Om Parvat
अक्सर भगवान के अस्तित्व को लेकर लोगों के मन में अलग – अलग तरह की धारणा सामने आती है। कुछ लोग मानते है कि हम सब धरती आकाश सब भगवान के बनाए हुए है तो कुछ लोग भगवान के अस्तित्व को लेकर प्रश्न चिह्न लगाते है ऐसा इसलिए क्योंकि भगवान को किसी ने नहीं देखा। जिस वजह से बहुत सारे लोग इसे केवल मानव की कल्पना कहते है लेकिन ये तो हम सभी जानते है कि इतिहास में और वर्तमान में बहुत से ऐसे प्रमाण मौजूद है जो भगवान के होने की ओर इशारा करते है इन्हीं में से एक ओम पर्वत (Om Parvat) भी है।
हिंदु धर्म में ओम शब्द का बहुत महत्व है इसका उच्चारण करने से मनुष्य की ध्यान शक्ति बढ़ती है साथ ही चिंता और परेशानियां भी दूर होती है और मोक्ष की प्राप्ति भी होती है। ओर दिलचस्प बात ये है कि ओम के महत्व को अब विज्ञान भी मानने लग गया है। ओम का संबंध हिंदु धर्म के सबसे पूजन्य देवता भगवान शिव से है। इसलिए उत्तराखंड में स्थित ओम पर्वत अक्सर इस ओर इशारा करता है कि लोगों की भगवान में आस्था गलत नहीं है। लेकिन क्या है ओम पर्वत का इतिहास और क्यों ये लोगों के लिए इतना खास है चलिए आपको बताते है।
जानिए उस पर्वत के बारेमें जहाँ बर्फ गिरने पर ऊँ नजर आता हैं – Om Parvat
विश्व की सबसे बड़ी पर्वत श्रृंखला हिमालय के पहाड़ो में से ही एक ओम पर्वत (Om Parvat) भी है जिसकी ऊंचाई 6191 मीटर है। इस पर्वत पर ओम का आकार बना हुआ है जिस पर बर्फ गिरने पर ऊँ लिखा हुआ साफ नजर आता है। साथ ही माना जाता है कि बर्फ गिरने के दौरान पर्वत से ओम की ध्वनि उत्पन्न होती है। इस पहाड़ को छोटा कैलाश (Chota Kailash), आदि कैलाश (Adi kailash), बाबा कैलाश और जोंगलिंगकोंग के नाम से जाना जाता है। ये पर्वत भारत के उत्तराखंड में धरचूला के पास तिब्बत और नेपाल की सीमा के पास स्थित है। लेकिन इस पर्वत से ओम का मुख भारत की तरफ है। और भारत के उत्तराखंड राज्य के कुछ स्थानों से ओम पर्वत का ये अद्भुत सौंदर्य साफ नजर आता है।
ओम पर्वत से जुड़ी अद्भुत और रहस्यमय बातें – Facts about Om Parvat
हिंदु समुदाय की पौराणिक कथाओँ के अनुसार हिमालय में कुल 8 जगहें है जहां पर ओम आकृति बनती है लेकिन उनमें से केवल एक पर्वत की खोज अबतक हो पाई है।
ओम पर्वत को लेकर माना जाता है कि इस पर्वत पर बर्फ गिरने पर ये ओम की ध्वनि उत्पन्न करता है।
भगवान शिव का निवास स्थान कैलाश पर्वत को माना जाता है लेकिन ये बहुत कम लोग जानते है कि पूरी दुनिया में कुल 3 कैलाश है जिसमें से पहला कैलाश मानसरोवर है जो चीन के तिब्बत में स्थित है दूसरा उत्तराखंड में आदि कैलाश यानी ओम पर्वत है और तीसरा किन्नौर कैलाश है जो हिमाचल प्रदेश में स्थित है।
ओम पर्वत पर ट्रक करके जाया जा सकता है लेकिन ओम पर्वत (Om Parvat) के धार्मिक महत्व को देखते हुए पर्वतरोही ओम पर्वत की चोटी से कुछ मील दूर से ही वापस लौटकर आ जाते है।
ओम पर्वत पर सबसे पहली बार ब्रिटिश और भारतीय पर्वतरोहियों का संयुक्त दल गया था। लेकिन मौसम खराबी की वजह से 660 मीटर से ही वापस लौट आया।
इसके बाद 2008 में पर्वतरोहियों का एक दल ओम पर्वत पर गया था और पर्वत की आर्थिक महत्तव को समझते हुए कुछ मीटर दूर से वापस लौट आया।
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You are right is post Ko Dekhkar man mein Bhagwan ke liye aur Jyada Prem aur Vishwas badh gaya hai
sach me chamatkar hai ye.. dikhta bhi OM hai aur sunai bhi OM deta hai.. thanks for this amazing fact..
इस पोस्ट को पढ़ने को लिए बहुत-बहुत शुक्रिया आपका। भारत कई चमत्कारिक और रहस्यमयी शक्तियों से भरा पड़ा है। वहीं इस तरह की चमत्कारिक शक्तियों से लाखों लोगों को आस्था भी जुड़ी हुई है यह वाकई अद्भुद है।