शेर शाह सूरी का मकबरे का इतिहास – Sher Shah Suri Tomb

Sher Shah Suri Tomb

इतिहास में भी ऐसे ही अच्छे लोग थे जिन्होंने समाज की उन्नति के लिए बहुमूल्य योगदान दिए। ऐसे लोगो में शेर शाह सूरी जैसे सम्राट भी है। बिहार में रोहतास जिले के सासाराम में इनकी याद में एक बहुत बड़ा मकबरा बनाया गया है।

यह मकबरा इसीलिए भी खास है क्यों की यह ताजमहल से भी बड़ा है और ऊँचा भी है। पुरे भारत में इस तरह का मकबरा कही भी दिखाई नहीं देता। शेर शाह सूरी की इसी मकबरा – Sher Shah Suri Tomb के बारे में पूरी जानकारी निचे दी गयी है।

Sher Shah Suri Tomb

शेर शाह सूरी का मकबरे का इतिहास – Sher Shah Suri Tomb

जैसे हमनें आपको बताया की शेर शाह सूरी का मकबरा – Sher Shah Suri Tomb बिहार में रोहतास जिले के सासाराम में मौजूद है।

खुद शेर शाह सूरी ने अपना खुद की मकबरा बनाने की शुरुवात की थी और इस मकबरा को पूरी तरह बनाने के काम उसके लड़के इस्लाम शाह ने शेर शाह की मृत्यु होने के तीन महीने बाद पूरा किया था।

सन 1545 में शेर शाह सूरी की मौत हो गयी थी। शेर शाह सूरी के मकबरे को बनाने का काम अलावल खान को सौपा गया था।

शेर शाह सूरी का मकबरे की वास्तुकला – Sher Shah Suri Tomb Architecture

सूरी की मकबरे को बहुत ही सुन्दर रेतीले पत्थरो से बनाया गया था। यह मकबरा बिलकुल झील के बिचोचिच स्थित है। यह तीन मंजिलो वाली कब्र 46 मीटर उची है और यह आगरा के ताजमहल से भी 13 फीट ऊँची है।

इस कब्र के चारो और पत्थरो की बनी हुई सीढिया है जो झील के अन्दर तक ले जाने का काम करती है।

इस मकबरे के उपरी हिस्से में जो बरामदा है उसके चारो तरफ़ उची दीवार बनाई गयी है। इस मकबरे के चारो कोनो में आठ भुजाओ वाले चार गुबंद है साथ ही इस मकबरे की पूर्व दिशा में एक बडासा दरवाजा है जहासे इस मकबरे में पंहुचा जा सकता है।

इस मकबरे तक पहुचने के लिए सन 1881 में एक पक्की सड़क भी बनायीं गयी थी। इस मकबरे के चारो और आठ भुजाओ के गुबंद बनाये गए है और इसके चारो और खुली जगह दिखाई देती है। यहापर जो खुली जगह है उसके चारो तरफ़ 24 छोटे छोटे गुबंद बनाये गए है।

भारत में सबसे बड़ी मकबरों में इस शेर शाह सूरी की मकबरे का नाम भी लिया जाता है। मकबरे के अन्दर के हिस्से में पत्थरो पर सुन्दर जाली का काम किया गया है जिसके वजह से इन पत्थरो से हवा और सूरज की किरणे अन्दर आ सकती है।

इस कब्र के मेहराब, गुबंद और सभी दीवारों पर बहुत सुंदर अक्षरों में कुरान में से लिखा गया है इनपर सुंदर फूलो मे नक्काशी का काम किया गया है। लेकिन अब यह सब नक्काशी में किया हुआ काम बड़ी मुश्किल से देखने को मिलता है।

मकबरे को बाहरी हिस्से में लाल, नीले, सुनहरा और सफ़ेद रंग दिया गया है। लेकिन आज के समय में इसमेसे कोई भी रंग आसानी से दिखाई नहीं देता।

इस जगह पर कुल 25 लोगो की मकबरे है जिसमे हसन खान सूरी की भी मकबरे है। शेर शाह सूरी की मकबरे के चारो तरफ कुल 24 लोगो की कब्र है। इस मकबरे के आधे किलोमीटर की दुरी पर शेर शाह सूरी के बेटे इस्लाम शाह की मकबरा है लेकिन इसे पूरी तरह से बनाया नहीं गया। इस मकबरे को बनाने वाले अलावल खान की मकबरा भी इसी जगह पर बनाया गया है।

शेर शाह सूरी का मकबरे के स्थान – Sher Shah Suri Tomb Location

रोहतास जिले में ससाराम (Sasaram) एक महत्वपूर्ण जगह है जो पटना से दक्षिण पश्चिम दिशा में 150 किमी की दुरी पर स्थित है।

यहा से पश्चिम की दिशा में 135 किमी की दुरी पर वाराणसी स्थित है। नई दिल्ली-कोलकाता रास्ते पर यह जगह है साथ ही उत्तर भारत के सभी शहर इस जगह से जुड़े है। राष्ट्रीय महामार्ग 19 पर होने की वजह से इस रास्ते पर काफी यातायात दिखाई देती है।

शेर शाह सूरी की अद्भुत मकबरे को देखने के लिए हररोज कई लोग आते है। यहापर आने के लिए सारी सुविधाए उपलब्ध है और यहापर रेलवे से भी पहुचने के सुविधा है। जो लोग वाराणसी में आते है उनके लिए इस कब्र को देखना बहुत आसान काम बन जाता है क्यों की यहाँ से वाराणसी काफी नजदीक है।

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