रिपोर्ट के अनुसार, तंबाकू के सेवन से हर साल 60 लाख से भी ज्यादा लोग मौत का शिकार हो रहे हैं।
वहीं अगर इसी तरह लोग तंबाकू का सेवन करते रहे तो यह आंकड़ा आने वाले सालों में 1 करोड़ को भी पार कर जाएगा।
इसलिए विश्व तंबाकू निषेध दिवस के माध्यम से लोगों को इसके दुष्परिणामों के बारे में जागरूक किया जा रहा है, ताकि लोग तंबाकू से बने पदार्थों का सेवन न करें।
वहीं ऐसा नहीं है कि जिन लोगों को एक बार तंबाकू के सेवन करने की लत लग गई, वो इसे छोड़ नहीं सकता है। हां शुरुआती दिनों में थोड़ा मुश्किल हो सकता है, लेकिन अगर व्यक्ति चाहे तो धीरे-धीरे इस जानलेवा आदत को बदल सकता है और जीवन भर स्वस्थ रह सकता है।
वहीं विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर तंबाकू छोड़ने के कई उपायों के बारे में भी बताया जाता है, जिससे व्यक्ति इस बुरी लत से पीछा छुड़ा कर स्वस्थ जीवन की तरफ अपना कदम बढ़ा सके और एक नई स्वस्थ जिंदगी की शुरुआत कर सके।
तंबाकू के दुष्परिणामों को जानने के बाद अगर कोई व्यक्ति तंबाकू छोड़ने के बारे में सोच रहा है तो सबसे पहले इसे छोड़ने के लिए ईमानदारी के साथ दृढ़संकल्प लेना होगा और इसके लिए उन्हें अपना पक्का मन बनाना होगा।
इसे एक बार में ही छोड़ने का प्रयत्न नहीं करना चाहिए, बल्कि धीरे-धीरे इसे छोड़ने की शुरुआत करनी चाहिए और जब भी तंबाकू का सेवन करने का मन करें तो इसके बदले सौंफ या फिर किसी माउथ फ्रेशनर का इस्तेमाल करना चाहिए जिससे अच्छा भी लगेगा और मन भी डायवर्ट होगा।
वहीं अगर आप भी उन लोगों में से एक हैं, जिन्हें तंबाकू से बने उत्पादों के सेवन करने की बुरी आदत है, तो आप अपनी इस आदत को जल्दी से जल्दी छोड़ने की कोशिश में लग जाइए अन्यथा, इसका आपको बुरा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
वहीं इस तंबाकू निषेध दिवस के मौके पर हम सब मिलकर तंबाकू से बने उत्पादों का पूरी तरह से बहिष्कार करने का और नशा मुक्त भारत बनाने का संकल्प लें साथ ही अन्य लोगों को भी इस बुरी लत से दूर रहने के लिए प्रोत्साहित करें। तो दोस्तों मैं अपने इस भाषण का अंत एक स्लोगन के माध्यम से करना चाहूंगा/ चाहूंगी।
दारू से दरियादिली और तम्बाकू से शान,
इनसे दोस्त तुम दूर रहो नहीं होगा तुम्हारा कल्याण।
धन्यवाद।।