वृन्दावन का प्रसिध्द प्रेम मंदिर | Prem Mandir History Information

Prem Mandir

प्रेम मंदिर भारत के मथुरा के वृन्दावन में बना एक हिन्दू मंदिर है। इसी देखरेख एक अंतर्राष्ट्रीय निर्लाभ, साहित्यिक, चैरिटेबल ट्रस्ट जगद्गुरु कृपालु परिषद् करती है।

Prem Mandir

वृन्दावन का प्रसिध्द प्रेम मंदिर – Prem Mandir History Information

मंदिर का परिसर वृन्दावन की सरहद में 54 एकर तक फैला हुआ है और यह हिन्दू भगवान राधा कृष्णा एवं सीता राम का मंदिर है। इस मंदिर की स्थापना पांचवे जगद्गुरु, कृपालु महाराज ने की थी। भगवान कृष्णा के श्रद्धालुओ की इस मंदिर पर काफी श्रद्धा है।

इस मंदिर को भगवान कृष्णा के सबसे पवित्र और प्रसिद्द मंदिरों में से एक मानते है।

इसके निर्माणकार्य की शुरुवात जनवरी 2001 में हुई थी और इसका उदघाटन समारोह 2012 में 15 फरवरी से 17 फरवरी तक चला था।

17 फरवरी से यह मंदिर आम जनता के लिए हमेशा से खुला है। कहा जाता है की उस समय इसे बनाने में तक़रीबन 150 करोड़ रुपये लगे थे। सबसे पहले मंदिर में श्री राधा गोविन्द (राधा-कृष्णा) और श्री सीताराम की पूजा की जाती थी।

प्रेम मंदिर के बाजू में ही एक 73,000 वर्ग फीट के पिल्लर का निर्माण किया गया है, जहाँ एक साथ-एक ही समय 25,000 लोग जमा हो सकते है।

इतिहास – History

14 फरवरी 2001 को कृपालु महाराज ने इस मंदिर के निर्माण की पहली ईंट रखी थी। मंदिर के परिसर का निर्माण करने में मूल 1000 आर्टिस्ट और 12 साल लगे।

वृन्दावन को विकसित करने में कृपालु महाराज का बहुत बड़ा योगदान रहा है, उनका मुख्य आश्रम भी वृन्दावन में ही है। अपने श्री वृन्दावन धाम में वे हमेशा भगवान की भक्ति में लीन रहते है।

प्रेम मंदिर का निर्माण पूरी तरह से इटालियन मार्बल्स से किया गया है। मंदिर के कुल आयाम में इसका 125 फीट ऊँचा ध्वज भी शामिल है।

मंदिर के प्रांगन में परिधि मार्ग का भी निर्माण किया गया है, साथ ही मंदिर के परिसर में श्री राधा कृष्णा के 48 पैनल भी लगाये गये है, जिनमे हमें राधा कृष्णा के जीवन के कुछ मनोरंजक पल चित्र रूप में दिखाई देते है।

मंदिर की दीवारों का निर्माण भी कठोर इटालियन मार्बल से ही किया गया है, जो 3.25 फीट मोटी है। साथ ही गरभा-गृह के दीवार की मोटाई 8 फीट है, जिसने पुरे शिखर, स्वर्ण कलश और ध्वज के वजन को संभाल रखा है। मंदिर में लगाये गये पैनल को श्रीमद् भगवत गीता से लिया गया है।

घटना:

  • राधाष्टमी
  • जन्माष्टमी
  • जगातगुरुत्तम दिवस महोत्सव
    इत्यादि हिन्दू पर्व यहाँ मनाए जाते है।

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