विदेशी मूल की सोनिया गांधी, भारतीय राजनीति का एक जाना-माना चेहरा हैं,जिन्होंने न चाहते हुए भी भारतीय राजनीति में कदम रखा और सफलता का मुकाम हासिल किया।
अपने पति एवं देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के बाद साल 1997-1998 में जब कांग्रेस पार्टी दो गुटों में बंट गई, तब वे एक प्राथिमक सदस्य के रुप में कांग्रेस पार्टी में शामिल हुईं और फिर कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष चुनी गईं।
इसके साथ ही उनके नाम काफी लंबे समय तक कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर सेवारत रहने का रिकॉर्ड भी दर्ज है। हालांकि उन्हें अपने राजनीतिक करियर में अभी तक कई विवादों का भी सामना करना पड़ा है, आइए जानते हैं सोनिया गांधी जी और उनके जीवन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों के बारे में–
सोनिया गांधी की जीवनी – Sonia Gandhi Biography in Hindi
एक नजर में –
पूरा नाम (Name) | सोनिया राजीव गांधी (एंटोनिया एडविज अल्बीना मैनो) |
जन्म (Birthday) | 9 दिसम्बर 1946 |
जन्मस्थान (Birthplace) | लुसियाना, इटली |
माता (Mother Name) | पाओलो मायनों |
पिता (Father Name) | स्टेफ़िनो मायनो |
विवाह (Husband) | राजीव गांधी के साथ |
जन्म, परिवार और शुरुआती जीवन –
भारतीय राजनीति में अपनी एक अलग पहचा बना चुकी सोनिया गांधी 9 दिसंबर 1946 को इटली के लूसियाना शहर के कॉट्राडा मैनी के वेनेटो में एक मैनो परिवार में एंटोनिया एडविज अल्बीना मैनो के रुप में जन्मी थी, जो कि एक रोमन कैथोलिक परिवार था। उनके पिता स्टेफिनो मायनो का एक छोटा से निर्माण व्यापारी थे।
शिक्षा –
सोनिया गांधी ने इटली के ओर्बास्सानो शहर में एक कैथोलिक स्कूल से पढ़ाई की और फिर वे साल 1964 में ”बेल एजुकेशन शिक्षा ट्रस्ट के तहत” एक स्कूल में अंग्रेजी की पढ़ाई के लिए कैम्ब्रिज शहर चली गई। वहीं साल साल 1965 में जब सोनिया गांधी कैम्ब्रिज के एक ”स्मॉल लैग्वेज कॉलेज” की छात्रा थी, तब उस दौरान वे उस कॉलेज की कैंटीन में भी काम किया करती थी।
वहीं इसी कैंटीन में उनकी मुलाकात देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी से हुई थी। उस दौरान राजीव गांधी कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के ट्रिनिटी कॉलेज में अपनी पढ़ाई कर रहे थे।
विवाह –
क्रैंब्रिज की एक रेस्तरां में राजीव गांधी से मिलने के बाद दोनों की दोस्ती हो गई और फिर करीब 3 साल बाद साल 1968 में राजीव गांधी और सोनिया गांधी ने भारतीय रीति-रिवाज से शादी कर ली और वे भारत आकर अपनी सास और भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साथ रहने लगीं। शादी के बाद उनका नाम ”सोनिया गांधी” रखा गया।
साल 1970 में उन्होंने राहुल गांधी और साल 1972 में प्रियंका गांधी को जन्म दिया। वहीं राजनैतिक परिवार से वास्ता रखने के बाद भी राजीव गांधी और सोनिया गांधी दोनों ही पहले राजनीति से दूर रहते थे।
राजीव गांधी एक पेशेवर पायलट के रुप में काम करते थे, जबकि सोनिया गांधी अपने घर और परिवार को देखभाल करती थी। साल 1980 में सोनिया गांधी के देवर संजय गांधी की विमान दुर्घटना में मौत के बाद राजीव गांधी पर राजनीति में आने का दवाब डाला गया और फिर उनकी सास इंदिरा गांधी की 1984 में मौत के बाद राजीव गांधी ने राजनीति में आने का फैसला लिया।
हालांकि सोनिया गांधी अभी भी अपने परिवार की देखभाल में लगी रहीं और तब तक राजनीति से दूर रहीं, जब तक उन पर भारतीय राजनीति में शामिल होने पर जोर नहीं डाला गया।
राजनैतिक करियर
- सोनिया गांधी जी की भारतीय सार्वजनिक जीवन की शुरुआत प्रधानमंत्री के रूप में अपने पति राजीव गांधी के चुनाव के दौरान हुई। साल 1984 में भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की मौत के बाद सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री की पत्नी के रुप के सरकारी परिचारिका का काम किया एवं पहली बार अपनी देवरानी मेनका गांधी (संजय गांधी की पत्नी), जो कि अमेठी में राजीव गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ रही थी, उनके खिलाफ सक्रिय रूप से चुनाव का प्रचार-प्रसार किया। इस दौरान उन्होंने कई राज्य यात्राओं में भी अपनी सक्रिय भागीदारी निभाई।
- साल 1991 में उनके पति राजीव गांधी की हत्या के बाद, सोनिया गांधी को नेहरू-गांधी राजवंश के उत्तराधिकारी के रूप में पार्टी में शामिल होने और प्रधानमंत्री बनने के लिए आमंत्रण दिया गया, जिसके बाद सोनिया गांधी ने पीएम बनने से मना कर दिया और फिर पार्टी के लोगों ने पी.वी. नरसिम्हा राव को प्रधानमंत्री के रुप में चुना।
- साल 1996 में हुए आम चुनावों में कांग्रेस पार्टी हार गई और कुछ बड़े नेताओं के आपसी मतभेद के चलते कांग्रेस दो गुटों में बंट गई। जिसके बाद साल 1997 में सोनिया गांधी जी ने राजनीति में आने का फैसला किया और वे कलकत्ता के प्लेनरी सत्र में प्राथमिक सदस्य के रुप में कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गईं।
- साल 1998 में वे पार्टी की नेता बनी और साल 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी की प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली भाजपा-एनडीए सरकार के कार्यकाल के दौरान उन्हें नेता विपक्ष के रुप में चुना गया।
- साल 2004 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने गठबंधन के साथ सरकार बनाई। वहीं इस दौरान फिर से सोनिया गांधी को पीएम के रुप में देश का नेतृत्व करने के लिए चुना गया, हालांकि इस दौरान विदेशी मूल के होने के कारण उन्हें काफी विरोध का भी सामना पड़ा, जिसकी वजह से उन्होंने खुद पीएम नहीं बनने का फैसला लिया और इस महत्वपूर्ण पद पर महान अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह जी को देश के नेतृत्व के लिए पीएम के रुप में चुना। इसी साल सोनिया जी को राष्ट्रीय सलाहकार परिषद का अध्यक्ष भी बनाया गया और इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना लागू कर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- साल 2009 में कांग्रेस पार्टी फिर से सत्ता में आई और इस बार भी मनमोहन सिंह जी को प्रधानमंत्री के रुप में नियुक्त किया गया।
- साल 2010 में सोनिया गांधी जी को फिर से राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की अध्यक्ष के रुप में नियुक्त किया गया और साल 2014 तक वे इस पद पर अपनी सेवाएं देती हैं।
- साल 2014 में हुए लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने अपनी सत्ता खो दी, हालांकि इस दौरान सोनिया गांधी ने रायबरेली में अपनी सीट बरकरार रखी।
- साल 2019 में भी हुए आम चुनावों में जब कांग्रेस को हर तरफ से हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन ऐसे में सोनिया गांधी ने रायबरेली में अपनी जीत बरकरार रखी। वर्तमान में वे कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष का पद संभाल रही हैं।
उपलब्धियां
- सोनिया गांधी प्राथमिक सदस्य के रुप में कांग्रेस में शामिल होने के महज 62 दिनों के अंदर कांग्रेस की अध्यक्ष बनी।
- साल 1999 में हुए लोकसभा चुनाव में सोनिया गांधी ने उत्तर प्रदेश की अमेठी और कर्नाटक की बेल्लारी दोनो सीटों पर जीत दर्ज की। बेल्लारी में सोनिया जी ने बीजेपी की कद्दावर नेता स्वर्गीय सुषमा स्वराज को हराकर जीत दर्ज की थी।
- साल 2003 में सोनिया गांधी ने एक विपक्ष के नेता के रुप में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दिया।
- सोनिया गांधी के नाम अध्यक्ष के रूप में कांग्रेस पार्टी की सबसे लंबे समय तक सेवा करने का रिकॉर्ड दर्ज है।
- सोनिया गांधी साल 2004 और 2009 में उत्तर प्रदेश के रायबरेली से लोकसभा सदस्य के रूप में चुनी गईं।
- साल 2004 में हुए लोकसभा चुनावों के दौरान सोनिया गांधी ने रायबरेली निर्वाचन क्षेत्र से बड़ी जीत हासिल की। कांग्रेस की अगुआई में करीब 15 पार्टीयों के गठबंधन की सरकार का गठन किया गया, जिसे संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) नाम दिया गया।
- राष्ट्रीय सलाहकार समिति और यूपीए सरकार के अध्यक्ष के रूप में सोनिया गांधी ने अपने कार्यकाल के दौरान राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना और सूचना का अधिकार अधिनियम बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी।
- सोनिया गांधी ने 2 अक्टूबर, साल 2007 को, महात्मा गांधी की जयंती पर संयुक्त राष्ट्र को संबोधित किया। जिसके बाद संयुक्त राष्ट्र ने 15 जुलाई 2007 को एक प्रस्ताव पारित किया, और फिर इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाने लाने लगा।
- साल 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस 206 सीटों के साथ सत्ता में आई। साल 1991 के बाद पहली बार ऐसा हुआ था कि कोई भी पार्टी इतनी सीट जीतकर सत्ता में आई हो।
- साल 2013 में सोनिया गांधी एकमात्र ऐसी शख्सियत थीं, जिन्हें लगातार 15 साल तक कांग्रेस की अध्यक्ष पद पर रहने का गौरव हासिल हुआ। वहीं इसी साल सोनिया जी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ धारा 377 का समर्थन करने का कड़ा विरोध किया।
- साल 2014 में हुए आम चुनाव में सोनिया गांधी ने रायबरेली की सीट बरकरार रखी।
- साल 2019 में हुए आम चुनाव में सोनिया गांधी ने फिर से रायबरेली की सीट से जीत हासिल की, हालांकि इस चुनाव के दौरान वे काफी कम मार्जिन से जीत दर्ज करा सकीं।
पुरस्कार/सम्मान
- साल 2004 में सोनिया गांधी जी का नाम विश्व की तीसरी सबसे ताकतवर महिला के रुप में फॉर्ब्स मैग्जीन में नामित किया गया।
- साल 2006 में सोनिया गांधी को बेज्लियम की सरकार ने ”सम्राट लियोपोल्ड’ से सम्मानित किया गया था।
- साल 2007 और 2008 में सोनिया गांधी जी को टाइम मैग्जीन द्वारा विश्व के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की लिस्ट में शामिल किया था।
- साल 2009 में सोनिया गांधी जी को फोर्ब्स मैग्जीन द्वारा विश्व की नौवीं सबसे शक्तिशाली महिला की सूची में शामिल किया गया था।
- साल 2010 में एक ब्रिटिश मैग्जीन ”न्यू स्टेट्समैन” द्धारा सोनिया गांधी को दुनिया की 50 प्रभावशाली लोगों में शामिल किया गया था।
- साल 2012 में फोर्ब्स मैग्जीन द्धारा सोनिया गांधी को विश्व की 12वीं सबसे शक्तिशाली महिला के रुप में शामिल किया गया था।
- साल 2013 में फोर्ब्स मैग्जीन द्धारा फिर सोनिया गांधी को विश्व की तीसरी सबसे ताकतवर महिला होने का खिताब दिया गया था।
द्वारा लिखी गई पुस्तकें –
- ‘टू एलोन, टू टूगेदर।
पर लिखी गई पुस्तकें –
- ‘सोनिया गाँधीः एन एक्स्ट्राऑर्डिनरी लाइफ एन इंडियन डेस्टिनी’
- ‘सोनिया: ए बायोग्राफी’
विदेशी मूल की होते हुए भी सोनिया गांधी ने भारतीय राजनीति में अपने नाम का सिक्का भुनाया है और अध्यक्ष के रुप में कांग्रेस पार्टी को नई दिशा दी।
ये नहीं बताया कि वो रेस्टोरेंट में शराब परोसने का काम करती थी
to usse kya far padta hai sharab ko kharab hamare yahan samjha jata hai Europe me nahi, aur mehnat karke kamane me kya paap hai bhai.
धन्य हो ज्ञानी पंडित धन्य तुम्हारे ज्ञान । कहाँ से पाया ए ज्ञान । क्या पान खाया और पान पिया।
Hmmmm
Ye nahi btaya ki soniya ka garib parivaar aaj Italy me bade bade farmhouses ka Malik h aur vo bhee India ke paise se
Dhanya h India vasi jinhone pahle arabians ko paisa diya fir angrejo ko ameer bnaya ab Italians ki bhee jivan dasha sudhar di
Aur fir bhee congress ke dalal kahte h ki asli vikas congress ne hi kiya
Har har modi ghar-ghar modi, bjp hi best party hai na ki congress.
Namo modi