जानते हैं महान भौतिक वैज्ञानिक सर आइजक “न्यूटन के नियम”

Newton Law in Hindi

आइजक न्यूटन एक महान वैज्ञानिक होने के साथ-साथ एक विद्धन्त गणितज्ञ, प्रख्यात दार्शनिक एवं अनुभवी ज्योतिष भी थे, जिन्होंने भौतिक विज्ञान में गुरुत्वार्षण और गति के सिद्धांतों की महान खोज की।

उनकी इन खोजो ने भौतिक विज्ञान के सभी आयामों को पूरी तरह बदलकर रख दिया। आपको बता दें कि यह बताने वाले महान वैज्ञानिक न्यूटन ने ही थे कि पृथ्वी सूर्य के चारों तरफ गोल नहीं बल्कि अंडाकार घूमती है।

ऐसा माना जाता है कि न्यूटन ने पेड़ से गिरते सेब को देखकर गुरुत्वार्षण के महान सिद्धांत की खोज की थी। इसी तरह उन्होंने काफी शोध करने के बाद अपनी बुद्दि, विवेक का इस्तेमाल करते हुए गति के तीनों नियमों की खोज की थी।

इसके अलावा न्यूटन ने कई धार्मिक और ऐतिहासिक किताबें भी लिखीं। तो आइए इस आर्टिकल में जानते हैं महान भौतिकविद् न्यूटन के गति के तीनों नियमों के बारे में –

जानते हैं महान भौतिक वैज्ञानिक सर आइजक न्यूटन के नियम – Newton Law in Hindi

Newton Law in Hindi

न्यूटन के गति के नियम – Newton ke Niyam

महान भौतिक वैज्ञानिक सर आइज़क न्यूटन (Sir Isaac Newton) के नियम किसी भी वस्तु पर लगने वाले बल और उस बल के कारण वस्तु की गति में हुए बदलाव के बीच के संबध की बेहद तर्कपूर्ण तरीके से व्याख्या करते हैं।

न्यूटन का पहला नियम या जड़त्व का नियम – Newton’s First Law or Law of Inertia in Hindi

महान वैज्ञानिक न्यूटन के गति के पहले नियम के मुताबिक अगर कोई वस्तु स्थिर अवस्था अर्थात विराम अवस्था में हैं तो वो तब तक स्थिर अवस्था में ही रहेगी।

जब तक कि उस वस्तु पर किसी भी तरह का बाहरी बल लगाकर उसे गतिशील नहीं किया जाए और अगर कोई वस्तु (object) अपनी गतिशील अवस्था में है तो वह तब तक एक सीधी रेखा में गतिशील रहेगी, जब तक कि उसमें कोई बाहरी बल लगाकर उसकी अवस्था में परिवर्तन नहीं किया जाए।

न्यूटन के पहले नियम को जड़त्व का नियम (Law of Inertia) भी कहा जाता है।

न्यूटन का पहला गति के नियम की उदाहरण समेत व्याख्या – Gati ke Samikaran

न्यूटन के पहले गति के नियम को अगर उदाहण के तौर पर समझें तो,

उदाहरण नंबर 1-

महान वैज्ञानिक न्यूटन के पहले गति के नियम को इस उदाहरण से समझा जा सकता है कि जब तक स्थिर पेड़ को हिलाया न जाए, अर्थात उसमें कोई बाहरी बल नहीं लगाया जाए तब तक उसके फल नीचे नहीं गिरते है, अर्थात पेड़ को हिलाने से उसकी अवस्था में परिवर्तन कर ही फल, पेड़ से टूटकर नीचे गिरते हैं।

उदाहरण नंबर 2-

इसके अलावा जैसे कि हम सभी जानते हैं कि, जब भी कोई रुकी हुई कार अचानक चलती है तो उसमें बैठी सवारी इसमें बल लगने के कारण पीछे की तरफ झुक जाती हैं।

उदाहरण नंबर 3-

वहीं उदाहरण नंबर एक के ठीक विपरीत जब कोई चलती हुई कार अचानक से रुक जाती है तो उसमें बैठी सवारी आगे की तरफ झुक जाते हैं।

दरअसल, जब हम किसी गाड़ी में सफर कर रहे होते हैं तो, गतिशील कार के अनुसार हमारा शरीर भी गति की अवस्था में रहता है और जब कार में अचानक से ब्रेक लगाया जाता है तो, कार के साथ उसकी सीट भी फिर से विराम अवस्था में ही आ जाती है, लेकिन हमारा शरीर जड़त्व के कारण गतिशील अवस्था में ही बना रहना चाहता हैं।

इसलिए, चलती हुई कार में अचानक से ब्रेक लगने पर हमारा शरीर आगे की तरफ तेजी से झुक जाता है।

न्यूटन के गति का दूसरा नियम या संवेग का नियम – Newton’s Second Law or Law of Momentum in Hindi

न्यूटन के गति के दूसरे नियम के मुताबिक किसी भी वस्तु के संवेग परिवर्तन की दर उस पर लगाए गए बल के समानुपाती (Proportional) होती है, इसके साथ ही संवेग परिवर्तन की दिशा भी वही होती है जो कि बल की दिशा होती है।

वहीं अगर न्यूटन के गति के दूसरे नियम को अगर दूसरे शब्दों में समझें तो किसी भी वस्तु (object) पर लगाया गया बल (Force) उस वस्तु के द्रव्यमान (mass) और उसमें उत्पन्न त्वरण(acceleration) के गुणनफल के समानुपाती होता है।

अर्थात इसका सूत्र – Newton’s Second Law Formula

बल=द्रव्यमान*त्वरण

F =ma

न्यूटन के गति के दूसरे नियम का उदाहरण – Newton’s Second Law Example

न्यूटन के गति के दूसरे नियम को उदाहरण के तौर पर समझें तो किक्रेट खेलते समय जब खिलाड़ी तेजी से आ रही गेंद को कैच करता है तो वो अपने हाथों को पीछे की तरफ खींच लेता है, ताकि गेंद के वेग को कम किया जा सके एवं उसे चोट नहीं लगे।

उदाहरण –

क्रिकेट खिलाड़ी तेजी से आती हुई गेंद को केंच करते समय अपने हाथों को गेंद के वेग को कम करने के लिए पीछे की ओर खीच लेता है। ताकि उसको चोट न लगे!

दरअसल, तेज घूमती हुई बॉल में संवेग(Momentum) बहुत ज्यादा होता है, जिसकी वजह से गेंद में काफी बल होता है। गेंद पकड़कर हाथ पीछे खींचने से बॉल में संवेग परिवर्तन की दर बेहद कम हो जाती है। जिसकी वजह से स्पीड से आ रही बॉल का प्रभाव हाथ पर कम पड़ता है एवं खिलाड़ी को चोट नहीं लगती है।

न्यूटन का तीसरा नियम – Newton’s Third Law

न्यूटन के तीसरे नियम के मुताबिक ”हर क्रिया के बराबर और इसके विपरीत दिशा में प्रितिक्रिया होती है’, इसलिए न्यूटन के तीसरे गति के नियम को क्रिया-प्रितिक्रिया का नियम भी कहा जाता है।

अर्थात इस नियम के मुताबिक जब एक वस्तु किसी दूसरे वस्तु पर बल लगाता है तो उसी समय दूसरी वस्तु भी पहली वस्तु पर वापस बल लगाती है, जिनके बल के परिमाण तो बराबर होते हैं, लेकिन दिशा एक-दूसरे के विपरीत होती हैं।

यहां पर पहली वस्तु द्धारा लगाया गया बल क्रिया बल है, जबकि दूसरी वस्तु द्धारा पहली वस्तु पर लगाया गया बल प्रितिक्रिया बल है। वहीं क्रिया और प्रितिक्रिया बल दोनों अलग-अलग वस्तुओं पर लगाए जाते हैं, जिसकी वजह से दोनों बल एक-दूसरे के बराबर और विपरीत होने पर भी एक-दूसरे के प्रभाव को खत्म नहीं करते हैं।

न्यूटन के गति के तीसरे नियम के उदाहरण – Newton’s Third Law Examples

उदाहरण नंबर 1-

न्यूटन के गति के तीसरे नियम का यह उदाहरण काफी प्रचलित है कि जब कोई बंदूकचालक अपनी बंदूक से गोली चलाता है तो इसका धक्का पीछे की तरफ लगता है।

अगर बंदूकचालक उस समय बंदूक ठीक से नहीं पकड़े तो प्रितिक्रिया बल के कारण उसकी कलाई भी टूट सकती है।

दरअसल, बंदूक के द्धारा गोली पर एक क्रिया बल लगता है, जिससे गोली तेजी से आगे बढ़ती है और यह जितने बल से आगे बढ़ती है बंदूक पर भी ठीक उसी समय विपरीत दिशा में उतना ही प्रितिक्रिया बल लगता है, जिसकी वजह से बंदूकचालक को तेजी से पीछे की तरफ झटका लगता है।

उदाहरण नंबर 2-

इसी तरह न्यूटन के तीसरे नियम को इस उदाहरण से भी समझा जा सकता है कि जब कोई व्यक्ति कुंए से पानी से भरी बाल्टी को ऊपर खींचता है और तब अगर अचानक से रस्सी टूट जाती है तो रस्सी खींचने वाला व्यक्ति पीछे की तरफ गिर जाता है।

दरअसल, जब व्यक्ति कुंए से भरी बाल्टी को खींच रहा होता है तो, व्यक्ति द्धारा रस्सी पर पानी की बाल्टी के वजन के बराबर परिमाण का क्रिया बल रस्सी पर लगता है एवं पानी से भरी बाल्टी के वजन की वजह से रस्सी में उत्पन्न बल प्रितिक्रिया बल का काम करता है, जिससे जब अचानक से रस्सी टूटती है तो प्रितिक्रिया बल का प्रभाव खत्म हो जाता है, जिससे व्यक्ति पीछे की तरफ गिर जाता है।

उदाहरण नंबर 3-

महान भौतिक वैज्ञानिक न्यूटन के गति के तीसरे नियम को रॉकेट के उड़ान भरने के उदाहरण से भी बेहद आसानी से समझ सकते हैं। दरअसल, जब रॉकेट में उड़ान भरी जाती है, तब उसमें उत्पन्न ज्वलनशील गैसे बेहद तेज स्पीड से बाहर निकलती हैं, जो कि एक क्रिया बल उत्पन्न करती है,जिसके प्रितिक्रिया के फलस्वरुप रॉकेट आगे की तरफ गति करता है।

न्यूटन के गति यह तीनों नियम भौतिक विज्ञान में बेहद महत्पूर्ण हैं। न्यूटन के यह नियम और इन पर आधारित प्रश्न अक्सर परीक्षा में पूछे जाते हैं, इसलिए इन नियमों को ध्यान से पढ़ें एवं किसी भी तरह का संदेह होने पर नीचे कमेंट बॉक्स पर लिखकर पूछ सकते हैं।

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