इतिहास रच देने वाले देश की महान वीरांगना रजिया सुल्तान का जीवन परिचय

Razia Sultan Ki History

रजिया सुल्तान इतिहास की सबसे ताकतवर महिला थीं, जिन्होंने पहली महिला शासक बनकर न सिर्फ इतिहास रच दिया था, बल्कि दिल्ली की तख्त पर साल 1236 से 1240 के बीच एक न्यायप्रिय, प्रजाहितैषी, साहसी शासक के रुप में शासन किया था।

रजिया सुल्तान ने अपने राज्य में जमकर विकास कार्य करवाए एवं शिक्षा को जमकर बढ़ावा दिया था। उनके अंदर एक महान प्रशासक के सभी गुण विद्यमान थे, हालांकि उनकी सैन्य क्षमता और कुशल प्रशासन को देखकर कई अमीर तुर्की शासक उनसे जलते थे, और उनके अंदर के यह सभी गुण उनका महिला होने की वजह से स्वीकार नहीं कर पा रहे थे।

इसके अलावा रजिया सुल्तान को रुढ़िवादी मुस्लिम समाज द्वारा भी काफी आचोलना सहना पड़ा था। दरअसल, जिस समय इस्लाम धर्म की महिलाएं पर्दा प्रथा में रहकर घर की चार-दीवारी के अंदर रहती थीं, उस दौरान रजिया सुल्तान ने मर्दाना लिबास पहनकर रुढ़िवादी इस्लामिक सोच पर प्रहार किया था।

तमाम संघर्षों के बाबजूद भी रजिया सुल्तान ने दिल्ली की तख्त पर बैठकर शानो-शौकत के साथ शासन किया और दिल्ली सल्तनत की पहली मुस्लिम शासक बन इतिहास रचा था। तो आइए जानते हैं इतिहास की सबसे साहसी और वीर शासक रजिया सुल्तान के जीवन से जुड़ी कुछ खास एवं महत्वपूर्ण बातें-

इतिहास रच देने वाले देश की महान वीरांगना रजिया सुल्तान का जीवन परिचय – Razia Sultan in Hindi

Razia Sultan

रजिया सुल्तान की जीवनी एक नजर में – Razia Sultan Information

पूरा नाम (Name) जलालात उद-दिन रज़ियां
जन्म (Birthday) 1205, बदायूँ
माता (Mother Name) कुतुब बेगम
पिता (Father Name) शम-शम-शुद्दीन इल्तुतमिश
पति (Husband Name) मलिक अल्तुनिया, भटिड़ा के सेनापति
मृत्यु (Death) 13 अक्टूबर 1240

रजिया सुल्तान का जन्म, परिवार, शिक्षा एवं शुरुआती जीवन – Razia Sultan Biography

रजिया सुल्तान का जन्म दिल्ली सल्तनत के मशहूर शासक एवं इतिहास के प्रसिद्ध सुल्तान शम-शुद्दीन इल्तुतमिश के यहां 1236 ईसवी में हुआ था। रजिया सुल्तान के तीन भाईयों में इकलौती और सबसे काबिल बहन थी।रजिया सुल्तान का बचपन का नाम हफ्सा मोइन था लेकिन सभी उसे रजिया कहकर पुकारते थे।

उनके पिता इल्तुतमिश ने रजिया सुल्तान की प्रतिभा को बचपन में ही भाप लिया था और उन्हें भी अपने बेटों की तरह ही परवरिश दी थी।

उन्होंने शुरु से ही रजिया सुल्तान को सैन्य प्रशिक्षण दिया एवं उसके अंदर एक कुशल प्रशासक बनने के सभी गुण विकसित किए थे एवं वे अपनी बेटी को मैदान में ले जाकर एक वीर सैनिक की तरह युद्ध अभ्यास भी करवाते थे।

जिसकी वजह से रजिया सुल्तान बेहद कम उम्र में ही एक साहसी वीर योद्धा की तरह तलवारबाजी और घुड़सवारी में निपुण हो गई थीं।

दिल्ली की सुल्तान एवं पहली मुस्लिम महिला शासक के रुप में रजिया सुल्तान – Razia Sultan History

रजिया सुल्तान के पिता इल्तुतमिश ने पहले ही अपनी बेटी के कुशल सैन्य प्रशिक्षण को देखते हुए उन्हें अपनी उत्तराधिकारी बनाने की घोषणा कर इतिहास रच दिया था।

हालांकि दिल्ली के तख्त पर बैठना रजिया सुल्तान के लिए इतना आसान नहीं था। दरअसल, 1236 ईसवी में उनके पिता की मौत के बाद मुस्लिम समुदाय ने एक महिला को सुल्तान के रुप में स्वीकार करने से मना कर दिया था, और रजिया के भाई रुखुद्दीन फिरोज को दिल्ली के राजसिंहासन पर बिठा था।

लेकिन रुखनुद्दीन फिरोज एक मूर्ख और अक्षम शासक साबित हुआ। जिसके बाद रजिया की मां को गद्दी सौंप दी, लेकिन कुछ दिनों बाद उसकी मां और भाई दोनों की हत्या कर दी गई, जिसके बाद 10 नवंबर, 1236 ईसवी में रजिया सुल्तान दिल्ली की शासक बनी और उन्होंने इतिहास का पहली मुस्लिम महिला शासक बनकर इतिहास रचा।

रजिया सुल्तान ने अपनी बुद्दिमत्ता और विवेकशीलता के तर्ज पर दिल्ली का सिंहासन कुशलतापूर्वक संभाला और रुढ़िवादी मुस्लिम समाज को चौंका दिया और उन्होंने खुद को एक दूरदर्शी, न्यायप्रिय, व्यवहारकुशल, प्रजा के हित करने वाली शासिका साबित किया। उन्होंने अपने राज्य का जमकर विस्तार किया एवं विकास काम करवाए।

रजिया सुल्तान के मह्त्वपूर्ण काम एवं उपलब्धियां – Razia Sultan Achievements

दिल्ली के सिंहासन पर बैठने वाली पहिला मुस्लिम महिला शासक रजिया सुल्तान एक कुशल प्रशासक थी, जिन्होंने एक आदर्श शासक की तरह अपने राज्य में विकास के काम किए।

उन्होंने न सिर्फ अपने उत्तम सैन्य कुशलता के बल पर दिल्ली को सुरक्षित रखा, बल्कि अपने राज्य की कानून व्यवस्था को दुरुस्त किया, शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई स्कूल, कॉलेजों एवं शैक्षणिक संस्थानों का निर्माण करवाया।

अपने राज्य में पानी की व्यवस्था को सुचारु ढंग से चलाने के लिए कुएं और नलकूप खुदवाए, सड़के बनवाईं। इसके अलावा उन्होंने हिन्दू और मुस्लिम एकता के लिए काम किया और कला, संस्कृति व संगीत को भी प्रोत्साहन दिया।

रजिया सुल्तान की प्रेम कहानी और विवाह – Razia Sultan Love Story

दिल्ली के राजसिंहासन पर बैठने वाली पहली मुस्लिम महिला शासक रजिया सुल्तान और उनके गुलाम जमालुद्धीन याकूत के साथ उनकी मोहब्बत की बेमिसाल कहानी की इतिहास में आज भी मिसाल दी जाती है। उनकी प्रेम कहानी इतिहास की सबसे चर्चित और मशहूर प्रेम कहानी थी।

आपको बता दें कि रजिया सुल्तान को अपने सलाहकार याकूत के साथ इश्क हो गया था। दोनों का प्यार जल्द ही परवान चढ़ने लगा, जिसके बाद तमाम मुस्लिम शासकों ने इसका विरोध किया था।

वहीं भटिंडा के गर्वनर राज्यपाल इख्तिअर अल्तुनिया भी रजिया सुल्तान की खूबसूरती के कायल थे और वे किसी भी हाल में उनको पाना चाहते थे, साथ ही दिल्ली पर भी अपना कब्जा जमाना चाहते थे।

जिसके चलते अल्तुनिया ने दिल्ली पर हमला बोल दिया और रजिया सुल्तान के प्रेमी याकूत को मौत के घाट उतारकर उन्हें बंदा बना लिया।

वहीं अब रजिया सुल्तान के पास अपना राज बचाने के लिए अल्तुनिया से निकाह करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं बचा था, इसलिए रजिया ने फिर अल्तुनिया से शादी कर ली, हालांकि रजिया अपने मरते दम तकयाकूत से ही मोहब्बत करती रहीं।

रजिया सुल्तान की मौत – Razia Sultan Death

जब रजिया सुल्तान इस विद्रोह में फंसी हुई थी। इस दौरान उनके कुछ विरोधियों ने इसका फायदा उठाते हुए दिल्ली पर आक्रमण कर दिया और रजिया के भाई मैजुद्दीन बेहराम शाह को दिल्ली का सुल्तान घोषित कर दिया गया।

इसके बाद रजिया ने दिल्ली के तख्त पर फिर से काबिज होने के लिए अपने पति अल्तुनिया के साथ मिलकर अपने भाई के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया। हालांकि, रजिया सुल्तान को इस युद्ध में पराजय का सामना करना पड़ा और दिल्ली छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा।

वहीं जब दोनों दिल्ली छोड़कर भाग रहे थे, जब जाट शासकों ने दोनों को मौत के घाट उतार दिया। इस तरह इतिहास की सबसे शक्तिशाली पहली महिला मुस्लिम शासक का अंत हो गया।

रजिया सुल्तान पर बनी फिल्में और टीवी – Razia Sultan Movie and Serial

रजिया सुल्तान पर बनी सीरियल – Razia Sultan Serial इतिहास की सबसे ताकतवर महिला शासक रजिया सुल्तान की प्रेम कहानी पर फिल्म भी बन चुकी है। साल 1983 में कमल अमरोही के निर्देशन में फिल्म ”रजिया सुल्तान” रिलीज हुई थी।

इस फिल्म में बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री हेमा मालिनी जी ने रजिया सुल्तान का किरदार निभाया था, जबकि इसमें मशहूर एक्टर धर्मेन्द्र और परवीन बॉबी की भी अहम भूमिका रही थी।

इसमें रजिया सुल्तान और उनके दास याकूत की मुहब्बत को बेहद शानदार ढंग से फिल्माया गया है। इसके अलावा रजिया सुल्तान पर साल 2015 में टीवी सीरीज भी आ चुकी है, जो कि दर्शकों द्वारा काफी पसंद की गई।

रजिया सुल्तान की कब्र – Tomb Of Razia Sultan

दिल्ली की पहली महिला मुस्लिम शासक रजिया सुल्तान की कब्र उनके पति नहीं बल्कि उनके प्रेमी के साथ बनी हुई है। कई इतिहासकारों द्वारा दावा किया गया है कि रजिया सुल्तान और उनेक प्रेमी याकूत की कब्र तीन अलग-अलग जगहों पर बनी हुई हैं।

कुछ इतिहासकारों के मुताबिक रजिया बेगम की मजार दिल्ली में बनी हुई है, तो कुछ कैथल में इनकी मजार होने का दावा ठोंकते हैं, जबकि कुछ इतिहासकार इस सबसे शक्तिशाली सुल्तान की मजार टोंक में बताते हैं।

हालांकि, इसके कोई पुख्ता प्रमाण अभी तक नहीं ज्ञात हुए हैं, लेकिन रजिया सुल्तान के साथ उनके प्रेमी याकूत की कब्र होने के कई पुख्ता सबूत मिले हैं।

रजिया सुल्तान के पतन के मुख्य कारण –

  • रजिया सुल्तान द्वारा अमीरों को नियंत्रण में रखना:

रजिया सुल्तान एक बेहद साहसी, कुशल एवं योग्य प्रशासक थीं, जो कि अपने राज्य की जनता की भलाई और विकास के बारे में सोचती थीं, जबकि उनके राज्य के कुछ बड़े-बड़े सूबेदार और व्य्वसायी मनमानी तरीके से लाभ कमाना चाहते थे।

लेकिन रजिया सुल्तान के राज्य में अमीर वर्ग अपना स्वार्थ पूरा नहीं कर सका, क्योंकि वे सत्ता पर अपना पूर्ण तरीके से नियंत्रण रख कर अमीरों के ताज के कठोर नियंत्रण में रखना चाहती थीं।

  • रजिया का महिला होना:

रजिया सुल्तान के पतन का कारण उनके महिला होना भी बताया जाता है। दरअसल, वे एक योग्य और कुशल प्रशासक थीं, जिसमें एक महान योद्धा के सभी गुण विद्यमान थे, इसलिए कई अन्य मुस्लिम और तुर्की शासक ओजस्वी छवि वाली महिला शासक का नेतृत्व करना अपना अपमान समझते थे।

क्योंकि उस दौरान महिलाओं को उतनी तव्जजों नहीं दी जाती थी और वे इसे अपनी शान के खिलाफ समझते थे।

  • रजिया का मर्दाना रवैया:

रजिया सुल्तान इतिहास की पहली महिला मुस्लिम शासक थी, जिन्होंने पर्दा प्रथा का त्याग कर मर्दाना लिबास पहनना शुरु कर दिया था. हालांकि इसके चलते उन्हें इस्लामिक समाज की काफी आचोलना का सामना करना पड़ा था।

यही नहीं उनका पुरुषों की तरह शिकार करना, युद्ध में एक सैनिक की तरह लड़ने की वजह से भी कई कट्टर मुस्लिम उनके विरोधी हो गए थे। यह भी रजिया सुल्तान के पतन का मुख्य कारण माना जाता है।

  • याकूत के साथ रजिया के संबंध:

रजिया के पतन का कारण उनका प्रेमी याकूत के साथ उनके प्रेम संबंध को भी बताया जाता है। उनका अफ्रीकन गुलाम से मोहब्बत उनके अंत का मुख्य कारणों में से एक था।

रजिया सुल्तान के साहस और वीरता की कहानी भारतीय इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखी गई है। वे दिल्ली की तख्त पर शासन करने वाली मुस्लिम महिला शासक थीं, जिन पर सभी हिन्दुस्तानियों को फक्र हैं, साथ ही वे तमाम महिलाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं।

एक स्त्री होते हुए भी रजिया ने जिस निडरता के साथ संकटो का सामना किया, उसके कारण ही सभी आधुनिक इतिहासकार उसकी प्रशंसा करते हैं। एक इतिहासकार ने तो यहां तक लिखा है कि,

“वह स्त्री होकर भी पुरुष का मस्तिष्क रखती थी एवं बीस पुत्रों से भी बढ़कर थी।”

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28 COMMENTS

    • sonu ji,

      Bilkul ise update kar denge. Gyani Pandit ke har lekh ko thode-thode samay ke baad New janakari ke sath Update karate hai. Thanks
      *** kripay aap galtiya bataye.. to use sudharane me aasani hongi…

      Dhanyawad.

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