Red Corner Notice
हम जिस समाज में रहते है उसमें हर तरह के लोग होते है अच्छे बुरे, आप किसी के चेहरे से ये नहीं बता सकते कि वो समाज या देश के लिए कितना खतरनाक साबित हो सकता है। लेकिन ये भी सच है कि अपराधी भी हमारे बीच ही पनपते है और उनकी पहचान हम तब करते है जब तक बहुत देर हो चुकी होती है।
देश में किसी व्यवस्था बनी रहे इसलिए कानून बनाए जाते है लेकिन कई अपराधी इतने शातिर होते है कि वो किसी की पकड़ में नहीं आते और आजकल तो ग्लोबलाइजेशन के कारण दूसरे देशों में जाना सरल हो गया है जिसका फायदा अपराधी उठाते है। और अपराध करने के बाद दूसरे देश में जाकर बस जाते है। क्योंकि दूसरे देश के नियम कानून और संविधान अपने देश से अलग होता है इसलिए अपराधी वहां पर खुद को सुरक्षित महसूस करता है।
भारत के भी कई अपराधी देश को लूटने के बाद विदेशों में चैन की जिंदगी बिता रहे है जिनमें 13 हजार करोड़ के पीएनबी घोटाले के अपराधी नीरव मोदी, मेहलु चौकसी, वही भारतीय बैंको के साथ 9 हजार करोड़ का घोटाला करने वाले किंगफिशर के मालिक विजय माल्या,आईपीएल में घोटाला करने वाले ललित मोदी, 1993 में मुंबई हमले का मास्टर माइंड दाऊद इब्राहिम जैसे अपराधी शामिल है।
जो विदेशों में आराम की जिंदगी बिता रहे है। आप सोच रहे होंगे की क्या देश छोड़कर भागे इन अपराधियों को पकड़ने का कोई रास्ता नहीं है क्या इसके लिए कोई कानून या प्रावाधान नहीं है दरअसल इस तरह के संगीन अपराधियों को पकड़ने के लिए देश की जांच एजेंसियां इंटरपोल के जरिए नोटिस जारी करती है। इंटरपोल दारा कुल 8 नोटिस जारी किए जाते है जो विश्व की सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाएं अंग्रेजी, फ्रेंज, अरबी और स्पेनिश में जारही होते है इंटरपोल दारा जारी किए जाने वाले नोटिसस में सबसे चर्चित नोटिस रेड कॉर्नर नोटिस – Red Corner Notice है जिसके बारे में आप इन दिनों टीवी पर काफी सुन रहे होगें।
क्योकि पीएनबी घोटाले में आरोपी नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के खिलाफ भारतीय जांच एंजेसियों दारा ये नोटिस जारी किया गया। लेकिन रेड कॉर्नर नोटिस होता क्या है और कैसे काम करता है इसके बारे में बहुत कम लोग जानते है।
रेड कॉर्नर नोटिस क्या होता है – What is Red Corner Notice
रेड कॉर्नर नोटिस किसी मामले में संगीन अरोपियो को पकड़ने के लिए देश की जांच एंजेसियो दारा जारी किया जाता है। ये नोटिस केवल उन लोगों के खिलाफ जारी किया जाता है जो देश में कोई अपराध या धोखाधाडी कर भाग गए है इसके जरिए मित्र देशों को अनुरोध किया जाता है। वो व्यक्ति अगर उनके देश में है तो उसे अस्थायी रुप से गिरफ्तार कर देश को सौंप दिया जाए।
हालांकि रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने का मतलब ये कतई नहीं होता कि वो आरोपी पूरी तरह दोषी है। साथ ही अगर वंछित देश को ऐसा लगता है कि व्यक्ति को फंसाया जा रहा है या उनकी नजर में जो उस व्यक्ति ने किया वो अपराध नहीं है तो ऐसे में वो उसके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लेता है और ना ही नोटिस जारी करने वाला देश वंछित देश को आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए मजबूर कर सकता है।
नीरव मोदी और मेहुल चौकसी से पहले रेड कॉर्नर नोटिस 1993 मुंबई बम ब्लास्ट के आरोपी दाऊद इब्राहिम के खिलाफ भी जारी किया जा चुका है। हालांकि उसे पकड़ने के लिए अभी तक किसी भी देश की पुलिस कामयाब नहीं हो पाई है।
इंटरपोल से जुड़ी अहम बातें – Important things related to Interpol
- इंटरपोल दारा रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने का मतलब आरोपी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करना नहीं है। गिरफ्तारी वांरट उस देश की पुलिस या अदालत जारी करती है जहां अपराधी ने अपराध किया होता है हालांकि इंटरनेशनल कोर्ट में भी ऐसे अरोपी को दोषी समझने पर इसके खिलाफ गिरफ्तारी वांरट जारी कर सकता है।
- इंटरपोल कभी भी राजनीतिक, धार्मिक आधार से प्रेरित किसी कारण के चलते किसी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस की रिक्वेस्ट को नहीं मानता है और ना ही नोटिस जारी नहीं करता है।
- इंटरपोल नोटिस तभी जारी करता है जब नोटिस की अपील करने वाला देश उसकी सभी शर्तों पर खड़ा उतरता है साथ ही जब इंटरपोल को सभी तथ्य प्रमाण दिए जाते है।
इंटरपोल के जरिए जारी किए नोटिस उन अपराधियों को पकड़ने में काफी फायदेमंद होते है जो देश में संगीन अपराधों को अंजाम देकर विदेश में आराम की जिंदगी व्यतीत करने लगते है या फिर विदेश में बैठकर देश में अपराधों को बढ़ावा देते है।
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