“मैं बहुत बार असफल हुआ हूँ और इसलिए मैं आज सफल हूँ।” ~ Michael Jordan
– यह कहना है विश्वभर में अपने खेल के लिए प्रसिद्ध अमेरिकी बास्केटबाल खिलाडी माइकल जॉर्डन का।
अमेरिकी बास्केटबाल खिलाडी माइकल जॉर्डन – Michael Jordan
जी हां ये वही माइकल जॉर्डन है जो बास्केटबाल के सबसे बड़े एवं मशहूर खिलाडी है। लेकिन माइकल के यहाँ तक पहुचने का सफ़र इतना आसान नहीं था माइकल ने एक बेहद ही गरीब परिवार में जन्म लिया था। लेकिन माइकल हमेशा से ही कुछ ऐसा करना चाहते थे जिस से उनकी गरीबी दूर हो सके।
माइकल के जीवन के बारे में जानने से पहले हम उनके बचपन की एक घटना बताना चाहेंगे जो करोड़ो लोगों को प्रेरित कर चुकी है की इंसान अगर चाहे तो दुनिया में कुछ भी मुश्किल नहीं हैं।
जब माइकल 13 साल के थे तब उनके पिता ने उन्हें अपने पास बुलाया और एक पुराना और उपयोग किया हुआ कपड़ा देकर पुछा की अच्छा बेटा यह बताओ इस कपड़े की कीमत कितनी होगी। माइकल थोड़ा सोचने के बाद बोले यह 1 डॉलर का होगा। तो पिता ने कहा तुम्हे कुछ भी कर के बाजार में जाकर इस कपड़े को 2 डॉलर में बेचना है।
माइकल ने सोचा की ऐसा क्या किया जाये जिस से इस पुराने कपड़े के 2 डॉलर मिल सके। माइकल ने उस कपड़े को अच्छे से धो दिया और फिर घर पर इस्त्री ना होने के कारण उसे ढेर सारे कपड़ों के नीचे सीधा करने के लिए रख दिया।
अगले दिन उन्होंने देखा कपड़ा पहले से बेहतर दिखाई दे रहा है उसके बाद उन्होंने पास के रेलवे स्टेशन पर जाकर 5 घंटो की कड़ी मेहनत के बाद उसे बेच दिया और बहुत खुश होते हुए घर आये और अपने पापा को पैसे दे दिये।
15 दिनों के बाद पिता ने फिर से वैसे ही एक कपड़ा दिया और कहा कि जाओ इसे 20 डॉलर में बेच कर आओ। इस बार माइकल को थोड़ा सा आश्चर्य हुआ की भला इसके 20 डॉलर कौन देगा।
लेकिन पिता ने कहा एक बार कोशिश तो करो। उन्होंने फिर से अपना दिमाग लगा कर सोचा और अपने दोस्त की मदद से शहर जा कर उस कपड़े पर मिकी माउस की स्टीकर लगवा लिया और ऐसे स्कूल के सामने जा कर खड़े हो गये जहाँ ज्यादातर बच्चे अमीर घर से ही आते थे।
एक छोटे से बच्चे ने अपने पापा से कह कर उसे खरीद लिया। उस छोटे बच्चे के पिता ने उस कपड़े को 5 डॉलर एक्स्ट्रा टिप देकर ख़रीदा। और इस तरह उसने 1 डॉलर के उस कपडे 20 डॉलर में बेचा और 5 डालर टिप मिली इस तरह ।कपड़े को पूरे 25 डॉलर में बेच कर माइकल बहुत ज्यादा खुश थे और खुशी- खुशी आकर पिता जी को बताया।
कुछ दिनों के बाद माइकल को उनके पिता जी ने एक और कपडा दिया और बोला की जाओ इसे 200 डॉलर में बेच के आओ इस बार माइकल को लगा की अब तो यह बहुत ही ज्यादा है लेकिन फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी क्योंकी अभी तक माइकल पिता जी के द्वारा दिए गए इस कार्य में पूर्ण रूप से सफल हो रहे थे आख़िरकार माइकल ने यह काम को भी करने की ठान ही ली लेकिन उन्होंने इस बार इस काम के बारे में 2-3 दिन तक सोचा की आखिर वह कैसे इस पुराने से कपडे को जिसका मूल्य मात्र 1 डालर है उसे 200 डालर में कैसे बेचे।
जैसा की हम जानते है कोशिश करने वालों की कभी भी हार नहीं होती ठीक उसी तरह माइकल ने हार नहीं मानी और उस पुराने कपडे की कीमत बढ़ाने का उपाय खोज ही लिया माइकल उस कपडे को लेकर शहर गए।
उन्होंने देखा की उस दिन शहर में कोई बहुत ही बड़ी पापुलर एक्ट्रेस आई माइकल पुलिस के द्वारा बनाये गये सुरक्षा घेरे को तोड़ कर कपडे पर उस एक्ट्रेस का ऑटोग्राफ लेने में कामयाब हो गये।
बच्चे की मासूमियत देख एक्ट्रेस भी मन नहीं कर पाई अगले ही दिन माइकल उस ऑटोग्राफ वाले कपडे को लेकर बाजार निकल गये ।वह उन्हें बहुत भीड़ जमा हो गई जो उसे खरीदना चाहती है और उस कपडे की बोली लगाईं जा रही थी आख़िरकार माइकल ने वो कपडा 2000 डॉलर में बेचा।
इस घटना के बाद से माइकल के पिता को इस बात का अहसास हो गया की उनका बेटा अब जीवन में कुछ भी कर सकता हैं। माइकल एक ऐसे व्यक्ति है जो आज की युवा पीढ़ी के लिए एक मिसाल हैं।
माइकल जॉर्डन का बचपन:
माइकल जॉर्डन का जन्म 17 फरवरी 1963 को न्यूयार्क के ब्रुकलिन में हुआ था। माइकल अपने माता पिता की 5 संतानों में से चौथे नंबर पर थे। माइकल के २ बड़े भाई, 1 बहन बड़ी और 1 छोटी बहन थी।
माइकल जॉर्डन की शिक्षा:
माइकल ने खेलो की शुरूआती शिक्षा विम्लिंगटन के एम्सली ए लैनी नामक स्कूल में हुई जिनमे बेसबाल, फूटबाल और बास्केटबाल थे। वही से माइकल के खेल जीवन की शुरुआत होती हैं।
जिसके बाद भी माइकल ने अपना खेल जारी रखा और कॉलेज में भी बास्केटबाल टीम के लिए कोशिश की लेकिन उस समय वे सफल नहीं हो पाए। इसके बाद माइकल ने जूनियर विश्वविद्यालय के लिए खेल कर नाम रोशन किया, और बहुत ही कड़ी मेहनत की।
माइकल जॉर्डन का कार्यक्षेत्र:
माइकल ने नेशनल बास्केटबाल एसोसिएशन के जरिये दुनिया भर में बहुत नाम कमाया। माइकल क खेल करियर में एक वक़्त ऐसा भी आया जब माइकल ने बास्केटबॉल से हट कर बेसबाल में रूचि दिखाई लेकिन फिर उन्होंने बास्केटबाल को ही अपने व्यावसायिक खेल के तौर पर आगे बढाया।
1997-1998 में माइकल ने अपने खेल से सन्यास ले लिया। इसके बाद भी वे वाशिंगटन विजार्ड टीम के ओनर रहे। लेकिन ज्यादा समय तक माइकल अपने आप को बास्केटबाल से दूर नहीं रख पाए 2001 में उन्होंने फिर से वाशिंगटन विजार्ड के लिए खेलना शुरू किया और लागातार २ वर्ष तक फिर इस टीम का हिस्सा रहे।
अंत में 2003 में माइकल ने खेल को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया।
माइकल एक खिलाडी तो है ही साथ ही वे एक सफल उद्यमी भी है वे चार्लोट बोब्कट्स नमक कंपनी के मालिक भी हैं।
माइकल जॉर्डन का व्यक्तिगत जीवन एवं परिवार:माइकल ने २ शादियाँ की। माइकल ने पहली शादी सितम्बर 1989 में की उनकी पहली पत्नी का नाम जुआनिता वनोय था। माइकल और जुआनिता के 3 बच्चे हैं ।जिनमे से २ लड़के मार्क्स जेम्स और जेफ्फेरी माइकल एवं एक लड़की जस्मीन है।
जिनके साथ उनका वैवाहिक जीवन 17 साल चला और 2006 में उनका तलाक हो गया। माइकल ने जुआनिता को तलक के बदले 16।8 करोड़ डालर की राशि देनी पढ़ी थी जो सन 2006 तक का सबसे बड़ा तलक हर्जाना था।माइकल ने दूसरी शादी 27 अप्रेल 2013 को क्यूबाई माडल येवती प्रीइतो से की।
माइकल जॉर्डन के रिकॉर्ड, ख़िताब एवं अचीवमेंट्स:
- 1984 एवं 1994 में माइकल ने ओलंपिक खेलो में हिस्सा लिया और दोनों ही बार उन्होंने अपनी अमेरिकी बास्केटबाल टीम को गोल्ड मेडल दिलाया।
- इसके साथ ही माइकल ओलंपिक में ऐसे पहले खिलाडी थे जिन्होंने अपनी टीम के लिए लगातार 8 मैचों में हिस्सा लिया।
- माइकल एक ऐसे खिलाडी है जो नेशनल बास्केटबाल एसोसिएशन में वाशिंगटन विजार्ड और शिकागो बुल्स के लिए 15 सीजन तक लगातार खेले हैं।
- इसके साथ ही नेशनल बास्केटबाल एसोसिएशन के अनुसार प्रत्येक सीजन में सबसे ज्यादा स्कोर बनाने का रिकॉर्ड भी माइकल जॉर्डन का ही हैं।
- जो शानदार प्रदर्शन माइकल ने अपने खेल में किया हैं उसके अनुसार देखा जाये तो उनका औसत स्कोर 30।12 का है प्रति सीजन है जो की अपने आप में एक रिकॉर्ड हैं।
- सन1984-1985 में माइकल को एनबीए “रुकी ऑफ़ थे ईयर “ का ख़िताब दिया गया।
- मोस्ट वेल्युएबल प्लेयर का ख़िताब माइकल ने अपमे खेल जीवन में 5 बार जीता।
- सन 1987- 1988 में एनबीए ने माइकल को “ डिफेन्सिव प्लेयर ऑफ़ द ईयर” का ख़िताब दिया।
- माइकल जॉर्डन वो हस्ती है जिन्हें साल 2010 में फ़ोर्ब्स मैगजीन के द्वारा 20 तेजस्वी व्यक्तित्व होने का गौरव प्राप्त हैं।
- माइकल बस्केटबाल के पहले ऐसे खिलाडी हैं जिनके नाम 40 वर्ष की उम्र में खेलते हुए 40 पॉइंट जितने का रिकॉर्ड दर्ज हैं।
माइकल जॉर्डन के जीवन के कुछ रोचक तथ्य:
- बिलिनेयर बन ने वाले विश्वभर के एथलीट में से माइकल का नाम सबसे पहले आता है।
- जॉर्डन “एम जे” नाम से तो प्रसिद्द है ही साथ ही वे “हिज एर्नेस” और “एयर जॉर्डन” के नाम से भी जाने जाते हैं।
- 1993 का वर्ष माइकल के लिए शायद बहुत बुरा वक़्त ले कर आया जुलाई में माइकल क पिता की हत्या कर दी गई। ये उनक जीवन के सबसे मुश्किल समय में से एक था।
- मशहूर ब्रांड नाइक ने माइकल जॉर्डन के नाम पर जूतों का एक स्पेशल एडिशन निकाला था जिसका नाम था “एयर जॉर्डन”।
- माइकल के नाम पर कई सारे वीडियो गेम्स के नाम भी रखे गये जिनमे वन ऑन वन और जॉर्डन वर्सेस वर्ड प्रमुख हैं।
- नेशनल बास्केटबाल एसोसिएशन के अनुसार माइकल को “ग्रेटेस्ट आल टाइम बेस्ट बास्केटबॉल प्लेयर” कहा गया।
- खेल जगत में नाम कमाने के साथ ही माइकल ने कुछ हॉलीवुड फिल्मों में भी काम किया है। “स्पेस जेम” नामक फिल्म में माइकल के जीवन पर आधारित थी जिसमे माइकल ने अपना किरदार खुद निभाया था।
माइकल जॉर्डन का व्यक्तित्व:
माइकल जॉर्डन ना सिर्फ एक उम्दा खिलाडी थे बल्कि उन्होंने बास्केटबाल को अपने प्रदर्शन एवम खेल के द्वारा विश्वभर में विख्यात कर दिया। माइकल ने अपने खेल के करियर में बहुत सारे खिताब जीते है लेकिन वे ऐसे खिलाडी है जिन्होंने प्रशसंको का भरपूर प्यार जीता हैं।
यही वजह है की माइकल का नाम दुनिया के 20 सबसे शक्तिशाली सेलिब्रिटी में आता हैं। साल 2009 से 2010 के बीच में माइकल की कुल कमाई 55 मिलियन डालर थी।
माइकल का नाम आज भी दुनिया के सबसे ज्यादा अमीर खिलाडियों में शामिल है। खेल जगत से रिटायर्मेंट लेने के बाद भी 100 मिलीयन डालर सालाना कमाई है माइकल की। माइकल एक अच्छे खिलाडी तो है ही साथ ही वे एक बहुत ही अच्छे इंसान भी हैं वाशिंगटन विजार्ड की टीम में खेल कर उन्हें जो पहली सेलेरी मिली थी उन्होंने उसे 9/11 के आतंकी हमले में मरे गये लोगों के परिवार वालों को डोनेट कर दी।
माइकल जॉर्डन हमेशा 23 नम्बर की जर्सी पहन कर ही खेलते थे जिसके कारन प्रशंसको के बीच में उनकी एक अलग ही पहचान थी। लेकिन 1990 में माइकल की ये पापुलर जर्सी चोरी हो गई जिससे माइकल बहुत नाराज थे।
माइकल जॉर्डन उन चुनिन्दा लोगो में से है जो जन्म तो किसी एक गाँव या शहर में लेते है लेकिन अपनी मेहनत और परिश्रम के जरिये पुरे विश्वभर में अपनी छाप छोड़ते है।
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बहुत ही प्रेरक कहानी है thanks,
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