पूरे विश्व में आंतक फैलाने और आम जनता के मन में दहशत पैदा करने वाले आंतकवादी ओसामा बिन लादेन को उसकी क्रूरता और आतंकवादियों हमलों के लिए जाना जाता है। संयुक्त राज्य अमेरिका पर 9 सितंबर साल 2011 में हुए दर्दनाक आतंकवादी हमले के बाद ओसामा बिन लादेन पूरी दुनिया में कुख्यात हो गया था।
वहीं इस दर्दनाक आतंकी हमले के बाद विश्व के कई आतंकवादियों को हौसला मिला था। हालांकि, आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को बाद में अमेरिकी नौ सेना द्धारा 2 मई, 2011 को एक खूफिया मिशन के तहत मार दिया गया था।
आइए जानते हैं दुनिया के इस सबसे खतरनाक दहशतगर्दियों में से एक ओसामा बिन लादेन के जीवन से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में-
ओसामा बिन लादेन की जीवनी – Osama Bin Laden History in Hindi
एक नजर में –
पूरा नाम (Name) | ओसामा बिन मोहम्मद बिन अवद बिन लादेन |
जन्म (Birthday) | 10 मार्च, 1957, सऊदी अरब |
पिता (Father Name) | मुहम्मह बिन अवद बिन लादेन |
माता (Mother Name) | हमीदा अल-अट्टास |
मृत्यु (Death) | 2 मई, 2011, एबोटाबाद, खैबर पख्तुनख्वा, पाकिस्तान |
प्रारंभिक जीवन, शिक्षा एवं विवाह –
ओसामा बिन लादेन, 10मार्च, 1957 को सऊदी अरब के रियाद में एक अरबपति रईस के घर जन्मा था। उसके पिता मोहम्मद बिन लादेन एक निर्माण व्यवसायी थे, जिनके सऊदी अरब के शाही परिवार से काफी अच्छे संबंध थे। लादेन, मोहम्मद बिन लादेन के 52 संतानों में में से 17वीं संतान थे।
लादेन की मां का नाम हमीदा था, जो कि उनके पिता की 10वीं पत्नी थी। वहीं लादेन के पैदा होने के कुछ दिनों बाद ही उनके पिता ने उनकी मां से तलाक ले लिया था। इसके बाद उनकी मां ने मोहम्मद बिन लादेन के एक सहयोगी मोहम्मद-अल-अट्टास से निकाह कर लिया था। आपको बता दें कि ओसामा बिन लादेन के पिता ने 10 शादियां की थी, जिनमें से उनकी मां हमीदा इकलौती सीरियन महिला थीं, बाकी सऊदी अरब की रहने वाली थीं।
ओसामा बिन लादेन ने अपनी शुरुआती पढाई इलाइट सेक्यूलर, अल थैगर मॉडल स्कूल (élite secular Al-Thager Model School )से की थी। इसके बाद उसने सऊदी अरब के किंग अब्दुलअजीज यूनिवर्सिटी से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन और इकोनॉमिक्स की पढ़ाई की। यही नहीं ओसामा बिन लादेन ने 1979 में सिविल इंजीनियरिंग और 1981 में पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन की कई डिग्रियां भी प्राप्त की थी।
वो अपने स्कूल और कॉलेज के दिनों के दौरान कई तरह के टैरिटेबल और रिलिजियस प्रोग्राम्स में भी हिस्सा लेता था। ओसामा बिन लादेन जब महज 17 साल का था, तब उसका विवाह सीरिया की नजवा घोनम के साथ हुआ था। इसके अलावा भी उसने कई और शादियां की थी। हालांकि उनकी पहली शादी ज्यादा दिनों तक चल नहीं सकी थी।
उसने अमेरिका में हुए 9/11 हमले से पहले ही उनसे तलाक ले लिया था। इसके बाद ओसामा बिन लादेन ने साल 1983 में खादिजा शरीफ से शादी कर ली थी, लेकिन उसकी यह शादी भी ज्यादा नहीं चल सकी उसने 1990 में अपनी खादिजा बेगम से तलाक ले लिया और फिर साल 1985 में खैरिया सबर के साथ शादी की।
इसके अलावा उसने साल 1987 में सिहम सबर और साल 2000 में अमल-अलसदाह के साथ शादी की थी। ओसामा बिन लादेन को अपनी सभी पत्नियों से करीब 26 बच्चे पैदा हुए थे। वहीं लादेन के करीब 11 बच्चे अमेरिका में 9/11 हमले के बाद इरान भाग गए थे।
मकतब -अल-खिदमत संस्था की स्थापना –
अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान चला गया जहां उसकी मुलाकात अब्दुल्ला आजम से हुई। इसके बाद साल 1984 में आतंक का आंका ओसामा बिन लादेन ने अब्दुल्ला आजम के साथ मिलकर मकतब-अल-खिदमत नामक एक संस्था बनाई, जिसमें लड़ने के लिए हथियार और पैसा सब अरब देशों से अफगानिस्तान आता था।
यही नहीं ओसामा बिन लादेन ने आंतक को बढ़ावा देने और अफगानिस्तान में सोवियत समर्थित शासन को खत्म करने के मकसद से पाकिस्तान में अपने कैंप भी लगाए थे, जिसमें मुस्लिम देशों से आए लोगों को ट्रेनिंग भी दी थी। इसके अलावा उसने जाजी की लड़ाई समेत कई बड़ी लड़ाइयों में हिस्सा लिया था।
अलकायदा की स्थापना –
साल 1988 में मकतब-अल-खिदमत से अलग होने के बाद ओसामा बिन लादेन ने सोवियत संघ के खिलाफ युद्ध के अलावा पश्चिमीकरण की ओर लादेन की बढ़ती नफरत की वजह से आतंकवादी संगठन अल-कायदा की स्थापना की थी। उसके इस संगठन में मिस्त्र के इस्लामिक जिहाद के कई दिग्गज नेता भी शामिल थे।
वहीं इस संगठन में कई बड़े नेताओं के साथ मिलकर यह भी तय किया गया था कि अफगानिस्तान में सोवियत संघ के हट जाने पर पूरा पैसा जिहाद के कामों में लगाया जाएगा। वहीं जिस समय अफगानिस्तान से सोवियत यूनियन हटाई गई थी, उस दौरान सऊदी अरब में सद्दाम हुसैन तानाशाह था, जो कि लादेन के उग्र इस्लामी भाषणों के चलते इस बात से भयभीत रहता था कि उसकी वजह से उसका सम्राज्य खतरे में नहीं पड़ जाए, इसलिए वह ओसामा बिन लादेन को अधिकतर चुप रखने का प्रयास करता था।
साल 1990 में जब ईराक ने कुवैत पर हमला कर दिया था, उस दौरान सद्दाम हुसैन ने ओसामा बिन लादेन की मद्द की बजाय अमेररिका से मद्द मांगी थी, जिसके बाद अपमानित महसूस होकर लादेन ने यह प्रण लिया था कि, वो एक दिन अलकायदा को अमेरिका से भी ज्यादा महान बनाएगा।
विवाद एवं हमले:
- अपने आतंकी संगठन अलकायदा की शक्ति को और अधिक बढ़ाने एवं इसे मजबूत बनाने के मकसद से इसके बाद लादेन सऊदी अरब छोड़कर ज्यादा से ज्यादा लड़ाकों को लेने के मकसद से सुडान चला गया। इसके बाद अलकायदा ने साल 1992 यमन के एक गोल्ड मोहर होटल में अपना पहला धमाका करवाया। जिसमें एक ऑस्ट्रेलियन यात्री और एक यमन यात्री की मौत हो गई थी।
- इसके बाद साल 1993 में ओसामा बिन लादेन ने न्यूयॉर्क स्थित वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर पहली बार बम बिस्फोट किया था। इस धमाके में करीब 6 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि डेढ़ हजार लोग बुरी तरह जख्मी हो गए थे।
- इसके बाद साल 1995 में मिस्त्र के राष्ट्रपति होस्नी मुबारक की हत्या करने की नाकाम कोशिश की।
- साल 1998 में ओसामा बिन लादेन के आतंकी संगठन अल-कायदा ने नैरोबी, दार एस सलाम, तंजानिया में अमेरिकी दूतावासों पर भयंकर हमले किए, जिसमें 200 से ज्यादा लोगों की हत्या कर दी और 5 हजार से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।
- इसके बाद करीब 11 सितंबर, साल 2001 को अल-कायदा संगठन ने अमेरिका की दो सबसे बड़ी इमारत वर्ल्ड ट्रेड सेंटर और पेंटागन को निशाना बनाया । उसने अमेरिका के 2 प्लेन हाइजैक कर आत्मघाती तरीके से उड़ा दिया था। लादेन ने यूनाइटेड एयरलाइंस फ्लाइट 175 और अमेरिकन एयरलाइंस फ्लाइट 11 को न्यूयॉर्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर कॉम्प्लेक्स के टॉवर्स पर बुरी तरह से आत्मघाती हमलों से क्षतिग्रस्त कर दिया था। इस आत्मघाती हमले में करीब 3 हजार लोगों की मौत हो गई और हजारों बेकसूर लोग बुरी तरह घायल हो गए। इस हादसे में कम से कम 10 अरब डॉलर का नुकसान हुआ था। यह आतंकी हमला ना सिर्फ अमेरिका का बल्कि पूरी दुनिया के इतिहास का सबसे बड़े आतंकवादी हमला बन गया। इस हमले ने दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों को हिलाकर रख दिया था। अमेरिका में हुए 9/11 के आतंकी हमले के बाद ओसामा बिन लादेन मोस्टवांटेड बन गया था, जिसके बाद वो करीब 10 सालों तक दुनिया की नजरों से बचता रहा। इस दौरान अमेरिका ने उसे ढूंढने के कई प्रयास किए। यही नहीं अमेरिका ने उसकी खोज में करीब 25 मिलियन डॉलर की इनामी राशि भी रखी।
11 सिंतबर, साल 2001 का हमले के बाद, उनकी पत्नियों में से एक के अनुसार, लादेन साल 2002 में पाकिस्तान के पेशावर में अल-कायदा के एक घर में अपनी पत्नियों और बच्चों को ले गया था। जून 2005 में, लादेन अपने परिवार के साथ एबोटाबाद चला गया।
इसके बाद करीब 10 अगस्त साल 2010 में लादेन को पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के पास अबोत्ताबाद के एक कंपाउंड में ढूंढ लिया गया था और कई महीनों तक ड्रोन के जरिए उस पर नजर रखी गई। इसके बाद 2 मई साल 2011 में उस कंपाउंड को संयुक्त राज्य अमेरिका के सदस्यों के विशेष संचालन बलों और नौसेना के जवानों ने घेर लिया और इस आंतक के आंका ओसामा बिन लादेन को गोलियों से भुन दिया।
इसके बाद अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस विश्व के सबसे बड़े आतंकवादी ओसामा बिन लादेन की हत्या की अधिकारिक रुप से घोषणा की।
रोचक तथ्य –
- ओसामा बिन लादेन के पिता मुहम्महद बिन अवद बिन लादेन एक निर्माण व्यपारी था एवं वे सऊदी के शाही परिवार के बहुत करीबी मित्र थे। साल 1967 में, सऊदी अरब में एक हवाई जहाज हादसे में उनके पिता की मौत हो गई थी।
- आतंकवादी ओसामा बिन लादेन सुत्री मुस्लिम समुदाय से थे। उन्हें बचपन में ”यंग लॉयन” कहा जाता था।
- ओसामा बिन लादेन के बारे में सबसे दिलचस्प तथ्य यह है कि वे एक पढे-लिखे आतंकी थी जिनके पास कई डिग्रियां थी, यही नहीं उनकी धार्मिक अध्ध्यन करने में भी रुचि थी।
- ओसामा बिन लादेन जी के बारे में यह भी कहा जाता है कि वे पश्चिमी विचारधारा को बिल्कुल भी पसंद नहीं करते थे। लादेन को साम्यवाद, समाजवाद, लोकतंत्र, समलैंगिकता, जुआ, नशे की लत आदि सम्मिलत हैं।
- ओबामा 24 बच्चों का पिता था, उसने करीब 10 शादियां की थी। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक आतंकी ओसामा बिन लादेन नहीं चाहता था कि उसके बच्चे आतंकवादी बनें।
- साल 1978 में जब सोवियत संघ ने अफगानिस्तान पर धावा बोला था, उस दौरान ओसामा बिन लादेन मुजाहिदीन के साथ मिल गया था। वहीं इसी दौरान उसकी सोच बदल गई थी।
- लादेन का सोचना यह था कि सऊदी अरब के शासकों ने अमेरिकी सेना को सऊदी की जमीन पर आने की इजाजत दी है। इसी से क्रोधित होकर ओसामा बिन लादेन ने अमेरिका के खिलाफ युद्ध का ऐलान किया था।
- सबसे चर्चित आंतकवादियों में से एक ओसामा बिन लादेन, साल 1979 में सोवियत संघ का विरोध करने के लिए अफगानिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान गए थे, जहां उन्होंने सोवियत संघ के खिलाफ जिहादी आंदोलन का पूर्ण समर्थन दिया। यही नहीं इस आंदोलन के दौरान उन्होंने अपने पिता की कंपनी से धन समेत अन्य जरुरतों को भी पूरा किया। यही नहीं सेंट्रल इंटेलिटेंस एजेंसी ने भी इस आंदोलन के दौरान ओसामा बिन लादेन समेत चरमपंथी इस्लामी समूहों का भी समर्थन दिया और अफगानिस्तान में सोवियत संघ से लड़ने के लिए भारी मात्रा में हथियार भेजे एवं काफी धन भेजकर भी मद्द की।
- सोवियत संघ के खिलाफ युद्ध के अलावा पश्चिमीकरण की ओर लादेन की बढ़ती नफरत की वजह से साल 1988 में अल-कायदा की स्थापना की थी। करीब 1990 के दशक में ओसामा बिन लादेन अमेरिकियों के कट्टर दुश्मन बन गए थे, जिसके चलते उन्होंने नागरिकों समेत अमेरिकियों को मारने की घोषणा भी की थी।
- आतंकवाद संगठन अलकायदा के मुखिया ओसामा बिन लादेन को मुस्लिमों के लिए संगीत बिल्कुल पसंद नहीं था, इसका उसने विरोध भी किया था।
- ओसामा बिन लादेन के कई बॉडीगार्ड थे, इसके साथ-साथ उनके पास AK-47, पीके मशीन गन, स्टिंगर मिसाइल समेत कई आधुनिक शस्त्र भी थे।
- आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को शायरी और कविताएं लिखने का काफी शौक था, उसने कई शायरी और कविताएं लिखीं थीं। इसके अलावा ओसामा बिन लादेन को वॉलीबॉल खेलना भी काफी अच्छा लगता था।
- 9/11 अमेरिकी हमले के मास्टरमाइंड ओसामा बिन लादेन को न सिर्फ कविताओं और शायरी का शौक था, बल्कि वह भांग की खेती भी करने का शौकीन था, उसने अपनी जीवन में कई सालों तक भांग की खेती की थी।
- यही नहीं ओसामा बिन लादेन एक अय्याश आतंकी थी, जिसे पोर्न मूवीज देखने का भी काफी शौक था, एबटाबाद में उसके घर से मिली हार्ड डिस्क में ढेरों डाउनलोड पोर्न मूवीज मिलीं थीं।
- 11 सितंबर, 2001 में अलकायदा के मुखिया ओसामा बिन लादेन की अगुवाई में अमेरिका में हुए आतंकी हमलों ने पूरी दुनिया को झकझोर दिया था। इन भयावह हमलों में करीब 3 हजार बेकसूर लोगों की जान चली गई थी और हजारों लोग बुरी तरह घायल हो गए थे। वहीं इस हमले के बाद ओसामा बिन लादेन अमेरिका का मोस्ट वॉन्टेड बन गया था। यही नहीं FBI ने उसे ढूढंने वाले व्यक्ति के लिए करीब 25 मिलियन डॉलर का इनाम भी रखा था।
- इसके बाद 2 मई, साल 2011 को संयुक्त राज्य अमेरिका के सदस्यों के विशेष संचालन बलों और नौसेना के जवानों ने लादेन को गोली मार दी थी और इस तरह आंतक के आंका ओसामा का अंत हो गया था।
Great way to tell the story brother….
Kam ki jankari hai
Good article
Very short article. Plz increase in that.
very nice and good job