”अंतराष्ट्रीय साक्षरता दिवस” पर निबंध – Saksharta Essay

Saksharta Essay In Hindi

शिक्षा के बिना, मनुष्य का मानसिक, शारीरिक, आर्थिक एवं सामाजिक रुप से विकास नामुमकिन है। शिक्षा, देश-दुनिया के विकास का महत्वपूर्ण आधार है, इसके बिना कोई भी देश तरक्की नहीं कर सकता है।

इसलिए शिक्षा को बढ़ावा देने एवं ज्यादा से ज्यादा लोगों को साक्षर करने के साथ सामाजिक, सामुदायिक एवं व्यक्तिगत रुप  से साक्षरता के महत्व को बताने के उद्देश्य से हर साल विश्व भर में 8 सितंबर को साक्षरता दिवस मनाया जाता है।

”अंतराष्ट्रीय साक्षरता दिवस” पर निबंध – Saksharta Essay In Hindi

Saksharta Essay in Hindi

कब  मनाया जाता है साक्षरता दिवस ? – When We Celebrate World Literacy Day

विश्व में ज्यादा से ज्यादा लोगों को शिक्षित बनाने एवं निरक्षरता को जड़ से मिटाने के मकसद से हर साल 8 सितंबर को पूरे विश्व में साक्षरता दिवस मनाया जाता है। शिक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से साल 1966 में  यूनेस्कों ने  हर साल 8 सितंबर को विश्व साक्षरता दिवस मनाने का फैसला लिया था।

तब से लेकर हर साल 8 सितंबर को पूरी दुनिया भर में अंतराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के रुप में मनाया जाता है।

आपको बता दें कि अंतराष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाने पर सबसे पहले चर्चा ईरान के तेहरान में शिक्षा मंत्रियों के वैश्विक सम्मेलन के दौरान साल 1965 में 8 से 19 सितंबर के बीच की गई थी।

जिसके बाद 26 अक्टूबर, 1966 को यूनेस्को (यूनाइटेड नेशंस एजुकेशनल साइंटिफिक ऐंड कल्चरल ऑर्गनाइजेशन) ने एक कॉन्फ्रेंस में हर साल पूरे विश्व में 8 सितंबर को ‘अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस’ के रूप में मनाने का ऐलान किया था। साल 2019 में पूरी दुनिया भर में 53वां अंतराष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया जाएगा।

क्यों मनाया जाता है साक्षरता दिवस – Why We Celebrate World Literacy Day

साक्षरता की तरफ मानव चेतना को बढ़ावा देने एवं देश-दुनिया के विकास के लिए हर साल 8 सितंबर को पूरी दुनिया में अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया जाता है।

जाहिर है कि शिक्षा के बिना मनुष्य के सफल जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है, क्योंकि शिक्षा न सिर्फ मनुष्य के व्यक्तिगत विकास में मद्द करती है बल्कि शिक्षा के माध्यम से ही सामाजिक, आर्थिक और बौद्धिक विकास होना संभव है।

साक्षरता दर को बढ़ाकर ही भारत या फिर पूरे विश्व से जनसंख्या वृद्धि पर लगाम लगाई जा सकती है गरीबी को जड़ से मिटाया जा सकता है, शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सकता है, कन्या भ्रूण हत्या पर लगाम लगाम लगातार लैंगिंग समानता को प्राप्त किया जा सकता है।

इसके साथ ही देश-दुनिया में निरक्षरता की वजह से कई बलात्कार, मर्डर, चोरी, डकैती जैसे कई जघन्य अपराध बढ़ रहे हैं। इस तरह के अपराधों पर साक्षरता के माध्यम से ही कम किया जा सकता है।

वहीं लोगों को शिक्षा प्राप्त करने के प्रति जागरूक करने के साथ उन्हें अपने अधिकारों एवं जिम्मेदारियों का एहसास करवाने के लिए अंतराष्ट्रीय साक्षरता दिवस हर साल 8 सितंबर को पूरे विश्व भर में धूमधाम से मनाया जाता है।

विश्व साक्षरता दिवस मनाने के मुख्य उद्देश्य? – Purpose Of International Literacy Day

विश्व साक्षरता दिवस मनाए जाने के मुख्य उद्देश्य निम्मलिखित हैं –

  • पूरे विश्व में साक्षरता को बढ़ाने के लिए एवं निरक्षरता को पूरी तरह खत्म करने का उद्देश्य।
  • इसका उद्देश्य लोगों को सिर्फ किताबी ज्ञान देकर शिक्षित बनाना नहीं बल्कि उन्हें अपने कर्तव्यों और अधिकारों के प्रति जागरूक करने भी है।
  • ज्यादा से ज्यादा लोगों की शिक्षा के प्रति जागरूक करने का उद्देश्य।
  • विश्व के हर वर्ग के लोगों को शिक्षित करने का उद्देश्य अर्थात विश्व के सभी बच्चे, वयस्क, महिलाओं एवं बुजुर्गों सभी को साक्षर बनाना ही इस दिवस का मुख्य लक्ष्य है।
  • साक्षरता को बढ़ाकर देश-दुनिया के विकास में सहयोग देने का उद्देश्य।
  • लोगों को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करने का उद्देश्य।
  • साक्षरता दर बढ़ाकर गरीबी और बेरोजगारी की समस्या को पूरी तरह खत्म करने का उद्देश्य।
  • सामाजिक, सामुदायिक एवं व्यक्तिगत रुप से साक्षरता के महत्व को बताने का उद्देश्य।

कैसे मनाते हैं अंतराष्ट्रीय साक्षरता दिवस – How to Celebrate International Literacy Day

हर साल 8 सितंबर को पूरे विश्व में अंतराष्ट्रीय साक्षरता दिवस बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस मौके पर स्कूल, स्कूल समेत अन्य शिक्षण संस्थानों में निबंध लेखन, भाषण, चित्रकला, गीत-गायन समेत कई प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है।

इसके साथ ही इस मौके पर शिक्षा को बढा़वा देने के लिए कई कार्यक्रमों का भी आयोजन होता है। विश्व साक्षरता दिवस के मौके पर उन संस्थानों को सम्मानित किया जाता है, जो कि लोगों को शिक्षित करने में अपना सहयोग दे रही हैं।

इसके साथ ही इस मौके पर शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला जाता है, साथ ही निरक्षरता से होने वाली समस्याओं को उजागर किया जाता है।

भारत में साक्षरता दर – Saksharta Dar In India

साल 2011के जनगणना के मुताबिक  भारत में करीब 22 फीसदी लोग अभी भी बिना पढ़े -लिखे अर्थात अनपढ़ हैं। कुछ आंकड़ों के मुताबिक भारत में केरल एक ऐसा राज्य है, जिसकी साक्षरता दर सबसे अधिक 93.91 फीसदी है।

केरल के  बाद साक्षरता के मामले में लक्षद्धीप, मिजोरम, त्रिपुरा और गोवा आता है। जिनकी साक्षरता दर क्रमश: 92.28 फीसदी, 91.58 फीसदी, 87.75 फीसदी और 87.40 फीसदी है।

वहीं भारत में शिक्षा के क्षेत्र में सबसे पिछड़े हुए राज्य बिहार एवं तेलंगाना है जहां लोग सबसे कम शिक्षित है। आपको बता दें कि बिहार में सिर्फ 63.82 लोग ही पढ़े-लिखे हैं, जबिक तेलंगाना में महज 66.50 फीसदी लोग ही शिक्षित हैं।

हालांकि, साल 2014 में भारत की साक्षरता दर में 10 फीसदी की बढो़तरी दर्ज की गई थी।

साक्षरता दर में कमी के मुख्य कारण – Causes Of Literacy

साक्षरता दर में कमी के मुख्य कारण निम्नलिखित है –

  • शिक्षा संसाधनों का अभाव एवं स्कूलों की कमी होना।
  • गरीबी एवं बेरोजगारी की समस्या भी साक्षरता दर में कमी का मुख्य कारण है।
  • लगातार बढ़ रही है महंगाई भी निरक्षरता को बढ़ावा दे रही है अर्थात बढ़ती महंगाई की वजह से कई लोग अपने बच्चों को शिक्षित नहीं कर पा रहे हैं।
  • स्कूलों द्धारा पढ़ाई के लिए मोटी फीस वसूली जाना।
  • जातिवाद, महिला और पुरुष में भेदभाव करना (लैंगिग असमानता) भी निरक्षरता को बढ़ा रही है।
  • शिक्षा के प्रति जागरूकता की कमी।
  • कई राज्यों में आज भी महिलाओं को शिक्षा देने के अधिकार से दूर रखना।
  • लड़कियों की असुरक्षा, बलात्कार और छेड़छाड़ जैसे अपराधों का डर भी साक्षरता दर में कमी में प्रमुख कारणों में से एक है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक विश्व के करीब 101 देश ऐसे हैं जो कि पूर्ण रुप से साक्षरता हासिल नहीं कर सकें, उन देशों में भारत भी शामिल है। साल 2011 तक के आंकड़ों के मुताबिक भारत में सिर्फ 74 फीसदी नागरिक ही साक्षर हैं।

साक्षरता बढ़ाने के उपाय – How To Solve Illiteracy Problem

देश-दुनिया में निम्नलिखित उपायों द्धारा साक्षरता दर को बढ़ाया जा सकता है –

  • लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक एवं प्रोत्साहित कर साक्षरता दर में वृद्धि की जा सकती है।
  • देश से गरीबी, बेरोजगारी एवं भ्रष्टाचार की समस्या को को जड़ से खत्म कर।
  • गरीब बच्चों को मुफ्त में शिक्षा देकर साक्षरता बढ़ाई जा सकती है।
  • जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित कर भी साक्षरता बढ़ाई जा सकती है।
  • देश-दुनिया के पिछड़े हुए राज्यों, शहरों एवं जिलों में शिक्षा के संसाधनों को जुटाकर।

साक्षरता का महत्व – Importance Of Literacy

किसी भी व्यक्ति का साक्षर अर्थात शिक्षित होना बेहद जरूरी है, क्योंकि एक अनपढ़ एवं अशिक्षित व्यक्ति कभी भी विकास की मुख्य धारा से नही जुड़ पाता है। शिक्षा ही देश-दुनिया के विकास का मुख्य आधार होती है अर्थात किसी भी देश की तरक्की व उन्नति,उस देश की साक्षरता पर निर्भर करती है।

साक्षरता दर में कमी – किसी भी देश में गरीबी, बेरोजगारी जैसी बड़ी समस्याओं का कारण बनती है। साक्षरता सामाजिक, सामुदायिक के साथ-साथ व्यक्तिगत विकास के लिए भी काफी जरूरी है। इसलिए हम सभी को साक्षरता के महत्व को समझना चाहिए।

उपसंहार

आज भी दुनिया के कई ऐसे क्षेत्र हैं जो कि निरक्षरता से जूझ रहे हैं, ऐसे क्षेत्रों  में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है। वहीं भारत की साक्षरता दर अभी भी अन्य देशों के मुताबिक काफी कम है।

इसके लिए सरकार लगातार मुफ्त में शिक्षा उपलब्ध करवाने समेत इस दिशा में काफी प्रयास कर रहे हैं, जिसके चलते देश का हर नागरिक शिक्षा की तरफ आर्कषित हो रहा है। वहीं आजादी के बाद से भारत में काफी हद तक अशिक्षित एवं अनपढ़ों की संख्या में कमी भी आई है।

हालांकि अभी भी इस दिशा में सुधार करने की काफी जरूरत है। वहीं आने वाली पीढ़ी एवं देश-दुनिया के बेहतर विकास के लिए हम सभी को मिलकर साक्षरता के महत्व को समझना चाहिए और इसके प्रति जागरूक होना चाहिए, क्योंकि  जब तक देश-दुनिया का हर तबके का व्यक्ति शिक्षित नहीं हो जाता, तब तक विश्व साक्षरता दिवस मनाने का उद्देश्य सच्चे अर्थों में साकार नहीं होगा।

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