टेक्नोलॉजी के इस युग में हम अक्सर अलग अलग इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस का आम तौर पर इस्तेमाल करते है, और इसमें कंप्यूटर, स्मार्ट फ़ोन, स्मार्ट वाच, स्मार्ट TV इत्यादि शामिल है. हम जानते है कि ये सारे जो डिवाइसेस है, वो हमारी जिंदगी बहुत ज्यादा आसान करते है, और अलग अलग तरीके से हमारी मदद करते है.
पर क्या आप जानते है कि ये डिवाइसेस चलते कैसे है? आपने ऑपरेटिंग सिस्टम, इस शब्द के बारे में सुना होगा, वैसे ऑपरेटिंग सिस्टम का योगदान होता है इन डिवाइसेस के चलने के पीछे. पर ये ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है? ये बहुत लोगो को नहीं पता होता, या बहुत लोग इसके बारे में कंफ्यूज होते है.
जानिए ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है? और इसके विभिन्न प्रकार | What is Operating System in Hindi
इस आर्टिकल में हम लोग ये समझने वाले है कि ऑपरेटिंग सिस्टम क्या होती है, और हम कोशिश करेंगे की आसान से आसान भाषा में बताये, ताकि आप बड़े आसानी के साथ समझ सके. आशा करते है कि इस आर्टिकल को पढने के बाद आप ऑपरेटिंग सिस्टम के बारे में काफी कुछ जान पाएंगे, और ये जानकारी आपको भविष्य में उपयोगी होगी.
जानिए ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है? – What is Operating System?
अब जब हम यहाँ तक आ ही गए है, तो पहला सवाल तो ये ही होगा, कि ऑपरेटिंग सिस्टम का मतलब क्या है? ये सुना तो है, पर ऐसा लगता है कि ये बहुत लोगो के सोच के बाहर है, पर ऐसा बिलकुल भी नहीं है.
देखिये ऑपरेटिंग सिस्टम कुछ ऐसा है, जो आपके कंप्यूटर, मोबाइल फ़ोन, स्मार्ट वॉच आदि को चलने में मदद करता है. इसके बारे में हम विस्तार से समझेंगे, पर आप अभी के लिए इतना समझ सकते है.
“ऑपरेटिंग सिस्टम एक ऐसा प्रोग्राम्स का सेट होता है, जो यूजर को हार्डवेयर के साथ कम्यूनिकेट करने में मदद करता है, जिसके वजह से हम लोग काफी सारी चीज़े कर पाते है, और किसी एप्प्लिकेशन को चला पते है. इसके अलावा डिवाइस के रिसोर्सेस को मैनेज करने में भी ऑपरेटिंग सिस्टम का योगदान होता है, ताकि एप्प्स अच्छे से काम कर सके, और यूजर तक उन सर्विसेस को पोह्चाया जा सके. “
ये ऊपर दी गयी जानकारी के माध्यम से आशा है कि आप लोग समझ गए है कि ऑपरेटिंग सिस्टम क्या होती है. वैसे अब हम लोग इसके बारे में और कुछ चीज़े समझने वाले है, पर शुरुवाती तौर पर ऑपरेटिंग सिस्टम के बारे में समझने के लिए इतना काफी है.
ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकार – Types of Operating System in Hindi
अब जरा चलते है, और कुछ ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकार को समझ लेते है.
मूलतः ऑपरेटिंग सिस्टम के निम्नलिखित प्रमुख प्रकार होते है जैसे के;
- बैच ऑपरेटिंग सिस्टम (Batch Operating System)
- डिस्ट्रिब्यूटेड ऑपरेटिंग सिस्टम (Distributed Operating System)
- नेटवर्क ऑपरेटिंग सिस्टम (Network Operating System)
- टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम (Time Sharing Operating System)
- मल्टी प्रोसेसर ऑपरेटिंग सिस्टम (Multi Processor Operating System)
- रिअल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम (Real Time Operating System)
- मल्टी प्रोग्रामिंग बैच ऑपरेटिंग सिस्टम (Multi Programming Batch Operating System)
जैसा कि आप देख सकते है, ऑपरेटिंग सिस्टम के कुछ प्रकार ऊपर दिए गए है. वैसे जब हम ऑपरेटिंग सिस्टम को बेसिक में समझ रहे है, तो इस केस में ऑपरेटिंग सिस्टम के हर प्रकार हो समझना थोडा स्कोप के बहार हो जाता है, पर आप चाहे तो और भी सर्च कर सकते है, पर आगे चलके इस पर थोड़ी बात करेंगे. आप इस टेबल के जरिये ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकारों के बारे में और जान सकते है.
प्रकार | डिस्क्रिप्शन | उदाहरण |
---|---|---|
सिंगल यूजर | एक यूजर द्वारा पर्सनल इस्तेमाल के लिए डिज़ाइन किया गया है | माइक्रोसॉफ्ट विंडोज, macOS |
मल्टी – यूजर | एक साथ कई यूजर के लिए | लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम |
रियल टाइम | जब रियल टाइम में टास्क करने की जरूरत होती है | QNX, VxWorks |
नेटवर्क ऑपरेटिंग सिस्टम | नेटवर्क को ध्यान में रखते हुए | नोवेल नेटवेयर, विंडोज सर्वर |
एम्बेडेड | विशिष्ट उपकरणों और एप्प्लिकेशन के लिए तैयार किया गया | एंड्रॉइड, आईओएस(iOS) (मोबाइल उपकरणों के लिए) |
ऑपरेटिंग सिस्टम के उदाहरण
अब हम लोग बात करने वाले है ऑपरेटिंग सिस्टम के कुछ उदाहरण के बारे में, जिनसे आपको समझने में भी आसानी होगी, और बहुत संभावना है कि आप इनमे से कुछ को जानते है, या इनका इस्तेमाल भी करते है. आइये कुछ उदाहरण देख लेते है –
- माइक्रोसॉफ्ट विंडोज (Microsoft Windows – 8, 8.1, 10, 11)
- एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम (Android OS – जो हम मोबाइल में अक्सर इस्तेमाल करते है)
- एप्पल आई.ओ.एस (Apple iOS – जो एप्पल के iPhone में इस्तेमाल होती है)
- लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम (Linux OS)
- मैक ओ.एस (MacOS – जो हमे एप्पल के मैकबुक में देखने मिलती है)
- Chrome OS(जो हमे अधिकतर क्रोमबुक में देखने मिलती है)
विभिन्न प्रकार के ऑपरेटिंग सिस्टम – Types of Operating System
जैसा कि हमने पहले बोला था, कुछ ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकार जो ऊपर बताये गए है, उनके बारे में हम थोड़ी बहुत बात कर लेते है, और फिर आप अगर इनके बारे में और जानना चाहते है, तो आप सर्च कर सकते है, और उसमे डीप जा सकते है.
1. लीनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम (Linux Operating System): अगर आप कंप्यूटर का बहुत इस्तेमाल करते है, तो सम्भावना है कि आपने लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम का नाम सुना होगा, या फिर इसका इस्तेमाल भी किया. ये एक ओपन सोर्स ऑपरेटिंग सिस्टम है, जिसपर आधारित कई ऑपरेटिंग सिस्टम आपको मिल जाएंगी, जैसे Ubuntu, Fedora, Debian, या फिर CentOS.
वैसे लिनक्स बेस्ड ऑपरेटिंग सिस्टम का ज्यादातर इस्तेमाल सर्वर में, या एक अल्टरनेटिव ऑपरेटिंग सिस्टम के तौर पर किया जाता है.
2. विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम (Windows Operating System): दुनियाभर में माइक्रोसॉफ्ट की विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम खूब मशहूर है, और सबसे अधिक कंप्यूटर पर विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम ही मौजूद है. बहुत सम्भावना है कि आपके पास जो कंप्यूटर है, उसमे विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम का ही कोई वर्जन है.
विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम में आपको Windows 8, Windows 10, Windows 11 जैसे ऑपरेटिंग सिस्टम देखने मिल जायेंगे, और ख़ास कर विंडोज ११ को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
3. रिअल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम (Real Time Operating System): रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम, इसका नाम ही इसका बहुत हद तक मतलब बता देता है. वैसे देखा जाए तो ये ऑपरेटिंग सिस्टम को इस्तेमाल किया जाता है रियल टाइम एप्प्लिकेशन के लिए, जहा पर टाइम को बहुत ही सीरियसली लिया जाता है, जिसमे सेकंद की देरी की भी गुंजाईश नही होती.
इसके उदाहरण के तौर पर आप समझ सकते है – FreeRTOS, VxWorks आदि.
4. बैच ऑपरेटिंग सिस्टम (Batch Operating System): पहले के दिनो में कंप्यूटर उतने एडवांस नहीं थे जितने आज है, तो उस वजह से, तब बैच ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल होता था, जिसमे प्रोग्राम्स को, या टास्कस को बैच में प्रोसेस और एक्सीक्यूट किया जाता था.
5. टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम (Time Sharing Operating System): जैसा शायद इसके नाम पर से समझमें आ रहा होगा, टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम एक ऐसी ऑपरेटिंग सिस्टम होती है, जिसके जरिये बहुत सारे यूजर एक साथ एक कंप्यूटर पर काम कर सके. इसके जरिये रिसोर्सेस को उन यूजर में बराबर बाट दिया जाता है, ताकि ये रिसोर्सेस का इफेक्टिव तरीके से इस्तेमाल हो सके, और सब यूजर को सिस्टम का अच्छा हिस्सा युस करने के लिए मिले.
6. युनिक्स ऑपरेटिंग सिस्टम (Unix Operating System): इस ऑपरेटिंग सिस्टम को एक प्रोजेक्ट के तौर पर १९६० के दशक मे केन थॉम्पसन और डेनिस रिची द्वारा शुरू किया गया था जिसका निर्माण और परीक्षण ए.टी एंड टी बेल लैबोरेटरी मे किया गया था। बादमे इसको साल १९७१ मे असेंब्ली लैंग्वेज के साथ नये वर्जन के साथ प्रोजेक्ट के रूप मे प्रारंभ किया गया जिसका नाम युनिक्स रखा गया। आप इस यूनिक्स ऑपरेटिंग सिस्टम के बारे में और भी जानकारी प्राप्त कर सकते है.
ऑपरेटिंग सिस्टम के कार्य – Operating System Functions in Hindi
अब जरा हम लोग कुछ ऐसे कामो को समझ लेते है, जो ऑपरेटिंग सिस्टम द्वारा हैंडल किये जाते है. पहले आप समझ लीजिये कि ऑपरेटिंग सिस्टम एक जनरल टर्म के तौर पर यहाँ इस्तेमाल हो रही है. ऑपरेटिंग सिस्टम के टाइप के हिसाब से थोडा बहुत फर्क आपको देखने मिल सकता है, पर कुछ जनरल कामो के बारे में हम लोग यहाँ बात कर लेते है.
प्रोसेसर मैनेजमेंट (Processor Management): एक वक्त पर जब कई सारे प्रोग्राम उपयोग मे होते है तो यहा ऑपरेटिंग सिस्टम तय करता है के किस प्रक्रिया को प्रोसेसर मिलेगा और इसका कुल समय कितना होगा। ट्राफिक कंट्रोलर वो कार्य होता है जो ऑपरेटिंग सिस्टम के अंतर्गत आता है, जिस से ऑपरेटिंग सिस्टम हर समय चेक करता रहता है के प्रोसेसर क्या काम कर रहा है या फिर कुछ कर रहा है या नही। इस तरह से एक काम खत्म होने के बाद दुसरे काम को करने के लिये प्रोसेसर का तयार करवाने का कार्य भी ऑपरेटिंग सिस्टम द्वारा किया जाता है।
2. मैमोरी मैनेजमेंट (Memory Management): मेमोरी मैनेजमेंट का टास्क भी ऑपरेटिंग सिस्टम के अंतर्गत आता है. अब आप इसको ऐसा समझिये कि टास्कस को करने के लिए मेमोरी की जरूरत पड़ती है, और सारे टास्कस के लिए वो मेमोरी अल्लोकेट करने का काम ऑपरेटिंग सिस्टम द्वारा किया जाता है.
3. सिक्युरिटी (Security): ऑपरेटिंग सिस्टम की मदद से अलग अलग प्रोग्राम्स रन होते है, और उनमे कुछ ऐसे भी प्रोग्राम्स शामिल हो सकते है, जो आपके कंप्यूटर को, या डाटा को हानि पोहचा सकते है. ऐसे अनाधिकृत प्रोग्राम्स को रन होने देने से रोकने का काम भी ऑपरेटिंग सिस्टम कर देता है.
इससे हम निश्चित रह सकते है, कि हमारा डाटा और हमारा सिस्टम सुरक्षित है.
4. डिवाइस मैनेजमेंट (Device Management): हम अक्सर जब कंप्यूटर का इस्तेमाल करते है, तो इसके साथ कई सारे डिवाइस कनेक्टेड हो सकते है, जैसे कि प्रिंटर, स्कैनर, माउस, कीबोर्ड इत्यादि, और ये डिवाइसेस को हैंडल करना, और चलाना, ये काम ऑपरेटिंग सिस्टम द्वारा किया जाता है.
5. फाईल मैनेजमेंट (File Management): हमारे पास कई सारी फाइल्स होती है, और उन फाइल्स पर नजर रखने का काम ऑपरेटिंग सिस्टम द्वारा किया जाता है, जैसे कैसे और कहा फाइल्स को स्टोर किया जा रहा है, उन्हें कैसे इस्तेमाल किया जा रहा है, और ये भी देखता है, कि हमारी फाइल्स सेफ है या नहीं?
इस तरह अब तक आपने ऑपरेटिंग सिस्टम के बारे मे काफी महत्वपूर्ण जानकारी को पढा जिसमे इस से जुडे कुछ अलग अलग प्रकारो की भी हमने आपको जानकारी दी। हम आशा करते है दी गई जानकारी से आप काफी संतुष्ट हुये होगे तथा आपको भविष्य मे इसका जरूर लाभ होगा। इसके अलावा आप ऑपरेटिंग सिस्टम के बारे में और समझने में इच्छुक होंगे तो आप और सर्च कर सकते है, या फिर कोई सवाल हो तो वो कमेंट बॉक्स में पूछ सकते है.
हमसे जुडे रहने के लिये धन्यवाद।….
इस विषय पर अधिकतर बार पुछे गये सवाल – Questions about Operating System
जवाब: विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम, MacOS, लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम इत्यादी।
जवाब: एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम (Android OS), एप्पल iOS (Apple iOS)।
जवाब: बैच ऑपरेटिंग सिस्टम, नेटवर्क ऑपरेटिंग सिस्टम, मल्टी प्रोग्रामिंग ऑपरेटिंग सिस्टम, रिअल टाइम शेअरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम, टाइम शेअरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम इत्यादी।