राज्यसभा के सांसदों का चुनाव कैसे होता है | Rajya Sabha Election

Rajya Sabha Election

राज्यसभा देश की राजनीति में और केंद्र सरकार द्वारा हर फैसले के पारित होने में अहम भूमिका निभाती है ऐसा इसलिए क्योंकि राज्यसभा में सरकार के ही नहीं विपक्षी पार्टियों के सदस्यों की भी अपनी सदस्यता होती है। और यहां पर सभी पक्ष विपक्ष नहीं होता। जिस वजह से सरकार के लिए कई बार राज्यसभा अपने बिलों को पास करना बहुत मुश्किल हो जाता है ऐसा इसलिए क्योंकि राज्यसभा में कोई भी बिल पास होने के लिए दो तिहाई बहुमत की जरुत पड़ती है।

वो सिर्फ दो स्थितियों में संभव हो सकती है या तो राज्यसभा में मौजूदा सरकार के प्रतिनिधि ज्यादा हो या फिर वह सभी को मनाने में सफल हो जाए। और यही कारण देश के हित में लाए कई बिलों को पास होने में लंबा समय लग जाता है। क्योंकि इस पर पक्ष और विपक्ष अपनी सहमति नही बना पाते। यहां पर आप जरुर सोच रहें होगे की राज्यसभा के सांसदों को कैसे चुना जाता है साथ ही राज्यसभा – Rajya Sabha Election का क्या महत्व है।

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राज्यसभा के सांसदों का चुनाव कैसे होता है – Rajya Sabha Election

विधानसभा और लोकसभा की तरह राज्यसभा के लिए सदस्य चुने का सीधा अधिकार आम जनता का नहीं होता बल्कि राज्यसभा के लिए सदस्य चुने का अधिकार आम जनता द्वारा चुने गए विधायकों का होता है। विधायक अपने प्रतिनिधि के लिए वोट डालते है। और जिस प्रतिनिधि के समर्थन में सबसे ज्यादा विधायक होते है वह राज्यसभा के लिए चुन लिया जाता है।

हालांकि आपको बता दें राज्यसभा में प्रतिनिधियों की कुल संख्या 245 है जिसमें से 233 सदस्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से चुनकर आते है वहीं 12 सदस्य राष्ट्रपति दारा नियुक्त किए जाते है। राज्यसभा का कार्यकाल 6 साल का होता है। जिसमें एक तिहाई सदस्य हर 2 साल में सेवानिवृत्त होते है।

राज्यसभा का इतिहास – History Rajya Sabha

आजादी के बाद पहले आम चुनावों तक भारत एक सदनीय था। लेकिन फिर इस बात को लेकर काफी बहस हुई की एक सदनीय इतने बड़े भारतवर्ष को संभालने में असमर्थ है जिसे लेकर काफी बहस हुई फिर अंत में फैसला किया गया कि द्वितीय विधानमंडल बनाया जाएगा जो लोकसभा से बिल्कुल भिन्न होगा।

इस तरह 23 अगस्त 1954 को राज्यसभा की घोषणा सभापीठ द्वारा की गई। इसके साथ ही तय किया गया कि इस सभा के सदस्यों की संख्या लोकसभा से कम होगी साथ ही इस सभा के सदस्यों का निर्वाचन राज्यों और संघीय राज्यों के निर्वाचित सदस्यों दारा किया जाएगा।

राज्यसभा की विशेषताएं – Features of the Rajya Sabha

  • राज्यसभा में देश की 22 भाषाओँ में भाषण देने का अधिकार है ऐसा इसलिए क्योंकि राज्यसभा में प्रतिनिधि करने वाला किसी भी राज्य का हो सकता है।
  • राज्यसभा के सभापति देश के उपराष्ट्रपति होते है
  • राज्यसभा में राष्ट्रपति द्वारा नामंकित किए जाने वाले 12 सदस्य कला, साहित्य, खेल, समाज सेवा और विज्ञान के क्षेत्र से होते है। जिन्हें अपने क्षेत्रों में दक्षता प्राप्त होती है।
  • राज्यसभा एक स्थायी सदन इसलिए इसे कभी भी भंग नहीं किया जा सकता है।
  • संसद से जुड़े सभी प्रस्ताव राज्यसभा दारा ही पारित हो सकते है।
  • किसी भी बिल को पास करने के लिए राज्यसभा में दो तिहाई बहुमत होना चाहिए।

राज्यसभा भारतीय संसद में बहुत अहम भूमिका निभाती है ऐसा इसलिए क्योंकि राज्यसभा के कारण कोई भी सरकार अपने अनुसार पारित नहीं करा सकती है उसे राज्यसभा में बहुमत की जरुरत होती है जिसके लिए उसे बिल को जनता के हित में रखना ही होता है।

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2 COMMENTS

    • शुक्रिया अमन जी, इस पोस्ट को लिखने का हमारा मुख्य मकसद लोगों तक राज्यसभा के सांसदों के चुनाव की सही जानकारी पहुंचाना है क्योंकि आज भी कई लोग इन चुनाव के बारे में नहीं जानते हैं। हम आगे भी इस तरह की जानकारी अपनी वेबसाइट पर अपलोड करते रहेंगे।

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