Poem for Son in Hindi
बेटो पर कविताओं का संग्रह – Poem for Son in Hindi
Poem for Son in Hindi
“ऐ मेरे लाल”
होता जो बस में
ऐ मेरे लाल
कर देती ये दुनिया
सारी तेरे नाम
तोड़ लाती चाँद तारे
भी तेरे लिए
मगर हैं सीमाएं बहुत
क्या मैं करूँ
नहीं कुछ पास मेरे
दुआओं के सिवा
न होगी कमी
उनमें कभी
भर दूंगी उनसे
झोलियाँ तेरी
दुनिया की हर ख़ुशी
तुझको मिले
जी भर के हँसे तू
नम मेरी आँख हो
हर माँ के
दिल का आशीष है
रहो मुस्कुराते
खिलखिलाते रहो
टपकें न आंसू
न दुःख कभी
आस पास हो
सुख दुःख तो हैं
सायों की तरह
कभी रात अँधेरी
कभी सुप्रभात है
खोना न धीरज
याद रखना सदा
सुनता है वो
जिसने खेल सारा रचाया
दिल माँ का भी
उसी ने बनाया
है तुम्हारी ख़ुशी में
ख़ुशी मेरे दिल की
सदा याद रखना
बात मेरे दिल की
~ किरण गुलाटी
Poem for Son in Hindi
“बेटा”
गर घर की रौनक है बेटियां, तो बेटे हो-हल्ला है,
गिल्ली है, डंडा है, कंचे है, गेंद और बल्ला है,
बेटियां मंद बयारो जैसी, तो अलमस्त तूफ़ान है बेटे,
हुडदंग है, मस्ती है, ठिठोली है, नुक्कड़ की पहचान है बेटे,
आँगन की दीवार पर स्टंप की तीन लकीरें है बेटे,
गली में साइकिल रेस, और फूटे हुए घुटने है बेटे,
बहन की ख़राब स्कूटी की टोचन है बेटे,
मंदिर की लाइन में पीछे से घुसने की तिकड़म है बेटे,
माँ को मदद, बहन को दुलार, और पिता को जिम्मदारी है बेटे,
कभी अल्हड बेफिक्री, तो कभी शिष्टाचार, समझदारी है बेटे,
मोहल्ले के चचा की छड़ी छुपाने की शरारत है बेटे,
कभी बस में खड़े वृद्ध को देख, “बाउजी आप बैठ जाओ” वाली शराफत है बेटे,
बहन की शादी में दिन रात मेहनत में जुट जाते है बेटे,
पर उसही की विदाई के वक़्त जाने कहा छुप जाते है बेटे,
पिता के कंधो पर बैठ कर दुनिया को समझती जिज्ञासा है बेटे,
तो कभी बूढ़े पिता को दवा, सहारा, सेवा सुश्रुषा है बेटे,
पिता का अथाह विश्वास और परिवार का अभिमान है बेटे,
भले कितने ही शैतान हो पर घर की पहचान है बेटे.
~ Jitendra Sandhu
Poem for Son in Hindi
“मेरे कंधे पर बैठा मेरा बेटा”
मेरे कंधे पर बैठा मेरा बेटा
जब मेरे कंधे पर खड़ा हो गया
मुझसे कहने लगा
देखो पापा मैं तुमसे बड़ा हो गया
मैंने कहा बेटा –
इस गलत फ़हमी में भले ही जकड़े रहना
मगर मेरा हाथ पकड़े रहना
जिस दिन यह हाथ छूट जाएगा
बेटा तेरा रंगीन सपना भी टूट जाएगा
दुनिया वास्तव में उतनी हसीन नहीं है
देख तेरे पाँव तले अभी जमीन नहीं है
मैं तो बाप हूँ बेटा
बहुत खुश हो जाऊँगा
जिस दिन तू वास्तव में बड़ा हो जाएगा
मगर बेटे कंधे पर नहीं
जब तू जमीन पर खड़ा हो जाएगा
ये बाप तुझे अपना सब कुछ दे जाएगा!
और तेरे कंधे पर दुनियाँ से चला जाएगा!
Poem for Son in Hindi
“माँ का दुलारा”
माँ बोली अपने नन्हे बेटे को
तू है मेरी आँखों का तारा
मुझको तू है बहुत दुलारा
मुझको लगता है तू, दुनिया में सबसे प्यारा
तेरे आने से ज़िन्दगी में हुआ नया सवेरा
मेरे माँ बनने का ख्वाब तूने किया है पूरा
जबसे तू है गोद में आया
मैंने खुद को बिलकुल बदला हुआ पाया
माँ होने का एहसास, तूने मुझे दिलाया
मेरे ज़िन्दगी का हर पल है तेरे नाम
सम्भालूंगी तुझको सुबह हो या शाम
जब लेती हूँ तुझको इन बाहों में
देखती हूँ तेरी इन निगाहों में
आ जाता है तुझ पर और भी प्यार
तुझसे ही तो है जुड़ा मेरा संसार
काला टिका लगाए रखती हूँ, तुझ पर हर पहर
ताकि लग न जाए, तुझे किसी की नज़र
तुझमे ही तो बस्ती है मेरी जान
मुझको सबसे प्यारी लगती, है तेरी मुस्कान
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