नरेन्द्र मोदी की जीवनी

नरेन्द्र दामोदरदास मोदी, भारतीय राजनीति का वो चेहरा हैं, जिन्होंने महज कुछ सालों में ही देश की राजनीति की परिभाषा ही बदल दी है। उनकी सटीक रणनीति के सामने ना सिर्फ विपक्ष ताश के पत्तों की तरह बिखर गया, बल्कि वो दुनिया में एक ग्लोबल लीडर के तौर पर पहचान बनाने में भी कामयाब साबित हुए हैं। यही वजह है कि आवाम को मोदी जी में एक नायक की झलक दिखती है।

मोदी सिर्फ एक ऐसे राजनेता हैं, जिन्हें विदेशों में भी सम्मान मिलता है। विश्वबिरादरी में मोदी जी अपने रिश्ते बराबरी के रखते हैं और दोस्ती भी बराबरी के रखते हैं और तभी तो आज दुनिया मोदी के कूटनीति की कायल है। मोदी जी बेशक आसमान की बुलंदियों को छू चुके हैं, लेकिन इनकी निगाहें हमेशा ही जमीन पर टिकी रहती है।

मोदी जी का हर कदम समाज के निचले पायदान पर रह रहे गरीब तबके की जिंदगी में खुशहाली लाना रहा है। चाहे केन्द्र सरकार की उज्जवला योजना हो, या बेटी बचाओ- बेटी पढाओ या फिर सुकन्या समृद्धि योजना, इन सभी योजनाओं का उद्देश्य ग्रामीण इलाके में महिलाओं और लड़कियों के जीवन स्तर को सुधारना है।

मोदी जी का हर कदम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के दिखाए रास्ते पर चल कर एक बेहतर भारत बनना है। तो आइए जानते हैं भारत के इस सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली  राजनेता नरेंद्र दामोदर दास मोदी के बारे में –

भारत की सियासत में एक नया अध्याय लिखने वाले – नरेन्द्र दामोदर दास मोदी की जीवनी – Narendra Modi Biography in Hindi

Narendra Modi

पूरा नाम (Name) नरेंद्र दामोदरदास मोदी
जन्म (Birthday) 17 सितंबर 1950 में वडनगर, गुजरात
पिता (Father Name) दामोदरदास मूलचंद मोदी
माता (Mother Name) हीराबेन मोदी
विवाह (Wife Name) जसोदा बेन चिमनलाल मोदी,शिक्षिका

(वे अपनी पत्नी के साथ नहीं रहते, शादी के बाद आपसी रजामंदी से एक साथ नहीं रहे और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में शामिल हो गए)

शिक्षा (Education) पॉलिटिकल साइंस में बीए एवं एमए

बचपन –

भारत के सबसे सशक्त और प्रभावशाली राजनेताओं में शुमार नरेन्द्र मोदी जी 17 सितंबर 1950 को गुजरात के महसाना जिले के एक छोटे से कस्बे वडनगर के एक गरीब परिवार में पैदा हुए थे। पहले वडनगर बॉम्बे स्टेट में आता था। नरेन्द्र मोदी जी के माता-पिता का नाम हीराबेन और दामोदरदास मूलचंद मोदी हैं।

उन्हें बचपन में नरिया कहकर संबोधित किया जाता था। नरेन्द्र मोदी जी के पिता चाय बेचकर किसी तरह अपने परिवार का गुजार-बसर करते थे। वहीं अपने घर की दयनीय हालत को देखते हुए नरेन्द्र मोदी जी ने भी अपने पिता और भाइयों के साथ रेलवे स्टेशन पर चाय बेचकर अपना पेट भरा।

वहीं बचपन में तमाम कठिनाइयां और कई संघर्ष झेलने के बाद भी मोदी जी कभी निराश नहीं हुए और एक महापुरुष की तरह अपने फौलादी इरादों के साथ अपने कर्तव्यपथ पर आगे बढ़ते रहे, यही वजह है कि आज वे दुनिया के सबसे शक्तिशाली लोगों में गिने जाने लगे हैं और देश के प्रधानमंत्री बन अपने सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

शादी के कुछ साल बाद ही अपनाय संयासी जीवन, किया घर का त्याग –

आर्थिक रुप से कमजोर मोध-घांची परिवार में जन्में नरेन्द्र मोदी जी अपने माता-पिता की तीसरे बेटे हैं। कम उम्र में ही उनका जशोदाबेन के साथ विवाह कर दिया गया, नरेन्द्र मोदी जी उसी समय हाई स्कूल से स्नातक हुए थे, इसलिए उन्होंने अपने इस विवाह को अस्वीकार किया।

दरअसल, कुछ सालों बाद मोदी जी ने अपने घर का त्याग कर दिया और ज्ञान प्राप्ति के लिए भारत के अलग-अलग हिस्सों में घूमें। जशोदा बेन पहले सरकारी स्कूल में टीचर के रुप में पढ़ाती थी, जो कि अब रिटायर हो चुकी हैं। वहीं कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक मोदी जी की शादी जरूर हुई थी, लेकिन शादी के बाद वे दोनों कभी एक साथ नहीं रहे।

आर्थिक तंगी की वजह से नहीं हो सका सैनिक स्कूल में पढ़ने का सपना पूरा –

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी बचपन से ही बेहद होश्यार और आसाधारण प्रतिभा वाले व्यक्ति हैं, जिन्हें बचपन से ही पढ़ने-लिखने का बेहद शौक है। वे शुरु से ही स्वामी विवेकानंद जी को अपना आदर्श मानते हैं और उनके द्धारा बताए गए मार्ग पर चलते हैं।

नरेन्द्र मोदी जी के अंदर शुरु से ही देश भक्ति का गुण समाहित था, इसलिए वे आर्मी स्कूल में पढ़ाई कर इंडियन आर्मी में भर्ती होना चाहते थे, इसके लिए उन्होंने काफी कोशिश भी की थी, लेकिन परिवार की माली हालत अच्छी नहीं होने की वजह से उनका आर्मी स्कूल में एडमिशन लेने का सपना महज एक सपना ही रह गया। फिलहाल, नरेन्द्र मोदी जी ने गुजरात के वडनगर से अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी की थी।

उनके वाककौशल की तारीफ शुरु से ही की जाती है। मोदी जी शुरुआत से ही अपनी वाक कला से हर किसी का ध्यान अपनी तरफ आर्कषित करने में माहिर हैं।

आपको बता दें कि मोदी जी ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से पॉलीटिकल साइंस में बी.ए. का कोर्स पूरा किया और फिर साल 1980 में उन्होंने उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए अहमदाबाद में गुजरात के विश्वविद्यालय से पॉलिटिकल साइंस से ही अपनी एम.ए की पढ़ाई पूरी की।

राजनीतिक करियर की शुरुआत –

नरेन्द्र मोदी जी के अंदर शुरु से ही राष्ट्र प्रेम और देशभक्ति की भावना समाहित थी, इसलिए वे अपनी कॉलेज की पढ़ाई खत्म करने के बाद एक प्रचारक के रुप में हिन्दू राष्ट्रवादी राजनीतिक दल राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) से जुड़ गए। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश के अलग-अलग प्रांतों में संघ की महत्पूर्ण जिम्मेदारियां निभाईं।

साल 1975-1977 में जब पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में इमरजेंसी का ऐलान कर दिया था, उस दौरान RSS पर भी बैन लगा दिया गया था। तब नरेन्द्र मोदी जी को गिरफ्तारी से बचने के लिए अपना वेश बदलकर यात्रा करनी पड़ती थी। नरेन्द्र मोदी जी ने उस समय देश में इमरजेंसी लागू करने का काफी विरोध भी किया था।

इसके बाद स्वयं सेवक संघ द्धारा उन्हें भारतीय जनता पार्टी में सम्मिलत होने के लिए भी भेजा गया।

सियासी सफर –

साल 1987 में नरेन्द्र मोदी जी ने बीजेपी में शामिल होने के बाद पार्टी का जानाधार मजबूर करने के लिए अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके साथ ही बीजेपी को अपनी कुशल रणनीति द्धारा सफलता की नई ऊंचाईयों पर पहुंचाया और बाद में वे बीजेपी पार्टी से ही चुनाव लड़ खुद देश के प्रधानमंत्री के पद पर सुशोभित हुए।

बीजेपी में शामिल होने के बाद पहली बार मोदी जी ने अहमदाबाद में हुए निगम चुनाव में बीजेपी के अभियान को तेज करने में अपनी सक्रिय भागीदारी निभाई, जिसमें बीजेपी की जीत हुई। इस दौरान मोदी जी ने अपनी कुशल रणनीति का इस्तेमाल कर छोटे सरकारी, उद्योगों आदि के निजीकरण को बढ़ावा दिया। इसके बाद  साल 1988 में पार्टी ने मोदी जी के कौशल शक्ति का अंदाजा लगाते हुए उन्हें गुजरात ब्रांच के आयोजक सचिव के पद पर नियुक्त कर दिया।

साल 1990 में मोदी जी ने  बीजेपी के दिग्गज नेता लाल कृष्ण आडवाणी जी की अयोध्या रथ यात्रा के संचालन में अपने राजनीतिक कौशल का इस्तेमाल कर अपनी सक्रिय भागीदारी निभाई और गठबंधन कर सरकार बनाई। वहीं यहीं से उन्होंने पार्टी का ध्यान अपनी तरफ आर्कषित किया।

इस दौरान बीजेपी को मोदी जी की अद्भुत कार्य क्षमता का एहसास हो गया था। इसके बाद साल 1991-1992 में जब बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी की एकता यात्रा निकाली गई, उस दौरान नरेन्द्र मोदी जी ने पार्टी की स्थिति को मजबूती प्रदान करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था। और इसके बाद मोदी जी का पार्टी में महत्व बढ़ता ही गया। साल 1995 में गुजारत में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी 121 सीट हासिल कर सत्ता में काबिज हुई।

इस दौरान शंकर लाल वाघेला और मोदी के बीच आपसी मतभेद की वजह से शंकर लाल वाघेला ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद गुजरात के केशु भाई पटेल को गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया गया, जबकि नरेन्द्र मोदी को हिमाचल प्रदेश और हरियाणा में पार्टी की गतिविधियों को संभालने के लिए राष्ट्रीय सचिव के रुप में नियुक्त किया गया। वहीं नरेन्द्र मोदी जी ने अपनी इस नई जिम्मेदारी को पूरी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के साथ निभाने लिए नई दिल्ली की तरफ रुख किया और यहां पर भी उन्होंने अपनी कुशल रणनीतिक कार्यक्षमता से हर किसी को प्रभावित किया।

इसके बाद साल 1998 में मोदी जी को पार्टी का महासचिव नियुक्त किया गया। इस पद पर रहते हुए भी मोदी जी ने अपनी जिम्मेदारी बेहद अच्छे तरीके से निभाई, इस दौरान उन्होंने कई अलग-अलग राज्यों में पार्टी संगठन को मजबूत करने का काम किया।

गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर –

साल 2001 में जब गुजरात की मुख्यमंत्री के रुप में गुजरात की कमान केशुभाई पटेल संभाल रहे थे, उस दौरान केशुभाई का स्वास्थ्य खराब रहने लगा था, जिसका असर प्रदेश में हुए चुनाव पर पड़ा। वहीं इस चुनाव में  पार्टी के कमजोर संचालन की वजह से, बीजेपी को प्रदेश में कई विधानसभा सीटों से हाथ धोना पड़ा था।

जिसके बाद गुजरात में बीजेपी की स्थिति को मजबूत बनाने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने बीजेपी के मुख्यमंत्री पद के लिए नरेन्द्र मोदी के रुप में एक नए और सशक्त उम्मीदवार का चयन किया और फिर मोदी जी को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी।

हालांकि, उस दौरान मोदी जी को सियासत का उतना अनुभव नहीं था, जिसकी वजह से बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी जी एवं स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जी उन्हें उप-मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपने पर विचार कर रही थी और मोदी जी को पूर्ण रुप से सीएम पद की जिम्मेदारी नहीं सौंपना चाहती थी। लेकिन मोदी जी ने उप-मुख्यमंत्री बनने के लिए यह कहकर साफ मना कर दिया था कि अगर वे गुजरात की जिम्मेदारी संभालेंगे तो पूर्ण रुप से संभालेंगे अथवा वे गुजरात की सत्ता पर इस तरह शासन नहीं करेंगे।

वहीं 7 अक्टूबर साल 2001 में नरेन्द्र मोदी जी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रुप में पहली बार शपथ ली। इसके बाद उनके सितारे लगातार बुलंदियों को छूते चले गए और उन्होंने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। नरेन्द्र मोदी जी ने पहली बार राजकोट के दूसरे निर्वाचन क्षेत्र  के लिए चुनाव लड़ा और इस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार अश्विन मेहता को 14 हजार, 728 वोटों से परास्त किया और फिर वे गुजरात के मुख्यमंत्री के पद पर सुशोभित हुए।

और इस पद पर रहते हुए उन्होंने गुजरात में अभूतपूर्व विकास करवाया और वे जनता का भरोसा जीतने में कामयाब होते चले गए। हालांकि, उपचुनाव जीतने के महज कुछ दिन बाद ही मोदी जी का नाम साल 2002 में गुजरात में हुए गोधरा कांड (Godhra Kand) से जोड़ा गया। उन पर गुजरात में सांप्रदायिक दंगे भड़काने के आरोप लगाए गए।

जिसके बाद विपक्षी दलों और कांग्रेस के दबाब के चलते मोदी जी को गुजरात के सीएम पद से इस्तीफा भी देना पड़ा था। जिस कारण गुजरात के सीएम के रुप में उनका पहला कार्यकाल सिर्फ कुछ दिनों तक ही रहा था। वहीं इसके बाद जब जांच कमेटी द्धारा इस मामले में मोदी पर लगे सारे आरोपों को निराधार बताया गया और उन्हें इस मामले में कोर्ट द्धारा ग्रीन सिग्नल दे दिया गया, तब एक बार फिर से नरेन्द्र मोदी को उनके गृहराज्य गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया गया।

अपने इस कार्यकाल के दौरान नरेन्द्र मोदी जी ने गुजरात की तस्वीर भी बदल दी, गुजरात को एक ड्रीम स्टेट बनाने के लिए उन्होंने तमाम प्रयास किए और जन-जन तक सभी सुविधाएं पहुंचाने के मकसद से कई विकास के काम किए। इस दौरान न सिर्फ उन्होंने गांव-गांव में बिजली पहुंचाई और प्रदेश के टूरिज्म को एक नई दिशा दी, बल्कि पानी की किल्लत से जूझ रहे प्रदेश के लोगों की समस्या को पूरी तरह हल कर दिया। वहीं पहली बार भारत के किसी राज्य की सभी नदियों को एक साथ जोड़ा गया था।

मोदी जी ने इस दौरान गुजरात में टेक्नोलॉजी और वित्तीय पार्क्स का भी निर्माण किया था। यही नहीं गुजरात में अपने सीएम के दूसरे कार्यकाल के दौरान मोदी जी ने वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन में गुजरात में अरबों रुपए के रियल स्टेट निवेश सौदे पर भी हस्ताक्षर किए। वहीं साल 2007 में, वह गुजरात के राजनीतिक इतिहास में सबसे लंबे समय तक सेवा प्रदान करने वाले पहले मुख्यमंत्री बने।

गुजरात में नरेन्द्र जी द्धारा किए गए विकास कामों के बल पर वे प्रदेश की जनता की नजरों में चढ़ गए और उनके सबसे चहेते मुख्यमंत्री के तौर पर उभरे। साल 2007 में हुए गुजरात विधानसभा चुनाव में नरेन्द्र मोदी जी ने फिर से जीत हासिल कर, लगातार तीसरी बार गुजरात के सीएम का पद संभाला। मोदी जी ने सीएम के अपने तीसरे कार्यकाल के दौरान प्रदेश के आर्थिक विकास और निजीकरण पर भी खासा जोर दिया। इस दौरान राज्य में कृषि क्षेत्र की स्थिति में भी अभूतपूर्व सुधार आया।

यही नहीं गुजरात में महाद्धीप के सबसे बड़े सोलर सिस्टम का निर्माण किया गया। इस तरह गुजरात हर मामले में भारत के अन्य राज्यों की तुलना में काफी विकासशील राज्य बन गया। इसके अलावा मोदी जी ने गुजरात में शांति और सद्भाव के माहौल को अधिक मजबूत बनाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में साल 2011-2012 में सद्भावना/गुडविल मिशन की शुरुआत की थी।

इसके बाद साल 2012 में गुजरात में हुए विधानसभा चुनाव में नरेंद्र दामोदर दास मोदी ने 182 सीटें हासिल कर ऐतिहासिक जीत दर्ज की और वे लगातार चौथी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर आसीन हुए। इस तरह नरेन्द्र मोदी ने अपने इस कार्यकाल में भी एक आदर्श सीएम के रुप में प्रदेश में विकास के हर पहलू पर बारीकी से ध्यान दिया और कठिन दौर से जूझ रहे गुजरात को दुनिया का दूसरा सर्वश्रेष्ठ एवं आईडियल राज्य बनाया और अपनी पहचान एक सक्षम शासक के रूप में विकसित की।

मुख्यमंत्री से प्रधानमंत्री बनने तक का रोचक सफर –

साल 2014 के चुनाव में पहली बार बीजेपी को मिला पूर्ण बहुमत: गुजरात में लगातार 4 बार मुख्यमंत्री बनने के बाद नरेन्द्र मोदी का जादू लोगों में सिर चढ़कर बोल रहा था, वहीं उनकी लोकप्रियता को देखते हुए बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने नरेन्द्र मोदी को पार्टी के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी और वे इस तरह साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रुप दिखाई दिए।

हालांकि इस दौरान लाल कृष्ण आडवाणी समेत पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने मोदी जी की पीएम उम्मीदवारी के लिए असहमति जताई थी, लेकिन मोदी जी ने उस दौरान वडोदरा और वाराणसी की दोनों सीटों पर जीत हासिल कर एक बार फिर साबित कर दिया कि वे पीएम पद की उम्मीदवारी के लिए एक अच्छे कैंडिडेट हैं।

इसके बाद मोदी जी ने देश की जनता से जुड़े तमाम मुद्दों को लेकर 15 सितंबर 2013 से पूरे देश में अपनी रैलियां शुरु की। इस दौरान उन्होंने पूरे देश में करीब 437 चुनावी रैलियां की, इन रैलियों के माध्यम से मोदी ने देश के लोगों को कई आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों को लेकर जागरूक किया और जमीनी स्तर पर जनता से जुड़ी परेशानियों को जानने की कोशिश की। इसके साथ ही मोदी जी ने इस दौरान समस्त देशवासियों के अंदर एक नई चेतना पैदा की।

इस बीच मोदी जी सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय रहे और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की मद्द से अपनी बात जनता के सामने रखी। साल 2014 के लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान मोदी जी द्धारा शुरु किया प्रोग्राम ”चाय पर चर्चा” (Chai par Charcha) भी काफी लोकप्रिय रहा। इस प्रोग्राम के माध्यम से मोदी जी ने जन-जन तक अपनी पहुंच बनाने में और जनता की समस्याओं को करीब से जानने में कामयाबी हासिल की।

इसके बाद मानो पूरे देश में मोदी लहर आ गई हो, लोगों को मोदी के विचारों और रणनीतियों ने इतना अधिक प्रभावित किया कि लोगों ने उन्हें भारी मतों से विजयी बनाया। साल 2014 के आम चुनावों में बीजेपी ने 534 सीटों में से 282 सीटों प्राप्त कर ऐतिहासिक जीत दर्ज की। इस तरह नरेन्द्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री के रुप में एक नए चेहरे बन गए।

देश के प्रधानमंत्री के रुप में –

साल 2014 के आम चुनाव में अपनी कुशल रणनीति  से पार्टी को ऐतिहासिक जीत दिलवाने के बाद नरेन्द्र मोदी जी ने 26 मई, साल 2014 में भारत के 15वें प्रधानमंत्री के रुप में  गोपनीयता की शपथ ली। अपने प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी नरेन्द्र मोदी जी ने बखूबी निभाई।

इस दौरान उन्होंने न सिर्फ देश की आर्थिकी को मजबूत बनाया बल्कि देश से गरीबी, बेरोजगारी, भ्रष्ट्चार को दूर करने के भी सराहनीय प्रयास किए। मोदी जी ने महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों, व्यापारियों, किसानों, युवा आदि सभी वर्गों के हित को ध्यान में रखते हुए तमाम योजनाएं लॉन्च की।

भारत में स्वच्छता अभियान चलाकर लोगों को साफ-सफाई के प्रति जागरुक किया। पीएम पद की जिम्मेदारी संभालने के बाद नरेन्द्र मोदी जी ने एक के बाद एक विदेश दौरे कर भारत के रिश्ते अन्य देशों से मजबूत करने के प्रयास किए साथ ही विदेशी व्यवसायों को भारत में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया। शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, परिवहन, सड़कें, मनोरंजन आदि के क्षेत्र में मोदी जी ने कई काम किए।

इसके अलावा मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को जागरूक किया। अपनी सकारात्मक सोच और विकासशील कार्यों से उन्होंने लोगों के दिल में एक चहेते प्रधानमंत्री के रुप में अपनी छवि बना ली और इसका परिणाम उन्हें साल 2019 के चुनाव में भी मिला।

साल 2019 के आम चुनावों में प्रचंड जीत दर्ज कर दूसरी बार बने प्रधानमंत्री –

एक सक्षम और सशक्त प्रधानमंत्री के रुप में अपनी छवि बनाने वाले नरेन्द्र मोदी जी ने साल 2019 में हुए आम चुनाव में फिर से पीएम पद की उम्मीदवारी के साथ चुनाव लड़ा और इस चुनाव में भी उनका जादू सिर चढ़कर बोला। 542 सीटों में से 353 सीटों पर जीत दर्ज कर उन्होंने 70 साल पुरानी कांग्रेस पार्टी के चारों खाने चित्त कर दिए और अपनी रणनीति से 2019 के चुनाव में भी एक इतिहास रच दिया।

और इस तरह हिंदुस्तान को नरेन्द्र मोदी के रुप में प्रधानमंत्री नहीं बल्कि प्रधानसेवक मिल गया। इस तरह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक बार फिर आवाम के भरोसे को जीत कर दूसरी बार पीएम का पद हासिल किया, और वे लगातार देश की जनता के विकास के लिए कार्यरत हैं।

एक ग्लोबल लीडर के रूप में –

मोदी जी ने अपनी दमदार विदेश नीति के तहत ताबड़ तोड़ विदेश दौरे कर विश्वपटल पर हिन्दुस्तान की एक अलग पहचान बनाई है, जिसकी वजह से आज हिन्दुस्तान विश्व बिरादरी के साथ कदम से कदम मिला कर चल रहा है। मोदी जी की कुशल रणनीति और कूटनीति का ही नतीजा है, जिन देशों को भारत पहले फूटी आंखों भी नहीं सुहाता था, आज वही देश दोस्ती का हाथ बढ़ाने के लिए मजबूर हैं।

नरेन्द्र मोदी ने ब्रिक्स, सार्क, संयुक्त राष्ट्र और जी-20 शिखर सम्मेलनों में हिस्सा लिया औऱ जहां उन्होंने भारत को एक मजबूत राष्ट्र के रुप में पेश किया। इसके बाद मोदी जी की दूरगामी सोच और जबरदस्त विचारों की खूब सराहना भी की गई। वहीं मोदी जी की जापान यात्रा के बाद भारत-जापान के रिश्तों को मजबूती मिली।

इसके अलावा नरेन्द्र मोदी जी मंगोलिया की यात्रा करने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री हैं। इसके साथ ही पीएम मोदी की चीन और दक्षिण कोरिया की यात्राएं भी भारत में निवेश लाने की दृष्टि से काफी सफल साबित हुईं।

सराहनीय काम –

  • भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए देश में नोटबंदी लागू की:

इसके  तहत मोदी जी ने 500 एवं 1000 के पुराने नोट बंद कर उनकी जगह पर 2000 और 500 के नए नोट जारी किए।

  • गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST):

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में लगाए जाने वाले सभी अलग-अलग टैक्स को एक साथ शामिल कर  जीएसटी टैक्स लागू किया।

  • उरी हमले के साथ सर्जिकल स्ट्राइक कर पाकिस्तान की उड़ाई नींद:

नरेन्द्र मोदी जी ने साल 2016 में हुए उरी हमले के बाद सजिर्कल स्ट्राइक करने का ऐतिहासिक फैसला लेकर पाकिस्तान को करारा जवाब दिया।

  • पुलवामा हमले के बाद एयर स्ट्राइक करने का ऐतिहासिक फैसला:

फरवरी, 2019 में पुलवामा हमले में कई भारतीय सैनिकों के शहीद होने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए देश के सभी सुरक्षा बलों को किसी भी तरह के एक्शन लेने की छूट देने का ऐलान किया था, जिसके बाद वायुसेना द्धारा एयरस्ट्राइक की गई थी।

  • गुजरात में स्टेच्यू ऑफ स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का निर्माण:

भारत के लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के स्मारक के रुप में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (Statue of Unity) का निर्माण करवाया गया। यह गुजरात राज्य के अहमदाबाद से 200 किमी दूर नर्मदा के सरदार सरोवर डैम के पास बनाई गई है, इसकी आधारशिला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रखी थी।

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, अन्य स्मारकों की तरह मूक स्मारक नहीं है बल्कि यह सामाजिक-आर्थिक विकास को बेहतर कनेक्टिविटी देने के साथ-साथ स्वास्थ्य और शिक्षा के बुनियादी ढांचे पर ध्यान देगी एवं कृषि विकास के लिए अनुसंधान केंद्र के रूप में भी विकसित करेगी।

  • अंतराष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत:

योग को प्राथमिकता देने और इसके प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से नरेन्द्र मोदी ने हर साल 21 जून को अंतराष्ट्रीय योग दिवस (International Day of Yoga) भी मनाने की शुरुआत की। पहली बार अंतराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून, साल 2015 को मनाया गया था।

  • राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का निर्माण:

नई दिल्ली में सशस्त्र बलों को सम्मानित करने के लिए राष्ट्रीय युद्ध स्मारक (National War Memorial) का निर्माण किया गया। जिसका शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्धारा किया गया था।

  • भारत में बुलेट ट्रेन लाने की योजना:

भारत में साल 2022 और 2023 तक बुलेट ट्रेन को शुरु किया जाएगा, इसको लेकर भारत सरकार के रेल मंत्री पीयूष गोयल ने घोषणा भी की थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यह मुख्य योजनाओं में से एक है। इसके अलावा भी नरेन्द्र मोदी जी ने कई मुख्य कार्य किए हैं। जिससे देश के विकास को बल मिला है।

मोदी जी द्धारा शुरु की गईं योजनाएं –

इसके अलावा भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने कई अन्य योजनाओं की शुरुआत की, जिसका फायदा देश के हर तबके को पहुंच रहा है।

रोचक तथ्य –

  • मोदी जी स्वामी विवेकानंद जी के अनुयायी हैं।
  • प्रधानमंत्री मोदी जी ने अब तक के अपने कार्यकाल में, अपने किसी भी रिश्तेदार के साथ अपना सरकारी निवास शेयर नहीं किया है।वे अकेले ही इस पर निवास करते हैं।
  • नरेन्द्र मोदी जी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के अपने 13 साल के कार्यकाल के दौरान एक दिन की भी छुट्टी नहीं ली थी।
  • ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम, गूगल प्लस, साउंड क्लाउड, लिंक्डइन, वीबो आदि अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने वाले नरेंद्र मोदी, भारत के सर्वाधिक सक्रिय राजनेताओं में से एक हैं।
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी इंडियन ट्रेडिशनल ड्रेसेस बहुत पसंद हैं, वे स्टाइल आइकॉन के रुप में भी जाने जाते हैं।

उपलब्धियां –

  • साल 2005 में मोदी जी को भारत के विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी विभाग द्धारा एलिटेक्स पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
  • साल 2007 में मोदी जी को इंडिया टुडे मैगजीन द्धारा देश के सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री  के रुप में सम्मानित किया गया।
  • साल 2009 में मोदी जी को FDI मैग्जीन द्धारा पर्सनालिटी ऑफ द ईयर पुरस्कार से नवाजा गया।
  • साल 2014 में फोर्ब्स की लिस्ट में मोदी जी का नाम विश्व के सबसे शक्तिशाली लोगों में 15वें स्थान पर रहा।
  • साल 2014 में ही टाइम पत्रिका द्धारा नरेन्द्र मोदी को 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की लिस्ट में शामिल किया गया।
  • साल 2014, 2015 एवं 2017 में टाइम मैग्जीन के द्धारा मोदी जी को दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों में शामिल किया गया।
  • फोर्ब्स मैग्जीन में साल 2015, 2016, 2018 में भी मोदी जी को दुनिया के 9 सबसे शक्तिशाली लोगों में शामिल किया गया।
  • सितंबर 2018 में मोदी जी को यूनाइटेड नेशन का सर्वोच्च पर्यावरण सम्मान चैंपियंस ऑफ अर्थ अवॉर्ड से नवाजा गया।
  • 24 अक्टूबर, 2018 में अंतराष्ट्रीय सहयोग और ग्लोबल आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए मोदी जी को  सीओल शांति पुरस्कार से नवाजा गया।
  • साल 2018 में मोदी जी को भारत और फिलीस्तीन के बीच रिश्तों को मजबूत करने के लिए सर्वोच्च फिलीस्तीनी सम्मान ”फिलिस्तीनी राज्य के ग्रेंड कॉलर” से सम्मानित किया गया।
  • 22 फरवरी साल 2019 में मोदी जी को प्रतिष्ठित सीओल शांति पुरस्कार 2018 से नवाजा गया।
  • इसके अलवा दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना शुरु करने के लिए मोदी जी का नाम नॉबेल शांति पुरस्कार के लिए भी नामांकित किया गया।

फिल्म ‘नमो’ –

नरेन्द्र मोदी जी पर बनी फिल्म ‘नमो’ को 24 मई साल 2019 में रिलीज किया गया है। इस फिल्म में अभिनेता विवेक ओबेरॉय, नरेन्द्र मोदी जी के किरदार में नजर आए हैं। इस फिल्म का निर्देशन उमंग कुमार द्धारा किया गया है।

मोदी जी द्धारा लिखी गईं किताबें –

  • प्रेमतीर्थ
  • ज्योतिपुंज
  • सामाजिक समरसता
  • केल्वे ते केलावणी
  • साक्षीभाव
  • एबोड ऑफ लव

मशहूर किताबें –

  • मोदी: मेकिंग ऑफ अ प्राइम मिनिस्टर: लीडरशिप, गर्वनेंस एंड परफॉरमेंस
  • सेंटरस्टेज इनसाइड द नरेन्द्र मोदी मॉडल ऑफ गर्वनेंस
  • नरेन्द्र मोदी – अ पॉलिटिकल बायोग्राफी
  • द मैन ऑफ द मोमेंट: नरेन्द्र मोदी
  • द नमो स्टोरी-अ पॉलिटिकल लाइफ
  • नरेन्द्र मोदी: द गेमचेंजर

वाकई भारत की राजनीति में मोदी अपने कुशल नेतृत्व से  देशवाशियों के नजर में हीरो नं. 1 बने हुए है…उनके उज्जवल भविष्य के लिए ज्ञानी पंडित की पूरी टीम कामना करती है।

“दिल्ली के तख्त तक पहुंचने के लिए, आवाम के दिलों में उतरना पड़ता है, कोई यूं ही नहीं बन जाता युग पुरूष, सालों कर्म योगी बनकर तपना पड़ता है।।”

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