महेंद्र सिंह धोनी जीवनी

भारत में क्रिकेट कितना लोकप्रिय है ये बात सभी जानते है। और पिछले एक दशक में जिस क्रिकेटर को भारत सहित दुनियाभर से सबसे ज्यादा प्यार मिला वो है महेंद्र सिंह धोनी। आज महेंद्र सिंह धोनी को अच्छे किक्रेटर के रूप में कौन नहीं जानता है।

वे एम एस धोनी के नाम से मशहूर हैं उन्होनें क्रिकेट जगत में भारत का नाम रोशन किया है। महेंद्र सिंह धोनी भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान है। और मौजूदा समय में भारतीय क्रिकेट टीम में एक खिलाड़ी के तौर पर सक्रिय है। छोटे से शहर से निकलकर एक महान क्रिकेटर का खिताब जीतने वाले एमएस धोनी ने अपने जीवन में बहुत संघर्ष किया और काफी संघर्षों के बाद आज वे इस मुकाम पर पहुंचे और दुनिया के सामने उन्होनें अपनी एक अलग पहचान बनाई है।

महेंद्र सिंह धोनी को उनके फैंस उनके खेल के साथ साथ उनके व्यवहार की वजह से भी बहुत पसंद करते है शायद यही वजह है कि 37 साल के धोनी आज भी जब मैदान पर उतरते है तो पूरा स्टेडियम खड़ा होकर धोनी – धोनी से उनका उत्साह बढ़ाने लगता है।

महेंद्र सिंह धोनी जीवनी – MS Dhoni Biography in Hindi

MS Dhoni

एक नज़र में –

पूरा नाम (Name) महेन्द्र सिंह धोनी
जन्म (Born) 7 जुलाई 1981
जन्मस्थान (Birthplace) रांची, बिहार, भारत
उपनाम (Nickname) माही
ऊंचाई (Height) 5 फीट 9 इंच (1.75 मीटर)
पिता (Father) पान सिंह
माता (Mother) देवकी देवी
जीवनसाथी (Wife) साक्षी धोनी
बच्चे (Children) जीवा

जीवन की कहानी –

शुरुआत में महेंद्र सिंह धोनी के लिए ये सफर इतना आसान नहीं था लेकिन उनके क्रिक्रेट के प्रति सच्ची भावना और कड़ी मेहनत के बल पर उन्होनें ये सफलता हासिल की है और आज वे भारत के दिग्गज क्रिक्रेटरों की लिस्ट में शामिल हो गए यहां तक की भारतीय क्रिक्रेट टीम में उन्होनें अपनी कप्तानी से कई लोगों का दिल जीत लिया और टीम को अच्छा गाइडेंस भी दिया।

आपको बता दें कि महेंद्र सिंह धोनी ने अपने स्कूल टाइम से क्रिकेट खेलना शुरु कर दिया था लेकिन इंडियन टीम का हिस्सा बनने में उन्हें कई साल लग गए। लेकिन जब महेंद्र सिंह धोनी को हमारे देश की तरफ से खेलने का मौका मिला, तो इन्होनें इस मौके का बखूबी इस्तेमाल किया और धीरे-धीरे खुद को क्रिकेट की दुनिया में स्थापित कर लिया।

यही नहीं महेंद्र सिंह धोनी की गिनती अब भारत के सर्वश्रेष्ठ किक्रेटरों में की जाती है जिन्होनें सीमित ओवरों में भी भारतीय टीम की अच्छा नेतृत्व किया। महेंद्र सिंह धोनी ने 11 सितंबर 2007 से 4 जनवरी 2017 तक भारतीय क्रिक्रेट टीम में कप्तानी निभाई और 2008 से 28 दिसंबर 2014 तक टेस्ट क्रिक्रेट टीम में कप्तान रहे।

साहसी और रोमांचक व्यवहार और यूनीक हेयरस्टाइल वाले महेंद्र सिंह धोनी भारत के एक लोकप्रिय क्रिकेटर और मार्केटिंग आइकन भी बन चुके हैं।

महेंद्र सिंह धोनी एक सफल आक्रामक दाएं हाथ के बल्लेबाज और विकेटकीपर हैं जिन्हें अपनी प्रतिभा पर थोड़ा भी घमंड नहीं हैं इसलिए वे भारत में चहेते क्रिकेटर भी हैं।

महेंद्र सिंह धोनी उन कप्तानों में से एक हैं जिन्होनें जूनियर और इंडिया ए क्रिकेट टीमों के रैंकिंग में राष्ट्रीय टीम का प्रतिनिधित्व किया है। मिस्टर धोनी एक रोल-मॉडल और पिन-अप स्टार भी हैं।

एमएस धोनी ने भारतीय ओडीआई टीम को साल 2011 में दूसरी विश्व कप जीताने के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। जिसकी वजह से उन्हें काफी तारीफ भी मिली थी और वे भारत के सबसे अच्छे खिलाड़ी बन गए।

महेंद्र सिंह धोनी ने 23 दिसंबर, 2004 को बांग्लादेश के खिलाफ भारतीय ओडीआई टीम के लिए अपना पहला मैच खेला इसके बाद उन्होनें साल 2007 से 2016 तक भारतीय ओडीआई टीम के लिए कप्तानी निभाई और अपनी कप्तानी से अपनी प्रतिभा को साबित किया।

भारतीय क्रिक्रेटर महेंद्र सिंह धोनीने 2 दिसंबर 2005 को श्रीलंका के खिलाफ एक टेस्ट प्लेयर के रूप में पहला मैच खेला था और 2008 से 2014 तक टेस्ट क्रिकेट में टीम का नेतृत्व किया। महेन्द्र सिंह अपनी आक्रामक खेल शैली के लिए जाना जाता है।

महेंद्र सिंह धोनी भारत के सफल कप्तानों में से एक जिन्होनें टीम का अच्छा नेतृत्व किया और कई मैच जीतने में सफलता दिलवाई। इसके साथ ही उनकी कप्तानी के भी कई रिकॉर्ड भी हैं। उनकी कप्तानी की खास बात यह रही कि 2009 में भारतीय टीम उनकी कुशल कप्तानी में नंबर एक टीम बन गई।

2007 आईसीसी वर्ल्ड 20- 20 और 2013 आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के दौरान भी महेंद्र सिंह धोनी ने भारतीय किक्रेट टीम का नेतृत्व किया था। आईपीएल मैच में भी उनकी उपलब्धियां अक्सर अपने अंतरराष्ट्रीय रिकॉर्ड से ढकी हुई हैं, उन्होंने अपनी आईपीएल टीम चेन्नई सुपर किंग्स की मदद से 2010 और 2011 में दो बार आईपीएल जीता।

बचपन और शुरुआती जीवन –

महेंद्र सिंह धोनी का जन्म 7 जुलाई 1981 को रांची, बिहार (जो कि अब झारखंड में शामिल हो गया है) में हुआ था, वे मूल रूप से उत्तराखंड के राजपूत परिवार के थे। उनके पिता, पान सिंह, मेकॉन (स्टील मंत्रालय के तहत एक सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम) के रिटायर्ड कर्मचारी हैं, उन्होंने जूनियर प्रबंधन पदों में भी काम किया है। उनकी मां देवकी देवी एक हाउस वाइफ हैं।

महेंद्र सिंह धोनी के एक बड़े भाई नरेंद्र सिंह धोनी और एक बड़ी बहन जयंती गुप्ता हैं। उनके भाई एक राजनेता है, जबकि उनकी बहन एक अंग्रेजी शिक्षक है।

उन्होंने झारखंड के रांची में श्यामाली में स्थित डीएवी जवाहर विद्या मंदिर स्कूल से अपनी पढ़ाई की। वे एक एथलेटिक छात्र थे, लेकिन शुरुआत में बैडमिंटन और फुटबॉल के खेल में उनकी ज्यादा रूचि थी। वह अपनी स्कूली फुटबॉल टीम के अच्छे गोलकीपर भी थे।

यह अच्छा  मौका था जब उनके फुटबॉल कोच ने उन्हें स्थानीय क्लब की क्रिकेट टीम के विकेटकीपर के रूप में भेजा दिया। महेंद्र सिंह धोनी ने अपने बेहतरीन प्रदर्शन के साथ सबको आर्कषित किया और 1995 से 1998 के दौरान कमांडो क्रिकेट क्लब टीम में नियमित विकेटकीपर के रूप में स्थायी स्थान हासिल किया।

महेंद्र सिंह धोनी शुरुआत से ही बेहतरीन प्रदर्शन करते रहे और 1 997-98 के दौरान उन्हें  विनो मांकड ट्रॉफी अंडर -16 चैम्पियनशिप टीम के लिए चुना गया। उन्होंने 10 वीं क्लास के बाद ही क्रिकेट को गंभीरता से लेना शुरु कर दिया था।

लेकिन क्रिकेट के लिए इस दिग्गज क्रिक्रेटर को अपनी पढ़ाई से समझौता करना पड़ा था इसलिए उन्होनें 12 वीं के बाद अपनी पढ़ाई छोड़ दी।

शुरुआती करियर –

1998 में भारत के महान किक्रेटर सिर्फ स्कूल और क्लब स्तर क्रिकेट में ही खेल रहे थे तभी उन्हें केन्द्रीय कोयला फील्ड लिमिटेड टीम में खेलने के लिए चुना गया। इस दौरान उन्होनें बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व राष्ट्रपति देवल सहाय को अपनी सच्चे दृढ़संकल्प, मेहनत और अपने बेहतरीन प्रदर्शन से बेहद प्रभावित किया। जिसके बाद उन्होनें प्रथम श्रेणी क्रिक्रेट में खेलने के मौके दिए।

1998-99 सीज़न के दौरान, वह इसे पूर्वी जोन यू -19 टीम या बाकी भारतीय टीम बनाने में नाकाम रहे, लेकिन अगले सीजन में उन्हें सीके नायडू ट्रॉफी के लिए पूर्वी जोन यू -19 टीम के लिए चुना गया था।

दुर्भाग्य से इस बार धोनी की टीम ने अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई नतीजतन उनकी टीम नीचले स्तर पर आ गई।

रणजी ट्रॉफी की शुरुआत –

महेंद्र सिंह धोनीने 1999 -2000 सीज़न के दौरान उन्हें रणजी ट्रॉफी में खेलने का अवसर मिला। यह रणजी ट्रॉफी मैच बिहार की तरफ से असम क्रिक्रेट टीम के खिलाफ खेला गया था। इस मैच की दूसरी पारी ने महेंद्र सिंह धोनी ने नाबाद 68 रन बनाये।

उन्होनें अगली सीजन में बंगाल के खिलाफ मैच खेला था जिसमें उन्होनें शतक मारा था लेकिन फिर भी उनकी टीम ये मैच हार गई थी। आपको बता दें कि इस ट्रॉफी के इस सत्र में इन्होनें कुल 5 मैचों में 283 रन बनाए थे। इस ट्रॉफी के बाद धोनी ने अन्य और घरेलू मैच भी खेले थे।

धोनी के बेहतरीन प्रदर्शन के बाबजूद भी  इनका चयन ईस्ट जॉन सेलेक्टर की तरफ से नहीं किया गया था जिसकी वजह से धोनी ने खेल से दूरी बना ली और नौकरी करने का फैसला लिया।

20 साल की उम्र में, उन्हें खेल कोटा के माध्यम से खड़गपुर रेलवे स्टेशन पर ट्रेवलिंग टिकट परीक्षक (टीटीई) के पद पर नौकरी मिल गई और वे पश्चिम बंगाल के मिदनापुर चले गए।

उन्होंने 2001 से 2003 तक रेलवे कर्मचारी के रूप में काम किया। क्योंकि धोनी का मन तो बचपन से ही खेलों में था इसलिए वे ज्यादा दिन तक नौकरी नहीं कर सके।

दुलीप ट्रॉफी में चयन के बाद भी नहीं खेल सके मैच:

साल 2001 में  महेंद्र सिंह धोनी का पूर्वी क्षेत्र के लिए दुलीप ट्रॉफी खेलने के लिए चयन हुआ। लेकिन इसकी जानकारी बिहार क्रिकेट एसोसिएशन धोनी को समय पर नहीं दे सका क्योंकि वह उस समय पश्चिम बंगाल के मिदनापुर में थे।

धोनी को इस ट्रॉफी की जानकारी तब हुई जब उनकी टीम पहले ही अगरताला पहुंची चुकी थी ये मैच अगरताला में ही खेला जाना था। हालांकि महेंद्र सिंह धोनी के एक दोस्त ने कोलकाता एयरपोर्ट से फ्लाइट पकड़ने के लिए एक कार का इंतजाम करवाया लेकिन आधे रास्तें में ही कार खराब हो गई। जिसके बाद इस मैच ने दीपदास गुप्ता ने विकेटकीपर बनकर मैच खेला।

देवधर ट्रॉफी टूर्नामेंट –

साल 2002-03 के सत्र के दौरान, महेंद्र सिंह धोनी ने रणजी ट्रॉफी और देवधर ट्रॉफी में अच्छा प्रदर्शन करना जारी रखा, जिससे उन्हें क्रिकेट के क्षेत्र में पहचान मिली। आपको बता दें कि 2003 में जमशेदपुर में प्रतिभा संसाधन विकास विंग के हुए मैच में खेलते हुए महेंद्र सिंह धोनी को पूर्व कप्तान प्रकाश पोद्दार ने देखा ता जिसके बाद उन्होनें धोनी के खेल की जानकारी राष्ट्रीय किक्रेट अकादमी को दी और इस तरह धोनी का चयन बिहार अंडर-19 टीम में हो गया था।

पूर्वी जोन टीम की तरफ से, उन्होंने 2003-2004 सीजन में देवधर ट्रॉफी के टूर्नामेंट में भी हिस्सा लिया था और धोनी पूर्वी जोन टीम का हिस्सा थे। इस दौरान धोनी ने ये मैच जीता और देवधर ट्रॉफी अपने नाम की।

इस मैच में उन्होंने एक और शतक बनाया। इस सीजन में धोनी ने कुल 4 मैच खेले थे जिसमें उन्होनें 244 रन बनाए थे।

2003-04 सीजन के दौरान उन्हें जिम्बाब्वे और केन्या के दौरे के लिए ‘इंडिया ए टीम’ के लिए चुना गया था। इंडिया ए टीम’ की तरफ से धोनी ने पहला मैच जिम्बाब्वे इलेवन के खिलाफ विकेट कीपर के तौर पर पर खेला और मैच के दौरान 7 कैच लगाए और स्टंपिंग की।

महेन्द्र सिंह धोनी ने अपनी टीम की ‘पाकिस्तान ए’ टीम बैक टू बैक हराने में भी मद्द की। जिसमें धोनी ने अर्धशतक बनाया। इस तरह महेंद्र सिंह धोनी ने तीन देशों के साथ खेले गए मैच में अपना बेहतरीन प्रदर्शन किया जिनकी प्रतिभा को भारतीय राष्ट्रीय टीम के कप्तान सौरव गांगुली ने भी नोटिस किया।

वन डे मैच में करियर –

लगातार अपने बेहतरीन प्रदर्शन से प्रभावित करने के बाद साल 2004-2005 में महेंद्र सिंह धोनी का चयन राष्ट्रीय वन डे मैच में हुआ। महेंद्र सिंह धोनी ने अपना पहला वन डे मैच बांग्लादेश टीम के खिलाफ खेला था। लेकिन अपने पहले पहले मैच में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके और महज जीरो पर ही आउट हो गए।

लेकिन खराब प्रदर्शन के बाबजूद भी महेंद्र सिंह धोनी की किस्मत के सितारों ने उनका साथ दिया यही वजह थी की चयनकर्ताओं ने उनका चयन पाकिस्तान के साथ खेले जाने वाले अगले वन डे मैच सीरीज के लिए कर उन पर भरोसा जताया।

इस बार धोनी ने अपनी आक्रामक बल्लेबाजी से निराश नहीं होने दिया और इस मैच ने उन्होनें पूरे जोश और जज्बे के साथ पाकिस्तान के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया। इसके साथ ही वे इस मैच में 148 रन बनाकर पहले भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज भी बन गए। इस तरह उन्होनें अपनी बल्लेबाजी से अच्छे विकेटकीपर बल्लेबाज का रिकॉर्ड बनाया।

महेंद्र सिंह धोनीने इंडिया-श्रीलंका की द्धिपक्षीय श्रंखला (बाईलेटरल) के पहले दो मैचों में बल्लेबाजी करने के पर्याप्त मौके नहीं मिले फिर भी उन्हें इस सीरीज के तीसरे मैच में बल्लेबाजी के लिए आगे किया गया।

और उन्होनें इस मौके को बखूबी इस्तेमाल किया और शानदार प्रदर्शन किया। धोनी ने इस मैच में 299 लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए 145 गेंदों में नाबाद 183 रन बनाए। इसी के साथ उन्होनें इस सीरीज के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए और उनके जोरदार प्रदर्शन के लिए उन्हें मैन ऑफ द सीरीज भी बनाया गया।

2005-06 में भारत-पाकिस्तान की वन डे सीरीज में एमएस धोनी ने सीरीज के 4-5 मैचों में 68 रन, 72 रनों पर नॉट आउट (नाबाद), 2 रन (नॉट आउट), 77 (नॉट आउट) रन बनाए और अपनी टीम की 4-1 सीरीज से जीत हासिल करवाने में मद्द की।

अपने शानदार प्रदर्शन से धोनी, 20 अप्रैल 2006 को रिंकी पोंटिंग को डीथ्रोन करते हुए आईसीसी ओडीआई रैंकिंग के शीर्ष तक पहुंचे।

2007 क्रिकेट विश्व कप टूर्नामेंट से पहले वेस्टइंडीज और श्रीलंका के खिलाफ की दो सीरीज में, धोनी ने 100 ओवर के औसत के साथ शानदार प्रदर्शन दिखाया। हालांकि, मिस्टर धोनी विश्व कप के दौरान प्रदर्शन करने में नाकाम रहे और भारतीय टीम, इस टूर्नामेंट हिस्सा नहीं ले सकी।

2007 में दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड के खिलाफ दो सीरीज के लिए महेंद्र सिंह धोनी को वन डे मैच में  के उपाध्यक्ष वाइस कैप्टन अर्थात उपाध्यक्ष बनाया गया। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में भारतीय टीम का आईसीसी विश्व ट्वेंटी -20 ट्रॉफी में भी नेतृत्व किया और पाकिस्तानी टीम को हराकर ट्रॉफी जीती।

20 – 20 में अपनी सफल कप्तानी के बाद, महेंद्र सिंह धोनी को सितंबर 2007 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वन जे सीरीज में भारतीय टीम के नेतृत्व करने की जिम्मेंदारी सौंपी गई। बाद में महेंद्र सिंह धोनी ने 2011 में विश्वकप जीतने के लिए भारत का नेतृत्व किया जिसके लिए उन्हें क्रिकेट के कई दिग्गजों समेत अपने टीममेट मास्टर ब्लास्टर और महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर से भी सराहना मिली।

2009 के मैच के दौरान, भारतीय दिग्गज क्रिकेटर एमएस धोनी ने 24 पारियों में 1198 और 30 पारियों में रिकी पोंटिंग के स्कोर के बराबर रन बनाए। इसके साथ ही वे 2009 में कई महीनों के लिए आईसीसी ओडीआई बल्लेबाज रैंकिंग के शीर्ष पर भी रहे।

महेंद्र सिंह धोनीने 2011 के विश्व कप में भारत की जीत का नेतृत्व किया। श्रीलंका के खिलाफ आखिरी मैच में, उन्होंने बल्लेबाजी क्रम में खुद को बढ़ावा दिया और 91 रनों में नॉट आउट वाला  एक मैच खेला।

2013 में, महेन्द्र सिंह धोनी ने आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में जीत के लिए भारत का नेतृत्व किया और आईसीसी ट्रॉफी, यानी टेस्ट मैस, ओडीआई विश्व कप और चैंपियंस ट्रॉफी जीतने वाले एकमात्र कप्तान भी बने।

वन डे मैच में शानदार प्रदर्शन –

  • धोनी द्धारा खेले गए वन डे मैच – 318
  • कुल खेंली गईं इनिंग – 272
  • वन डे मैच में बनाए गए कुल रन – 9967
  • वन डे मैच में लगाए गए कुल चौके – 770
  • वन डे मैच में लगाए गए छक्के – 217
  • वन डे मैच में बनाए गए कुल शतक – 10
  • वन डे मैच में बनाए गए कुल दोहरे शतक – 0
  • वन डे मैच में बनाए गए कुल अर्ध शतक – 67

टेस्ट मैच करियर  –

  • 2005 में श्रीलंका के खिलाफ खेली गई सीरीज के दौरान एम एस धोनी को भारतीय टेस्ट टीम में विकेटकीपर के रूप में चुना गया था। उन्होंने अपने पहले टेस्ट मैच में 30 रन बनाए, लेकिन बारिश की वजह से ये मैच बीच में ही बंद करना पड़ा था। महेंद्र सिंह धोनीने नीचे लिखे गए मैच में अपना पहला अर्धशतक बनाया, जिससे भारत को एक बड़े स्कोर से जीतने में मदद मिली।
  • 2006 की शुरुआत में पाकिस्तान के खिलाफ खेलते हुए, महेंद्र सिंह धोनीने अपने पहली टेस्ट शतक को आक्रामक पारी में हासिल कर लिया जिसने भारत को फॉलो-ऑन से बचने में मदद की। उन्होंने अगले तीन मैचों में अपना शानदार प्रदर्शन किया, जिसमें से एक मैच मिस्टर धोनी ने पाकिस्तान के खिलाफ और दो इंग्लैंड के खिलाफ मैच खेले।
  • धोनी ने साल 2008 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई सीरीज के दौरान वाइस कैप्टन (उप-कप्तान ) के रूप में टीम में नेतृत्व किया इसके साथ ही इस सीरीज के चौथे मैच के दौरान कप्तान के तौर पर महेंद्र सिंह धोनी को नियुक्त किया गया। उससे पहले कप्तान अनिल कुंबले पिछले मैच में बुरी तरह घायल हो गए थे और उन्होनें अपने रिटायरमेंट की घोषणा कर दी थी।
  • महेंद्र सिंह धोनी ने 2009 में श्रीलंका के खिलाफ खेली गई सीरीज में अपना शानदार प्रदर्शन करते हुए दो शतक लगाए और भारतीय टीम को जीत दिलवाई। वहीं उनकी शानदार कप्तानी के तहत भारतीय टीम दिसंबर 2009 में आईसीसी टेस्ट रैंकिग में नंबर 1 टीम बन गई।
  • 2014 में क्रिकेट के अपने बेहतरीन करियर में आखिरी टेस्ट मैच ऑस्ट्रेलिया टीम के खिलाफ खेला था अपने इस टेस्ट मैच में उन्होनें 35 रन बनाए थे। ये मैच खत्म होने के बाद महेंद्र सिंह धोनी ने टेस्ट मैच से संयास ले लिया हालांकि उन्होनें अगले सालों में वन डे टेस्ट मैच खेलना जारी रखा लेकिन जनवरी 2017 में महेंद्र सिंह धोनी ने ओडीआई कप्तानी से भी संयास ले लिया। आपको बता दें कि धोनी अभी भी सीमित ओवरों में क्रिक्रेट खेल सकते हैं।

टेस्ट करियर की जानकारी

  • धोनी द्धारा खेले गए कुल टेस्ट मैच – 90
  • कुल खेली गईं इंनिंग – 144
  • टेस्ट मैच में बनाए गए कुल रन – 4876
  • टेस्ट मैच में लगाए गए कुल चौके – 544
  • टेस्ट मैच में लगाए गए कुल छक्के – 78
  • टेस्ट मैच में बनाए गई कुल शतक – 6
  • टेस्ट मैच में बनाए गए कुल दोहरे शतक – 1
  • टेस्ट मैच में बनाए गए कुल अर्ध शतक – 33

टी-20 करियर

महेंद्र सिंह धोनीने अपनी पहला टी-20 मैच दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेला था लेकिन उनके पहले टी-20 मैच में प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा आपको बता दें कि इस मैच में महेंद्र सिंह धोनी ने महज 2 गेंदों का ही सामना किया था और जीरो पर ही आउट हो गए थे हालांकि टीम इंडिया ने इस मैच को जीत लिया था।

धोनी के टी-20 मैच के करियर की जानकारी –

  • धोनी द्धारा खेले गए कुल टी-20 मैच -89
  • कुल रन – 1444
  • कुल चौके – 101
  • कुल छक्के – 46
  • कुल शतक – 0
  • कुल अर्ध शतक – 2

कप्तान के तौर पर –

  • जब महेंद्र सिंह धोनी को कप्तान बनाया गया था उससे पहले भारतीय टीम की जिम्मेदारी क्रिकेटर राहुल द्रविड़ संभाल रहे थे। वहीं जब राहुल द्रविड़ ने अपने पद को छोड़ दिया था, तो उनकी जगह भारत का अगला कप्तान धोनी को चुना गया था। आपको बता दें कि महेंद्र सिंह धोनी को कप्तान बनाने में राहुल द्रविड़ और सचिन तेंदुलकर का बहुत बड़ा हाथ था। धोनी को भारतीय टीम की कप्तानी दिलवाने के लिए राहुल द्रविड़ और सचिन तेंदुलकर ने BCCI से बात की थी जिसके बाद BCCI ने धोनी को साल 2007 में भारतीय टीम का कैप्टन बनाया था।
  • भारत के कप्तान बनने के बाद सितंबर 2007 में दक्षिण अफ्रीका में आयोजित हुए ICC विश्व टी-20 में इन्होनें भारतीय टीम को लीड किया था और इस टूर्नामेंट को जीत हासिल करवाने में मद्द की थी।
  • विश्व टी-20 कप जीतने के बाद धोनी को वन डे मैच और टेस्ट मैच की भी कप्तानी सौंप दी गई थी और धोनी ने अपनी जिम्मेदारी को सच्ची ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के साथ निभाया था।
  • धोनी की कप्तानी के तहत ही टीम इंडिया ने साल 2009 में ICC टेस्ट रैंकिंग में पहला स्थान हासिल किया था इसके साथ ही क्रिकेट के धुरंधर बल्लेबाज धोनी ने कप्तान रहते हुए कई रिकॉर्ड भी अपने नाम किए थे।
  • धोनी ने दो वर्ल्ड कप में भारत का नेतृत्व किया है और अपनी कप्तानी के तहत टीम इंडिया ने साल 2011 में विश्व कप भी जीता था। जबकि साल 2015 में हुए विश्व कप में भारत को सेमीफाइनल तक पहुंचाने में भी उपलब्धि हासिल की थी।

IPL करियर –

IPL के पहले सीजन में चेन्नई सुपर किंग्स टीम ने महेंद्र सिंह धोनी को 5 मिलियन डॉलर यानि की 10 करोड़ रुपए में खरीदा था और वे इस दौरान सबसे महंगे खिलाड़ी भी थे। आपको बता दें कि इनकी कप्तानी के तहत चेन्नई सुपर किंग्स ने इस लीग के दो सीजन जीते थे। इसके अलावा भी इन्होनें साल 2010 के 20-20 की चैंपियंस लीग में भी अपनी टीम को जीत हासिल करवाने में काफी सहयोग दिया था।

आपको बता दें कि धोनी की चेन्नई सुपर किंग्स की टीम पर किन्हीं कारणों की वजह से करीब 2 साल का बैन लग गया था जिसके बाद इन्हें IPL की दूसरी टीम राइजिंग पुणे सुपरजायंट ने करीब 1.9 मिलियन अमेरिकी डॉलर यानी की करीब 12 करोड़ रुपए ऑफर किए थे। जिसके बाद महेंद्र सिंह धोनीने इस टीम के लिए मैच खेला था।

साल 2018 में चेन्नई सुपर किंग्स पर लगा बैन खत्म हो गया था और इस सीजन में फिर चेन्नई सुपर किंग्स में धोनी को अपनी टीम में शामिल कर लिया जिसके बाद धोनी ने इस टीम का नेतृत्व किया।

रिकॉर्ड –

आपको बता दें कि महेंद्र सिंह धोनी पहले ऐसे विकटकीपर हैं जिन्होनें टेस्ट मैच में कुल 4 हजार रन बनाए थे इनसे पहले कभी किसी विकेट कीपर ने इतने रन नहीं बनाए थे। इस तरह धोनी ने टेस्ट मैचों में रिकॉर्ड बना लिया था।

महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी के दौरान कुल 27 टेस्ट मैच हुए थे जिसमें धोनी के नाम सबसे सफल भारतीय टेस्ट कप्तान होने का रिकॉर्ड दर्ज है।

इनकी कप्तानी के दौरान भारतीय टीम ने नीचे लिखे गए वर्ल्ड कप जीते थे जिसके साथ ही महेंद्र सिंह धोनी पहले ऐसे कप्तान बन गए थे जिन्होनें सभी तरह के ICC टूर्नामेंट कप जीते थे।

ICC टूर्नामेंट किस साल जीता कप
टी-20 वर्ल्ड कप 2007
ODI वर्ल्ड कप 2011
चैंपियंस ट्रॉफी 2013

महेंद्र सिंह धोनीने अपनी कप्तानी के दौरान कुल 331 इंटरनेशनल मैच खेले हैं साथ ही ये पहले ऐसे कप्तान हैं जिन्होनें अपने करियर में सबसे ज्यादा इंटरनेशनल मैच खेले हैं। आपको बता दें कि इंटरनेशनल मैचों में महेंद्र सिंह धोनी ने 204 छक्के मारने का भी रिकॉर्ड बनाया है और वे सबसे ज्यादा छक्के मारने वाले क्रिकेटर के तौर पर भी मशहूर हैं यही नहीं कैप्टन के तौर पर सबसे ज्यादा टी-20 मैच जीतने का कीर्तिमान भी धोनी के नाम ही है।

सम्मान – 

  • महेंद्र सिंह धोनी को वन डे मैच में अपने शानदार प्रदर्शन के लिए 6 मैन ऑफ द सीरीज पुरस्कार और 20 मैन ऑफ द मैच पुरस्कार मिले हैं। उन्हें अपने पूरे करियर में टेस्ट में 2 मैन ऑफ द मैच पुरस्कार भी मिले हैं।
  • साल 2007 में महेंद्र सिंह धोनी को भारत सरकार ने राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड से भी सम्मानित किया। ये पुरस्कार खेल की दुनिया में दिया जाने वाले सर्वश्रेष्ठ सम्मान है।
  • साल 2008 और 2009 में महेंद्र सिंह धोनी को ICC, ODI आईसीसी ओडीआई प्लेयर ऑफ द ईयर का नाम दिया गया है। उन्होंने इसे 2008 से 2014 तक लगातार 7 सालों तक आईसीसी विश्व ओडीआई इलेवन टीम भी बनाया। आपको बता दें कि महेंद्र सिंह धोनी को साल 2009, 2010 और 2013 में में आईसीसी विश्व टेस्ट इलेवन टीम में भी शामिल किया गया था।
  • साल 2011 में महेंद्र सिंह धोनी को डी मोंटफोर्ट यूनिवर्सिटी की तरफ से मानद डॉक्टरेट की डिग्री भी दी गई थी।
  • धोनी को साल 2009 में भारत का चौथा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म श्री से भी नवाजा गया था।
  • इसके साथ ही धोनी को 2 अप्रैल, 2018 को देश के तीसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया था।
  • महेंद्र सिंह धोनी महान क्रिकेटर कपिल देव के बाद दूसरे खिलाड़ी हैं जिन्होनें इंडियन आर्मी का भी सम्मान पद मिला है।
  • साल 2011 में दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों की लिस्ट में धोनी का नाम लिखा गया था।
  • महेन्द्र सिंह धोनी साल 2012 में दुनिया के सबसे कीमती खिलाड़ियों में 16वें नंबर पर हैं।
  • जून, 2015 में फोर्ब्स ने धोनी को सबसे ज्यादा महंगे खिलाड़ियों की लिस्ट में 23 वें नंबर पर रखा और इस लिस्ट के अनुसार उनकी कमाई 31 मिलियन अमेरिकी डॉलर रही।

व्यक्तिगत जीवन –

लव-स्टोरी –

महेंद्र सिंह धोनी की बायोपिक में खुलासा किया गया है कि एम एस धोनी की एक प्रियंका झा – Priyanka Jha नाम की लड़की गलफ्रेंड थी जिनसे उनका रिश्ता काफी अच्छा था लेकिन ये रिश्ता बहुत दिनों तक नहीं चल सका क्योंकि साल 2002 के दौरान प्रियंका झा एक कार दुर्घटना में बुरी तरह घायल हो गईं और फिर उनकी मौत हो गई जिसके बाद धोनी का ये प्यार मुकम्मल नहीं हो सका और धोनी उनकी मौत के खबर से बेहद हताश हुए।

इस दुर्घटना के बारे में धोनी को जब पता लगा तब वे इंडिया ए टीम के साथ यात्रा कर रहे थे। वहीं इस खबर के बाद से धोनी को वापस अपने करियर ट्रैक में आने के लिए करीब 1 साल लग गया था।

साक्षी रावत के साथ की डेटिंग शुरु  –

2008 में महेंद्र सिंह धोनीअपनी टीम के साथ एक होटल में रूके हुए थे। तभी वे साक्षी से मिले। दरअसल साक्षी रावत तब उसी होटल में इंटर्न के तौर पर काम कर रही थीं। आपको बता दें कि साक्षी ने अपनी ग्रेजुएशन होटल मैनेजमेंट में औरंगाबाद से की थी। तभी से दोनों ने एक -दूसरे से डेटिंग शुरु की।

संयोग से, दोनों अपने बचपन से ही एक दूसरे को जानते थे क्योंकि उनके पिता मेकॉन में सहयोगी थे और वे दोनों एक ही स्कूल में पढ़ते थे। वहीं अगर दोनों में उम्र के अंतर की बात की जाए तो साक्षी धोनी से करीब 7 साल छोटी हैं।

धोनी और साक्षी दोनों ने एक-दूसरे के साथ करीब 2 साल तक डेटिंग की इसके बाद उन्होनें शादी करने का फैसला किया और 4 जुलाई, 2010 को धोनी और साक्षी दोनों शादी के बंधन में बंध गए। इसके बाद दोनों ने 6 फरवरी, 2015 को एक बच्ची को जन्म दिया जिसका नाम जीवा रखा।

एम.एस धोनी: अनटॉल्ड स्टोरी (धोनी की बायोपिक) –

सााल 2011 में क्रिकेट विश्व कप जीतने के बाद, फिल्म निर्देशक नीरज पांडे ने महेंद्र सिंह धोनी की जीवन और उपलब्धियों पर बायोपिक बनाने का फैसला किया और उनकी फिल्म को एमएस धोनी: अनटॉल्ड स्टोरी का नाम दिया गया ये फिल्म  30 सितंबर, 2016 को रिलीज हुई थी।

इस फिल्म में धोनी का किरदार एक्टर सुशांत सिंह राजपूत ने निभाया था जिसे लोगो द्धारा बेहद पसंद भी किया गया था।

अन्य खास बातें –

महेंद्र सिंह धोनी एक अच्छे किक्रेटर होने के साथ-साथ एक बिजनेसमैन भी हैं। वे कई तरह के व्यापार से जुड़े हुए हैं इसके साथ ही उनका रांची में होटल भी है जिसका नाम माही निवास रखा है। यही नहीं साल 2016 में महेंद्र सिंह धोनी ने कपड़ों के व्यापार में भी अपनी किस्मत आजमाई और इन्होनें रीति ग्रुप के साथ मिलकर सेवन नाम के एक कपड़े के ब्रांड की भी शुरुआत की है।

रफ्तार और एडवेंचर के भी शौकीन हैं धोनी, कई महंगी कार और बाइक का है कलेक्शन

एम एस धोनी शानदार क्रिकेटर होने के साथ-साथ वे रफ्तार और गाड़ी के भी बेहद शौकीन है गाड़ी और बाइक के काफी शौकीन हैं। इनके पास कई महंगी गाड़ी और बाइक का कलेक्शन है।

धोनी ने कई तरह की महंगी गाड़ी और बाइक खरीदी हैं आपको बता दें कि धोनी के पास ऑडी क्यू 7 हैं, यही नहीं उनके पास सबसे महंगी और शानदार SUV हमर H2 भी शामिल हैं। उन्होनें ये कार 2009 में खरीदी थी।

इसके अलावा भी धोनी के पास कॉन्फेडरेट हेलकैट X132 शानदार बाइक है और सुपरबाइक कॉवासाकी निंजा H2 समेत कई महंगी बाइकों का भी संग्रह हैं।

धोनी के लिए क्रिकेट के इस मुकाम तक पहुंचना इतना आसान नहीं था । तमाम संघर्षों और जीवन में कई उतार-चढ़ाव के बाद धोनी ने खुद को सफल क्रिकेटर के रूप में स्थापित किया है साथ ही इस बात को भी साबित किया है कि अगर कोई भी काम सच्ची लगन, कड़ी मेहनत और पूरी ईमानदारी से किया जाए तो सफलता जरूर मिलती है।

हालांकि धोनी की जिंदगी की बहुत ऐसी सी बातें है जो फिल्म नहीं दिखाई गई थी और आज भी उनके बहुत कम फैंस इसके बारे में जानते है। आज हम धोनी की पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें आपको बताने वाले हैं।

कुछ दिलचस्प बातें –

  1. धोनी का जन्म स्थान राँची है ये सभी जानते है लेकिन ये बहुत कम लोग जानते है कि महेंद्र सिंह धोनी का परिवार असल में उत्तराखंड के अल्मोड़ा से बिलोंग करता है। यही कारण है उनकी शादी भी कुमाऊंनी रीति रिवाजों से हुई थी।
  2. फिल्म में धोनी से साक्षी की मुलाकात होटल में दिखाई गई है जबकि असल में धोनी और साक्षी बचपन के दोस्त है। धोनी और साक्षी दोनों एक ही स्कूल में पढ़ा करते थे। हालांकि उस समय धोनी साक्षी से 2 साल सीनियर थे।
  3. धोनी को उनकी शानदार बल्लेबाजी के साथ – साथ दुनिया के सबसे बेहतर विकेट कीपर के तौर पर भी जाना जाता है। जिन्होनें अपने करियर के दौरान 300 से ज्यादा कैच और 100 से ज्यादा स्टपिंग की है।
  4. आजकल मैचस में डीआरस का इस्तेमाल किया जाता है जिसके जरिए एक बार बल्लेबाज को और एक बार गेंदबाज को अंपायर के डिशजन को रिव्यू करने का मौका मिलता है। लेकिन ये केवल एक बार ही मिलता है जिस वजह से खिलाड़ियों को बहुत सोच समझकर इसका उपयोग करना होता है। जिस मामले में अक्सर कई खिलाड़ी गलत होते है लेकिन रिकॉर्ड के अनुसार धोनी ने जीतनी बार भी डीआरस लिया है उसमें से 40 में 11 टाइम्स उनका डीआरस सही साबित हुआ है।
  5. महेंद्र सिंह धोनी भारत के सबसे ज्यादा उम्र तक कप्तानी करने वाले खिलाड़ी भी है महेंद्र सिंह धोनी ने 200 मैचस में भारतीय क्रिकेट टीम की कप्तानी की है जिसमें से 111 मैचस में भारत को जीत मिली है।
  6. महेंद्र सिंह धोनी अब तक भारत को आईसीसी वर्ल्ड कप, टी20वर्ल्ड कप और आईसीसी चैंपियनस ट्रॉफी का किताब जीता चुके है।
  7. महेंद्र सिंह आईपील यानी इंडियन प्रीमियर लीग में चेन्नई सुपर किंग्स की कप्तानी करते है। मंहेद्र सिंह धोनी की कप्तानी में चेन्नई सुपर किंग्स अब तक 9 बार आईपीएल के प्ले ऑफ में पहुंची है जिसमें से 7 बार फाइनल और 3 बार आईपीएल ट्रॉफी अपने नाम की है।
  8. महेंद्र सिंह धोनी को साल 2011 में लेंफ्टिनेंट कर्नल बनाया गया था।
  9. महेंद्र सिंह धोनी को देश के तीसरे सबसे बड़े सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से भी नवाजा जा चुका है।
  10. महेंद्र सिंह धोनी दुनिया के सबसे अमीर एथलीटों में से एक है जिनकी सालाना कमाई 190 करोड़ के आसपास है।

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