Poem on India
हमारा देश जिसे कुछ लोग भारत कहते हैं, कुछ इंडिया कहते हैं तो कुछ लोग हिन्दुस्थान कहते हैं। यहाँ विविधता में एकता हैं और वही विविधता ही इस देश की ताकद हैं। हमारे भारत देश के बारेमें जितना कहा जाये उतना काम ही हैं। इसलिए आज हम आपके लिए कुछ कवियों ने इंडिया पर कुछ कविताये – Poem on India लिखी वही हम आपके लिए लाये हैं। आशा हैं आपको जरुर पसंद आयेंगें।
भारत देश पर कविता – Poem on India
Poem on India 1
“वह देश कौन-सा है”
जो प्रकृति की गोद में बसा है।
स्वर्ग-सा सारा जहाँ है वह देश कौन-सा है।।
मैदान गिरि वनों में हरियालियाँ लहकती।
आनंदमय जहाँ है वह देश कौन-सा है।।
जिसका चरण निरंतर रतनेश धो रहा है।
जिसका मुकुट हिमालय वह देश कौन-सा है।।
नदियाँ जहाँ सुधा की धारा बहा रही हैं।
सींचा हुआ सलोना वह देश कौन-सा है।।
जिसके बड़े रसीले फल कंद नाज मेवे।
सब अंग में सजे हैं वह देश कौन-सा है।।
जिसके अनंत धन से धरती भरी पड़ी है।
संसार का शिरोमणि वह देश कौन-सा है।।
~ रामनरेश त्रिपाठी
Poem on India 2
“वहीँ है मेरा हिन्दुस्तां”
जहाँ हर चीज है प्यारी, सभी हैं चाहत के पुजारी
प्यारी जिसकी हर सुबह, वही है मेरा हिन्दुस्तां
जहाँ ग़ालिब की ग़ज़ल है, वो प्यारा ताज महल है
प्यार का एक निशां, वही है मेरा हिन्दुस्तां
जहाँ फूलों का बिस्तर है, जहाँ अम्बर की चादर है
सुहाना हर इक मंजर है, वही है मेरा हिन्दुस्तां
वो झरने और हवाएँ, सभी मिल जुल कर गायें
प्यार का गीत जहां, वही है मेरा हिन्दुस्तां
जहां कभी होली तो दिवाली है, वो बिंदिया चुनरी पायल
वो साडी मेहंदी काजल, वही है मेरा हिन्दुस्तां
कही पे नदियाँ बलखाएं, कहीं पे पंछी इतरायें
बसंती झूले लहराएं, जहां अन्गिन्त हैं भाषाएं
सुबह जैसे ही चमकी, बजी मंदिर में घंटी
और मस्जिद में अजां, वही है मेरा हिन्दुस्तां
लो फिर स्वतंत्र दिवस आया, तिरंगा सबने लहराया
लेकर फिरे यहाँ-वहां, वहीँ है मेरा हिन्दुस्तां
Poem on India 3
“मेरा भारत महान है”
मेरे देश की माटी ऐसी, जहां जन्म लेते भगवान
मेरा भारत देश महान, मेरा भारत देश महान
जिसकी सुहानी सुबह है होती, होती सुनहरी शाम है
वीर बहादुर जन्मे जिसमें वही मेरा भारत महान है
भारत की माटी के पुतले लोहे के माने जाते हैं
गांधी, तिलक, बोस, नेहरू, इस नाम से जाने जाते हैं
फिर बने सोने की चिड़िया हम सबका है ये अरमान
मेरा भारत देश महान, मेरा भारत देश महान
Poem on India 4
“देश मेरा प्यारा”
देश मेरा प्यारा, दुनिया से न्यारा
धरती पे जैसे स्वर्ग उतारा।
ऊँचे पहाड़ों में फूलों की घाटी।
प्यारे पठारों में खनिजों की बाटी।
हरे-भरे खेतों में सरगम बजाएँ।
नदियों के पानी में चाहूँ मैं तरना।
मन ये गगन में उड़े रे।
ऐसे ये जी से जुड़े रे।
दूर मेरा देश ये गाँवों में बसता।
मुझको पुकारे है एक-एक रस्ता।
पैठा पवन मेरे पाँव में।
आना जी तू भी गाँव में।
देश मेरा प्यारा, दुनिया से न्यारा।
धरती पर जैसे स्वर्ग है।
जाँ भी इसे उत्सर्ग
~ अभिरंजन कुमार
Poem on India 5
“हमको अपनी मातृभूमि से बेहद प्यार है”
हमको अपनी मातृभूमि से बेहद प्यार है।
यह जन्मभूमि, यह कर्मभूमि, यह अपनी पहचान है,
जो न करे सम्मान इसका, उसका जीना बेकार है,
हमको अपनी मातृभूमि से बेहद प्यार है।
दिवानों की दिवानगी में, भारत इसका नाम है,
इसकी सीमा रक्षा हेतु, जीवन अपना कुर्बान है,
हमको अपनी मातृभूमि से बेहद प्यार है।
इसकी ओर उठी हर बुरी नजर को, वीरों ने हर बार झुकाया है,
हर जीत के बाद लहराता, तिरंगा जिसकी शान है,
हमको अपनी मातृभूमि से बेहद प्यार है।
इसके सम्मान को कभी कोई न कम कर पाया है,
बढ़ते हुए दुश्मनों के दल को, वीरों ने मार भगाया है,
हमको अपनी मातृभूमि से बेहद प्यार है।
आजाद, भगत, बोस जैसे युवा, इस देश की पहचान है,
इनके जीवन से प्रेरित, हर भारतवासी महान है,
हमको अपनी मातृभूमि से बेहद प्यार है।
जय हिन्द, जय भारत।
~ वन्दना शर्मा
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Nice poem and thank for sharing
Very nice and good poems
मुझे सुलेख लिखी थी पर कुछ मिल नहीं रहा था तो मैं इस वेबसाइट पर हूं मुझे बहुत अच्छी लगी सारी फोटो में और मैंने तो अपनी नोटबुक में भी लिखी है उनमें से एक पोयम जो की थी तीसरी वाली मेरा भारत महान है इसकी हेडिंग पहली निकली थी मैंने सिर्फ लिखा था मेरा भारत पर बहुत अच्छी कविताएं हैं
Very deshbhakti poem
VERY PATRIOTIC AND NICE POEM. EXCELLENT!
HEllo
Very nice poem thanks for sharing