पर्यावरण पर कुछ कवितायेँ | Poem on Environment

पर्यावरण क्या हैं ये हमें अलग से बताने की जरुरत नहीं, पर्यावरण का हमारे जीवन बहुत ही ज्यादा महत्व हैं। इसलिए 5 जून को हम सब जागतिक पर्यावरण दिवस (World Environment Day )के रूप में मनाते हैं। आईये आगे पर्यावरण पर कुछ कवितायेँ – Poem on Environment पढ़े।

Poem on Environment

पर्यावरण पर कुछ कवितायेँ – Poem on Environment

Poem on Environment

“पर्यावरण बचाओ”

पर्यावरण बचाओ, आज यही समय की मांग यही है।
पर्यावरण बचाओ, ध्वनि, मिट्टी, जल, वायु आदि सब।
पर्यावरण बचाओ ………..
जीव जगत के मित्र सभी ये, जीवन हमें देते सारे.
इनसे अपना नाता जोड़ो, इनको मित्र बनाओ।
पर्यावरण बचाओ ………..
हरियाली की महिमा समझो, वृक्षों को पहचानो।
ये मानव के जीवन दाता, इनको अपना मानो।
एक वृक्ष यदि कट जाये तो, दस वृक्ष लगाओ।
पर्यावरण बचाओ ………..

Environment Poem

“हमें पर्यावरण बचाना हैं।”

खतरे में हैं वन्य जीव सब। मिलकर इन्हें बचाना हैं।
आओं हमें पर्यावरण बचाना हैं।
पेड़ न काटे बल्कि पेड़ लगाना हैं।
वन हैं बहुत कीमती इन्हें बचाना हैं।
वन देते हैं हमें ओक्सिजन इन में न आग लगाओ।
आओं हमें पर्यावरण बचाना हैं।

जंगल अपने आप उगेंगेI पेड़ फल फूल बढ़ेंगे।
कोयल कूके मैना गाये, हरियाली फैलाओ।
आओं हमें पर्यावरण बचाना हैं।
पेड़ों पर पशु पक्षी रहते।
पत्ते घास हैं खाते चरते।
घर न इनके कभी उजाड़ो,कभी न इन्हें सताओ।
आओं हमें पर्यावरण बचाना हैं।

Poem on Paryavaran

“कसम खाते है”

मिलकर आज ये कसम खाते हैं,
पर्यावरण को स्वच्छ बनाते है।
मिलकर आज ये कसम खाते हैं,
प्रदूषण को दूर भगाते हैं।
मानव तूने अपनी जरूरतों के लिए,
वातावरण को कितना दूषित किया है,
फिर भी पर्यावरण ने तुझे सब कुछ दिया है।
प्राण दायनी तत्वों जल, वायु और मिट्टी से,
हमारा जीवन का उद्दार किया है।
फिर भी मानव पेड़ काटता है,
अपने जीवन को संकट में डालता है।
पर्यावरण न होता तो जीवन मे रंग कहाँ से होते,
पर्यावरण को स्वच्छ बनाये हमारा प्रथम कर्त्तव्य है।
आओ मिलकर कसम खात हैं,
पर्यावरण को स्वच्छ बनाते हैं।
आज मिलकर कसम खाते है,
प्रदूषण को दूर भगाते हैं।

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