Sabse Bada Bahasagar
करीब 71 फीसदी धरती का हिस्सा पानी से धंका हुआ हुआ है,धरती से ढके हुए पानी वाले हिस्से को ही महासागर कहा जाता है, दुनिया में कुल पांच महासागर हैं – जिनके नाम है हिन्द महासागर, दक्षिणी महासागर प्रशांत महासागर, आर्कटिक महासागर, अटलांटिक महासागर। प्रशांत महासागर , दुनिया का सबसे विशाल और गहरा महासागर है, जो कि पृथ्वी का करीब 46 फीसदी भाग अकेले ही कवर करता है, तो आइए जानते हैं, प्रशांत महासागर के बारे में-
दुनिया के सबसे विशाल महासागर -प्रशांत महासागर के बारे में एक नजर में-
दुनिया का सबसे बड़ा महासागर – प्रशांत महासागर – Sabse Bada Bahasagar
- प्रशांत महासागर की लंबाई- 10,492(बेरिंग जलडमरुमध्य से लेकर दक्षिण अंटार्कटिका तक लंबा)
- प्रशांत महासागर की चौड़ाई- 9,422 मील चौड़ा (फिलीपींस तट से लेकर पनामा तक)
- प्रशांत महासागर का कुल क्षेत्रफल- 16 करोड़, 52 लाख किलोमीटर स्क्वायर ( 6, 36, 34000 वर्ग मील)
- प्रशांत महासागर की औसत गहराई- 14, हजार फीट।
प्रशांत महासागर, विश्व का सबसे बड़ा महासागर है, जो कि अमेरिका और एशिया को पृथक करता है। प्रशांत महासागर, उत्तर में आर्किटक महासागर, दक्षिण में दक्षिण महासागर के पश्चिम एशिया और ऑस्ट्रेलिया और पूर्व में अमेरिका से घिरा हुआ है। इस महासागार में कई बहुत सारे छोटे-छोटे द्दीप हैं। और इसका कुल क्षेत्रफल 16 करोड़, 52 लाख किलोमीटर स्क्वायर (6, 36, 34000 वर्ग मील) है, जो कि धरती की पूरी सतह का 1/3 हिस्सा है। जानकारों की मानें तो प्रशांत महासागर ऐसा महासागर है, जो कि धरती का करीब 46 फीसदी हिस्सा अकेले ही कवर करता है।
प्रशांत महासागर दुनिया के सबसे अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है, इसलिए इस पर रहने वाले मानव, पशु, वनस्पति के रहन-सहन में काफी अंतर है। इसके साथ ही प्रशांत महासागर के समुद्री मैदान काफी संकरे हैं, और इसके पश्चिमी किनारे पर पर्वत भी नहीं है, बल्कि कई द्दीप, खाड़ियां, डेल्टा, प्रायद्दीप आदि है।
प्रशांत महासागर का ज्वारभाटा इसकी सबसे बड़ी विशेषता है, वहीं इसकी आकृति त्रिभुजकार है, जिसका मुख्य शीर्ष बेरिंग जलडमरुमध्य पर है, और यह घोड़े के खुर की आकृति का है। इसके अलावा दुनिया के सबसे विशाल महासागर की यह विशेषता है कि इस महासागर की सतह मुख्य रुप से कई बड़ी-बड़ी लंबी खाइयों से भरी पड़ी है, जिसमें मरियाना ट्रेंच मुख्य है। इस प्रशांत महासागर के किनारे पर विश्व की सबसे लंबी नदियां गिरती हैं।
दुनिया के इस सबसे विशाल महासागर के निर्माण और इतिहास के बारे में कोई भी पुख्ता प्रमाण नहीं है, यह अभी भी रहस्य बना हुआ है। हालांकि, कुछ इतिहासकारों की माने तो इसका पता प्रागैतिहासिक काल में लगाया गया।
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