Pradhan Mantri Jan-Aushadhi Yojana
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोगों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से कई महत्वकांक्षी योजनाएं लॉन्च की हैं। जिन योजनाओं का न सिर्फ काफी लोगों को फायदा मिल रहा है, बल्कि कई लोगों को इन योजनाओं के माध्यम से रोजगार भी मिला है।
केन्द्र सरकार ने हर तरह के लोगों को ध्यान में रखकर योजनाओं की शुरुआत की है। वहीं उसी में से एक है मोदी सरकार की प्रधानमंत्री जन औषधि योजना, यह योजना सरकार ने लोगों को सस्ते दामों और अच्छी गुणवत्ता वाली दवाईयां उपलब्ध करवाने के मकसद से लॉन्च की है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को सस्ते दामों पर दवाइयां उपलब्ध हो सके। वहीं कई लोग आर्थिक परेशानियों की वजह से इलाज नहीं करवा पाते।
प्रधानमंत्री जन औषधि योजना -Pradhan Mantri Jan-Aushadhi Yojana
गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए आजकल इतनी महंगी दवाइयों का अपने इलाज का खर्चा उठा पाना काफी मुश्किल हो जाता है। वहीं कई लोग तो महंगी दवाइयों के खर्च के चलते अपना इलाज नहीं करवाते। ऐसे लोगों को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनके लिए प्रधानमंत्री जन औषधि योजना की शुरुआत की है। जिसके तहत कोई भी शख्स सस्ते दामों पर अच्छी क्वालिटी की दवाईयां खरीद सकता है।
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इस योजना के तहत आम नागरिकों को बाजार से 60 से 70 फीसदी कम कीमत पर दवाइयां मुहैया करवाने के मकसद से केन्द्र सरकार, देशभर में 1000 से ज्यादा जन औषधि केन्द्र खोलेगी। इसके तहत बी-फार्मा और एम फार्मा किए हुए युवाओं को काफी फायदा पहुंचेगा।
वहीं अगर आप भी इस योजना के तहत मेडिकल स्टोर खोलना चाहते हैं तो इसके लिए आप ऑनलाइन अपने घर बैठे-बैठे ही आवेदन कर सकते हैं, महज 2 लाख रुपए में जन-औषधि केन्द्रों का ठेका उपलब्ध करवाया जाता है।
वहीं खास बात यह है कि इन मेडिकल स्टोर पर बिकने वाली दवाइयों पर 20 फीसदी तक कमीशन भी दिया जाता है। आखिर क्या है जन औषधि योजना, क्या है इस योजना का लक्ष्य, किन लोगों को होगा इस योजना से फायदा, और कौन करता है जन औषधि योजना का संचालन, कौन-कौन कर सकता है जन औषिधि केन्द्र के लिए आवेदन और इसके लिए किन-किन दस्तावेजों की होगी जरूरत, इसके लिए कैसे करें आॉनलाइन आवेदन समेत तमाम जानकारी हम आपको अपने इस आर्टिकल में उपलब्ध करवाएंगे जो कि इस प्रकार है।
प्रधानमंत्री जन औषधि योजना क्या है और कब हुई इस योजना की शुरुआत ? – What is Pradhan Mantri Jan Aushadhi Yojana
प्रधानमंत्री जन औषधि योजना भारत सरकार द्धारा सस्ते दामों पर लोगों को दवाइयां उपलब्ध करवाने के मकसद से लॉन्च की गई है ताकि कोई भी व्यक्ति महंगी दवाइयों के डर से इलाज करवाने से न कतराए।
यह योजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 1, जुलाई साल 2015 को लागू की थी। इस योजना का मुख्य मकसद हर नागरीक को उच्च गुणवत्ता वाली जेनेरिक दवाइयां कम दामों पर उपलब्ध करवाना है।
इसके लिए सरकार ने जन औषधि केन्द्र भी खोले हैं। जहां से आप आसानी से जेनेरिक दवाइयां खरीद सकते हैं। इस योजना के तहत ना सिर्फ गरीब तबके के लोग ही दवाईयां खरीद सकते हैं बल्कि मध्यम वर्ग के लोग भी कम दामों में जेनेरिक दवाइयां खरीद सकते हैं।
अब जानते हैं जन औषिधि केन्द्रों पर मिलने वाली जेनेरिक दवाइयों क्या होती हैं और क्यों होती हैं सस्ती –
प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के तहत जो जेनेरिक दवाइयां लोगों को उपलब्ध करवाई जाएंगी, जो कि बिना ब्रांड की दवाइयां हैं। दरअसल जेनेरिक दवाइयां और ब्रांड वाली दवाइयों में कुछ खास अंतर नहीं होता। ये दोनों ही दवाइयां एक जैसी असरदायक होती हैं, लेकिन इन दोनों दवाइयों के दामों में काफी फर्क होता है।
जेनेरिक दवाइयों की कीमतें ब्रांडेड दवाइयों की तुलना में काफी सस्ती होती हैं। वहीं अगर गौर करें तो इन दवाइयों की कीमत ब्रांडेड दवाइयों से करीब 40-60 फीसदी तक कम होती है। उदाहरण के तौर पर मानिए कि अगर आप कोई अच्छे ब्रांड की दवाई 120 रुपए में ले रहे हैं, तो जेनेरिक दवाई आपको 55 से 60 रुपए की कीमत में मिल जाएगी वो भी उचित गुणवत्ता की और उतनी ही प्रभावकारी।
वहीं अगर आप सोच रहे हैं कि जेनेरिक दवाइयों की कीमत इसलिए सस्ती है क्योंकि जेनेरिक दवाइंया सस्ते उत्पादों के इस्तेमाल से बनाईं गईं होंगी लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है बल्कि इन दवाइयों की सस्ती होने की मुख्य वजह यह है कि इन दवाइयों की कीमत सरकार तय करती हैं, इसलिए कोई भी शख्स चाह कर भी इस दवाइयों की कीमत नहीं बढ़ा सकता है, जबकि ब्रांडेड दवाइयां महंगी इसलिए बिकती हैं क्योंकि इसे बेचने वाली कंपनियां बाजार में इसके प्रचार- प्रसार पर ज्यादा पैसा खर्च करती हैं।
जिससे काफी खर्चा आता है इसलिए इन दवाइयों की कीमत भी खुद व खुद बढ़ जाती है। जबकि जेनेरिक दवाइयां (Generic Drug) में इस तरह का कोई भी खर्च शामिल नहीं है। इसलिए ये दवाइयां सस्ती होती हैं। वहीं खास बात यह है कि कि जेनेरिक दवाइयां सस्ती होने के साथ-साथ ब्रांडेड दवाइंयों की तरह ही असरकारी हैं क्योंकि इसे बनाते वक्त गुणवत्ता और प्रभावशीलता का खास ख्याल रखा जाता है।
इसके अलावा जेनेरिक दवाइओं की गुणवत्ता को लेकर रिसर्च भी की गई है। रिसर्च के दौरान ये दवाइयां अपने सभी मानकों पर खरी उतरी हैं। इसलिए आप जन औषधि केन्द्र से बिना कोई फिक्र किए जेनेरिक दवाइयां कम दामों में खऱीद सकते हैं। आपको बता दें कि लोगों को सस्ते दामों पर जेनेरिक दवाइयां उपलब्ध करवाने के मकसद से अभी तक पूरे भारत में 2 हजार से हजार जन औषधि केन्द्र खोले जा चुके हैं।
प्रधानमंत्री जन औषधि अभियान का मुख्य मकसद क्या है ? – Purpose of the Pradhan Mantri Jan-Aushadhi Yojana
भारत सरकार के फार्मास्क्युटिक्लस विभाग की तरफ से लॉन्च किया जन औषधि अभियान का मुख्य मकसद लोगों को सस्ते दामों पर उचित गुणवत्ता वाली जेनेरिक दवाइयां उपलब्ध करवाना हैं।
कई बार लोग महंगी दवाइयों की वजह से अपना इलाज ठीक तरीके से नहीं करवाते या फिर कई लोग उनके मेडिकल ट्रीटमेंट के दौरान चल रहीं दवाइयों के कोर्स को आर्थिक परेशानी की वजह से बीच में ही बंद कर देते हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं हो इसी उद्देश्य के साथ भारत सरकार ने जन औषधि अभियान चलाया।
इसके अलावा इस योजना का मुख्य मकसद जनता को जेनेरिक दवाइयों के प्रति जागरूक करना भी है साथ ही ये बताना भी है कि ये जेनेरिक दवाइयां ब्रांड वाली दवाइयों की तरह ही है। इसके साथ ही इसकी गुणवत्ता में किसी तरह का कोई समझौता नहीं किया जाता है वहीं इन दवाइयों की खास बात यह है कि ये दवाइयां आसानी से मार्केट में मिल जाती हैं।
आपको बता दें कि जेनेरिक दवाइयों के लिए स्पेशल विभाग भी बनाया गया है, जिसे ब्यूरो ऑफ फार्मा पीएसयू ऑफ इंडिया (बीपीपीआई) के नाम से जाना जाता है। यह प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्र के लिए काम करने वाली एजेंसी भी कहलाती है।
जो कि जन औषधि अभियान की देखरेख करती है। इसके साथ ही जनता को जेनेरिक दवाइयों के प्रति जागरूक करती है। सबसे खास बात यह है कि जेनेरिक दवाइयों से होने वाले फायदे और नुकसान के बारे में भी जन औषधि योजना के तहत बताया जाता है और समय पर दवाइयां भी उपलब्ध करवाईं जाती हैं।
इसके साथ ही जन औषधि शॉप के लिए उचित उम्मीदवारों को तैयार कर उन्हें इस जेनेरिक दवाओं की पूरी जानकारी देती हैं। बीपीपीआई पूरे देश में जन औषधि का प्रचार-प्रसार कर मार्केटिंग भी करती है और औषधि केन्द्रों के काम की उचित निगरानी करती है।
इसके साथ बीपीपीआई ज्यादा से ज्यादा जन औषधि केन्द्र खोलती है जिससे लोगों को सस्ती दवाइयां आसानी से मिल सके इसके अलावा जेनेरिक दवाइयों के बारें में लोगों के बीच फैली गलतफहमियां भी दूर करती है, दरअसल कई लोग जेनेरिक दवाइयों की सस्ती मिलने की वजह से इसकी क्वालिटी को लेकर चिंतित रहते हैं इसलिए वे इन दवाइयों के इस्तेमाल से कतराते हैं इसलिए बीपीपीआई लोगों को इन दवाइयों के बारे में जागरूक करती है।
जानिए जन औषधि केन्द्र के लिए कौन-कौन कर सकता है आवेदन – Who can Apply for the Generic Drug Center
जो भी व्यक्ति प्रधानमंत्री की इस लाभकारी योजना के तहत जन औषधि केन्द्र खोलकर लाभ उठाना चाहता है तो, इसके लिए कुछ नियम और शर्तें हैं जिसके तहत लोग जन औषधि केन्द्र के लिए आवेदन कर सकते हैं । जो कि नीचे लिखे गए हैं –
- अगर किसी व्यक्ति ने बी फार्मा और डी फार्मा की पढ़ाई की है, तो वह जन औषधि केन्द्र के लिए आवेदन कर सकता है।
- इसके अलावा कोई भी चैरिटिबल ट्रस्ट या फिर NGO भी इसके लिए आवेदन कर सकते हैं लेकिन इसके लिए यह जरूरी है कि उन्हें इस केन्द्र की जिम्मेदारी किसी भी बी फार्मा या फिर डी फार्मा की डिग्री प्राप्त करने वाले व्यक्ति को सौंपनी होगी।
- जन औषधि केन्द्र के लिए कोई भी फार्मासिस्ट, डॉक्टर और मेडिकल प्रैक्टिसनर भी आवेदन कर सकते हैं और इस केन्द्र के माध्यम से लोगों को सस्ते दामों पर जेनेरिक दवाइयां उपलब्ध करवा सकते हैं। इसके साथ ही अच्छी खासी कमाई भी कर सकते हैं।
- जन औषधि केन्द्र के लिए आवेदन करने वाले SC, ST और दिव्यांग आवेदकों को खास छूट दी गई हैं। ऐसे आवेदनों को औषधि केन्द्र खोलने के लिए 50 हजार रुपए तक की दवाइयां पहले से ही उपलब्ध करवाई जाएंगी।
- आपको बता दें कि जन औषधि केन्द्र सिर्फ वही लोग खोल सकते हैं जिनके पास मेडिकल स्टोर खोलने की पर्याप्त जगह हो। आपको बता दें कि जन औषधि केन्द्र के लिए आवेदक के पास कम से कम 120 स्क्वायर फीट की जगह होनी चाहिए। वहीं इसका फैसला जन औषधि केन्द्र के लिए बनाई गई एजेंसी बीपीपीआई खुद विजिट करके लेती है। वहीं जरूरी नहीं कि ये आवेदक की खुद की जगह हो, ये जगह किराए की भी हो सकती है।
- अगर कोई आवेदक प्रधानमंत्री मोदी की इस योजना के तहत जन औषधि केन्द्र खोलना चाहता है तो उसके पास फार्मिस्ट का सर्टिफिकेट होना भी जरूरी है।
- जन औषधि केन्द्र खोलने के लिए आवेदक के पास रिटेल ड्रग लाइसेंस एवं टिन नंबर भी होना चाहिए।
- जो भी आवेदक इस योजना के तहत जन औषधि केन्द्र खोलना चाहता है तो इसके लिए जरूरी है कि आवेदक की हालत अच्छी हो। इसके साथ ही उसके पास टैक्स फाइल होना चाहिए और पिछले 3 साल का सभी फाइनेंशियल रिकॉर्ड भी सही होने चाहिए। आपको बता दें कि इन सब की जांच बीपीपीआई द्दारा की जाती है।
वहीं अगर आप ऊपर लिखे गए इन शर्तों को पूरा करते हैं तो निश्चय ही आप जन औषिधि केन्द्र खोल सकते हैं। लेकिन इसके लिए इस बात पर भी गौर करने की जरूरत है कि आप किस जगह पर जन औषधि केन्द्र खोल रहे हैं और क्या यह इसके लिए उपयुक्त है या नहीं।
क्योंकि जहां आसानी से लोगों की पहुंच हो ऐसी जगह है जन औषधि केन्द्र खोलना फायदेमंद साबित हो सकता है। आपको बता दें कि जन औषधि केन्द्रों को देश के हर कोने में खोलने के लिए काफी प्रचार-प्रसार किया गया।
इसके साथ ही बीपीपीआई द्धारा ये भी कोशिश की गई कि ज्यादा से ज्यादा जन औषधि केन्द्र रेलवे, बस, सरकारी दफ्तर के पास वाली जगह पर भी खोले जाएं ताकि लोगों को आसानी से इन केन्द्रों से दवाईयां मिल सकें और उन्हें इन केन्द्रों तक पहुंचने के लिए किसी तरह की किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।
जानिए जन औषधि केन्द्र के लिए कैसे करें आवेदन? – How to Open Pradhan Mantri Bhartiya Jan Aushadhi Kendra
अगर आप भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इस लाभकारी योजना का लाभ लेना चाहते हैं। आपको इसके लिए सबसे पहले एक आवेदन फॉर्म लेना होगा और ये फॉर्म और इस योजना की वेबसाइट पर जाकर मिलेगा।
वहीं इस योजना के तहत बेहद आसानी से लोग फॉर्म भरकर इसके तहत अपना जन औषधि केन्द्र खोल सकते हैं और प्रधानमंत्री की इस कल्याणकारी योजना का फायदा उठा सकते हैं। लेकिन इसके लिए आपको रजिस्ट्रेशन करवाने की जरूरत होगी।
रजिस्ट्रेशन करने के बाद, आपको अपने आधार कार्ड नंबर की जानकारी देनी होगी। वहीं इसके लिए आपका आधार कार्ड नंबर मोबाइल नंबर से लिंक होना बेहद जरूरी है।
इसके बाद आपको अपने आधार नंबर को वेरीफाई करना होगा। इसके लिए आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ओटीपी यानि कि वन टाइम पासवर्ड आएगा। जिससे आपको अपने मोबाइल नंबर को वेरीफाई करना होगा।
जब आपका कार्ड वेरीफाई हो जाएगा इसके बाद आपको अपने प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के ऑनलाइन आवेदन फॉर्म में सारी डिटेल चैक कर उसे सबमिट करना होगा।
इस तरह से आप जन औषधि केन्द्र के लिए आवेदन कर सकते हैं। वहीं इस योजना के तहत जन औषधि केन्द्र खोलने के लिए किसी तरह की कोई फीस नहीं देनी होगी, इसका लाभ आप मुफ्त में ले सकेंगे। वहीं अगर कोई भी व्यक्ति आपसे बीपीपीआई से जुड़ी किसी भी सेवा के लिए पैसे मांगता है तो इसकी सूचना आपको तुरंत बीपीपीआई डिपार्टमेंट से कर सकते हैं। जिसके बाद बीपीपीआई द्धारा उस व्यक्ति के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
जन औषधि केन्द्र के लिए जरूरी दस्तावेज – Pradhan Mantri Jan Aushadhi Kendra Documents
अगर आप भी जन औषधि केन्द्र खोलना चाहते हैं तो इसके लिए आपके पास बीफार्मा. डी-फार्मा की डिग्री के साथ-साथ कुछ अहम दस्तावेज होना भी जरूरी है। उन दस्तावेजों के बारे में नीचे बताया गया है –
- अगर आप जन औषधि केन्द्र खोलना चाहते हैं तो इसके लिए आपके पास आधार कार्ड बेहद होना जरूरी है।
- जो भी जन औषधि केन्द्र खोलना चाहते हैं तो उनके पास पैन कार्ड भी होना जरूरी है। आवेदन फॉर्म के साथ पैन कार्ड की फोटो कॉपी की मांग की जाती है।
- वहीं अगर कोई NGO, हॉस्पिटल या फिर चैरिटेबल ट्रस्ट जो जन औषधि केन्द्र खोलकर लोगों को सस्ते दामों पर दवाइयां उपलब्ध करवाना चाहते हैं उनके पास आधार कार्ड, पैन कार्ड के अलावा संस्थान का प्रमाण पत्र और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट होना जरूरी है।
- जो भी जन औषधि केन्द्र खोलना चाहते हैं उनके पास इसके लिए 120 स्क्वायर फीट की जगह होनी चाहिए। वहीं अगर जिनके पास खुद की जगह नहीं है वे जगह किराए पर भी ले सकते हैं।
प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के तहत मिलने वाले लाभ – Pradhan Mantri Jan Aushadhi Yojana Benefits
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इस लाभकारी योजना के तहत सामान्य लोगों को दो तरफा मुनाफा हो रहा है। पहला मुनाफा तो यह हो रहा है कि लोगों को सस्ते दामों पर जेनेरिक दवाईयां मिल रही हैं वहीं दूसरा सबसे बड़ा मुनाफा यह हो रहा है कि लोगों को जन औषधि केन्द्र के माध्यम से रोजगार करने के अवसर मिल रहे हैं।
वहीं अगर कोई फार्मासिस्ट जो इस योजना के तहत जन औषधि केन्द्र खोलना चाहता है तो सरकार उसे मेडिकल स्टोर खोलने के लिए 2 लाख देती है जबकि 50 हजार रुपए की रकम कंप्यूटर और दूसरी इंफ्रास्ट्रक्चर की वस्तुएं लाने के लिए मुहैया करवाती है।
यही नहीं जन औषधि केन्द्र के फार्मासिस्ट को दवाइयों की बिक्री पर दवाई की प्रिंट कीमत पर 20 फीसदी का कमीशन भी उपलब्ध करवाती हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के तहत खोले गए औषधि केन्द्र को सरकार की तरफ से दूसरे इंसेंटिव भी दिए जाते हैं।
आपको बता दें, जन औषधि केन्द्र को यह इंसेंटिव पूरे साल में हुए दवाइयों की बिक्री पर तय किए जाता है। हालांकि यह रकम अधिकतम 10 हजार रुपए हर महीने होगी।
वहीं अगर उत्तर पूर्वी राज्य, नक्स्ल प्रभावित इलाके और आदिवासी क्षेत्रों की बात करें तो यह इंसेंटिव 15 फीसदी तक हो सकते हैं फिलहाल यह रकम अधिकतम 15 हजार रुपए तक हो सकती है।
प्रधानमंत्री के जन औषधि योजना के तहत दवाई लेने वाले ग्राहकों को भी काफी हद तक फायदा पहुंचा है। जन औषधि केन्द्र के माध्यम से लोग 60 से 70 फीसदी कम दामों में दवाइयां खरीद सकते हैं, जिससे आर्थिक हालातों से जूझ रहे लोगों को इलाज करवाने में काफी मद्द मिली है।
इस तरह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इस कल्याणकारी योजना का कई लोग फायदा उठा रहे हैं। वहीं इस योजना के माध्यम से गरीब तबके के लोगों को महंगे इलाज से राहत मिली है। इस योजना की शुरुआत करना केन्द्र सरकार द्धारा उठाया गया बेहद सराहनीय कदम है। इसके माध्यम से सिर्फ लोग दवाइयों के प्रति जागरूक हुए हैं, बल्कि इससे लोगों में यह जानने में भी मद्द मिली है कि बाजार में उचित गुणवत्ता वाली दवाइयां सस्ते दामों पर भी उपलब्ध हैं।
इसके साथ ही इस योजना के माध्यम से ऐसे डॉक्टरों पर लगाम लगाई जा सकती है। जो कि सिर्फ पैसा कमाने के चक्कर में मरीजों को महंगी दवाईओं का पर्चा थमा देते हैं। फिलहाल इस योजना से माध्यम से किसी भी शख्स का उसके इलाज में होने वाले खर्च में भी काफी राहत मिलेगी। इसके साथ ही कई लोगों को प्रधानमंत्री जनऔषधि केन्द्र के तहत रोजगार भी मिला हैं जो कि काफी प्रेरणादायक हैं।
Read More:
Hope you find this post about ”Pradhan Mantri Jan-Aushadhi Yojana” useful. if you like this articles please share on Facebook & Whatsapp. and for the latest update download: Gyani Pandit free android App.