Ram Setu
भारत विविधता का देश है यहां की संस्कृति विश्व की सबसे अनोखी संस्कृति मानी जाती है। जिसकी एक बड़ी वजह यहां पर अलग – अलग धर्मों का समावेश है। भारत में रहने वाले हिंदु समुदाय की धार्मिक आस्था किसी से छिपी नहीं है यही कारण है कि भारत के हर राज्य में आपको कई मंदिर मिल जाएंगे जो हिंदु धर्म की आस्था के प्रतीक है।
हिंदु धर्म की धार्मिक किताब रामायण के जरिए हिंदु समुदाय लोगों को सही मार्ग पर चलने, माता पिता का आदर करने, बुराई पर अच्छाई की विजय जैसे बहुत से संदेश देता है साथ ही समाज में सबके साथ मिलकर रहने के लिए प्रेरित करता है। तथ्यों के अनुसार हिंदु समुदाय की धार्मिक किताब रामायण को ऋषि वाल्मीकि ने संस्कृति में लिखा था। जिसका बाद में लेखक तुलसीदास ने हिंदी में अनुवाद किया।
रामायण की कथा को वैसे तो कई लोग काल्पनिक मानते है लेकिन रामायण की कहानी के एक अध्याय ने इसे सत्य सीध कर दिया है। हालांकि कई लोग इसे अभी भी अलग अलग तरह से देख रहे है। ये अध्याय है रामसेतु का अध्याय। रामसेतु का निर्माण किसने किया और रामसेतु का वैज्ञानिक तौर पर क्या इतिहास है ? और धार्मिक तौर पर क्या इतिहास है चलिए आपको बताते है।
क्या हैं रामसेतु का सच जाने पूरा इतिहास – Ram Setu
रामसेतु का धार्मिक इतिहास़ – Ram Setu Bridge History
दरअसल हिंदु धार्मिक किताब रामायण के अनुसार भगवान राम अयोध्या के राजा दशरथ के पुत्र थे राजा दशरथ की तीन पत्नियां थी कौशल्या, केकैयी और सुमित्रा। भगवान राम कौशल्या के पुत्र थे वहीं केकैयी के पुत्र का नाम भरत और कौशल्या के पुत्र लक्ष्मण और शुत्रघ्न था। राजा दशरथ ने केकैयी को दो वचन दिए थे केकैयी ने अपने उन दो वचनों में राम को 14 वर्ष का वनवास और भरत के लिए राजपाट मांगा।
अपने पिता के वादे का मान रखने के लिए भगवान राम अपनी पत्नी सीता के साथ वनवास पर गए उनके साथ उनके छोटे भाई लक्ष्मण भी उनके साथ गए। लेकिन वन में रहने के दौरान रावण नाम के राक्षस ने भगवान राम की पत्नी सीता का हरण कर लिया रावण लंका का राजा हुआ करता था। जो आज के श्रीलंका देश में थी। रावण सीता को लंका लेकर गया। लेकिन जैसा आप सभी जानते है कि श्रीलंका और भारत के बीच विशाल हिंद महासागर है जिसे पार कर पाना नामुनकिन है।
माना जाता है अपनी पत्नी को बचाने के लिए भगवान राम ने ही वानरों की मदद से मानव निर्मित पुल रामसेतु का निर्माण किया था। और दिलचस्प बात ये है कि काल्पनिक कहानी कही जाने वाली रामायण का ये पुल असल में भी भारत के रामेश्वरम द्वीप और श्रींलका के मन्नार द्वीप के बीच बना हुआ है जिसकी पुष्टि खुद वैज्ञानिकों ने की है। और ये पुल सैटलाइट के जरिए भी अंतरिक्ष से साफ देखा जा सकता है।
जिस वजह से रामायण में आस्था रखने वाले लोग इसे भगवान राम के होने का प्रमाण मानते है। वैज्ञानिको के अनुसार इस पुल का निर्माण करीबन 7000 ई.पूर्व किया गया होगा। और दिलचस्प बात ये है कि रामायण में यकीनन करने वाले लोगों का भी मानना है रामायण भी करीबन 7000 ई.पूर्व पुरानी ही है। इसका मतलब साफ है कि हो सकता है कि सच में इस पुल का निर्माण भगवान राम ने ही किया हो। पर यहां सोचने वाली बात ये है कि उस समय में इतना लंबा पुल तैयार कर पाना कैसे संभव था।
रामसेतु को लेकर वैज्ञानिकों की राय – Scientists’ opinion about Ram Setu
रामसेतु को विश्वस्तर पर एडेम्स ब्रिज – Adam’s Bridge के नाम से जाना जाता है। इस ब्रिज को लेकर कई लोगों की कई अलग – अलग राय है इसलिए कोई भी इस पर साफ कहने से बचते है हालांकि वैज्ञानिक भी इस बात को मानते है कि रामसेतु एक मानव निर्मित पुल है जिस शायद 15वीं शताब्दी से पहले लोग श्रीलंका आने जाने के लिए इस्तेमाल किया करते होंगे। लेकिन समुद्र में उथल पुथल के कारण ये पत्थर पानी में धंस गए इन पर जमी रेत भी करीबन 5000 साल पुरानी ही है।
रामसेतु के पत्थर पानी में क्यों नहीं डूबते थे – Ram Setu Floating Stone
जिस रामसेतु के निर्माण के प्रमाण आज सैटलाइट से भी साफ देखे जा सकते है उसे लेकर लोगों के मन में अक्सर एक सवाल जरुर आता है कि कैसे रामसेतु के पत्थर पानी में नहीं डूबते थे। कहानी के अनुसार इन पत्थरों पर भगवान राम का नाम लिखा था लेकिन क्या हकीकत में भी ऐसा है दरअसल कुछ वैज्ञानिकों के अनुसार रामसेतु बनाने में शायद प्यूमाइस स्टोन का उपयोग हुआ हो प्यूमाइस स्टोन एक खास तरह का पत्थर होता है जो ज्वालामुखी के लावा से उत्पन्न होता है और पानी के संपर्क में आने के बाद कुछ कणों में बदल जाता है जो ऐसे पत्थर को निर्मित करते है जो पानी में आराम से तैर सकते है।
लेकिन कई वैज्ञानिक इस थ्योरी को गलत भी मानते है क्योंकि रामश्वेरम के आसपास सदियों से कोई ज्वालामुखी था ही नहीं फिर इस तरह के पत्थर वहां कैसे आ सकते है जिस वजह से रामसेतु पर विश्व स्तर पर शोध अभी जारी है।
हालांकि ये कहना गलत नहीं होगा कि रामसेतु में भले ही अभी भी कई शोध होने बाकी हो लेकिन रामसेतु के अस्तित्व के कारण रामायण में आस्था रखने वाले लोगों के विश्वास को ओर मजबूती मिली है।
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Jai Shri Ram, Jai Sanatan… Nice information about Ram Setu
Bahut Hi Acchi Jankari Share Ki Hai Sir Apne .
Ramsetu Ke Bare Me Aaj Bahut Kuch Sikhne Ko Mila Iske Liye Thanks